21 ANMOL KAHANIYAN
Author:
PremchandPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other1 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
हिदी के कालजयी रचनाकार मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ जनसाधारण की समस्याओं, आकांक्षाओं, उलझनों, पारिवारिक विघटन, दहेज-प्रथा, बाल विवाह, राष्ट्रद्रोह, घूसखोरी, अंधविश्वास, ग्रामीण शोषण, आर्थिक वैषम्य इत्यादि विषयों को समेटे हुए अपने पाठकों से एक आत्मीय एवं भावनात्मक नाता जोड़ती हैं। उनकी कहानियों में समस्याओं की जितनी चर्चा है, समाधान की उससे ज्यादा। उनके पात्र अर्थगत दबावों से बेशक पीडि़त हैं, पर वे बाहरी संघर्षों द्वारा समस्याओं पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने अपनी कथाओं में नग्न यथार्थ नहीं, वरन् यथार्थ का भरसक चित्रण किया है, क्योंकि नग्न यथार्थ वितृष्णा उपजाता है। पात्र कभी सुख की अनुभूति करते हैं तो कभी दुःख की। इसी को रचनाओं के साथ साहित्यिक न्याय कहा जाता है, जिस पर मुंशी प्रेमचंद खरे उतरे हैं। ‘21 अनमोल कहानियाँ’ उनके ऐसे ही नगीने हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं और समाज की विद्रूपताओं पर गहरी चोट करते हैं।
ISBN: 9789390378944
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Customer Reviews
5 out of 5
Book
January 2, 2023, 4:44 pm
Taran Sikka
The book is a collection of timeless stories of Munshi Premchand, the renowned Hindi author who was ahead of his time. Premchand short stories have never been tough to understand. For even those with most basic Hindi knowledge would be able to make out the clear inferences. His writing covers the problems of common people, their aspirations, confusions, family disintegration, dowry-practice, child marriage, treason, bribery, superstition, rural exploitation, economic disparity etc. His stories deal more with the solutions than problems. Even though these characters suffer from economic pressures, they try to overcome problems through struggle. In his stories, he has not only depicted the harsh reality, but has depicted the reality in the best possible way, because the harsh reality is often hard to fathom. The characters are sometimes elated and sometimes devastated. This is called literary justice which is one of the top qualities of Shri Munshi Premchand. Short stories by Premchand stay contextual, even now, and will remain so for a long time.
5 Book