Leo Tolstoy
Author:
Ramesh RanjanPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other1 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
"रूस के महान् लेखक लियो टाल्सटॉय 19वीं सदी के एक सम्मानित लेखक थे। युवावस्था में कुछ समय उन्होंने रूसी सेना में नौकरी की और इसी दौरान क्रीमियन युद्ध (1855) में भाग लिया। अगले वर्ष ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी और लेखन आरंभ कर दिया, जिसकी नींव उनके बचपन में ही पड़ चुकी थी। उनके उपन्यास ‘वॉर ऐंड पीस’ (1865-69) तथा ‘एना कैरनीना’ (1875-77) विश्व साहित्य की महान् रचनाओं में शामिल हैं।
आर्थिक दृष्टि से अति संपन्न और सम्मानित होने के बावजूद वे आंतरिक शांति के लिए तरसते रहे। आखिरकार सन् 1890 में घर-बार और धन-संपत्ति त्यागकर वे गरीबों की सेवा करने लगे और 20 नवंबर, 1910 को कंगाली की हालत में गुमनाम वृद्ध के रूप में मृत्यु को प्राप्त हुए।
मानव मन को छूनेवाली सामाजिक समदर्शिता और पारस्परिकता का बोध करानेवाली अगणित पठनीय रचनाओं के महान् लेखक की प्रेरणादायी जीवनी।"
ISBN: 9789350484197
Pages: 128
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Stories and Fables from The Mahabharata
- Author Name:
Dr. R.K. Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tulsi Ke Hiye Heri
- Author Name:
Vishnukant Shastri
- Book Type:

- Description: भारतीय जीवन-दृष्टि को रूपायित, व्याख्यायित एवं परिष्कृत करने वाला संत तुलसीदास का काव्य आज भी देश की जनता के मन-प्राण में समाया हुआ है। ध्यान देने की बात तो यह है कि शिक्षित और अशिक्षित सभी उसे समान आदर और सम्मान देकर भावविभोर होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने ठीक ही कहा है कि ‘गहि न जाइ अस अद्भुत बानी।’ वस्तुतः तुलसी-काव्य में इतना मर्म और भारतीय संस्कृति का व्यापक फलक समाहित है कि उसमें नयी-नयी प्रेरणाओं के अनन्त स्रोत समाहित हैं। उनकी काव्य-सरिता में अवगाहन करने वाले को सदा नयी स्फूर्ति और नयी चेतना मिलती रहेगी। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने विनम्र भाव से तुलसी-काव्य के मर्म तक पहुँचने की बात कही है लेकिन सच्चाई यह है कि उसकी आत्म-निमग्नता और सांस्कृतिक दृष्टि ने अप्रतिम सफलताएँ प्राप्त की हैं। इसमें तनिक भी संदेह नहीं कि तुलसी-काव्य के प्रेमियों को इस पुस्तक से अपार तुष्टि प्राप्त होगी।
Kuchh Sapne, Kuchh Sansmaran
- Author Name:
Achyutanand Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Surili Bansuri
- Author Name:
Arzoo Lakhnavi
- Book Type:

- Description: आरज़ू लखनवी की ये किताब 'सुरीली बाँसुरी', शायरी में उस भाषाई प्रयोग को दोबारा अमल में लाने की सूरत है, जिसमें अरबी, फ़ारसी, तुर्की वग़ैरा बाहरी भाषाओं का एक भी लफ़्ज़ न हो। आरज़ू लखनवी ने इस किताब को आम ज़बान में नहीं बल्कि ज़बान से चुने गए उन लफ़्ज़ों में लिखा है, जिसका नाम ख़ालिस (शुद्ध) उर्दू है। ये नायाब किताब इस बात को साबित करती है कि उर्दू में ग़ज़ल कहने के लिए लुग़त के अलफ़ाज़ और भारी-भरकम बन्दिशों की ज़रुरत नहीं।
Chaploosi Rekha
- Author Name:
Dinanath Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BIHAR NIRMATA DR SACHCHIDANANDA SINHA
- Author Name:
KESHAVNATH
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Shikshak Bahali Class 9 To 10 Samajik Vigyan 20 Practice Sets Based on SCERT And NCERT With Latest Solved Paper Tre 4.0
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patanjali’S Yoga Sutras
- Author Name:
Swami Vivekananda
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Judicial Accountability
- Author Name:
Kalraj Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Panchkon
- Author Name:
Smt. Simmi Harshita
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Modon Se Gujarte Huye "मोड़ों से गुजरते हुए" Book In Hindi
- Author Name:
Jyoti Jha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Anand Mahindra: A Complete Biography | Rise of Mahindras From Millions To Billions | Indian Billionaire Businessman Life Story
- Author Name:
Parteek Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Oprah Winfrey: A Complete Biography
- Author Name:
Abhishek Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sankal, Sapne Aur Sawal
- Author Name:
Sudha Arora
- Book Type:

-
Description:
प्रतिष्ठित रचनाकार सुधा अरोड़ा का वैचारिक और रचनात्मक लेखन स्त्री के सवालों और उसकी चिन्ताओं का पक्षधर रहा है। वे किसी पूर्व-निर्धारित आग्रह या घिसे-पिटे स्त्रीवादी नारों को दोहराने की जगह एक खुले, परिवर्तनशील और आधुनिक समाज में व्यावहारिक स्तर पर स्त्री को पुरुष के बरक्स बराबरी का सम्मानजनक हिस्सा दिलवाने में यक़ीन रखती है।
‘साँकल, सपने और सवाल’ में लेखिका के पिछले बीस वर्षों के लेखन से चुने गए आलेख संग्रहित है। इनमें पाठक को समाज की उन साँकलों और वर्जित दहलीज़ों को लाँघने का साहस दिखाई देगा, जिन पर सदियों से दुराग्रहों और वर्जनाओं के तालों का साम्राज्य रहा है। भारतीय सामजिक पृष्ठभूमि और उसकी पारम्परिक सीमाओं के बीच शहरी एवं आंचलिक स्त्री के लिए नैसर्गिक स्पेस की ज़रूरत और उसकी जायज़ माँग ही इन आलेखों का बीज सूत्र है।
इन आलेखों के विषय आज की स्त्री के फैलते आकाश की तरह चहुमुखी और विविध हैं। धर्म, मीडिया, फ़िल्म और साम्प्रदायिकता से लेकर समलैंगिकता, तेज़ाबी हमले, शिक्षित लड़कियों की आत्महत्या, सम्पत्ति अधिकार यानी घरेलू और सामाजिक शोषण के हर पहलू पर लेखिका की पैनी नज़र है। वे मानती हैं कि आज के तेज़ी से बदलते समाज में स्त्री का समय किसी सीमित चौखट के भीतर क़ैद नहीं किया जा सकता। विविध मुद्दों पर सुधा जी कई सवालों से टकराती हैं। इस उत्तर-आधुनिक और ग्लोबल समय में स्त्री-देह के भोगवादी नजरिए के विरुद्ध सुधा अरोड़ा का कारगर हस्तक्षेप रेखांकित किया जा सकता है।
बेहद आसान और सरल भाषा में लिखे गए इन आलेखों की पठनीयता एवं प्रतिबद्धता ही अन्तत: इनकी सबसे बड़ी सफलता और सार्थकता है।
Dehari Par Patra
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

-
Description:
यह निर्मल वर्मा के कथाकार जयशंकर को लिखे पत्रों का संकलन है। एक वरिष्ठ लेखक का एक युवा लेखक से हुआ संवाद जो अगस्त 82 से शुरू होकर अगस्त 2005 तक चला।
पत्रों में निर्मल वर्मा का एक अलग ही रूप प्रकट होता है जो खासा मुखर और संवादप्रिय है। पाठकों, प्रशंसकों और मित्रों के ढेरों पत्र उन्हें रोज आते थे; और वे हर पत्र का जवाब देते थे। न सिर्फ़ जवाब देते थे बल्कि उन पत्रों में दूसरों के लिए एक तरह से रचनात्मक पर्यावरण के निर्माण की कोशिश भी करते थे; उन पत्रों में उनका अपना आत्मसंघर्ष और आत्म-मंथन भी व्यक्त होता था।
जयशंकर को लिखे इन पत्रों में ख़ासतौर पर साहित्य, सिनेमा, संगीत और चित्रकला विषयक इतने विवरण आते हैं कि कोई भी युवा लेखक इनसे अपनी अध्ययन-यात्रा के लिए पर्याप्त मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। इनमें निर्मल जी के रचना-संसार को, उनकी चिन्तन-प्रक्रिया को समझने के सूत्र भी मिलेंगे।
...और ऐसे परामर्श भी—“मैं सोचता हूँ—हर व्यक्ति को गर्मियों के दौरान अपने सारे काम, कर्तव्य और जिम्मेवारियाँ पूरी करने के बाद जाड़े के दिन सिर्फ़ सोचने, सोने और पढ़ने के लिए सुरक्षित रखने चाहिए...और प्रेम करने के लिए भी, यदि ऐसा सुयोग मिल सके।”
The Life and Times of Veer Savarkar
- Author Name:
A.K. Gandhi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Purushottam Parashuram
- Author Name:
Pt. Vijay Shankar Mehta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
A Prisoner's Scrap-Book
- Author Name:
L.K. Advani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gopan Aur Ayan : Khand 1
- Author Name:
Sitanshu Yashashchandra
- Book Type:

- Description: गुजराती आदि भारतीय भाषाएँ एक विस्तृत सेमिओटिक नेटवर्क अर्थात संकेतन-अनुबन्ध-व्यवस्था का अन्य-समतुल्य हिस्सा हैं। मूल बात ये है कि विशेष को मिटाए बिना सामान्य अथवा साधारण की रचना करने की, और तुल्यमूल्य संकेतकों से बुनी हुई एक संकेतन-व्यवस्था रचने की जो भारतीय क्षमता है, उसका जतन होता रहे। राष्ट्रीय या अन्तरराष्ट्रीय राज्यसत्ता, उपभोक्तावाद को बढ़ावा देनेवाली, सम्मोहक वाग्मिता के छल पर टिकी हुई धनसत्ता एवं आत्ममुग्ध, असहिष्णु विविध विचारसरणियाँ/आइडियोलॉजीज़ की तंत्रात्मक सत्ता आदि परिबलों से शासित होने से भारतीय क्षमता को बचाते हुए उस का संवर्धन होता रहे। गुजराती से मेरे लेखों के हिन्दी अनुवाद करने का काम सरल तो था नहीं। गुजराती साहित्य की अपनी निरीक्षण परम्परा तथा सृजनात्मक लेखन की धारा बड़ी लम्बी है और उसी में से मेरी साहित्य तत्त्व-मीमांसा एवं कृतिनिष्ठ तथा तुलनात्मक आलोचना की परिभाषा निपजी है। उसी में मेरी सोच प्रतिष्ठित (एम्बेडेड) है। भारतीय साहित्य के गुजराती विवर्तों को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में जाने बिना मेरे लेखन का सही अनुवाद करना सम्भव नहीं है, मैं जानता हूँ। इसीलिए, इन लेखों का हिन्दी अनुवाद टिकाऊ स्नेह और बड़े कौशल्य से जिन्होंने किया है, उन अनुवादक सहृदयों का मैं गहरा ऋणी हूँ। ये पुस्तक पढ़नेवाले हिन्दीभाषी सहृदय पाठकों का सविनय धन्यवाद, जिनकी दृष्टि का जल मिलने से ही तो यह पन्ने पल्लवित होंगे। —सितांशु यशश्चन्द्र (प्रस्तावना से) ''हमारी परम्परा में गद्य को कवियों का निकष माना गया है। रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम इधर सक्रिय भारतीय कवियों के गद्य के अनुवाद की एक सीरीज़ प्रस्तुत कर रहे हैं। इस सीरीज़ में बाङ्ला के मूर्धन्य कवि शंख घोष के गद्य का संचयन दो खंडों में प्रकाशित हो चुका है। अब गुजराती कवि सितांशु यशश्चन्द्र के गद्य का हिन्दी अनुवाद दो जिल्दों में पेश है। पाठक पाएँगे कि सितांशु के कवि-चिन्तन का वितान गद्य में कितना व्यापक है—उसमें परम्परा, आधुनिकता, साहित्य के कई पक्षों से लेकर कुछ स्थानीयताओं पर कुशाग्रता और ताज़ेपन से सोचा गया है। हमें भरोसा है कि यह गद्य हिन्दी की अपनी आलोचना में कुछ नया जोड़ेगा।" —अशोक वाजपेयी
Mission RAW: India’S Secret Services Unraveled
- Author Name:
R. K. Yadav, Former R +1
- Book Type:

- Description: This book is likely the first eye-opening account that has unlocked the main achievements and failures of Indian intelligence, including the Intelligence Bureau (IB) and the Research and Analysis Wing (R&AW). There have been various assumptions and apprehensions about the myths and realities of our intelligence among the media, security analysts, and defense forces, which have been thoroughly examined for the public of this country in general and for the new generation in particular. It begins by exploring how the' Thuggi and Dacoity' Department, created by the British in 1904, evolved into the Research and Analysis Wing (R&AW). Its founder, R.N. Kao, is one of the most legendary intelligence figures and has no parallel in the global intelligence community. He outperformed Richard Helms of the CIA and many other contemporaries from MI6 and Mossad while merging a territory of 3000 square miles of Sikkim into Indian territory. There is no other example in global intelligence of how R&AW and its icon, R.N. Kao, executed this task in the face of an imminent threat from China at the border. This book also reveals Kao's heroics in the liberation of Bangladesh, which was a monumental contribution, and unfolds how Article 370 was enacted due to the ego problem of Sheikh Abdullah by Jawaharlal Nehru.
Customer Reviews
4 out of 5
Book
Be the first to write a review...