Yayawar Hain, Awara Hain, Banjare Hain...
Author:
Pankaj SubeerPublisher:
Shivna PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Travelogues0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
Book
ISBN: 9789387310582
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Mahatirth Ke Antim Yatri (Lhasa���Kaliashnath���Mansarovar
- Author Name:
Bimal Dey
- Book Type:

- Description: सन् 1956 में तिब्बत का दरवाज़ा विदेशियों के लिए लगभग बन्द हो चुका था और राजनैतिक कारणों से भारत के साथ तिब्बत का सम्पर्क भी लगभग टूट चुका था। उन्हीं दिनों, बिना किसी तैयारी के, बिमल दे घर से भागे और नेपाली तीर्थयात्रियों के एक दल में सम्मिलित हो ल्हासा तक जा पहुँचे। उस समय उनकी उम्र मात्र पन्द्रह वर्ष थी। यात्रियों में वह नवीन मौनी बाबा। ल्हासा में उन्होंने तीर्थयात्रियों का दल छोड़ा, और वहाँ से अकेले ही कैलास खंड की ओर कूच कर गए। 'महातीर्थ के अन्तिम यात्री' में उसी रोमांचक यात्रा-अनुभाव का वर्णन है। बिमल दे ने स्वयं इसे ‘एक भिखमंगे की डायरी’ कहा है। किन्तु इस पुस्तक में मिलेगा तिब्बत का दैनंदिन जीवन तथा महातीर्थ का पूर्ण विवरण।
Myriad Destinations
- Author Name:
Virag Shivpuri
- Rating:
- Book Type:

- Description: A captivating collection of short stories that takes readers on a journey across the globe. With real people, raw emotions, and genuine destinations, each story offers a glimpse into the lives of those who call these places home. The tales are expertly crafted with a perfect blend of suspense, nostalgia, and surprise. From the bustling streets of Mumbai to the romantic boulevards of Paris, the majestic peaks of Garhwal to the cosmopolitan city of Frankfurt, each locale is vividly brought to life, making readers feel as though they are right there alongside the characters. With each turn of the page, readers will be transported to a new destination and swept away by the stories’ depth, heart, and humanity.
Smrtiyon Me Ramte Hue
- Author Name:
Dr. Kamal Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Book
Aap Biti-Jag Biti
- Author Name:
Sandeep Bhutoria
- Book Type:

- Description: वास्तव में यात्रा करना और दृष्टि के साथ यात्रा करना, दो भिन्न बातें हैं। हम सभी यात्रा करते हैं, लेकिन कितने ऐसे होते हैं जो हमें सृजनात्मक अभिव्यक्ति का रूप देते हैं या सोद्देश्यपूर्ण बना पाते हैं। जब यात्रा-वृत्तान्त या सफ़रनामा सृजनात्मकता का स्पर्श करता है, तब यह यात्रा साहित्य के जगत में प्रवेश करने लगता है। संक्षेप में, यात्रा-वृत्तान्त परिचित या अपरिचित समाज व क्षेत्र को स्व-अवलोकन के माध्यम से जानने-समझने की एक सृजनात्मक प्रक्रिया है और जिज्ञासा इसकी कुतुबनुमा होती है। युवा जिज्ञासु संदीप भूतोड़िया ने अपनी पहली यात्रा-कथा ‘आपबीती-जगबीती’ में एक सजग व संवेदनशील यात्रा लेखक का परिचय देकर मुझे निःसन्देह चौंकाया है। क़रीब सात-आठ वर्ष पहले कोलकाता में स्व. डॉ. प्रभा खेतान के निवास पर संदीप से संक्षिप्त भेंट हुई थी। उस समय इतना ही बतलाया गया था कि संदीप की रुचि व्यापार में कम है और सामाजिक कार्यों में इनकी सक्रियता रहती है। विभिन्न अन्तरालों से हुई मुलाक़ातों से यह भी पता चला कि संदीप संयुक्त राष्ट्र से सम्बन्धित संस्थाओं से भी सम्बद्ध हैं और अपने कार्य के सिलसिले में देश-विदेश की यात्राएँ अक्सर करते रहते हैं। विभिन्न समाजों और जीवन-शैलियों का क़रीब से अवलोकन करना भी संदीप भूलते नहीं हैं। इस अवलोकन का ही परिणाम है प्रस्तुत पुस्तक। —रामशरण जोशी
Da Nang : The City Of Wonders
- Author Name:
Geetesh Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Battees Sal Ka Safar
- Author Name:
Krishn Bihari
- Book Type:

- Description: This book has no description
Samarpayami
- Author Name:
Dr. Garima Sanjay dubey
- Book Type:

- Description: Book
Gufetla dev
- Author Name:
Sagar Solanke
- Rating:
- Book Type:

- Description: Marathi Travelogue
Mahatirth Ke Antim Yatri (Lhasa - Kaliashnath - Mansarovar)
- Author Name:
Bimal Mitra
- Book Type:

- Description: सन् 1956 में तिब्बत का दरवाज़ा विदेशियों के लिए लगभग बन्द हो चुका था और राजनैतिक कारणों से भारत के साथ तिब्बत का सम्पर्क भी लगभग टूट चुका था। उन्हीं दिनों, बिना किसी तैयारी के, बिमल दे घर से भागे और नेपाली तीर्थयात्रियों के एक दल में सम्मिलित हो ल्हासा तक जा पहुँचे। उस समय उनकी उम्र मात्र पन्द्रह वर्ष थी। यात्रियों में वह नवीन मौनी बाबा। ल्हासा में उन्होंने तीर्थयात्रियों का दल छोड़ा, और वहाँ से अकेले ही कैलास खंड की ओर कूच कर गए। 'महातीर्थ के अन्तिम यात्री' में उसी रोमांचक यात्रा-अनुभाव का वर्णन है। बिमल दे ने स्वयं इसे ‘एक भिखमंगे की डायरी’ कहा है। किन्तु इस पुस्तक में मिलेगा तिब्बत का दैनंदिन जीवन तथा महातीर्थ का पूर्ण विवरण।
Lohe Ki Deewar Ke Dono Oor
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक ‘लोहे की दीवार के दोनों ओर’ में सोवियत देश और पूँजीवादी देशों के जीवन और व्यवस्था का आँखों देखा तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया गया है। यशपाल जी ने व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर सब बातों का विवरण और विश्लेषण करने की चेष्टा की है। लेकिन उन्होंने “संस्मरणों के व्यक्तिगत होने पर भी...केवल स्मृति पर ही भरोसा नहीं किया है। यथासम्भव स्मृति को प्रामाणिक आधारों, तत्कालीन अदालती दस्तावेज़ों और समाचार-पत्रों द्वारा सही कर लेने की भी कोशिश की है।” साथ ही उन्होंने पूर्ववर्ती सामग्री के बारे में यह भी स्पष्ट कर दिया कि “अब तक क्रन्तिकारी प्रयत्नों के विषय में इतिहास के नाम से जो कुछ लिखा गया है, वह अधिकांश में अफ़वाहों, कुछ अनर्गल कल्पनाओं के आधार पर भी लिखा गया है।”
Ek Naav Ke Yatri
- Author Name:
Vishwanath Prasad Tiwari
- Book Type:

-
Description:
हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, अमृतलाल नागर, रामविलास शर्मा, नामवर सिंह, विद्यानिवास मिश्र, श्रीकान्त वर्मा आदि प्रसिद्ध लेखकों के बारे में लिखे गए संस्मरणों की इस पुस्तक में पूरा समकालीन साहित्यिक परिदृश्य रूपायित है। अत्यन्त सहानुभूति और तटस्थता के साथ लिखे गए ये संस्मरण निश्चय ही अपनी विश्वसनीयता और पठनीयता के लिए उल्लेखनीय होंगे। इनमें किसी मूर्तिनिर्माण या मूर्तिभंजन की नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विश्लेषण की प्रखर, ईमानदार कोशिश है जो लेखकों के मन:लोक को बड़ी गहराई से उद्घाटित करती है। प्रसिद्ध कवि, आलोचक और दस्तावेज़ पत्रिका के सम्पादक डॉ. विश्वनाथप्रसाद तिवारी की क़लम से लिखे गए ये अनूठे संस्मरण स्वयं उनके भी रचनात्मक गद्य का एक विशिष्ट उदाहरण पेश करते हैं।
पुस्तक में हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, अमृतलाल नागर और रामविलास शर्मा के साक्षात्कार भी संकलित हैं। इनमें हमारे समय के अनेक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे और साथ ही अनेक विवादास्पद प्रश्नों पर उन लेखकों की अपनी बेबाक प्रतिक्रिया भी। आधुनिक साहित्य की भीतरी जानकारी की इच्छा रखनेवाला पाठक इस पुस्तक से एक बार गुज़र कर निश्चय ही अपने साहित्यानुभव को समृद्ध कर सकेगा।
Uttar Ki Yatrayen
- Author Name:
Matsuo Basho
- Book Type:

-
Description:
‘जापानी महाकवि बाशो उन बिरले कवियों में से हैं जिनकी कविता का अनुवाद शायद संसार की हर छोटी-बड़ी भाषा में हुआ है। हाइकू नामक विधा का ज़िक्र आते ही प्राय: सभी रसिकों को जो पहला नाम याद आता है वह बाशो का है। बाशो जितने बड़े और अविराम कवि थे उतने ही अथक यात्री भी। उनका यह यात्रा-वृत्त अपने क़िस्म का अनोखा है। वरिष्ठ कवि सुरेश सलिल ने बहुत मनोयोग और कल्पनाशीलता से इसे अंग्रेज़ी से अनूदित किया है। उन्होंने बहुत जतन से यथास्थान सन्दर्भ के नोट्स भी दिए हैं जिनसे स्थानों, कवियों, राजवंशों आदि का पता भी होता चलता है। रज़ा पुस्तक माला में एक महाकवि का यात्रा-वृत्त बहुत अच्छे हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत करते हुए हमें प्रसन्नता है।’
—अशोक वाजपेयी।
Cinema Ki Duniya Aur Duniya Ka Cinema
- Author Name:
Vimal Chandra Pandey
- Book Type:

- Description: This book has no description
Ek Tha Zanskar : SuvaranKhudaiya Chiunton Ka Des
- Author Name:
Ajoy Sodani
- Book Type:

- Description: अजय सोडानी प्रकृति की यात्रा करते हैं, लेकिन वे सिर्फ़ यात्रा नहीं करते—वे एक पक्षधर यात्रा करते हैं। एक ऐसी यात्रा जो प्रकृति के पवित्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और यह जानने के लिए आरम्भ होती है कि मनुष्य ने प्रकृति की इतनी विराट सभ्यता के ठीक मुक़ाबले पर अपनी यह सभ्यता खड़ी की तो क्यों, जिसमें सब तरफ क्षरण ही क्षरण है। वे प्रकृति के वकील की हैसियत से अपना झोला उठाते हैं। यह यात्रा-कथा है जाँस्कर की जहाँ आज 2900 हेक्टेयर में खेती होती है और कुल जनसंख्या है 13773। लद्दाख का यह हिस्सा न तो हमलावरों की नज़र में ज़्यादा पड़ा, न भारत आने वाले मुसाफ़िरों की। इसलिए वह विकास की मार से भी बचा रहा, अपनी जीवन शैली और संस्कृति के साथ। रेत के नीचे से सोना खोदने वाले चींटे भी अपना काम करते रहे यानी यहाँ से जुड़ी कथाएँ भी दूर देश के सैलानियों को आकर्षित करती रहीं। मंथर गति में एक समूचा जीवन जीने वाले जाँस्कर का यह सफ़र जुलाई 2013 में किया गया, जिसके बाद यात्रावृत्तकार को कहना पड़ा कि ‘नवपाषाण युग जैसे अभी-अभी ही व्यतीत हुआ हो इधर से।’ हिमालय की बर्फ़ीली दुनिया के इस यात्रावृत्त में रोमांच जितना है, उतने ही इतिहास और संस्कृति के हवाले भी हैं, कथाएँ-उपकथाएँ भी हैं। अर्थात इस पुस्तक को पढ़कर जब आप अपनी दुनिया में लौटते हैं तो सिर्फ़ दृश्यों के, जोखिमों के, थकानों और आश्चर्यों के दृश्य आपके साथ नहीं होते, ढेरों नए तथ्य और तर्क भी होते हैं। साथ ही सफ़रगोई की वह ताज़गी, कहन की वह रवानी भी जो अजय सोडानी की अपनी ईजाद है।
Jeevan Drishti
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Book
Main Hun Kolkata Ka Foreign Return Bhikhari
- Author Name:
Bimal Dey
- Book Type:

-
Description:
आत्मकथात्मक शैली में लिखे गये इस उपन्यास में एक ऐसे व्यक्ति के जीवनानुभव का वर्णन है जिसने होश सम्भालते ही खुद को सियालदह स्टेशन परिसर में भिखारी के रूप में पाया।
एक उस्ताद से पाकिटमारी, उठाईगीरी आदि सीखकर इस कला को आजमाने के प्रयास में वह पहले दिन ही पकड़ा गया। उसे मारने-पीटने के बजाय उस दयालु सज्जन ने उसे कुछ दिनों तक परखने के बाद अपने घरेलू नौकर के रूप में रख लिया। अपने आश्रय दाता ‘दाआबू’ के यहाँ उसने रसोई का काम सीखा।
युवा होते-होते वह अच्छा घरेलू नौकर और रसोइया बन गया था। थोड़ा-बहुत लिखना-पढ़ना भी सीख गया था। एक दिन दाआबू उसे लन्दन ले गये। दाआबू ने उसे डायरी लिखने को कहा, बोले कि वह रोज के अनुभवों को अपनी भाषा में लिखना शुरू करे। उनके कहने पर ही उसने अपने अनुभवों और स्मृतियों को सँजोना शुरू किया। इस तरह दुनिया के सामने आया एक अकल्पनीय ज़िन्दगी का कभी न भूलने वाला यह वृत्तान्त!
दाआबू से सम्पर्क होने के बाद की सारी घटनाएँ हैरतअंगेज और उसकी उन्नति में सहायक रहीं। उन्होंने उसके लिए एक शिक्षक का भी प्रबन्ध कर दिया जिसके घर जाकर पढ़ना-लिखना सीखना पड़ता। सीखना यानी सब-कुछ सीखना—बैठने का ढंग, चलने का ढंग, मुस्कराकर बातचीत का ढंग। ...दरअसल वह शिक्षक जानवर को आदमी बनाने में था यानी वह धीरे-धीरे आदमी बनने लगा था...।
Cycle Se Duniya Ki Sair
- Author Name:
Bimal Dey
- Book Type:

-
Description:
बांग्ला के विख्यात यात्रा-वृत्तकार एवं यात्री-पर्वतारोही बिमल दे की यह पुस्तक उनके सबसे साहसी यात्रा-अभियान पर केन्द्रित है। पाँच वर्षों में पूरी हुई यह यात्रा उन्होंने साइकिल से की थी।
वर्ष 1967 में कोलकाता से शुरू हुआ उनका यह सफ़र ईरान, तुर्की, रूस, अफ़गानिस्तान, इराक, सूडान, मिस्र, इटली, स्विट्जरलैंड, स्पेन, मोरक्को, फ्रांस, अमेरिका आदि देशों और उनके प्रमुख शहरों से होते हुए 1972 तक जारी रहा।
बांग्ला में ‘सुदूरेर पियासी’ नाम से प्रकाशित और अत्यन्त चर्चित इस पुस्तक में बिमल दे ने अपने उन अनुभवों को अंकित किया है जिनका उनकी चिन्तन-धारा पर दीर्घकालीन प्रभाव पड़ा।
विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, जीवन-शैलियों और प्रकृति के अनेकानेक रूपों को एक सजग आँख से दिखाती यह पुस्तक हमारी सोच और जीवन-दृष्टि को भी विस्तृत करती है, और विविधता से परिपूर्ण इस विशाल संसार में रहने व जीने का सलीका देती है।
Sudhiyan Us Chandan Ke Van Ki
- Author Name:
Vishnukant Shastri
- Book Type:

- Description: मैं इस दृष्टि से भाग्यवान् हूँ कि मुझे विविध क्षेत्रों के सत्पुरुषों का स्नेह-सौहार्द मिलता रहा है। जिन विशिष्ट व्यक्तियों के संपर्क से या स्थानों के भ्रमण से जीवन समृद्ध हुआ है, उनकी याद बार-बार आती ही है। हर बार लगता है कि उस याद ने अपनी सुगन्ध से जीवन को पुन: सुरभित कर दिया। वस्तुत: घटनाएँ जब घटती हैं तब उनका प्रभाव किन-किन स्तरों पर कितनी गहराई से पड़ रहा है, इसका सम्यक बोध नहीं हो पाता। उन प्रीतिकर स्मृतियों का रोमन्थन ही स्पष्ट करता है कि उन व्यक्तियों या घटनाओं ने जीवन को कितनी प्रेरणा और स्पूâर्ति प्रदान की थी। उनके प्रति कृतज्ञता-बोध ही मुझे उनकी स्मृतियों को लिपिबद्ध करने को उत्साहित करता रहा है। इस तरह ये संस्मरण लिखे जाते रहे।
Khushdesh Ka Safar
- Author Name:
Pallavi Trivedi
- Book Type:

-
Description:
हर इनसान के भीतर एक यायावर सोया होता है। लेकिन कम ही लोग होते हैं जो अपने भीतर सोये हुए यायावर को जगा पाते हैं; और उसकी उँगली पकड़कर घर से निकल पड़ते हैं। ज़्यादातर लोग ज़िन्दगी की ख़ुशहाली को बनी-बनाई हदों के भीतर तलाश करते हैं। अपने सुरक्षित दायरों के बाहर क़दम रखने से वे हिचकते हैं। इस तरह वे ज़िन्दगी के असल एडवेंचर का लुत्फ़ नहीं ले पाते। उनके विपरीत कुछ लोगों को बनी-बनाई हदें, दूसरों की बनाई लीकें क़तई मंजूर नहीं होतीं। वे न केवल अपनी हद ख़ुद तय करते हैं बल्कि उसको बार-बार तोड़ते हैं।
इस तरह के ‘एडवेंचर’ का माद्दा न हो तो यायावर होना मुश्किल है। हमारी ख़ुशक़िस्मती कि पल्लवी त्रिवेदी में यह माद्दा है। वह अपने भीतर के यायावर को सोने नहीं देतीं और हर-हमेशा नई-नई जगहों तक, अदेखे-अजाने प्रदेशों तक जाती रहती हैं। ‘ख़ुशदेश का सफ़र’ उनकी इसी अनूठी यायावरी का दिलकश दस्तावेज़ है। कोई और होता तो वह भूटान के लिए सीधे फ़्लाइट बुक करता, समय बचाता और पहले से टैक्सी और होटल सुनिश्चित कर इस ख़ुशदेश की दर्शनीय जगहों को अपना चेहरा दिखाकर लौट जाता—यह उन अनगिनत यात्राओं में से एक होती जिनमें दूसरों को बताने के लिए कुछ नहीं होता। पल्लवी ने पर्यटन की इस पुरानी लीक को पकड़ने के बजाय भूटान के अपने सैर-सफ़र के लिए जो रास्ता पकड़ा, उसका एक-एक क़दम उन्होंने ख़ुद गढ़ा है। यही वजह है कि इस किताब में दर्ज उसका वृत्तान्त न केवल किसी रोचक उपन्यास जैसा पठनीय बन गया है, बल्कि हर उस शख़्स के लिए एक ज़रूरत भी जो अपने भीतर सोये यायावर को जगाने की तरकीब ढूँढ़ रहे हैं।
—यूनुस खान
Meri Tibbat Yatra
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
- Book Type:

- Description: स्त्री-जीवन के क़ानूनी पहलू पर विस्तार और प्रामाणिक जानकारी से लिखते हुए अरविन्द जैन ने स्त्री-विमर्श की सामाजिक-साहित्यिक सैद्धान्तिकी में एक ज़रूरी पहलू जोड़ा। क़ानून की तकनीकी पेचीदगियों को खोलते हुए उन्होंने अक्सर उन छिद्रों पर रोशनी डाली जहाँ न्याय के आश्वासन के खोल में दरअसल अन्याय की चालाक भंगिमाएँ छिपी होती थीं। इसी के चलते उनकी किताब ‘औरत होने की सज़ा’ को आज एक क्लासिक का दर्जा मिल चुका है। स्त्री लगातार उनकी चिन्ता के केन्द्र में रही है। बतौर वकील भी, बतौर लेखक भी और बतौर मनुष्य भी। सम्पत्ति के उत्तराधिकार में औरत की हिस्सेदारी का मसला हो या यौन शोषण से सम्बन्धित क़ानूनों और अदालती मामलों का, हर मुद्दे पर वे अपनी किताबों और पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पाठक का मार्गदर्शन करते रहे हैं। ‘बेड़ियाँ तोड़ती स्त्री’ उनकी नई किताब है जो काफ़ी समय के बाद आ रही है। इस दौरान भारतीय स्त्री ने अपनी एक नई छवि गढ़ी है, और एक ऐसे भविष्य का नक़्शा पुरुष-समाज के सामने साफ़ किया है जिसे साकार होते देखने के लिए शायद अभी भी पुरुष मानसिकता तैयार नहीं है। लेकिन जिस गति, दृढ़ता और निष्ठा के साथ बीसवीं सदी के आख़िरी दशक और इक्कीसवीं के शुरुआती वर्षों में पैदा हुई और अब जवान हो चुकी स्त्री अपनी राह पर बढ़ रही है, वह बताता है कि यह सदी स्त्री की होने जा रही है और सभ्यता का आनेवाला समय स्त्री-समय होगा। इस किताब का आधार-बोध यही संकल्पना है। तार्किक, तथ्य-सम्मत और सद्भावना से बुना हुआ स्त्री के भविष्य का स्वप्न। उनका विश्वास है कि अब साल दर साल देश के तमाम सत्ता-संस्थानों में शिक्षित, आत्मनिर्भर, साधन-सम्पन्न, शहरी स्त्रियों की भूमिका और भागीदारी अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी। समान अधिकारों के लिए सामाजिक-राजनीतिक संघर्ष तेज़ होंगे और भविष्य की स्त्री हर क्षेत्र में हाशिये के बजाय केन्द्र में दिखाई देने लगेगी। समानता और न्याय की तलाश में निकली स्त्री अपना सबकुछ दाँव पर लगा रही है। सो भविष्य की स्त्री इन्साफ माँगेगी। सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक इन्साफ़। देह और धरती पर ही नहीं सबकुछ पर बराबर अधिकार।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...