Ram Katha

Ram Katha

Authors(s):

Hiralal Shukla

Language:

Hindi

Pages:

95

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

190 mins

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Book Description

आदिवासी जनजातियों की बोली हल्बी में रचित ‘राम कथा’ पुस्तक में सिर्फ़ राम की कथा ही नहीं है, बल्कि वह आध्यात्मिक चेतना भी है जिससे जीवन-उद्देश्य के लिए कठिन रास्ते और धुँधली दिशाएँ तय की जा सकती हैं और अपने सपनों के मुताबिक़ अपना संसार रचा जा सकता है। इस तरह अँधेरे में जैसे एक रोशनी हो—यह कथा—राम कथा।</p> <p>गोस्वामी तुलसीदास की कृति ’रामचरितमानस’ ‘भक्ति-शक्ति और मुक्ति’ की कृति है। चार सौ वर्षों के बाद भी जन-जन में समाहित इस कृति में 'युग का समय और समय का युग' एक सम्पूर्णता में श्रेष्ठतम सृजन में 'देखने' और 'दिखने' को मिलता है। यह पुस्तक उसी समय-सृजन युग से जुड़ने और जोड़ने की एक सतत प्रक्रिया प्रतीत होती है।</p> <p>यह पुस्तक रामकथा के बहाने हाशिए की ज़िन्दगी जी रही जनजातियों के लिए एक सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि भी तैयार करती है कि वही भक्ति सच्ची भक्ति है, जिसमें शक्ति के स्रोत हों और वही शक्ति वास्तविक शक्ति है, जिसमें मुक्ति की सम्भावना हो।

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