Pradakshina Ke Patra | प्रदक्षिणा के पात्र | Description Poem of Tulsi's Ramcharitmanas | Yogendra Prasad Book in Hindi
Author:
Yogendra PrasadPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 160
₹
200
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789394871182
Pages: 104
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Life Sings
- Author Name:
Veeir Shuklla +1
- Book Type:

- Description: THE LIFE REMAINS Under the fallen banyan, the small root remains, and regenerates. Erased masterpiece of god’s crayon, yet a shade reverberates. Great civilisations have kissed the dust, abandoning behind their rich stains. What rises fall it must, seems an end, yet the life remains. --from this book 'Life Sings' is a collection of eighty poems covering different living observations, hoping to enable the mind with strength to absorb the anomalous facets of life. Sincere prayers are tendered to all, to appreciate the humble effort positively.
Beej Se Vriksha Tak | Inspirational Biography of IAS G.S. Naveen Kumar
- Author Name:
Dr. Jaswant Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patanjali Yog Darshan
- Author Name:
Dr. Mridul Kirti
- Book Type:

- Description: "ऋषि पतञ्जलि प्रणीत पतञ्जलि योग दर्शन आत्म-भू-योग दर्शन हैं। यह अनन्य, अनूठा, अनुपमेय योग-दर्शन, जो अपने लिए आप ही प्रमाण है। इस अपूर्व और अद्भुत ग्रंथ के समान सृष्टि में कोई अन्य यौगिक ग्रंथ है ही नहीं। एक तरह से इसे प्रकृति की अद्भुत और चमत्कृत घटना कह सकते हैं। ‘पतञ्जलि योग दर्शन’ गणतीय भाषा में एवं सूत्रात्मक शैली में रचित, सृष्टि का एक अद्वितीय, यौगिक विज्ञान का विस्मयकारी ग्रंथ है, जिसमें मनुष्य के प्राण से लेकर महाप्राण तक की अंतर्यात्रा, मृण्मय से चिन्मय तक जाने का यौगिक ज्ञान, मूलाधार से सहस्रार तक ब्रह्मैक्य का आंतरिक ज्ञान, मर्म और दर्शन समाहित है। योग-दर्शन जीव के पंचमय कोषों, अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, ज्ञानमय कोषों के गूढ़ मर्म और उनमें छुपी शक्तियों को उजागर करता हुआ, देह के सुप्त बिंदुओं को जाग्रत् कर, विदेह की ओर उन्मुख कर आनंदमय कोष में प्रवेश कराने का विज्ञान है। साधना देह में रहकर ही होती है, विदेह अंतरात्मा साधना नहीं कर सकता, इसीलिए देह तो आत्मोन्नति का साधन है, अतः देह का स्वस्थ, संयमी और स्वच्छ रखना योग का ही अंग है। शरीर हेय नहीं, श्रेय पाने का साधन है। बिखराव तब आता है, जब हम देह को ही सर्वस्व मान लेते हैं। यम, नियम, आसन, प्राणायाम और प्रत्याहार तक केवल देह के घटकों में समाहित शक्ति केंद्रों को जाग्रत करने का ज्ञान है। धारणा, ध्यान और समाधि अंतर्मन में निहित बिंदुओं को संयमित कर दिव्यता की ओर जाने का विज्ञान है। वस्तुतः योग-दर्शन ‘योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः’ के चारों ओर ही परिक्रमायित है क्योंकि साधना कठिन नहीं, किंतु मन का सधना कठिन है। "
BPSC General Studies (SAMANYA ADHYAYAN) Guide by Dr. Virendra Prasad (IAS)
- Author Name:
Dr. Virendra Prasad (Ias)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajendra Mohan Bhatnagar ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Rajendra Mohan Bhatnaga
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Prabhavi Prashasakeeya Jeevan "प्रभावी प्रशासकीय जीवन" Book In Hindi - Dr. Taradatt
- Author Name:
Dr. Taradatt
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main Hoon Pani
- Author Name:
Turshan Pal Pathak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
KUCHH TO HAI TUMSE RABTA
- Author Name:
Preeti Shenoy
- Book Type:

- Description: This Book Doesn't have Description
Sharat Chandra Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Sharat Chandra Chattopadhyaya
- Book Type:

- Description: "शरतचंद्र की श्रेष्ठ कहानियाँ भारतीय भाषाओं के साहित्य में बँगला साहित्य की अपनी अलग पहचान है। इस भाषा के अनेक रचनाकारों ने अपनी लेखनी के दम पर विश्व साहित्य पर प्रभुत्व स्थापित किया। ऐसे ही रचनाकारों में बाबू शरतचंद्र चटर्जी का नाम अजर-अमर है। उनका संपूर्ण साहित्य विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवादित होकर जन-जन में प्रचारित व प्रसारित हुआ। ‘देवदास’, ‘चरित्रहीन’, ‘श्रीकांत’, ‘काशीनाथ’ जैसी रचनाओं का नाम सामने आते ही शरतचंद्र का संपूर्ण व्यक्तित्व मानो साकार हो जाता है। शरतचंद्र ने अपने साहित्य में भारतीय समाज की मान्यताओं व परंपराओं को उनके आदर्श़ों सहित यथार्थ रूप में चित्रित किया है। उन्होंने अपने साहित्य में सामाजिक व राजनीतिक समस्याओं के बीच अपनी रोमांटिक प्रवृत्ति की छाप अवश्य छोड़ी है; समाज की कुरीतियों व कुचेष्टाओं पर प्रबल प्रहार किए हैं, साथ ही नारी-मन के अंतर्द्वंद्व व पीड़ा का भी मार्मिक चित्रण किया है। शरत बाबू की इन कहानियों में समाज में व्याप्त बुराइयों, समस्याओं, पारिवारिक उलझनों को अलग-अलग प्रकार से चित्रित किया गया है। अनेक कहानियाँ ऐसी हैं, जो कभी भुलाई नहीं जा सकेंगी।
Sitamarhi Charit
- Author Name:
Lallan Prasad Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Metroman E. Sreedharan
- Author Name:
M.S. Ashokan
- Book Type:

- Description: ‘मेट्रोमैन’ के नाम से विख्यात ई. श्रीधरन असंभव को संभव बना देनेवाले मानवीय प्रयासों के शानदार पर्याय बन चुके हैं। पिछले छह दशकों में देश की यातायात प्रणाली का आधुनिकीकरण और विस्तार कर उसे वैश्विक मानदंडों के अनुरूप बनानेवाले प्रौद्योगिकीविद् के रूप में उनका कोई सानी नहीं है। केरल के पलक्कड़ जिले के एक सुदूर गाँव करुकपुथुर में जन्मे प्रतिभासंपन्न श्रीधरन की खासियत उनके द्वारा पूरी की गई विकास परियोजनाओं की संख्या और उनकी पहुँच ही नहीं रही है, बल्कि यह भी उनकी विशेषता रही है कि कैसे उन्होंने एक के बाद एक, हर अभियान में समय की कसौटी पर परखे और हमेशा से सँजोकर रखे गए शाश्वत मूल्यों की पुनः-पुनः पुष्टि की और खुद को भ्रष्टाचार से अछूता रखते हुए लोककल्याण के लक्ष्य के साथ पूरी पारदर्शिता से कार्य किया। देश में सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली समझे जानेवाले आई.आई.टी. स्नातक या प्रशासनिक सेवकों वाला प्रभामंडल श्रीधरन के पास नहीं है। महज सिविल इंजीनियरिंग में एक आम डिग्रीवाले श्रीधरन की सफलता का राज अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में नैतिक मूल्यों को लेकर दृढ प्रतिबद्धता है। इसी ने उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में उच्चतम उपलब्धियों तक पहुँचाया। अथक परिश्रम, लगन, कार्यनिष्ठा, यानी सभी प्रकार के प्रबंधन गुणों का पर्याय हैं ई. श्रीधरन। इनसे प्रेरणा लेकर आज के युवा भी कर्तव्य-पथ पर अग्रसर हो सकें, इसी में इस पुस्तक के प्रकाशन की सफलता है।
Ye Hai Bambai Nagaria Hindi Translation of Bombay 3 by Jitendra Dixit
- Author Name:
Jitendra Dixit
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat-China Seema Mudde
- Author Name:
Ranjit Singh Kalha
- Book Type:

- Description: This Book Doesnt have a Description
English Made Easy
- Author Name:
Subhash Jain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dwandwa
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Book Type:

- Description: This book does not have any description.
BPSC Bihar Shikshak Bahali Class 9 To 10 Vigyan 20 Practice Sets Based on SCERT And NCERT With Latest Solved Paper Tre 4.0
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lekhak Ka Cinema
- Author Name:
Kunwar Narain
- Book Type:

-
Description:
कुँवर नारायण अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कवि हैं। वह विश्व सिनेमा के गहरे जानकारों में हैं। उन्होंने आधी सदी तक सिनेमा पर गम्भीर, विवेचनापूर्ण लेखन किया है, व्याख्यान दिए हैं। ‘लेखक का सिनेमा’ उन्हीं में से कुछ प्रमुख लेखों, टिप्पणियों, व्याख्यानों और संस्मरणों से बनी पुस्तक है। इसमें अनेक अन्तरराष्ट्रीय फ़िल्मोत्सवों की विशेष रपटें हैं, जो लेखकीय दृष्टिकोण से लिखी गई हैं और बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। इस किताब में वे कला, जीवन, समाज और सिनेमा, इन सबके बीच के सम्बन्धों को परिभाषित, विश्लेषित करते हुए चलते हैं। इसमें सिनेमा के व्याकरण की आत्मीय मीमांसा है। यहाँ देख डालने, सोच डालने की जल्दीबाज़ी नहीं है, बल्कि विचार एक लम्बी, निरन्तरता से भरी प्रक्रिया है, जो उतनी ही गझिन है, जितनी फ़िल्म बनाने की प्रक्रिया।
प्रसिद्ध फ़िल्मों व निर्देशकों के अलावा उन निर्देशकों व फ़िल्मों के बारे में पढ़ना एक धनात्मक अनुभव होगा, जिनका नाम इक्कीसवीं सदी के इस दूसरे दशक तक कम आ पाया। हिन्दी किताबों से जुड़ी नई पीढ़ी, जो विश्व सिनेमा में दिलचस्पी रखती है, के लिए इस किताब का दस्तावेज़ी महत्त्व भी है।
अर्जेंटीना के लेखक बोर्हेस की प्रसिद्ध पंक्तियाँ हैं—‘‘मैं वे सारे लेखक हूँ जिन्हें मैंने पढ़ा है, वे सारे लोग हूँ जिनसे मैं मिला हूँ, वे सारी स्त्रियाँ हूँ, जिनसे मैंने प्यार किया है, वे सारे शहर हूँ जहाँ मैं रहा हूँ।’’ कुँवर नारायण के सन्दर्भ में इसमें जोड़ा जा सकता है कि मैं वे सारी फ़िल्में हूँ जिन्हें मैंने देखा है।
Divya Garbha Sanskar Vigyan : Garbha Vidya—Ancient Wisdom to Smart Mothers for Super-Child Birth
- Author Name:
Dr. Usha Rajender Pensiya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vishnu Prabhakar Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Vishnu Prabhakar
- Book Type:

- Description: "सन् 1931 में जब विष्णु प्रभाकर 19 वर्ष के थे, उनकी पहली कहानी ‘दिवाली की रात’ लाहौर से निकलनेवाले ‘मिलाप’ पत्र में छपी। उसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ, वह 76 वर्ष सन् 2007 तक निर्बाध चलता रहा। उनके लेखन में विचार नारों की तरह शोरगुल में नहीं बदलता। मनुष्य मन की जटिल व्यवस्था हो या अमानवीय असामाजिक परिस्थितियाँ, विष्णु प्रभाकर उस मनुष्य की चिंता करते हैं, जिसे सताया जा रहा है और फिर भी निरंतर मुक्ति संग्राम में जुटा है। उनकी कथावस्तु में प्रेम, मानवीय संवेदना, पारिवारिक संबंध, अंधविश्वास जैसे विषय मौजूद हैं। विष्णुजी की अधिक रुचि मनुष्य में रही। उन्होंने उसके जीवन के झूठ और पाखंड को देखा, उसके छोटे-से-छोटे क्रियाकलाप को बारीकी से परखा, उसके अंतर में चलते द्वंद्व को समझा, अपने दीर्घ अनुभव के साँचे में ढाला और करुणा के अंतर्निहित भावों को शब्द दिए। वे अपने प्रारंभिक त्रासद जीवन के प्रभाव से शायद कभी मुक्त न हो सके। उनका विपुल साहित्य उनके स्वयं के जीवन का ही प्रतिरूप है, जो सरल, सात्त्विक, अकृत्रिम व मानवीय मूल्यों को समर्पित है। मित्र, हमदर्द, सलाहकार, सहभागी और सहयात्री—विष्णु प्रभाकर अनेक रूपों में अपने कथा-पात्रों के साथ जीते हैं। यही जीना उनकी रचनाओं को रोचक बना देता है।"
Super Cursive Writing
- Author Name:
Prabhas Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.