
Buddh ka Kamandal Laddakh
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
176
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
352 mins
Book Description
हिमालय हमारे देश के भूगोल और इतिहास का महानायक है। हिमालय देश की चारों दिशाओं में फैले भारतीय जनमानस का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्रोत है। शिखरों पर स्थित हमारे तीर्थों का पवित्र प्रतीक है। भारतीय मन को उद्वेलित करती कलात्मक अभिव्यक्तियाँ इसी महान उद्गम से निकली नदियों के साथ-साथ प्रवाहित होती रही हैं। भारत-भूमि से उदित हो विश्व-भर के नागरिकों को शान्ति का परम सन्देश देती रही हैं। हिमालय की ऊँचाइयों में स्थित लद्दाख़ दूसरे पर्वतीय स्थानों से एकदम अलग है। ऊपर निर्मल नीला आकाश, श्वेत फेनिल बादलों से सजा और नीचे पीले, रेतीले, मटमैले में स्लेटी ऊँचे बर्फ़ीले शिखरों को लुभाती ग्रे, काली, ताम्बई और दालचीनी रंग की चट्टानें। कुदरत के कठोर वैभव का अनूठा लैंडस्केप।</p> <p>लद्दाख़ की जीती-जागती छवियों से सजी इस किताब में कृष्णा सोबती ने वहाँ बिताए अपने कुछ दिनों की यादें ताज़ा की हैं और उन अनुभूतियों को फिर से अंकित किया है जिन्हें विश्व के इसी भू-भाग से अनुभव और अर्जित किया जा सकता है। लद्दाख़ को कई नामों से जाना जाता है जिनमें एक नाम ‘बुद्ध का कमण्डल’ भी है। बुद्ध के कमण्डल, लद्दाख़ में उदय होती उषाओं, घिरती साँझों और इनके बीच फैले स्तब्धकारी सौन्दर्य के पथरीले विस्तार में टहलती, प्रसिद्ध चित्रकार सिद्दार्थ के कैमरे से लिए गए चित्रों से सजी यह किताब हमें उस जगह ले जाती है, जिसका इस धरती पर स्थित होना ही हमें चकित करता है।