Samarnanjali

Samarnanjali

Language:

Hindi

Pages:

276

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

552 mins

Buy For ₹350

* Actual purchase price could be much less, as we run various offers

Book Description

युगदृष्टा रामधारी सिंह ‘दिनकर’ अपने समकालीनों की चर्चा करना बहुत नाजुक काम मानते थे, लेकिन समकालीनों पर लिखने पर उनको सुखद अनुभूति भी होती थी।</p> <p>‘स्मरणांजलि’ दिनकर जी के मित्रों और समकालीन महापुरुषों, जिन्होंने उनके हृदय पर अमिट छाप छोड़ी, के विषय में निबन्धों और यात्रा–संस्मरणों की अनूठी कृति है।</p> <p>इस पुस्तक में देश के प्रख्यात विद्वानों–साहित्यकारों और राजनेताओं के अन्तरंग जीवन की झाँकियाँ हैं तथा उनके अनजाने रूप, देश की राजनीति को प्रभावित करनेवाले प्रसंगों और उन मानवीय गुणों का भी इसमें उद्घाटन हुआ है जिन्होंने इन विभूतियों को सबका श्रद्धास्पद बना दिया।</p> <p>यह पुस्तक जहाँ एक तरफ़—राजर्षि टंडन, राजेन्द्र प्रसाद, काका साहब कालेलकर, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन्, लालबहादुर शास्त्री, लोहिया साहब, डॉ. जाकिर हुसेन, श्रीकृष्ण सिंह, पुण्यश्लोक जायसवाल, राहुल सांकृत्यायन, पंडित बनारसीदास चतुर्वेदी, आचार्य रघुवीर, पंडित किशोरीदास वाजपेयी, आचार्य शिवपूजन सहाय, रामवृक्ष बेनीपुरी, डॉ. लक्ष्मीनारायण ‘सुधांशु’, पंडित वंशीधर विद्यालंकार, नलिन विलोचन शर्मा, मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, सूर्यकान्‍त त्रिपाठी ‘निराला’, सुमित्रानन्दन पंत, महादेवी वर्मा, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, हरिवंश राय ‘बच्चन’—इन विभूतियों का परिचय देती है, वहीं राष्ट्रकवि दिनकर की यूरोप, जर्मनी, चीन और मॉरिशस यात्रा का रोचक वर्णन भी करती है।</p> <p>संस्मरणात्मक निबन्धों और महत्त्वपूर्ण यात्रा–वृत्तान्तों से सुसज्जित, सरस भाषा–शैली में लिखित यह पुस्तक अमूल्य है।

More Books from Rajkamal Prakashan Samuh