Jeewan Bhi Kavita Ho Sakta Hai
Author:
Vishnu NagarPublisher:
Antika Prakashan Pvt. Ltd.Language:
HindiCategory:
Poetry0 Ratings
Price: ₹ 225.5
₹
275
Available
Poems
ISBN: 9789381923788
Pages: 136
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: The book Close to my Heart is an odyssey of my life with love for nature, time spent with my family, personal relations, pains of waiting, separating, and joys of meeting. Most of the poems are vivid imagery, deeply passionate and come straight from the core of my heart. A reader can connect to any poem and experience the same feelings during their lifetime. The mood in the Close to my Heart reflects a variety of experiences of contentment, regret, delight, loneliness, separation and ecstasy in personal, professional, and emotional life. I did not follow any traditional regular poetic scheme; however the flow of the verse sounds rhythmic. Some poems are short and some are long, yet remain focused on a particular theme and topic. Usually it’s the rejection, abandonment and the solitude that turns you to Almighty. Nowhere it is mentioned in the book; however a reader can perceive my trust and subservience to the Omnipotent. Occasionally it takes many pages to express one’s thoughts but anthology Close to my Heart is a squeezed collection of my poems with myriad thoughts and scores of experiences. Any critique or analyst can spend years paraphrasing those thoughts into writing. For a reader’s convenience, anthology is divided into very succinct six sections: Realization, Nature, Prayers, Connection, Charismatic Kullu, and Close to my Heart.
Kavitayen : Vol. 2
- Author Name:
Sarveshwardayal Saxena
- Book Type:

-
Description:
नई कविता की लोक–सम्पृक्ति के प्रतिनिधि कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की ‘कुआनो नदी’ और ‘जंगल का दर्द’ से पूर्ववर्ती सम्पूर्ण काव्य–साधना का पहला खंड ‘कविताएँ–1’ कविताओं का यह दूसरा खंड है। इसमें पूर्व प्रकाशित कवि के दो संग्रहों (‘एक सूनी नाव’ और ‘गर्म हवाएँ’) की कविताएँ सम्मिलित हैं। इन कविताओं में कवि के निजी जीवन और समसामयिक सामाजिक, राजनीतिक जीवन की त्रासदी परस्पर गुम्फित है। ये कविताएँ राजनीति से भागती नहीं क्योंकि वह आज के जीवन का हिस्सा हैं लेकिन राजनीतिक मतवाद से उनका अलगाव अवश्य है। दरअसल, सर्वेश्वर के तर्इं इनसान से बड़ा कुछ भी नहीं है—न ईश्वर, न प्रकृति—सबका क़द उनके यहाँ एक
है।सर्वेश्वर की कविताएँ भाषा से दुर्व्यवहार करनेवाले कवियों की इधर बढ़ती हुई भीड़ के लिए एक सबक भी है। वे अपनी निजी दुनिया में ले जाकर, सामाजिक ‘सच्चाई’ से सूक्ष्म सम्पर्क करती हुर्इं, पाठक के मन में भाषा के प्रति एक धड़कता हुआ रिश्ता बनाती हैं। ‘एक सूनी नाव’ और ‘गर्म हवाएँ’—ये शीर्षक ही सर्वेश्वर की काव्य–यात्रा के बदलाव को सूचित करते हैं। पर सर्वेश्वर की कविता में जो ‘ग़ुस्सा’ धीरे–धीरे अपेक्षाकृत अधिक मुखर हुआ है, उसके पीछे भाषा पर पड़नेवाले दबाव की स्थिति से एक गहरा रचनात्मक मुक़ाबला है। कविता में निषेधी भाषा की तीव्र उपस्थिति कुछ करने और बदलने की इच्छा से अनुप्रेरित है—सिर्फ़ ग़ुस्से से ही नहीं।
Koi Deevar Bhi Nahin
- Author Name:
Suresh Salil
- Book Type:

- Description: collection of poems
Dilfareb
- Author Name:
Rajkumar Kori Raz
- Book Type:

- Description: This book has no description
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