Yaadon Ki Roshni Mein
Author:
Harishankar ParsaiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
‘यादों की रोशनी में’ परसाई के भाषणों, संस्मरणों, रेखाचित्रों और निबन्धों का संकलन है। वर्ष 1989 में पहली बार प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक की जीवन-दृष्टि और सामाजिक सरोकारों का परिचय तो मिलता ही है, उस समय के बारे में भी हमें कई सूचनाएँ प्राप्त होती हैं।</p>
<p>पुस्तक के तीन खंड हैं जिनमें भिन्न-भिन्न प्रकृति की रचनाओं को विभाजित किया गया है। पहले हिस्से में ‘मतवाला और उसकी भूमिका’ जैसा आलेख जहाँ बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध की साहित्यिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि से परिचित कराता है, वहीं ‘लेखकों का सचेत और सतर्क दायित्व’ शीर्षक उनका अभिभाषण प्रगतिशील लेखकों और संगठनों की सामाजिक भूमिका को रेखांकित करता है। दहेज की समस्या को लेकर लिखे गए दो व्यंग्यात्मक आलेख बताते हैं कि परसाई अपने लेखकीय दायित्व को लेकर कितने सजग थे।</p>
<p>इनके अलावा श्रीकांत वर्मा, ताज भोपाली और बाबा नागार्जुन पर उनके दिलचस्प संस्मरण भी इस पुस्तक का हिस्सा हैं। कुछ और रचनाओं के अलावा ग़ालिब को लेकर चुटीले अन्दाज में लिखा गया एक व्यंग्य भी इस संकलन में शामिल है जिसमें वे अपने प्रिय शायर को अपने ही ढंग से याद करते हैं।
ISBN: 9789360861728
Pages: 144
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Author Name:
Ismat Chugtai
- Book Type:

- Description: उर्दू की विद्रोहिणी लेखिका इस्मत चुग़ताई हिन्दी पाठकों के लिए भी उर्दू जितनी ही आत्मीय रही हैं। भारतीय समाज के रूढ़िवादी जीवन-मूल्यों और घिसी–पिटी परम्पराओं पर इस्मत चुग़ताई ने अपनी कहानियों से जितनी चोट की है और इसे एक अधिक मानवीय समाज बनाने में जितना बड़ा योगदान किया है, उसकी बराबरी कर पानेवाले लोग बिरले ही हैं। पाठकों के मन में सहज ही यह सवाल उठता रहा है कि इतनी पैनी नज़र से अपने परिवेश को टटोलनेवाली और इतने जीते–जागते पात्र रचनेवाली इस लेखिका की ख़ुद अपनी बनावट क्या है, किस प्रक्रिया में उसका निर्माण हुआ है। इस्मत आपा ने शायद अपने पाठकों की इस जिज्ञासा को ध्यान में रखते हुए ही अपनी आत्मकथा ‘काग़ज़ी है पैरहन’ शीर्षक से क़लमबंद की। कहने को ही यह पुस्तक आत्मकथा है। पढ़ने में यह बाक़ायदा उपन्यास और उपन्यास से भी ज़्यादा कुछ है। एक पूरे समय और समाज का इतना जीवन्त, इतना प्रामाणिक वर्णन मुश्किल से ही मिल सकता है। तॉल्स्ताय ने गोर्की के बारे में कहा था कि उनकी कहानियाँ दिलचस्प हैं, लेकिन उनका जीवन और भी दिलचस्प है। यही बात इस्मत चुग़ताई के बारे में भी शब्दश: कही जा सकती है। तीस के दशक में पर्देदार कुलीन मुस्लिम परिवार में एक लड़की के पढ़ने–लिखने में कितनी मुश्किलें आती होंगी, इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है। ये मुश्किलें ‘काग़ज़ी है पैरहन’ की मुख्य कथावस्तु बनी हैं। लेकिन जो पीड़ा ये मुश्किलें एक ज़िद्दी लड़की के भीतर पैदा करती रही होंगी, उसका अन्दाज़ा पाठक को ख़ुद ही लगाना होगा, क्योंकि अपने दु:खों को बयान करना, आत्म–दया दिखाना इस्मत चुग़ताई की फ़ितरत ही नहीं रही है। गद्य की लय क्या होती है, कितनी सहजता से यह लय ज़िन्दगी की घनघोर उलझनों का बयान करा ले जाती है, इसका अप्रतिम उदाहरण यह पुस्तक है। ख़ुद इस्मत आपा के शब्दों में : “लिखते हुए मुझे ऐसा लगता है जैसे पढ़नेवाले मेरे सामने बैठे हैं, उनसे बातें कर रही हूँ और वो सुन रहे हैं। कुछ मेरे हमख़याल हैं, कुछ मोतरिज़ हैं, कुछ मुस्कुरा रहे हैं, कुछ ग़ुस्सा हो रहे हैं। कुछ का वाक़ई जी जल रहा है। अब भी मैं लिखती हूँ तो यही एहसास छाया रहता है कि बातें कर रही हूँ।”
Adbhut Ganitajna : Srinivas Ramanujan
- Author Name:
Narendra Govil +1
- Book Type:

- Description: "अद्भुत गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और कृतित्व दोनों से परिचय प्राप्त करना किसी को भी मानव प्रतिभा की संभावनाओं के संबंध में चमत्कृत करने के लिए पर्याप्त है। गणित के क्षेत्र में विश्व में कदाचित् ही कोई व्यक्ति रामानुजन के नाम से अपरिचित होगा। रामानुजन का गणित का कार्य सरल नहीं माना जाता है। कुछ गणितज्ञ तो उनके सूत्रों को अत्यंत जटिल मानते हैं। वे हिंदी के माध्यम से उन सूत्रों को प्रस्तुत करके अपने आपको एक बड़ी चुनौती में खरा उतरने का दावा नहीं करते हैं। विश्व की विभिन्न भाषाओं में उनके जीवन पर आधारित अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं, किंतु हिंदी-भाषी पाठकों के लिए रोचक शैली में लिखित यह जानकारीपरक पुस्तक रामानुजन के जीवन को तथा उनके विश्व-विख्यात कृतित्व को प्रस्तुत करने की एक कसौटी है। पुस्तक में आरंभ के अध्यायों में रामानुजन के जीवन तथा परिस्थितियों पर प्रकाश डाला गया है तथा भारतीय संस्कृति एवं परंपरा पर उनकी मान्यताओं को स्थान दिया गया है। प्रथम भाग में कहीं-कहीं गणित के कुछ उद्धरण आए हैं, जिनका उल्लेख करना आवश्यक था। बाद के अध्यायों में उनके द्वारा किए गए गणित के कार्य का संक्षिप्त, रोचक व ज्ञानप्रद प्रस्तुतीकरण है। विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक पढ़कर पाठकगण श्रीनिवास रामानुजन के कृतित्व से न केवल परिचित होंगे, बल्कि प्रेरणा भी ग्रहण करेंगे। "
Playing It My Way:Sachin Tendulkar
- Author Name:
Sachin Tendulkar
- Rating:
- Book Type:

- Description: The greatest run-scorer in the history of cricket, Sachin Tendulkar retired in 2013 after an astonishing 24 years at the top. The most celebrated Indian cricketer of all time, he received the Bharat Ratna Award - India's highest civilian honour - on the day of his retirement. Now Sachin Tendulkar tells his own remarkable story - from his first Test cap at the age of 16 to his 100th international century and the emotional final farewell that brought his country to a standstill. When a boisterous Mumbai youngster's excess energies were channelled into cricket, the result was record-breaking schoolboy batting exploits that launched the career of a cricketing phenomenon. Before long Sachin Tendulkar was the cornerstone of India's batting line-up, his every move watched by a cricket-mad nation's devoted followers. Never has a cricketer been burdened with so many expectations; never has a cricketer performed at such a high level for so long and with such style - scoring more runs and making more centuries than any other player, in both Tests and one-day games. And perhaps only one cricketer could have brought together a shocked nation by defiantly scoring a Test century shortly after terrorist attacks rocked Mumbai. His many achievements with India include winning the World Cup and topping the world Test rankings. Yet he has also known his fair share of frustration and failure - from injuries and early World Cup exits to stinging criticism from the press, especially during his unhappy tenure as captain. Despite his celebrity status, Sachin Tendulkar has always remained a very private man, devoted to his family and his country. Now, for the first time, he provides a fascinating insight into his personal life and gives a frank and revealing account of a sporting life like no other.
The Diary of a Young Girl by Anne Frank
- Author Name:
Anne Frank
- Book Type:

- Description: Discovered in the attic in which she spent the last years of her life, Anne Frank's remarkable diary has since become a world classic—a powerful reminder of the horrors of war and an eloquent testament to the human spirit. The Diary is a lot of things all at once. It is an amusing, enlightening, and often moving account of the process of adolescence, as Anne describes her thoughts and feelings about herself and the people around her, the world at large, and life in general. It is an accurate record of the way a young girl grows up and matures, in the very special circumstances in which Anne found herself throughout the two years during which she was in hiding. And it is also a vividly terrifying description of what it was like to be a Jew — and in hiding— at a time when the Nazis sought to kill all the Jews of Europe.
PRERNAPUNJ KIRAN BEDI
- Author Name:
Tejpal Singh Dhama
- Book Type:

- Description: "अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानेवाली, असहाय और निर्बल का संरक्षण करनेवाली, सामाजिक कुरीतियों को ध्वस्त करनेवाली, भ्रष्टाचार के विरुद्ध शंखनाद करनेवाली, किसी एक भारतीय महिला का नाम लें, तो वह होगा—वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डॉ. किरण बेदी। अपने सेवाकाल और उसके बाद भी जो निरंतर सामाजिक उत्थान के लिए कृतसंकल्प रहीं और तनमनधन से सकारात्मक कार्य करके समाज में आदर्श और अनुकरणीय बनीं, उन डॉ. किरण बेदी की प्रेरणाप्रद जीवनगाथा है यह पुस्तक। हमारा विश्वास है कि यह पुस्तक समाज में चेतना जाग्रत् करने, महिलाओं में सुरक्षा का भाव पैदा करने, निर्बलों में साहस पैदा करने और भ्रष्टाचारियों के दिलों में डर पैदा करने में सफल होगी।"
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