Jahan-Jahan Kadam Pade
Author:
ChandrakantaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Travelogues0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
वर्षों से निलम्बित साहस को बटोरकर, अपने सुरक्षित दैनिक व्यापार के दुष्चक्र को तोड़कर जब हम यात्राओं पर निकलते हैं तो वह सिर्फ बाहर की यात्रा नहीं होती, भीतर की भी होती है; अपने भीतर, अपने आपको नया करने की यात्रा। असीम तक फैले इस विराट संसार से एकमेक होकर स्वयं को एक नवीन रूप में देखने-जानने की यात्रा।</p>
<p>‘जहाँ-जहाँ क़दम पड़े’ पुस्तक में संकलित, वरिष्ठ कथाकार चन्द्रकान्ता के यात्रा-वृत्त इसी अहसास के साथ की गई यात्राओं का विवरण देते हैं। यात्राएँ जिनका आरम्भ उत्सुकता से हुआ, और जो पूर्ण हुईं इस बोध के साथ कि ‘छोटी-छोटी यात्राएँ कभी-कभार हमारी चेतना में दबे अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर’ एक आभा के साथ हमारे सम्मुख रख देती हैं।</p>
<p>अमेरिका, सिंगापुर, डिज्नीलैंड, सी वर्ल्ड, योसिमिटी नेशनल पार्क, पशुपतिनाथ धाम, जगन्नाथ धाम और उनकी अपनी वादी श्रीनगर, कश्मीर के अलावा इस पुस्तक में अलग-अलग संस्कृतियों के बीच सामंजस्य की कोशिश करते अमेरिकावासी भारतीयों की कथा भी हमारा ध्यान खींचती है।</p>
<p>इन यात्राओं से प्राप्त अपने अनुभव के आधार पर चन्द्रकान्ता सही ही कहती हैं कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अपने देखे-समझे को जीवन्ततापूर्वक अंकित करना भी एक तरह से इतिहास ही लिखना है, एक ‘जेनुइन इतिहास’, जो उन्होंने इन यात्रा-संस्मरणों में सम्भव किया भी है।
ISBN: 9789360866792
Pages: 112
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Europ Mein Antaryatrayen
- Author Name:
Karan Singh Chauhan
- Book Type:

-
Description:
हम जो हैं वह हमारे ध्यान में नहीं रहता। हमें जैसा होना चाहिए इसी पर सब टिक गया है। जीवन जो है वह नहीं, उसे जैसा होना चाहिए। यानी 'कैसा होना चाहिए' में हमारी एकमात्र दिलचस्पी रह गई है। इसलिए सब कुछ वांछित और हवाई हो गया है। वास्तव कुछ नहीं रह गया। वास्तविकता से अधिक स्वप्न, भविष्य, जीवनेतर महत्त्वपूर्ण हो गया है। वह एक तरफ शरीर से अधिक आत्मा के सरोकारों, इहलोक से अधिक परलोक की चिन्ताओं के फलते-फूलते आध्यात्मिक भ्रष्टाचार में व्यक्त हो रहा है। दूसरी तरफ किसी भावी आदर्श समाज की स्थापना के वादों, स्वप्न के भ्रमजाल के सिद्धान्तों में। ये सब शक्ति के खेल में शामिल गतिविधियाँ हैं जो अब की वास्तविकता को झुठलाती हैं। यात्राएँ इस वास्तविकता के बीच ही होती हैं और वह जैसी भी हैं, उसका उसी रूप में साक्षात्कार करती हैं।
यात्राएँ की जा सकती हैं, उन्हें लिखना एक इतर काम है। जिस दिन मनुष्य जीवन से एकमेक हो जाएगा शायद उस दिन कुछ कहने की आवश्यकता महसूस न करे। लिखने के लिए एक तरह की 'इन्नोसेंस' चाहिए, दुनियादारी के नाम पर पसरे विचारों में आस्था चाहिए, कुछ होने की भ्रान्ति का सहारा चाहिए। लिखा तभी जा सकता है।
Raste Ki Talash Mein
- Author Name:
Asghar Wajahat
- Book Type:

- Description: हिंदी में बहुत श्रेष्ठ यात्रा-वृत्तांत लिखे गए हैं। यह एक ऐसी शैली में है जिसके माध्यम से लेखक आँखों देखी घटनाओं, स्थानों और व्यक्तियों को अपने शब्दों के माध्यम से पुनर्जीवित करता है। असगर वजाहत के यात्रा-वृत्तांत पाठकों को अपने साथ यात्रा पर ले जाते हैं। इस यात्रा में ऐसे अनुभव होते हैं जो प्राय: समाजशास्त्रियों, पत्रकारों और अन्य की पकड़ में नहीं आते क्योंकि लेखक की सृजनात्मक और व्यापक दृष्टि ही उनसे साक्षात्कार कर सकती है। आज़रबाईजान, अंडमान निकोबार, कोंकण से शिमोगा और मिज़ोरम की यात्राओं का अद्भुत वृत्तांत है 'रास्ते की तलाश में'। कथात्मकता से भरपूर।
Dilli Se Karachi Via Rawalpindi
- Author Name:
Sabuha Khan
- Book Type:

- Description: This book has no description
Meri Europe Yatra
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
- Book Type:

- Description: राहुल सांकृत्यायन की ‘मेरी यूरोप यात्रा’ अपने गहन पर्यवेक्षण और विद्वत्तापूर्ण विवरणों के चलते आज भी उतनी ही लोकप्रिय है, जितनी अपने पहले संस्करण के समय थी। भदन्त आनन्द कौसल्यायन के साथ अकस्मात शुरू की गई इस यात्रा में राहुल जी ने अपनी लम्बी समुद्र यात्रा का लोमहर्षक और ज्ञानवर्धक विवरण तो दिया ही है, यूरोप की संस्कृति और रहन-सहन की सूक्ष्म विशिष्टतओं का उल्लेख भी किया है, और भारत व यूरोप की तुलना करते हुए कुछ निष्कर्ष भी प्रस्तुत करते चले हैं। ‘लंदन में साढ़े तीन मास’ आलेख में लंदन म्यूजियम और उसके पुस्तकालय की सुव्यवस्था का जिक्र करते हुए वे इच्छा जाहिर करते हैं कि अपने यहाँ भी अध्ययन-मनन का ऐसा ही माहौल, ऐसी ही स्वच्छता हो तो कितना अच्छा हो। पुस्तक में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के बाद पेरिस और जर्मनी के संस्मरण भी अत्यन्त पठनीय और दृष्टि प्रदायक बन पड़े हैं।
Chalte To Achchha Tha
- Author Name:
Asghar Wajahat
- Book Type:

-
Description:
‘चलते तो अच्छा था’ में ईरान और आज़रबाईजान के यात्रा-संस्मरण हैं। असग़र वजाहत ने केवल इन देशों की यात्रा ही नहीं की, बल्कि उनके समाज, संस्कृति और इतिहास को समझने का भी प्रयास किया है। उन्हें इस यात्रा के दौरान विभिन्न प्रकार के रोचक अनुभव हुए हैं। उन्हें आज़रबाईजान में एक प्राचीन हिन्दू अग्नि मिला। कोहे-क़ाफ़ की परियों की तलाश में भी भटके और तबरेज़ में एक ठग द्वारा ठगे भी गए।
यात्राओं का आनन्द और स्वयं देखने तथा खोजने का सन्तोष ‘चलते तो अच्छा था’ में जगह-जगह देखा जा सकता है। असग़र वजाहत ने ये यात्राएँ साधारण ढंग से एक साधारण आदमी के रूप में की हैं जिसके परिणामस्वरूप वे उन लोगों से मिल पाए हैं, जिनसे अन्यथा मिल पाना कठिन है।
भारत, ईरान तथा मध्य एशिया के बीच प्राचीन काल से लेकर मध्य युग तक बड़े प्रगाढ़ सम्बन्ध रहे हैं। इसके चलते आज भी ईरान और मध्य एशिया में भारत की बड़ी मोहक छवि बनी हुई है। लेकिन 19वीं और 20वीं शताब्दी में अपने पड़ोसी देशों के साथ भारत का रिश्ता शिथिल पड़ गया था। आज के परिदृश्य में यह ज़रूरी है कि पड़ोस में उपलब्ध सम्भावनाओं पर ध्यान दिया जाए।
‘चलते तो अच्छा था’ यात्रा-संस्मरण के बहाने हमें कुछ गहरे सामाजिक और राजनीतिक सवालों पर सोचने के लिए भी मजबूर करता है।
Deh Hi Desh : Croatia Prawas Diary
- Author Name:
Garima Shrivastava
- Book Type:

- Description: इस डायरी में पाठक ज्यों-ज्यों आगे बढ़ता है, लगता है कोई तेज़ नश्तर उसके सीने पर रख दिया गया है और पृष्ठ-दर-पृष्ठ उसे भीतर उतारा जा रहा है। हिन्दी में ऐसे लेखन और ऐसी यात्राओं का जितना स्वागत किया जाए, कम है। — नित्यानंद तिवारी (आलोचक) यह सिर्फ़ डायरी नहीं यात्रा भी है, बाहर से भीतर और देह से देश की, जो बताती है कि देह पर ही सारी लड़ाइयाँ लड़ी जाती हैं और सरहदें तय होती हैं। — अभय कुमार दुबे(राजनीतिक विश्लेषक) ऐसे लोग जो भीड़ की हिंसा के समर्थन में होते हैं, उन्हें यह डायरीनुमा किताब दी जाए तो वे क्या करेंगे, अपनी चुप्पी पर झुंझलाते हुए इसे जला देंगे? मेरे ख़याल से उन्हें जलाने के लिए ही सही यह डायरी पढ़ — रवीश कुमार (पत्रकार)
Main Ghumakkar Vanon Ka
- Author Name:
Sherjung
- Book Type:

- Description: शिकार की कहानियाँ वनप्राणियों के जीवन को ही नहीं, बल्कि वनों के परिवेश और उनकी भिन्न-भिन्न स्थितियों को भी प्रदर्शित करती हैं। मनुष्य और जानवर, समय और स्थान तथा अन्य सब घटनाएँ जो शिकारी को वन-जीवन के निकट ले जाती हैं और किसी भी शिकार कथा का अभिन्न अंग हैं। जानवर का पीछा करने का अपना ही आनन्द है जिसके विचार मात्र से शिकारी की आँखों के सामने जंगल के अत्यन्त सुन्दर दृश्य नाचने लगते हैं, जैसे घने वृक्षों के नीचे धरती पर पड़ी उनकी गहरी और ठंडी छाया, प्रभात के शान्तिमय वातावरण में तूफ़ानी सागर की मतवाली लहरों की भाँति चारों ओर गूँजती शेरों की ऊँची एवं गहरी गर्जनाएँ हाथियों की तुरही-की-सी आवाज़ें, शोरगुल मचाते हुए जंगली साँड, मस्त चाल से चलता हुआ भालू, चोरों की तरह बिना ध्वनि किए छिप-छिपकर चलता हुआ बघेरा, द्रुत गति से भागते हुए साम्बर, शान से गर्दन उठाकर चलते हुए चीतल, एक-दूसरे के पीछे से अस्पष्ट दिखाई देती हुई पहाड़ियों के ऊपर इधर-उधर बिखरे हुए घास के मैदान और उन पहाड़ियों के पीछे बर्फ़ से ढके पहाड़, जिनमें यह सब कुछ मानो खो-सा जाता है। शिकार की इन कहानियों में लेखक ने अपने अनुभवों का यथासम्भव सही-सही वर्णन करने का प्रयास किया है। साथ ही अपने साथियों और जंगल में घटी घटनाओं का उल्लेख करते समय, उन्होंने उनसे प्राप्त सुख व दु:ख, प्यार और सहानुभूति के अनुभवों को भी अपने विवरणों का हिस्सा बनाया है।
Ek Bharatiya Ki Japan Yatra
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
THE WORLD IS THE NEXT VILLAGE
- Author Name:
Solon Karthak +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: it is a collection of 25 travel tales that talk about his trips around the world.
The Rich Culture and History of Kyrgyzstan
- Author Name:
Askar Beshimov +1
- Book Type:

- Description: Kyrgyzstan, located in Central Asia, is a landlocked country renowned for its stunning natural beauty and rich cultural heritage. Bordered by Kazakhstan to the north, China to the east, Tajikistan to the south, and Uzbekistan to the west, Kyrgyzstan is often referred to as the "Switzerland of Central Asia" due to its majestic mountain landscapes. Kyrgyzstan has a diverse cultural heritage, shaped by its nomadic history and influences from various ethnic groups. The Kyrgyz people, known for their warm hospitality, still practice traditional customs like nomadic yurt dwelling and horsemanship. Kyrgyzstan's tourism industry is growing as more travelers discover its charms. Visitors can explore historical sites like the Silk Road caravanserais, engage in trekking and horseback riding adventures, and immerse themselves in the unique Kyrgyz culture. In conclusion, Kyrgyzstan's natural beauty, cultural richness, and hospitable people make it a hidden gem for travelers seeking an off-the-beaten-path experience in Central Asia.
Jeevan Drishti
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Book
Meri Yatrayen
- Author Name:
Ramdhari Singh Dinkar
- Book Type:

- Description: पुस्तक में पोलैंड, जर्मनी, चीन, मॉरिशस, कीनिया आदि देशों की यात्राओं का रोचक वर्णन है। दिनकर जी ने अपनी इन यात्राओं को जिस तरह रचनात्मक संवाद का विषय बनाया है, वह अपने प्रभाव में विलक्षण है। पुस्तक का हर अध्याय एक आत्मीयता के साथ सहज ही अपने बहाव में लिए चला जाता है। पोलैंड का वारसा नगर, जहाँ हिटलर के राज्यकाल में नाजियों द्वारा लाखों बेगुनाह मारे गए थे, वह अपने बदले समय में किस तरह राजनीतिक स्वतंत्रता, साहित्यिक-सांस्कृतिक उर्वरता का प्रतीक है; साथ ही अपने साम्यवादी देश की अर्थ-व्यवस्था के लिए आम नागरिकों में भी किस तरह की संघर्ष-चेतना है; दिनकर जी ने तटस्थ होकर आकलन प्रस्तुत किया है। ऐसा वे चीन की यात्रा के दौरान भी करते हैं। वहाँ भी उन्होंने एक साम्यवादी देश के समाज, साहित्य, राजनीति के साथ रहन-सहन, खान-पान, बोलचाल आदि को बहुत ही क़रीब से देखने-समझने की कोशिश की है और अन्तर्विरोधों के प्रति अपने बेबाक मंतव्यों से परिचय कराया है। इसी तरह जर्मनी, लंदन, कीनिया जैसे देशों के वर्तमान और अतीत का जो वृत्तान्त है, वह अपने वैज्ञानिक और दार्शनिक बोध में आज भी बेहद महत्त्वपूर्ण है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों से गए लोगों का अपने मूल और मूल्यों के प्रति श्रद्धा और आस्था किस तरह पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी हुई है, उसका गहन अन्वेषण दिनकर जी अपनी मारीशस यात्रा के दौरान करते हैं। कुल मिलाकर 'मेरी यात्राएँ' पुस्तक एक ऐसी थाती है जिसके ज़रिए बीसवीं सदी में कई देशों के उस यथार्थ से अवगत होते हैं, उन देशों के विकास में जिसकी निर्णायक भूमिका र
Door Durgam Durust : Purvgrahon Ke Paar Purvottar Ki Yatra
- Author Name:
Umesh Pant
- Book Type:

- Description: ‘दूर दुर्गम दुरुस्त’ दरअसल पूर्वोत्तर से जुड़ी यात्राओं की एक दस्तावेज़ है। इसे आप एक घुमक्कड़ की मनकही भी कह सकते हैं जो अक्सर अनकही रह जाती है। मुख्यधारा में पूर्वोत्तर की जितनी भी चर्चा होती है, उसमें उसके दुर्गम भूगोल की चीख़-पुकार ही शामिल रहती हैं। यह किताब उनसे विलग उन आहटों को सुनने की कोशिश है जो कहीं दबकर रह जाती हैं। इस किताब में मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर के कुछ हिस्सों में की गई यात्राओं के वृत्तान्त हैं। जगहों और लोगों की कहानियाँ हैं। पूर्वोत्तर में भटकता एक यात्री मन, देखने और सुनने से एक क़दम आगे बढ़कर महसूस करने की ललक में जो कुछ समेट सका है, उसकी शाब्दिक यात्रा है यह किताब!
Ghat Ghat Ka Pani
- Author Name:
Ambrish Kumar
- Book Type:

- Description: कहते हैं कि यात्राएँ हमें पुनर्जीवन देती हैं। शहरों में बसने और वहाँ की दैनिक आवाजाही में अनेक लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि जीवन कब बीत गया और कितनी बड़ी धरती उनकी कल्पना से भी अछूती रह गई। वे सौभाग्यवान होते हैं जिन्हें जीवन अवसर भी देता है और हौसला भी कि वे रोज़मर्रा की चक्की को रोककर बीच-बीच में कभी प्रकृति के विशाल वैभव से एकाकार हो जाएँ और कभी सुदूर नगरों में ही अपने ही जैसे लेकिन भिन्न ढंग से जीते-मरते लोगों से अपने सुख-दु:ख बाँट आएँ। इस पुस्तक के लेखक उन्हीं सौभाग्यवान और हौसलामन्द लोगों में हैं। घूमने का संस्कार उन्हें बचपन में ही मिल गया था जिसका निर्वाह वे अब तक कर रहे हैं। देश के लगभग हर हिस्से में हो आए हैं। यह पुस्तक उनकी उन्हीं यात्राओं का लेखा-जोखा है। अपनी सहज और अनुभवों से पकी भाषा में यहाँ वे अपने शुद्ध यात्री-रूप में उपस्थित हैं। उनकी इन यात्राओं को पढ़ते हुए उन लोगों को भी अपनी पहुँच से बाहर पड़ी उस विशाल प्रकृति, उस विराट जीवन का अनुभव होगा जो अब तक बस सोचते रहे हैं कि यार, कहीं घूम आया जाए। इस पुस्तक को पढ़कर वे अपने इरादों को और स्थगित नहीं कर पाएँगे।
Buddh ka Kamandal Laddakh
- Author Name:
Krishna Sobti
- Book Type:

-
Description:
हिमालय हमारे देश के भूगोल और इतिहास का महानायक है। हिमालय देश की चारों दिशाओं में फैले भारतीय जनमानस का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्रोत है। शिखरों पर स्थित हमारे तीर्थों का पवित्र प्रतीक है। भारतीय मन को उद्वेलित करती कलात्मक अभिव्यक्तियाँ इसी महान उद्गम से निकली नदियों के साथ-साथ प्रवाहित होती रही हैं। भारत-भूमि से उदित हो विश्व-भर के नागरिकों को शान्ति का परम सन्देश देती रही हैं। हिमालय की ऊँचाइयों में स्थित लद्दाख़ दूसरे पर्वतीय स्थानों से एकदम अलग है। ऊपर निर्मल नीला आकाश, श्वेत फेनिल बादलों से सजा और नीचे पीले, रेतीले, मटमैले में स्लेटी ऊँचे बर्फ़ीले शिखरों को लुभाती ग्रे, काली, ताम्बई और दालचीनी रंग की चट्टानें। कुदरत के कठोर वैभव का अनूठा लैंडस्केप।
लद्दाख़ की जीती-जागती छवियों से सजी इस किताब में कृष्णा सोबती ने वहाँ बिताए अपने कुछ दिनों की यादें ताज़ा की हैं और उन अनुभूतियों को फिर से अंकित किया है जिन्हें विश्व के इसी भू-भाग से अनुभव और अर्जित किया जा सकता है। लद्दाख़ को कई नामों से जाना जाता है जिनमें एक नाम ‘बुद्ध का कमण्डल’ भी है। बुद्ध के कमण्डल, लद्दाख़ में उदय होती उषाओं, घिरती साँझों और इनके बीच फैले स्तब्धकारी सौन्दर्य के पथरीले विस्तार में टहलती, प्रसिद्ध चित्रकार सिद्दार्थ के कैमरे से लिए गए चित्रों से सजी यह किताब हमें उस जगह ले जाती है, जिसका इस धरती पर स्थित होना ही हमें चकित करता है।
Meri Tibbat Yatra
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
- Book Type:

- Description: स्त्री-जीवन के क़ानूनी पहलू पर विस्तार और प्रामाणिक जानकारी से लिखते हुए अरविन्द जैन ने स्त्री-विमर्श की सामाजिक-साहित्यिक सैद्धान्तिकी में एक ज़रूरी पहलू जोड़ा। क़ानून की तकनीकी पेचीदगियों को खोलते हुए उन्होंने अक्सर उन छिद्रों पर रोशनी डाली जहाँ न्याय के आश्वासन के खोल में दरअसल अन्याय की चालाक भंगिमाएँ छिपी होती थीं। इसी के चलते उनकी किताब ‘औरत होने की सज़ा’ को आज एक क्लासिक का दर्जा मिल चुका है। स्त्री लगातार उनकी चिन्ता के केन्द्र में रही है। बतौर वकील भी, बतौर लेखक भी और बतौर मनुष्य भी। सम्पत्ति के उत्तराधिकार में औरत की हिस्सेदारी का मसला हो या यौन शोषण से सम्बन्धित क़ानूनों और अदालती मामलों का, हर मुद्दे पर वे अपनी किताबों और पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पाठक का मार्गदर्शन करते रहे हैं। ‘बेड़ियाँ तोड़ती स्त्री’ उनकी नई किताब है जो काफ़ी समय के बाद आ रही है। इस दौरान भारतीय स्त्री ने अपनी एक नई छवि गढ़ी है, और एक ऐसे भविष्य का नक़्शा पुरुष-समाज के सामने साफ़ किया है जिसे साकार होते देखने के लिए शायद अभी भी पुरुष मानसिकता तैयार नहीं है। लेकिन जिस गति, दृढ़ता और निष्ठा के साथ बीसवीं सदी के आख़िरी दशक और इक्कीसवीं के शुरुआती वर्षों में पैदा हुई और अब जवान हो चुकी स्त्री अपनी राह पर बढ़ रही है, वह बताता है कि यह सदी स्त्री की होने जा रही है और सभ्यता का आनेवाला समय स्त्री-समय होगा। इस किताब का आधार-बोध यही संकल्पना है। तार्किक, तथ्य-सम्मत और सद्भावना से बुना हुआ स्त्री के भविष्य का स्वप्न। उनका विश्वास है कि अब साल दर साल देश के तमाम सत्ता-संस्थानों में शिक्षित, आत्मनिर्भर, साधन-सम्पन्न, शहरी स्त्रियों की भूमिका और भागीदारी अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी। समान अधिकारों के लिए सामाजिक-राजनीतिक संघर्ष तेज़ होंगे और भविष्य की स्त्री हर क्षेत्र में हाशिये के बजाय केन्द्र में दिखाई देने लगेगी। समानता और न्याय की तलाश में निकली स्त्री अपना सबकुछ दाँव पर लगा रही है। सो भविष्य की स्त्री इन्साफ माँगेगी। सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक इन्साफ़। देह और धरती पर ही नहीं सबकुछ पर बराबर अधिकार।
Kharama-Kharama
- Author Name:
Pankaj Bisht
- Book Type:

- Description: Hindi travelogue By Pankaj Bisht
Ek Kam Sath - Rajurkar Raj
- Author Name:
Ramarao Vamankar
- Book Type:

- Description: This book has no description
Smrtiyon Me Ramte Hue
- Author Name:
Dr. Kamal Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Book
Paanv Ke Pankh
- Author Name:
Shikha Varshney
- Book Type:

- Description: travel
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...