Zadakhalachi Shala
Author:
Sujata Godbole, Raghu BabuPublisher:
Manovikas Prakashan LLPLanguage:
MarathiCategory:
Academics-and-references1 Reviews
Price: ₹ 144
₹
180
Available
तंत्र्य हा आपल्या शिक्षणाचा पाया असायला हवा! स्पर्धा, बक्षिसं आणि शिक्षेला त्यात स्थान असू नये.
मुलं पुस्तकातून लिहायला आणि वाचायला शिकतात; परंतु पुस्तकातला अर्थ त्यांना केवळ अनुभवातूनच समजून घेता येईल. पाठ्यपुस्तकं पाठ करून परीक्षेत पास होणं म्हणजे खरं शिक्षण नव्हे. मुलांनी निरीक्षण व प्रयोग करून नवं ज्ञान मिळवायला हवं. शिकणं ही एक मजेची प्रक्रिया असावी आणि ती आयुष्याच्या वाटचालीचाच एक भाग असावी!
Zadakhalachi Shala | Raghubaboo
Translation : Sujata Godbole
झाडाखालची शाळा | रघुबाबू
अनुवाद : सुजाता गोडबोले
ISBN: 9788196493714
Pages: 144
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Urdu Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Ed. Shaikh Aqeel Ahmed
- Book Type:

- Description: This book has no description
LOVE IN LUCKNOW
- Author Name:
Partha Sarthi Sen Sharma
- Book Type:

- Description: लखनऊ की गलियों में बुनी गई दोस्ती की, साथ बड़े होने और खुद को ढूँढ़ने की दिल को छू लेने वाली कहानी। दिनेश, फिरोज और राहुल लखनऊ के शांत गंजों में क्रिकेट खेलते और साइकिल चलाते साथ-साथ बड़े हुए, जहाँ उनकी जिंदगी का उनके शहर के साथ आपस में एक करीबी रिश्ता जुड़ गया। लेखक ने उनकी रोजाना की जिंदगी और साहसिक कारनामों को जीवंतता से पेश किया है; उनके उस सफर को बखूबी बयाँ किया है, जब वे तीनों अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते हैं। क्या होता है, जब प्यार उन्हें आमने-सामने ला देता है और उनका सामना कड़वी सच्चाई से होता है? क्या पैसों और सियासत की वेदी पर पत्रकारिता के मूल्यों की बलि दे दी जाएगी? साजिश और धोखे के आगे आदर्शवाद की राजनीति टिक पाएगी? और खास तौर पर, क्या प्यार जगह, समय और हालात की खाई को पाट देगा? ‘लव इन लखनऊ’ आए दिन बदलते समाज की पृष्ठभूमि में बुनी गई इश्क और ख्वाहिश, सियासत और भ्रष्टाचार, अरमानों और सपनों, रिश्तों और खुलासों की जबरदस्त कहानी है, जो पाठकों के मर्म और संवेदना को सहज छू लेगी।
Ravindra Gita
- Author Name:
Ravindra Jain
- Book Type:

- Description: भगवान् श्रीकृष्ण संपूर्ण सृष्टि के सबसे बड़े आकर्षण, सबसे बड़े सम्मोहन और सबसे बड़ी उपलब्धि हैं। इन्हीं भगवान् श्रीकृष्ण का दिव्य वचनामृत है—‘श्रीमद्भगवद्गीता’। यह भगवान् श्रीकृष्ण का परम आदेश, परम निर्देश तो है ही, साथ ही यह संपूर्ण मानवता का परम उपयोगी संविधान भी है। चूँकि ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ जीवमात्र के लिए परम उपयोगी और संपूर्ण मानवता के लिए एक संविधानस्वरूप है, इसलिए इस महाउपयोगी महाग्रंथ का सरल और सर्वग्राही होना परम आवश्यक है। ‘रवीन्द्र गीता’ भगवान् श्रीकृष्ण द्वारा उपदेशित मूल श्रीमद्भगवद्गीता का सरल हिंदी पद्यानुवाद है। सरस्वती-पुत्र, परम संगीत-साधक, विलक्षण सृजन प्रतिभा के धनी रवींद्र जैनजी ने संगीत की सेवा से संपूर्ण विश्व में ईश्वर की महिमा और भक्ति-भावना को एक नई ऊँचाई, एक नया स्वरूप, एक नया आकर्षण दिया। ‘रामायण’, ‘श्रीकृष्ण’, ‘जय हनुमान’ जैसे अनेकानेक पौराणिक विषयों को ग्रंथों से निकालकर संगीत और स्वर से सजाकर जनसामान्य तक सरलता, व्यापकता और पूरी सफलता के साथ पहुँचाया। यह कृति योगेश्वर श्रीकृष्ण के शाश्वत संदेश को जनमानस तक पहुँचाकर समाज में सकारात्मकता और सद्मूल्यों को विकसित करे, तो इसका लेखन तथा प्रकाशन सार्थक होगा।
History of Nepali Literature
- Author Name:
Kumar Pradhan
- Rating:
- Book Type:

- Description: Nepali is widely spoken in the Himalayan terrain. Like many other Indo-Aryan languages, Nepali took its birth and grew in the Indian sub-continent long before India and Nepal took their present political shape. The story of Nepali literaturrebegins from the thirteenth century rock inscriptions and has a chequered course. Prose writing in Nepali began earlier than in many other languages of India, and has steadily developed. Other genres appeared gradually and flourished.
Song of The Trinity: The Rise of Kali
- Author Name:
Vadhan
- Rating:
- Book Type:

- Description: There is an end coming; to all things. Kali, the Lord of Kaliyug, languishing in an impregnable prison, is devising a terrible revenge. In the age of deceit and treachery, his vassals are exploiting every flaw and weakness to break their liege out of captivity. The worlds are destroyed, villains resurrected, and mortals and Gods are annihilated, all of it just so Kali can rule over the universe. When he breaks loose, nothing can stop the end of days. The Gods are struggling to stop their infighting and to build an alliance to face the ancient peril. A handful of bravehearts including a cursed warrior, a one-of-a-kind Demi-God, a raging sage, and an extraterrestrial orphan are all that stand between the unspeakable evil and the existence of the universe. Hopelessly outnumbered, can they stop a nemesis that can kill them by merely glaring at them? The time is nigh! Stand your ground! Kaliyug is about to take us down!
Prerak Vachan Dadi Janki Ke
- Author Name:
Neville Hodgkinson
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
NCERT Summary (Class 6 to 12)
- Author Name:
Dr. Manish Rannjan
- Book Type:

- Description: Useful for UPSC, UPPSC, BPSC, JPSC, MPPSC One Liner for UPSC/IAS Preparation, State Civil Services & other Competitive Exams
UTTAR PRADESH UP-NIRIKSHAK BHARTI PARIKSHA MOOL VIDHI EVAM SAMVIDHAN
- Author Name:
Suresh Verma
- Book Type:

- Description: उत्तर प्रदेश नागरिक पुलिस एवं पी.ए.सी. उप-निरीक्षक SI (प्लाटून कमांडर, पी.ए.सी. एवं अग्निशमन) विषय-सूची सॉल्व्ड पेपर-2017 —Pgs. 1-18 मूल विधि —Pgs. 1-126 • भारतीय दण्ड प्रक्रिया स्हिंता —Pgs. 3-15 • भारतीय साक्ष्य अधिनियम —Pgs. 16-42 • भष्टाचार निवारण अधिनियम —Pgs. 43-49 • राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम —Pgs. 50-52 • मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम —Pgs. 53-61 • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1995 —Pgs. 62-69 • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 —Pgs. 70-73 • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 —Pgs. 74-77 • सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 —Pgs. 78-80 • भारतीय दण्ड स्हिंता, 1860 —Pgs. 81-85 • साइबर अपराध —Pgs. 86-88 • जनहित —Pgs. 89-93 • समकालीन पुलिस मुद्दे एवं कानून व्यवस्था —Pgs. 94-97 • साम्प्रदायिकता और साम्प्रदायिक सद्भाव —Pgs. 98-101 • पुलिस प्रणाली और अपराध नियंत्रण —Pgs. 102-112 • पुलिस एवं विधि का शासन —Pgs. 113-115 • मानसिक दृढ़ता, तनाव प्रंध और व्यवसाय के प्रति रुचि —Pgs. 116-120 • पुलिस एवं अल्पसंख्यक —Pgs. 121-124 • लैंगिक संवेदनशीलता —Pgs. 125-126 संविधान —Pgs. 1-82 • भारतीय स्विंधान —Pgs. 3-17 • भारतीय कार्यपालिका —Pgs. 18-50 • न्यायपालिका —Pgs. 51-55 • पंचायती राज एवं ई-गवर्नेंस —Pgs. 56-61 • स्विंधान संशोधन —Pgs. 62-70 • संस्थाएँ एवं केन्द्र-राज्य संबंध —Pgs. 71-82 (पुरुष एवं महिला) भर्ती परीक्षा नवीनतम सॉल्ड पेपर सहित मूल विधि एवं संविधान
Phir Ek Dopahar Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Sanjeev Sanyal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jharkhand General Knowledge - 2023 : Essential Book for JPSC, JSSC, JTET, JSERC, SI and All Other Competitive Exam of Jharkhand
- Author Name:
Dr. Manish Rannjan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chalte-Chalte
- Author Name:
Suresh Chavhanke
- Book Type:

- Description: साक्षात्कार पत्रकारिता की महत्त्वपूर्ण विधा है। समाचार संकलन-विश्लेषण में भी इसकी सर्वाधिक प्रभावी भूमिका होती है। सुरेश चव्हाणके की साक्षात्कार कला-कौशल इस रूप में उल्लेखनीय है कि वे औपचारिक प्रश्न-उत्तर से अलग विषय को व्यापक विमर्श में ले जाते हैं। उनकी अपनी वैचारिकता और जमीन है। एक विशिष्ट शैली है। उसी शैली में भेंटदाता चाहे कोई हो, उसे अपनी जमीन पर ले जाने की कोशिश करते हैं। चव्हाणकेजी की अपनी पक्षधरता खुलकर सामने आती है। “चलते-चलते' सुरेशजी का लोकप्रिय इंटरव्यू शो है जिसमें शताधिक प्रमुख लोगों राष्ट्रीय नेता, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सामाजिक-राजनीतिक-धार्मिक-सांस्कृतिक-शैक्षिक व्यक्तित्व और जीवन के विविध क्षेत्रों की विभूतियों के क्षात्कार बहुत लोकप्रिय हुए हैं। लाखों-करोड़ों में इसके टी.वी. और डिजिटल व्यूज हैं । इस पुस्तक में ग्यारह चयनित साक्षात्कार संकलित हैं। आशा है कि टी.वी., शल-डिजिटल माध्यमों की तरह पत्रकारिता-जनसंचार, समाज विज्ञान, राजनीति विज्ञान के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों के साथ सामान्य पाठक वर्ग में भी 'चलते-चलते' को पुस्तक के रूप में भी पसंद किया जाएगा।
Karma Hi Dharma Hai
- Author Name:
Ravindra Nath Prasad Singh
- Book Type:

- Description: जीवन का औचित्य ही है-अपना और दूसरों का कल्याण करना, खुद के सपनों को साकार करना, जरूरतमंदों के काम आना | अतः कर्म करें और कर्म से भागें नहीं | कर्म ही धर्म है | धर्म का अर्थ ही है-जो धारण करने योग्य हो और जिसे धारण करने से मानव तथा अन्य प्राणियों का कल्याण हो | अतः कर्म करने के पूर्व सोचें-समझें, विचोरें, तदुपरांत कर्म करें, ताकि किसी को हानि न पहुँचे | कर्म ही पूजा है, और पूजा का अर्थ है-अपने कर्तव्य के प्रति पूरी आस्था, निष्ठा एवं समर्पण का भाव रखना | कर्म हमारी पहचान है और कर्म ही हमें महान् बनाता है । एक चेतनशील प्राणी होने के नाते यह महत्त्वपूर्ण है कि हम क्या करें? और “क्या नहीं करें? को पहले सुनिश्चित करें | मनुष्य के जीवन में सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय, सफलता-विफलता, पाप-प्रुण्य आदि का निर्धारण कर्म के आधार पर होता है। अतः फल-प्राप्ति की नहीं, कर्म की चिंता करें | कर्म करना आपके वश में है, परंतु फल आपके हाथ में नहीं है | कहने का आशय स्पष्ट है कि हम जैसा कर्म करते हैं और जिस नीयत से करते हैं, उसका प्रभाव उसी रूप में हमारे तन, मन और वाणी पर पड़ता है। प्रस्तुत पुस्तक में सुखी एवं दीर्घायु जीवन जीने के 90 सीक्रेट्स दिए गए हैं, जिनको अपनाकर पाठक अपने जीवन को सफल और सुखी बना सकते हैं |
Vaishwik Prem Kahaniyan
- Author Name:
Sudha Om Dhingra
- Book Type:

- Description: Book
Vastunisth Computer Jagrukta (Objective Computer Awareness Hindi) for SSC, Railways, NDA, CDS, B.Ed., CUET, Police & other Competitive Exam
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Matribhoomi
- Author Name:
Acharya Chatursen
- Book Type:

- Description: इसका रचना-काल द्वितीय महायुद्ध का अंतिम काल है, जबकि मानव संहार के पीड़ित समाचारों को पढ़कर आचार्यजी का हृदय हाहाकार कर रहा था। युद्ध के दिन थे, सब चीजें बेहद महँगी और दुर्लभ हो रही थीं। लिखने के लिए कागज और जलाने के लिए मिट्टी का तेल भी उन्हें मुश्किल से मिलता था। उन दिनों हमारे मकान में बिजली नहीं थी। टीन की छत के तीन कमरे और फूँस का एक गोल छप्पर ही हम शाहदरे की भूमि में बना पाए थे। उसी छप्पर में बैठकर रात को मिट्टी का दिया जलाकर उन्होंने इन उपन्यास का आरंभ किया था।
Super Genius Computer Learner-3
- Author Name:
Manuj Bajaj +1
- Book Type:

- Description: आधुनिक युग के विकास में कंप्यूटर का अतुलनीय योगदान है। आज किसी भी क्षेत्र में कंप्यूटर की उपस्थिति अनिवार्य रूप में देखी जा सकती है। हमारे राजमर्रा के लगभग सभी कार्य कंप्यूटर पर निर्भर हैं। बैंकका लेन-देन, टिकट, ए.टी.एम. सेवा, मोटरकार व हवाई जहाज नियंत्रण, पुस्तक-प्रकाशन, दस्तावेज तैयार करना, फोटो, फिल्म व संगीत से जुड़े कार्य, कक्षा में पढ़ाई करना इत्यादि सभी कार्य कंप्यूटर की मदद से सरलता से, तेजी से और त्रुटिहीनता के साथ पूरे हो जाते हैं। यही कारण है कि आज के युग को ‘कंप्यूटर का युग’ कहा जाता है। विज्ञान, तकनीकी, शोध, चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, उड्डयन, संचार एवं शिक्षा के साथ-साथ कंप्यूटर ने कृषि के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाई है। कंप्यूटर क्रांति ने विश्व को एकसूत्र में बाँध दिया है। इंटरनेट ने तो कंप्यूटर के प्रचार-प्रसार में और भी बड़ी भूमिका निभाई है। इंटरनेट के माध्यम से आज एक ‘क्लिक’ करके हम दुनिया के किसी भी कोने में पहुँच सकते हैं। इंटरनेट टेलीफोनी और इ-मेल ने संचार क्रांति को पंख लगा दिए हैं। इंटरनेट टेलीफोन से हम लगभग निशुल्क दुनिया के किसी भी कोने में टेलीफोन की तरह बात कर सकते हैं। ‘चैट’ के जरिए ‘लाइव’ बातचीत की जा सकती है।
CTET/TETs Solved Papers (2023-2011) Paper-2 (Class 6 - 8) Samajik Adhyayan/Samajik Vigyan (Social Study / Social Science)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Paryavaran Shabdakosh
- Author Name:
Dr. Sudhir Kumar Mishra +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shayad Yahi Hai Pyar
- Author Name:
Devanshi Sharma
- Book Type:

- Description: जो रिश्ता आइस स्केटिंग रिंक में बना और जिसे काम के बीच चाय और कॉफी के न जाने कितने ब्रेक ने मजबूती दी, वो प्यार के परवान चढ़ते ही पागलपन की हद तक जा पहुँचा। अल्हड़ और कामयाब फैशन ब्लॉगर मीरा को अपने सबसे अच्छे खडूस दोस्त, इशान से प्यार हो जाता है। साथ चलते, गिरते, साथ ही सँभलते, जब उन्हें अपनी मंजिल मिलती है, तो लगता है कि इससे बेहतर तो सफर ही था। ‘शायद यही है प्यार’ दोस्ती की तलाश, प्यार के पीछे भागने, सपनों को उड़ान देने, और उन सबके बीच संतुलन कायम करने की कहानी है। एक सच्ची प्रेम कहानी जो दिल से निकली और अपनी राह ढूँढ रही है।
Kala-Mann (Essays)
- Author Name:
Dr. Rajesh Kumar Vyas
- Book Type:

- Description: कला-मन' का अपना ही एक ललित स्वाद और संवाद है। राजेश कुमार व्यास कलाओं को लेकर एक खिड़की और आकाश एक साथ रचते हैं—खिड़की कलाओं को देखने-सुनने की और आकाश वह, जहाँ कुछ रचनात्मक घटित हो रहा है, जिसे देखने में हमें आनंद मिलता है। कलाएँ स्वयं अपने रचनाकारों के माध्यम से, मानो कुछ नया खोजती रहती हैं और पुराने को सहेजती भी हैं, जिसका नया होना, होते रहना कभी समाप्त नहीं होता। व्यास के लेखन में इस तथ्य का, इस बोध का, कलाओं के मर्म का भान सदा बना रहता है। एक जगह वह लिखते हैं-कला क्या है? आकार, रंग, अंतरिक्ष (स्पेस) का सम्मिलित सौंदर्य ही तो है !''''संगीत, नृत्य-चित्र, नाट्य को अपने में बसाते हम कला के समय में रूपांतरित हो जाते हैं। हम वह नहीं रहते, जो पहले थे। कला के समय का इससे बड़ा सच और क्या हो सकता है ! कलाओं का अंतर्सबंध भी राजेश कुमार व्यास की इस रचना में लगातार ध्वनित होता है। कलाओं के बारे में लिखते हुए वह, मानो पाठक को कलाओं के संसार में आने का निमंत्रण देते हैं। सुखद है कि व्यास नियमित ढंग से कलाओं पर लिखते हैं । उनको उत्सव- सा मानते हैं और उनमें विन्यस्त विचारों को रेखांकित करते हैं । निश्चय ही उनके लेखन से हिंदी में कला-लेखन समृद्ध हो रहा है। इसमें भला क्या संदेह कि एक बड़ा पाठक वर्ग उनकी इस पुस्तक को भी प्रीतिपूर्वक अपनाएगा, जिस तरह वह पहले भी अपनाता रहा है। —प्रयाग शुक्ल
Customer Reviews
5 out of 5
Book
Be the first to write a review...