
Monasticism and Devotion to God
Author:
Suhail Ahmad Farooqi, Shamim TariqPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
General-non-fiction1 Reviews
Price: ₹ 249
₹
300
Available
Tanqidi aur Taqaabuli Mutaalena is the first of its kind in Urdu Language where tasawwuf and bhakti have been dealt with simultaneously, and that too in the real perspective of both trends. It reveals, in nutshell, that there may be apparent similsarities among tasawwuf , mysticism or surrealism and bhakti but they all have different concepts or no concept of God. Therefore, they are not one and the same indeed. However, all the three spritual courses emphasize on benevolence and doing good to humanity and rendering service Tanqidi aur Taqaabuli Mutaalena is the first of its kind in the Urdu language where tasawwuf and bhakti have been dealt with simultaneously, and that too in the real perspective of both trends. It reveals, in a nutshell, that there may be apparent similarities among tasawwuf, mysticism or surrealism, and bhakti, but they all have different concepts or no concept of God. Therefore, they are not the same, indeed. However, all three spiritual courses emphasise benevolence doing good to humanity and rendering service to the creatures of God. An attempt has also been made to find out the similarities and differences between the oneness of God (Tauheed) and Vedic monotheism on one hand and wahdatulwujud (unit of existence) and wahdatushshuhud (unity of divine manifestation) on the other, to the creatures of God. An attempt has also been made to find out similarities and differences between the oneness of God (Tauheed) and Vedic monotheism on one hand and wahadatulwujud (unit of existence) and wahdatushshuhud (unity of divine manifestation) on the other.
ISBN: 9789361834073
Pages: 230
Avg Reading Time: 8 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: कहानियाँ अंतर्मन की वेदनाओं, समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास और अन्याय तथा राग-द्वेष को उजागर करते हुए सचेत करती हैं, सही मार्ग प्रशस्त करती हैं। हमारा देश कृषि प्रधान और ग्रामों का समूह है। इसमें निवास करनेवाला वर्ग प्रारंभ से ही शोषित रहा है। किसानों की स्थिति दयनीय रही और आज भी है। पहले से ग्राम्य जीवन में बहुत बदलाव आए हैं। किसानों और खेतिहर मजदूरों की स्थिति सुधारने के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएँ चलाकर उनके उत्थान के प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु बुनियादी परिवर्तन नहीं हो पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि नीचे से ऊपर शासन और प्रशासन जिन भावनाओं के साथ योजनाएँ बनाते हैं, उनका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। लालची और भ्रष्ट लोगों की जो शृंखला बनी हुई है, उसको तोड़ पाना कठिन हो रहा है। वे प्रत्येक मार्ग में अवरोध और अड़ंगे लगाने के विकल्प ढूँढ़ लेते हैं। तू डाल-डाल, मैं पात-पात—इसी साँप-सीढ़ी के खेल में कृषक, मजदूर तथा असहाय वर्ग फँसे हुए हैं। उनके द्वारा भोगे जा रहे यथार्थ का चित्रण ग्राम्य जीवन की इन कहानियों में समाहित है। ग्रामीण परिवेश और देहात में किसान एवं आम जन को होने वाली कठिनाइयों, विसंगतियों, ज्यादतियों एवं उत्पीड़न को कहानियों के माध्यम से सामने लानेवाला यह कहानी-संग्रह ‘चलें गाँव की ओर’ रोचक-मनोरंजक तो है ही, पाठकों के मन को उद्वेलित करनेवाला भी है।
Jag Badalnare - Granth
- Author Name:
Deepa Deshmukh
- Book Type:
- Description: जग बदलणारे ग्रंथ माणसाची प्रगती होण्यासाठी अनेक गोष्टी कारणीभूत ठरल्या. चाकाचा शोध लागला आणि त्याच्या जगण्याला गती मिळाली. विज्ञान आणि शोधांनी माणसाला डोळस बनवलं. कलेनं त्याचं आयुष्य सुंदर केलं. औद्योगिक क्रांती झाली आणि त्याच्या आयुष्यानं वेगळी वाट पकडली. तंत्रज्ञानानं त्याच्या आयुष्यात खूप मोठी जागा व्यापली आणि त्याचं आयुष्य सुखकर केलं. माणसाच्या वाटचालीत स्त्रीवर लादलेलं दुय्यमत्व झुगारण्यासाठी तिनं संघर्ष केला आणि आपल्या स्वतंत्र अस्तित्वासाठी ठाम भूमिका घेतली. सृष्टीच्या या अफाट पसाऱ्यात माणसाची मग एक एक गोष्ट नीट समजून घेण्याची धडपड सुरू झाली, कधी त्यानं विज्ञानाची साथ घेतली, तर कधी तंत्रज्ञानाची मदत घेतली. कधी त्यानं स्वत:ला समजून घेण्यासाठी मानसशास्त्राची शाखा निर्माण केली. कधी त्यानं व्यवहार सुरळीत चालण्यासाठी अर्थशास्त्राची सोबत घेतली. कधी त्यानं आपली मूल्यं विकसित करताना त्यांना तत्त्वज्ञानाची जोड दिली. या सगळ्या गोष्टींचा दस्तावेज 'ग्रंथ' रुपात जतन करण्याची प्रक्रिया त्यानं सुरू ठेवली. त्यामुळेच जगभरात आज धर्म, कला, विज्ञान, तंत्रज्ञान, मानसशास्त्र अनुवंशशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राज्यशास्त्र, चरित्र अशा अनेक शाखांमधलं लिखाण ग्रंथांच्या रुपानं निर्माण झालं. यातल्या अनेक ग्रंथांनी जगावर प्रभाव टाकला. यातले निवडक ५0 ग्रंथ घेऊन त्यांची ओळख करून देण्याचा प्रयत्न 'ग्रंथ' मध्ये करण्यात आला आहे. कुतूहल, ज्ञानाची आस असणाऱ्या प्रत्येकानं आपलं जगणं अर्थपूर्ण आणि समृद्ध करण्यासाठी दीपा देशमुख लिखित 'ग्रंथ' वाचायलाच हवा. Jag Badalnare - Granth -Deepa Deshmukh जग बदलणारे ग्रंथ - दीपा देशमुख
Siddharth
- Author Name:
Harmann Hesse
- Book Type:
- Description: अपने विचारों में खोया हुआ सिद्धार्थ धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा। उसे यह महसूस हुआ कि अब सब कुछ पहले जैसा नहीं रह गया था। वह ख़ुद को परिपक्व महसूस कर रहा था। उसे एहसास हो रहा था कि अब उसके भीतर छिपा युवक कहीं पीछे छूट गया है और एक पुरुष ने उसके अंदर जन्म ले लिया है। उसे ऐसा लगा जैसे सर्प अपनी केंचुल को छोड़कर नई काया के साथ चल पड़ता है वैसे ही उसने भी अपने पुराने लबादे को त्याग दिया है, ऐसा अंश, जो उसके साथ उसके नवयौवन तक साथ रहा था। अब उसके भीतर किसी गुरु से सीखने की आकांक्षा भी मद्धिम हो चुकी थी, क्योंकि उसने अभी कुछ समय पहले ही अपने श्रेष्ठतम गुरु, एक पवित्र आत्मा को भी पीछे छोड़ दिया था। उसके उपदेशों को भी स्वीकार करने से उसने मना कर दिया था। अब वह, उसका चिंतन और उसका अब तक का अनुभव ही उसके साथ थे। विचारों में मग्न वह अपनी अलौकिक यात्रा पर चला जा रहा था। चलते-चलते उसने स्वयं से प्रश्न किया, “आख़िर वह क्या है, जो तुम अपने गुरु से, उसके उपदेशों से प्राप्त करना चाहते थे? परन्तु इतना सीखने और गुरुओं के सानिध्य में रहने के बाद भी तुम उसे प्राप्त नहीं कर सके।” --
Chehre Aur Chitthiyan
- Author Name:
Kunwar Natwar Singh
- Book Type:
- Description: जीवन के आरम्भिक काल में ही कुँवर नटवर सिंह का अन्तरंग सम्बन्ध विभिन्न क्षेत्रों की शीर्षस्थ प्रतिभाओं से हो गया था। निश्चय ही इनमें से हरेक ने उनके जीवन को अलग-अलग तरह से प्रभावित किया और इसका जो समग्र प्रभाव उनके व्यक्तित्व पर पड़ा उसने उन्हें घटिया जीवन-दृष्टि से बचाए रखा। अपने-अपने क्षेत्र के दुर्लभ गुणोंवाले और विशाल-हृदयी इन व्यक्तित्वों ने समय-समय पर लेखक नटवर सिंह को कृपा-पत्र लिखे। उन पत्रों और उनके व्यक्तित्व के आधार पर एक ऐसी अनूठी पुस्तक लेखक ने तैयार की जिसमें सरलता और त्वरा दोनों हैं। इसमें इन्दिरा गांधी, राजा जी, ई.एम. फ़ॉर्स्टर, नीरद सी. चौधुरी, लार्ड माउंटबेटन, आर. के. नारायण, विजयलक्ष्मी पंडित, हान सुयिन, ज़िया-उल-हक़ और नरगिस दत्त जैसी हस्तियों के व्यक्तित्व की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं का आत्मीय चित्रण किया गया है। इन शख़्सियतों के गहरे प्रभाव के बावजूद लेखक ने काफी हद तक तटस्थ और वस्तुनिष्ठ होने का प्रयत्न किया है। उन्होंने मात्र शब्दचित्र नहीं, बल्कि रेखाचित्र तैयार किए हैं जो पाठकों के सामने इन व्यक्तित्वों का आत्मीय व ऊर्जावान स्वरूप लाते हैं।
Customer Reviews
5 out of 5
Book
May 16, 2025, 11:14 am
Awantika Singh
T
5 Book
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