Taaron Bhara Aakash
Author:
Gunakar MuleyPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Science0 Reviews
Price: ₹ 319.2
₹
399
Available
गुणाकर मुळे ने विज्ञान के अनेक विषयों पर लगातार लिखा और इसके लिए एक भाषा भी तैयार की, जिसमें कठिन से कठिन अवधारणा को स्पष्ट किया जा सके। उनका उद्देश्य सिर्फ़ वैज्ञानिक जानकारियों का सम्प्रेषण नहीं था, वे हिन्दी समाज में सोच और व्यवहार के स्तर पर वैज्ञानिक चेतना और दृष्टि की स्थापना करना चाहते थे। विभिन्न विषयों पर उनकी पुस्तकों को इसी नज़रिए से पढ़ना चाहिए।</p>
<p>‘तारों भरा आकाश’ समाज में व्याप्त ज्योतिष-सम्बन्धी अन्धविश्वासों को पाठकों के मन से दूर करने के लिए लिखी गई पुस्तक है। इसमें आकाश के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है।</p>
<p>पुस्तक को आद्योपांत पढ़ने के बाद शायद ही पाठक के मन में किसी अन्धविश्वास के लिए जगह बाक़ी रहेगी। आकाशगंगा, विभिन्न तारों, तारामंडलों, ज्योतिष वास्तव में क्या हैं, भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ-ज्योतिषी, उल्का-वृष्टि, और इन सबसे जुड़ी किंवदन्तियों की जानकारी देते हुए पुस्तक में परिशिष्ट के तहत खगोल-विज्ञान का इतिहास, तारा-मंडलों की सूची, राशि नाम और खगोलीय जगत को समझने के लिए पारिभाषिक शब्दावली आदि सहयोगी सामग्री भी दी गई है। आकाश जिसे हम खुली आँखों से एक रहस्यलोक की तरह देखते हैं, इस पुस्तक को पढ़ने के बाद हमें और दिलचस्प लगने लगता है।
ISBN: 9789388753715
Pages: 382
Avg Reading Time: 13 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: आतिशबाज़ी में या त्योहारों के अवसरों पर जिन ‘राकेटों’ को उड़ाया जाता है, उनका आविष्कार सदियों पहले हुआ था। मनोरंजन करनेवाले इन छोटे राकेटों में और आदमी को चन्द्रमा तक पहुँचानेवाले आज के भीमकाय राकेटों में सिद्धान्तत: कोई अन्तर नहीं है। आतिशबाज़ी के ‘राकेट’ भी निर्वात में यात्रा कर सकते हैं लेकिन वह इतना शक्तिशाली नहीं होते, इसलिए कुछ मीटर ऊपर जाकर नीचे आ गिरते हैं, परन्तु अब ऐसे राकेट बन चुके हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र को लाँघते हुए बाह्य अन्तरिक्ष तक पहुँच जाते हैं। यही एक राकेट-यान है जो अन्तरिक्ष में यात्रा कर सकता है। इसी मानव-निर्मित यान ने अन्तरिक्ष-यात्रा के युग का उद्घाटन किया है। राकेट-यान ने धरती के मानव को चन्द्रमा तक पहुँचाया है। निकट भविष्य में यह यान आदमी को सौर-मंडल के सभी ग्रहों तक पहुँचा देगा, और आगे यही यान आदमी को दूसरे तारों के ग्रहों तक या आकाशगंगाओं की दूरस्थ सीमाओं तक भी लेकर जा सकता है। श्री मुळे ने पी.एस.एल.वी. राकेट-यान शृंखला तक के विकास, निर्माण और उन्हें अन्तरिक्ष में छोड़े जाने की कहानी को इस पुस्तक में बड़ी ही रोचक और सरल भाषा में लिखा है और राकेट विज्ञान के तमाम सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक पहलुओं से पाठकों को अवगत कराया है।
Sansar Ke Mahan Ganitagya
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Gunakar Muley
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- Description: वैज्ञानिकों ने भौतिक जगत् के अन्वेषण के लिए गणित का उपयोग परमावश्यक माना है। लेकिन इतने महत्त्व का विषय होते हुए भी अंग्रेज़ी तक में गणित के इतिहास और गणितज्ञों के बारे में जानकारी देनेवाले ज़्यादा ग्रन्थ नहीं हैं। जो हैं, उनमें भारत या पूर्व के अन्य देशों की गणितीय उपलब्धियों के बारे में बहुत कम सूचनाएँ मिलती हैं। इस दृष्टि से प्रस्तुत पुस्तक की उपादेयता स्वयंसिद्ध है। यह इसलिए और भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि हिन्दी में यह अपने विषय की सम्भवतः पहली कृति है। इस ग्रन्थ में विद्वान लेखक ने यूनानी गणितज्ञ यूक्लिड (300 ई.पू.) से लेकर जर्मन गणितज्ञ डेविड हिल्बर्ट (1862-1943) तक संसार के उनचालीस गणितज्ञों के जीवन और कृतित्व का परिचय दिया है। इनमें पाँच भारतीय गणितज्ञ भी हैं—आर्यभट, ब्रह्मगुप्त, महावीराचार्य, भास्कराचार्य और रामानुजन, जो संसार के श्रेष्ठ गणितज्ञों के समुदाय में स्थान पाने के निश्चय ही अधिकारी हैं। हम न्यूटन, गॉस, आयलर, रीमान, कान्तोर आदि महान गणितज्ञों के गणितीय सिद्धान्तों के बारे में पढ़ते हैं, उनका उपयोग करते हैं। मगर इन गणितज्ञों के संघर्षमय जीवन के बारे में हमारी जानकारी नहीं के बराबर होती है। प्रस्तुत ग्रन्थ में गणितज्ञों को कालक्रमानुसार रखा गया है, इसलिए इस ग्रन्थ से प्राचीन काल से लेकर वर्तमान सदी के आरम्भ काल तक के गणित के बहुमुखी विकास की भी सिलसिलेवार जानकारी मिल जाती है। ग्रन्थ के अन्त में पारिभाषिक शब्दावली, सहायक ग्रन्थ-सूची, नामानुक्रमणिका, विषयानु- क्रमणिका आदि के छह परिशिष्ट हैं। संसार के महान गणितज्ञों के जीवन और कृतित्व से सम्बन्धित यह प्रेरणाप्रद जानकारी इस ग्रन्थ में मिलेगी, हिन्दी में पहली बार
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