Pratinidhi Kahaniyan : Uday Prakash
Author:
Uday PrakashPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
उदय प्रकाश पिछले कई दशकों से हिन्दी के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले कहानीकार रहे हैं। हिन्दी कहानी के फ़ॉर्म को आमूल बदलते हुए उन्होंने नई तरह की पठनीयता का आविष्कार किया जिसमें यथार्थ का पुनर्घटन अपने बहुत नज़दीक होता प्रतीत होता है। आप उन्हें पढ़ते हुए उनमें विचरते भी हैं। वे आपके सामने घटित होती प्रतीत होती हैं। आज वे अकेले ऐसे कहानीकार हैं जिनकी लगभग हर नयी कथा-रचना को एक साहित्यिक परिघटना की तरह देखा जाता है, जिनकी हर कहानी अक्सर सुदीर्घ बहसों को जन्म देती है और वर्तमान कथा-चेतना को एक नई दिशा भी। उनकी कहानी सिर्फ़ उन पात्रों की नहीं होती जिनके नाम हमें वहाँ पढ़ने को मिलते हैं, वह पूरे समाज, पूरी सभ्यता, अपने समूचे समय की कहानी होती है। उदय प्रकाश की कला के जानकार प्रखर आलोचक संजीव कुमार द्वारा किए गए इस प्रतिनिधि चयन में उनकी कुछ लम्बी और कुछ छोटी कहानियों को रखा गया है, ताकि पाठक उदय प्रकाश के विराट और सूक्ष्म, दोनों से परिचित हो सके।
ISBN: 9788119028412
Pages: 240
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Something Unspoken Too - Award Winning Short Stories
- Author Name:
Prem Parkash +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Something Unspoken Too, Kujjh Ankeha Vi, which won Prem Parkash the prestigious Sahitya Akademi Award in 1992, is now being rendered into English as Something Unspoken Too. Most of the stories iun this collection bear testimony to this unique facet of Prem Parkash's art and craft, through which he searches for the hidden, the unrevealed, the mysterious and the unspoken, all in an effort to understand the complexities of human motives and actions. Thestories in this collection move precariously across the spectruuum of words and silences, giving rise to spaces in which the unarticulated can aesthetically be located. Prem Parkash is a 'poet' of the twilight zone, a wanderer of forbidden territories and a cartographer of complex human relationships.
Uska Yauvan
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत कहानी-संग्रह ‘उसका यौवन’ में ममता कालिया की स्मृति की अनेक घटनाएँ, स्वप्न, दु:स्वप्न, अनुराग-विराग और आशंकाएँ समाई हैं। इस कहानी-संग्रह में ‘उसका यौवन’, ‘नई दुनिया’, ‘अपने शहर की बत्तियाँ’, ‘आहार’, ‘पचीस साल की लड़की’, ‘राजू?’ ‘मनहूसाबी’, ‘मुहब्बत से खिलाइए’, ‘अट्ठावनवाँ साल’, ‘मनोविज्ञान’, ‘आलमारी’, ‘बिटिया’, ‘दर्पण’ कहानियाँ संगृहीत हैं। इस संग्रह की विचारोत्तेजक कहानियाँ पठनीय और संग्रहणीय हैं।
Bachuli Chaukidarin Ki Kadhi
- Author Name:
Mrinal Pande
- Book Type:

-
Description:
कुछ ही दिन पहले मेरी दो कहानियों पढ़कर दो पाठकों के क्रोध-भरे पत्र आए। एक ने लिखा था कि 'अपने लेखों और अन्य कार्यक्रमों में मैं स्त्री-मुक्ति और आत्मनिर्भरता की बात करती हूँ, जबकि इस कहानी की नायिका की घुटनभरी-दब्बू जिंदगी हमें कोई ऐसा ‘संदेश’ नहीं देती। दूसरे पाठक ने भी घुमा-फिराकर यही पूछा था कि ‘ठीक है, पात्रों की निजी दुनिया के दबावों और उनके सुख-दुख से कहानी हमारा साक्षात्कार तो कराती है, पर यह अन्त में आकर हमें ‘सिखाती’ क्या है?’ मुझे लगता है कि एक बोझिल हितोपदेशी पाठ्यक्रम की किताबों से ‘साहित्य’ पढ़कर निकले ऐसे पाठक रचनात्मक साहित्य की आत्मा से अपरिचित ही रह आए हैं। मुझे खेद है, मेरी कहानियाँ इनकी थोथी उपदेश-तृष्णा नहीं बुझा सकतीं।
हर कहानी या उपन्यास घटनाओं-पात्रों के जरिए सत्य से एक आशिक और कुतूहलभरा साक्षात्कार होता है। साहित्य हमें जीवन जीना सिखाने के बजाय टुकड़ा-टुकड़ा 'दिखाता' है, वे तमाम नर्क-स्वर्ग, वे राग-विराग, वे सारे उदारता और संकीर्णता-भरे मोड़, जिनका सम्मिलित नाम मानव-जीवन है। जो साहित्य उघाड़ता है, वह अन्तिम सत्य या सार्वभौम आदर्श नहीं, बहुस्तरीय यथार्थ होता है। हाँ, यदि जीवन में आदर्श या सत्य अनुपस्थित या अवहेलित हैं, तो उस विडंबना को भी यह जताता जाता है।
मेरी तहत साहित्य को रचना, परोक्ष रूप से सत्य से आंशिक साक्षात्कारों की ऐसी ही एक शृंखला पाठकों के लिए तैयार करना होता है, जिसके सहारे एक सहृदय व्यक्ति अपनी चेतना, अपनी संवेदना और अभिव्यक्ति-क्षमता का सहज ही कुछ और विस्तार होता पाए। चिंतनपरक लेख और रचनात्मक लेखन के बीच का फासला तर्कसंगत ज्ञान और संवेदनात्मक समझ के बीच का फासला है।
—मृणाल पाण्डे
Madhuyamini
- Author Name:
Shivani
- Book Type:

-
Description:
महिला कथाकारों में जितनी ख्याति और लोकप्रियता शिवानी ने प्राप्त की है, वह एक उदाहरण है श्रेष्ठ लेखन के लोकप्रिय होने का। शिवानी लोकप्रियता के शिखर को छू लेनेवाली ऐसी हस्ती हैं, जिनकी लेखनी से उपजी कहानियाँ कलात्मक भी होती हैं और मर्मस्पर्शी भी। अन्तर्मन की गहरी परतें उघाड़नेवाली ये मार्मिक कहानियाँ शिवानी की अपनी मौलिक पहचान हैं जिसके कारण उनका अपना एक व्यापक पाठक वर्ग तैयार हुआ। इनकी कहानियाँ न केवल श्रेष्ठ साहित्यिक उपलब्धियाँ हैं, बल्कि रोचक भी इतनी हैं कि आप एक बार शुरू करके पूरी पढ़े बिना छोड़ ही नहीं पाते।
प्रस्तुत संग्रह में ‘तोप’, ‘मधुयामिनी’, ‘प्रतिशोध’, ‘मरण सागर पारे’, ‘गजदन्त’, ‘मित्र’, ‘दादी’, ‘भीलनी’, ‘चलोगी चन्द्रिका?’ एवं ‘गन्धारी’ कहानियाँ संकलित हैं। हर कथा अपनी मोहक शैली में अभिभूत कर देने की अपार क्षमता रखती है। कलात्मक कौशल के साथ रची गई ये कहानियाँ हमारी धरोहर हैं जिन्हें आज की नई पीढ़ी अवश्य पढ़ना चाहेगी।
Kahaniyan Rishton Ki : Pita
- Author Name:
Akhilesh
- Book Type:

- Description: इनसान के जीवन में जितने सम्बन्ध होते हैं उनमें पिता जैसा विविधरूपी, बहुआयामी और बहुस्तरीय रिश्ता कोई दूसरा नहीं होता है। दूरी और नज़दीकी के जाने कितने शेड्स इस एक रिश्ते में होते हैं। इस संकलन में उन सभी बेहतरीन कहानियों का चयन करने की कोशिश की गई है, जिनसे पिता का सम्बन्ध अपने विविध रूपों में सामने आ सके। इस संकलन की कहानियों को पढ़ते हुए भिन्न-भिन्न दौर के पिता की झलक भी साकार होती है।
Tang Galiyon se bhi Dikhta Hai Akash
- Author Name:
Yadvendra
- Book Type:

- Description: मेरा मानना है कि हिंदी में ही नहीं बल्कि भारतीय भाषाओं में अब तक अनूदित कहानियों के जितने संकलन हैं उनमें यह किताब इसलिए विशिष्ट है क्योंकि पहली बार छह महादेशों के 25 देशों की 27 स्त्री कहानीकारों की कहानियां इसमें शामिल हैं। दुनिया का कोई प्रश्न ऐसा नहीं है जो इसमें शामिल न किया गया हो। —प्रो. रविभूषण
Teen Saheliyan Teen Premi
- Author Name:
Aakanksha Pare Kashiv
- Book Type:

-
Description:
हो सकता है कि इधर कहानी कि परिभाषा बदल गई हो, लेकिन मेरे हिसाब से एक अच्छी कहानी कि अनिवार्य शर्त उसकी पठनीयता होनी चाहिए। आतंक जगानेवाली शुरुआत कहानी में न हो, वह अपनत्व से बाँधती हो तो मुझे अच्छी लगती है। आकांक्षा की कहानी 'तीन सहेलियाँ तीन प्रेमी' पढ़ना शुरू किया तो मैं पढ़ती चली गई। यह कहानी दिलचस्प संवादों में चली है। उबाऊ वर्णन कहीं है ही नहीं। सम्प्रेषणीयता कहानी के लिए ज़रूरी दूसरी शर्त है। लेखक जो कहना चाह रहा है, वह पाठक तक पहुँच रहा है। इस कहानी के पाठक को बात समझाने के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती। संवादों में बात हम तक पहुँचती है। स्पष्ट हो जाता है कि कहानी कहती क्या है। लेखक क्या कहना चाहता है। एक चीज़ यह भी कि रचनाकार ने कोई महत्वपूर्ण मुददा उठाया है, वह है व्यक्ति या समाज का। आख़िर वह मुददा क्या है। सहज ढंग से, तीन अविवाहित लड़कियों कि कहानी है यह जो तीन विवाहित पुरुषों से प्रेम करती हैं। वहाँ हमें मिलना कुछ नहीं है, यह जानते हुए भी वे उस रास्ते पर जाती हैं। अच्छी बात यह है कि आकांक्षा ने न पुरुषों को बहुत धिक्कारा है, न आँसू बहाए हैं। कहानी सहज-सरल ढंग से चलती है। लड़कियाँ अपनी सीमाएँ जानते हुए भी सेलिब्रेट करती हैं और अन्त में अविवाहित जीवन कि त्रासदी होते हुए भी (त्रासदी मैं कह रही हूँ, कहानी में नहीं है), कहीं यह भाव नहीं है, यह जीवन का यथार्थ है। जो नहीं मिला है, उसे भी सेलिब्रेट करो। आकांक्षा से पहली बार मिलने पर मुझे लगा कि यह लड़की सहज है। फिर एक शहर का होने के नाते निकटता और बढ़ी।
—मन्नू भंडारी
Hampi Express
- Author Name:
Vasudhendra
- Rating:
- Book Type:

- Description: ಹಂಪಿ ಎಕ್ಸ್ಪ್ರೆಸ್ (ಕನ್ನಡ)-ವಸುಧೇಂದ್ರ ಅವರ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಣ್ಣ ಕಥೆಗಳ ಸಂಗ್ರಹವನ್ನು ಚಂದಾ ಪುಸ್ತಕದಿಂದ ಪ್ರಕಟಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಕೃತಿಯಲ್ಲಿ ವಾಸ್ತವಕ್ಕೆ ಹತ್ತಿರವಾದ ಮತ್ತು ಸಮಕಾಲೀನ ತಲ್ಲಣಗಳನ್ನು ಎದುರಿಸುವ ಹಲವು ವಿಷಯಗಳನ್ನು ಕಥೆಗಾರ ವಸುಧೇಂದ್ರ ಓದುಗರಿಗೆ ನೀಡಿದ್ದಾರೆ. ಈ ಕೃತಿಗೆ ಮಾಸ್ತಿ ಕಥಾ ಪ್ರಶಸ್ತಿ, ಬೇಂದ್ರೆ ಪುಸ್ತಕ ಬಹುಮಾನ ಮತ್ತು ವಾಸುದೇವ ಭೂಪಾಲಂ ಪ್ರಶಸ್ತಿ ಲಭಿಸಿದೆ.
Manglacharan
- Author Name:
Amrit Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Raftar
- Author Name:
Doorva Sahay
- Book Type:

-
Description:
आस-पास की बहुत परिचित-सी दुनिया को लेकर दूर्वा सहाय ने बेहद संवेदनशील कहानियाँ लिखी हैं। स्थितियों की जटिल नाटकीयता को पकड़ने की गहरी दृष्टि, जानी-पहचानी स्थितियों को पाठक के लिए एकदम नया बना देती है। इन कहानियों से गुजरना निहायत निजी दुनिया को नई दृष्टि से देखना है। मौसम, रफ्तार, डर, जिरह, रिमोट कंट्रोल या संग्रह की हर कहानी अपने चरित्रों, उनके अन्तर्द्वन्द्वों के कारण बहुत समय तक हमारी संवेदना का हिस्सा बनी रहती हैं।
दूर्वा उन जगहों पर ‘कहानी’ खोज निकालती हैं जहाँ उनकी बारीक दृष्टि, स्थितियों को आत्मीय क्षण में बदलने की कला बन जाती है। रफ्तार संग्रह साफ-सुथरे गद्य की चित्रात्मक अनुगूँजों को पाठक की चेतना का अन्तरंग बनाता है। ये उस बेचैन नारी की निजी अन्तर्द्वन्द्वों की कहानियाँ भी हैं जो दी हुई परिधियों को समझना और उनके पार जाना चाहती है...एक निःशब्द प्रतिरोध की धीमी रफ्तार के साथ, जहाँ हर स्त्री एक रिमोट कंट्रोल से बँधी है। दूर्वा सहाय का यह संग्रह नई सदी की नारी-चेतना का दस्तावेज है।
Mansarovar Vol. 8 : Uddhar Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

-
Description:
प्रेमचन्द मनुष्य और मानवीय स्थितियों में दिलचस्पी रखते थे।... प्रेमचन्द के लिए मनुष्य की स्थिति ही समाज की स्थिति थी। उनकी कहानियों में मनुष्य को स्वयं में सम्पूर्ण इकाई के रूप में शायद ही कहीं प्रस्तुत किया गया हो। मनुष्य के अन्तर्मन की उथल-पुथल और दुविधाएँ हमेशा समाज और
आस-पास के माहौल से जुड़ी
होती हैं। यहाँ तक कि पारिवारिक सम्बन्धों को भी सामाजिक तर्कों से प्रभावित होता दिखाया गया है। उनका गहरा सामाजिक निरीक्षण उनकी कहानियों में झलकता है जिनमें उन्होंने हर 'प्रकार' के इनसानों को और लगभग हर व्यवसाय को शामिल किया है।
—विश्वनाथ एस. नरवणे
Dear Mrs. Naidu (Hindi)
- Author Name:
Mathangi Subramanian
- Book Type:

-
Description:
बारह साल की सरोजिनी का पक्का दोस्त आमिर अब उसका पक्का दोस्त नहीं रहा. जब से वह उसकी बस्ती से बाहर रहने गया और मँहगे निजी स्कूल में पढ़ने जाने लगा तब से उसके और सरोजिनी के बीच कुछ भी तो एक-सा नहीं रह गया.
तभी सरोजिनी को ‘शिक्षा का अधिकार’ क़ानून के बारे में पता चला, जिसकी मदद से उसे आमिर के स्कूल में निःशुक्ल प्रवेश मिल सकता है- या यह भी हो सकता है कि वह अपने सरकारी स्कूल में इस तरह के सुधार ला सके कि आमिर को ही वापस अपने स्कूल में बुला ले, जहाँ वे साथ-साथ पढ़ने जाते थे.
अपने पक्के दोस्त से दोस्ती बचाने की इस कोशिश में सरोजिनी को कुछ ऐसे लोगों से मदद मिलती है, जिनके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था. जैसे मज़दूर बस्ती में रहने वाली उसकी दबंग सहपाठी दीप्ति, दुष्ट होशियार मानवाधिकार वकील विमला मैडम, वर्षों पहले दिवंगत हो चुकी स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू, जो सरोजिनी की राज़दार पत्र-मित्र हैं.
मिसेज सरोजिनी नायडू को लिखे पत्रों के ज़रिए सरोजिनी की यह कहानी बताती है कि कैसे उसने ख़ुद अपनी दोस्ती, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए जूझना सीखा.
Pathar Ke Neeche Dabe Hue Hath
- Author Name:
Rajkamal Chaudhary
- Book Type:

-
Description:
राजकमल चौधरी की कहानियाँ परमाणु में पर्वत के समावेश की कहानियाँ हैं, जो मानव-जीवन के अनछुए प्रसंगों से उठाकर लाई गई हैं, जिनमें राजकमल की सारी की सारी कहानी-कला मौजूद है और लगता ऐसा है कि इनमें कोई कला नहीं दिखाई गई है। जनजीवन का सत्य ज्यों का त्यों रख दिया गया है। सच्ची घटनाएँ तो अख़बारी रिपोर्टों में बयान होती हैं, कहानी में घटनाएँ सच की तरह आती हैं। घटनाएँ सच हों, इससे ज़्यादा ज़रूरी है कि वे सच लगें भी। राजकमल की कहानियों की यह ख़ास विशेषता है कि वे सारी घटनाएँ सच हों या न हों, सच लगती अवश्य हैं।
धर्म, साहित्य, नौकरी, व्यापार, फ़िल्म, सामाजिक जीवन-यापन...तमाम क्षेत्रों की विकृतियों का इतनी सूक्ष्मता से यहाँ पर्दाफ़ाश किया गया है कि वे अचानक तार-तार हो जाती हैं। छोटे-छोटे स्वार्थों की पूर्ति, क्षणिक मनोवेगों की पुष्टि के लिए मनुष्य किस सीमा तक गिर सकता है; संन्यासी और सिद्ध योगी और यहाँ तक कि देवता की छवि रखनेवाला भी पल-भर में कैसा जानवर हो जाता है; ख़ूँख़ार जानवर कैसा गऊ हो जाता है; शेर की दहाड़ और आतंक का मालिक पल-भर में कैसे गीदड़, चूहा, केंचुआ, चींटी हो जाता है और रेंगने लगता है—मानव-जीवन की इसी उठा-पटक का एलबम है—राजकमल की कहानियाँ।
Naticharaami
- Author Name:
Santoshkumar Mehandale
- Rating:
- Book Type:

- Description: ಸ್ವತಃ ಲೇಖಕರೇ ಬರೆದು ಸಂಪಾದಿಸಿದ ಶಾಟ್ ಕಥೆಗಳು ಮತ್ತು ವೈಶಿಷ್ಟ್ಯಗಳ ಸಂಗ್ರಹ
Kachhue
- Author Name:
Intizar Hussain
- Book Type:

- Description: ुए’—यह इंतिज़ार साहब का बहुचर्चित कहानी-संग्रह है जिसमें ‘कछुए’ के अलावा दो और ऐसी कहानियाँ (पत्ते वापस) शामिल हैं जो भाषा, शिल्प और कथ्य, गरज़ कि हर पहलू से उस कहानी से अलग हैं जिसे हम प्रेमचन्द के ज़माने से आज तक पढ़ते आए हैं। वह कहानी अपने यथार्थवाद के लिए जानी गई और, समय-समय पर प्रयोग के तौर पर होनेवाले थोड़े-बहुत फेरबदल के साथ, उसका ज़ोर यथार्थ के यथासम्भव प्रामाणिक चित्रण पर ही रहा। इस संग्रह की ये चार, और इससे बाहर की इसी ढंग की कई अन्य कहानियाँ यथार्थ के दृश्य वैभव से बाहर की कहानियाँ हैं, वे समय और स्थान की निर्धारित सीमाओं को लाँघकर हमें एक ज़्यादा व्यापक अनुभव तक ले जाती हैं। इंतिज़ार हुसैन ख़ुद (अगर इनको किसी ख़ाने में रखना ही हो तो) इन कहानियों को ‘जातक कहानी’ नाम देते हैं। ‘मैं जातक कहानी लिखता हूँ। ये नई है या पुरानी, पता नहीं। इतना पता है कि सन् ’36 की हक़ीक़तनिगारी वाली कहानी से इसका कोई नाता नहीं हो सकता कि जातक कहानी हक़ीक़त के उस महदूद तसव्वुर की नफ़ी है जिस पर हक़ीक़तनिगारी की इमारत खड़ी है और उस इनसान दोस्ती की जो उस अफ़साने का ताज समझी जाती है। जातक कहानियाँ पढ़ने के बाद सन् ’36 की इनसान दोस्ती मुझे फ़िरक़ापरस्ती नज़र आती है। जातकों में आदमी कोई अलग फ़िरक़ा नहीं है। सब जीव-जन्तु एक बिरादरी हैं।’ (इसी संग्रह में शामिल ‘नए अफ़सानानिगार के नाम’ से) इनके अलावा बाक़ी की ज़्यादातर कहानियों (‘किश्ती’, ‘दीवार’, ‘रात’, ‘ख़्वाब’ और ‘तक़दीर’) में भी यह जातक-तत्त्व भरपूर ढंग से ज़ाहिर है, हालाँकि इनकी पृष्ठभूमि दूसरी है। शेष कहानियों (‘क़दामत पसंद लड़की’, 31 मार्च, ‘नींद’, ‘असीर’, ‘शोर’ आदि) में भी यथार्थवादी और आधुनिक आग्रहों के अन्तर्विरोधों को रेखांकित करते हुए उनके हास्यास्पद बौनेपन को उकेरा गया है। ‘बेसबब’, ‘सुबह के ख़ुशनसीब’, ‘फ़रामोश’ और ‘बादल’ कुछ खेलती हुई-सी कहानियाँ हैं जो अपने विषय के साथ, बिना कोई जटिल मुद्रा बनाए, एक बेहद सहज और मानवीय विस्मय के साथ पेश आती हैं। निःसन्देह, इंतिज़ार हुसैन की जानी-पहचानी चुटीली-चटकीली कहन तो हर कहानी का हिस्सा है ही।
Curfew Ki Raat
- Author Name:
Shahadat
- Book Type:

-
Description:
शहादत की कहानियाँ हिन्दुस्तान के ज़मीनी यथार्थ का वो चेहरा पेश करती हैं, जो निरन्तर बदल रहा है। हिन्दुस्तान, जिसका सांस्कृतिक बोध एक तरफ़ बहुसंस्कृति के सौन्दर्य को प्रकट करता है तो दूसरी तरफ़ साम्प्रदायिक विद्वेष की उस कुरूपता की शिनाख़्त भी करता चलता है, जो हिन्दुस्तान को एक विभाजित जनसंख्या और धार्मिक पहचान के आधार पर प्रताड़ित मनुष्यता में तब्दील करना चाहता है। मानवीय समाज की धड़कन सुनते इस कथाकार के क़िस्सों में मुस्लिम समुदाय के कई सवाल अंडरकरंट की तरह पाठक को झकझोरते हैं। उन्हें पेश करता कहानीकार मुस्लिम समुदाय की रूढ़िवादिता का भी खुलकर बयान करता है।
कहानीकार के रचना संसार में आम जीवन ख़ूब धड़कता है, जिसे रचनाकार बहुत बारीकी से सामने ले आता है। इसमें वे तमाम पूर्वाग्रह भी आ जाते हैं, जो इनसान को किन्हीं ख़ास पहचानों में सीमित करके उनकी सहजता ख़त्म कर देते हैं। ग़ौरतलब है कि पूर्वाग्रही व्यक्ति तो पहले ही असहज है और वह जिनके प्रति पूर्वाग्रही है उनकी दुनिया को भी असहज कर देता है। इस तरह अनेक असहजताएँ दुनिया के बड़े हिस्से में विस्तार पाकर इनसान को बौना कर देती हैं। यह बौनापन सब तरफ के लोगों से उनका इनसान होना छीन रहा है। ‘कर्फ़्यू की रात’ संग्रह की कहानियाँ इस बात की तस्दीक़ करती हैं।
— प्रज्ञा रोहिणी
Pui
- Author Name:
Rahul Srivastava
- Book Type:

-
Description:
राहुल की विशिष्ट बात ये है कि वे निहायत ही निजी अनुभव और दृष्टिकोण से कहानियाँ लिखते हैं पर उनकी कहानियाँ उस व्यापकता तक जाती हैं जहाँ पाठक न सिर्फ़ अपने जीवन का अंश देख पाते हैं बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन की सचाई से भी रू-ब-रू हो जाते हैं। पहले मैंने राहुल को सिर्फ़ एक फ़िल्म सम्पादक और निर्देशक की तरह जाना था जिसमें ‘इकोनॉमी ऑफ़ एक्सप्रेशन’ की कमाल की समझ है। पर अब मैं राहुल की उस हिम्मत से बहुत प्रभावित हूँ, जिससे उसने अपने अन्तर्मन को सचाई से टटोला और अपने दर्द, अपने ग़ुस्से, अपनी यादों और अपने अपराधबोध तक को शब्दों में ढालकर दुनिया के सामने रख दिया। मैंने लगभग सभी कहानियों में उस छोटे से पत्थर को महसूस किया जो चोट नहीं देना चाहता पर ठहरे हुए पानी में हलचल पैदा कर देता है।
‘चूहे’ की हिंसा सिर्फ़ एक घर की नहीं बल्कि समाज में फैली व्यापक हिंसा की तरफ खुलकर इशारा करती है। ‘पुई’ और ‘टर्मिनल-1' पढ़कर मैं उस दर्द को महसूस कर रहा था जिसे राहुल ने शब्द और जीवन दिया है। राहुल की भाषा अत्यन्त साधारण होते हुए भी उस ईमानदारी से भरी है जिसे पढ़कर मैं थोड़ा विचलित हो गया। ऐसा शायद इसलिए हुआ कि मैं ख़ुद को आईने में देख रहा था और सचाई को देखकर मुझे एक भय-सा महसूस हुआ। इस तरह की भाषा की बानगी देखकर मैं यही सोच रहा हूँ कि राहुल की आने वाली कहानियाँ कैसी होंगी। मुझे विश्वास है कि हम भविष्य के एक ऐसे लेखक को पढ़ रहे हैं जिसकी लेखनी से बहुत कुछ महत्त्वपूर्ण लिखा जाने वाला है।
—सईद अख़्तर मिर्ज़ा
Ajneya Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Ajneya'
- Book Type:

- Description: कुशीनगर (देवरिया) में सन् 1911 में जन्म। पहले बारह वर्ष की शिक्षा पिता (डॉ. हीरानंद शास्त्री) की देख-रेख में घर ही पर। आगे की पढ़ाई मद्रास और लाहौर में। एम.ए. अंग्रेजी में प्रवेश, किंतु तभी देश की आजादी के लिए एक गुप्त क्रांतिकारी संगठन में शामिल होना। शिक्षा में बाधा तथा सन् ’30 में बम बनाने के आरोप में गिरफ्तारी। जेल में रहकर ‘चिंता’ और ‘शेखर : एक जीवनी’ की रचना। क्रमशः सन् ’36-37 में ‘सैनिक’, ‘विशाल भारत’ का संपादन। सन् ’43 से ’46 तक ब्रिटिश सेना में भर्ती। सन् ’47-50 तक ऑल इंडिया रेडियो में काम। सन् ’43 में ‘तार सप्तक’ का प्रवर्तन और संपादन। क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे सप्तक का संपादन। ‘प्रतीक’, ‘दिनमान’, ‘नवभारत टाइम्स’, ‘वाक्’, ‘एवरीमैन’ पत्र-पत्रिकाओं के संपादन से पत्रकारिता में नए प्रतिमानों की सृष्टि। देश-विदेश की अनेक यात्राएँ, जिनसे भारतीय सभ्यता की सूक्ष्म पहचान और पकड़, विदेश में भारतीय साहित्य और संस्कृति का अध्यापन। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित, जिनमें ‘भारतीय ज्ञानपीठ’ सन् ’79, यूगोस्लाविया का अंतरराष्ट्रीय कविता सम्मान ‘गोल्डन रीथ’ सन् ’83 भी शामिल। सन् ’80 से वत्सल निधि के संस्थापन और संचालन के माध्यम से साहित्य और संस्कृति के बोध निर्माण में कई नए प्रयोग। अज्ञेय का संपूर्ण रचना-संसार डॉ. कृष्णदत्त पालीवाल के संपादन में प्रकाशित है।
Bhari Dopheree Ke Andhere
- Author Name:
Madhu Kankariya
- Book Type:

-
Description:
मधु कांकरिया की कहानियों को कोई संज्ञा देनी हो तो कहना पड़ेगा–बेबाक। बेबाक विद्रोह! बिना किसी कुंठा और पूर्वाग्रह के खुले दिल से चीजों को देखना, समझना, स्वीकार हो तो स्वीकार, अस्वीकार हो तो अस्वीकार! बोल्ड भी और ब्यूटीफुल भी। अपनी गन्दगी पर परदा डालते व्यक्ति का गमछा खर्र से खींचने में भी उन्हें कोई दुविधा नहीं होती।
गाँव की सड़ती गलियों से लेकर महानगर के रिसते अँधेरे और वेश्यालयों के नरक–मधु के लिए कुछ भी वर्जित और अस्पृश्य नहीं। हर जगह फैली है मधु की कहानियों की दुनिया और मधु की भाषा-शैली! जोगन-जोगन रात...रेशम-रेशम यादें...यह वह कलम है जो पाखंड के लिए किसी को भी नहीं बख्शती लेकिन किसी की जलती हकीकत से आँख नहीं चुराती। मधु मानती हैं कि ‘कोई भी सत्य सार्वकालिक नहीं हो सकता...। कि सागर की विशालता की अपनी सीमा है, वहाँ कभी प्रेम के कमल नहीं खिलते...। कि जिन्दगी का हल खुद जिन्दगी है और प्यार का जवाब खुद प्यार !’
Das Pratinidhi Kahaniyan-Sudha Om Dhingra
- Author Name:
Sudha Om Dhingra
- Book Type:

- Description: This book has no description
Customer Reviews
0 out of 5
Book