Janane ki Batein (Vol. 3)
Author:
Deviprasad ChattopadhyayPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Science0 Reviews
Price: ₹ 396
₹
495
Available
Janane ki Batein (Vol. 2)
ISBN: 9788126711512
Pages: 116
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Gunakar Muley
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- Description: वैज्ञानिकों ने भौतिक जगत् के अन्वेषण के लिए गणित का उपयोग परमावश्यक माना है। लेकिन इतने महत्त्व का विषय होते हुए भी अंग्रेज़ी तक में गणित के इतिहास और गणितज्ञों के बारे में जानकारी देनेवाले ज़्यादा ग्रन्थ नहीं हैं। जो हैं, उनमें भारत या पूर्व के अन्य देशों की गणितीय उपलब्धियों के बारे में बहुत कम सूचनाएँ मिलती हैं। इस दृष्टि से प्रस्तुत पुस्तक की उपादेयता स्वयंसिद्ध है। यह इसलिए और भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि हिन्दी में यह अपने विषय की सम्भवतः पहली कृति है। इस ग्रन्थ में विद्वान लेखक ने यूनानी गणितज्ञ यूक्लिड (300 ई.पू.) से लेकर जर्मन गणितज्ञ डेविड हिल्बर्ट (1862-1943) तक संसार के उनचालीस गणितज्ञों के जीवन और कृतित्व का परिचय दिया है। इनमें पाँच भारतीय गणितज्ञ भी हैं—आर्यभट, ब्रह्मगुप्त, महावीराचार्य, भास्कराचार्य और रामानुजन, जो संसार के श्रेष्ठ गणितज्ञों के समुदाय में स्थान पाने के निश्चय ही अधिकारी हैं। हम न्यूटन, गॉस, आयलर, रीमान, कान्तोर आदि महान गणितज्ञों के गणितीय सिद्धान्तों के बारे में पढ़ते हैं, उनका उपयोग करते हैं। मगर इन गणितज्ञों के संघर्षमय जीवन के बारे में हमारी जानकारी नहीं के बराबर होती है। प्रस्तुत ग्रन्थ में गणितज्ञों को कालक्रमानुसार रखा गया है, इसलिए इस ग्रन्थ से प्राचीन काल से लेकर वर्तमान सदी के आरम्भ काल तक के गणित के बहुमुखी विकास की भी सिलसिलेवार जानकारी मिल जाती है। ग्रन्थ के अन्त में पारिभाषिक शब्दावली, सहायक ग्रन्थ-सूची, नामानुक्रमणिका, विषयानु- क्रमणिका आदि के छह परिशिष्ट हैं। संसार के महान गणितज्ञों के जीवन और कृतित्व से सम्बन्धित यह प्रेरणाप्रद जानकारी इस ग्रन्थ में मिलेगी, हिन्दी में पहली बार
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