Panchtantra Ki Lokpriya Kahaniyan
Author:
Mahesh Dutt SharmaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
पंचतंत्र की कहानियों की रचना आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व भारत के दक्षिण में स्थित तत्कालीन महिलारोप्य नामक नगर में राजा अमरशक्ति के शासनकाल में हुई। राजा अमरशक्ति ने अपने तीन मूर्ख और अहंकारी पुत्रों— बहुशक्ति, उग्रशक्ति और अनंतशक्ति के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सर्वशास्त्रों के ज्ञाता और कुशल ब्राह्मण पंडित विष्णु शर्मा को सौंपी।
राजकुमारों को व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित करने के लिए पंडित विष्णु शर्मा ने नीतिशास्त्र से संबंधित कथाएँ उन्हें सुनाईं। इन कथाओं में पात्रों के रूप में उन्होंने पशु-पक्षियों का वर्णन किया और अपने विचारों को कथारूप में मुख से व्यक्त कर राजकुमारों को उचित-अनुचित आदि का ज्ञान दिया व व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित किया।
राजकुमारों का शिक्षण पूरा होने पर पंडित विष्णु शर्मा ने इन कहानियों को पंचतंत्र की प्रेरक कहानियों के रूप में संकलित किया। आज भी इन अमर कथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा निश्चित ही नीतिशास्त्र में निपुण हुआ जा सकता है, इसमें जरा भी संदेह नहीं है।
हर आयु के पाठकों के लिए पठनीय, संग्रणीय और अनुकरणीय पुस्तक।
ISBN: 9789352660070
Pages: 190
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Sahitya Ki Vyapak Chintayen
- Author Name:
Nand Chaturvedi
- Book Type:

-
Description:
इस पुस्तक में संकलित साक्षात्कार, सामयिक विषयों पर गम्भीर चिन्ताएँ तो हैं ही, साथ ही नन्द चतुर्वेदी के साहित्यिक सोच की अभिव्यक्ति भी है। वे कविता की परम्परागत बुनावट के साथ-साथ उसकी सामाजिकता और उससे जुड़े सरोकारों को भी जानते-पहचानते थे। ये सम्पूर्ण रूप से नन्द चतुर्वेदी की साहित्यिक चिन्ताओं और उनके सफल-असफल होने की कथा भी हैं।
शिक्षा, मीडिया, नया आर्थिक परिदृश्य, जिसमें निजीकरण और वैश्वीकरण शामिल हैं, उनकी व्यापक चिन्ताओं का हिस्सा थे। उनको एक दु:ख यह भी था कि राजस्थान के हिन्दी लेखकों को वह सम्मान और प्रतिष्ठा नहीं मिली जिसके वे हक़दार थे। वे राजस्थान को उत्तर प्रदेश की मंडी बनाने के ख़िलाफ़ थे और बार-बार इस दु:ख का बयान इन साक्षात्कारों में करते हैं।
नौ दशकों के लम्बे जीवनकाल में नन्द जी ने कई सामाजिक कालखंडों में अपना जीवन जिया। झालावाड़-उदयपुर का सामन्ती-काल, आज़ादी की लड़ाई और देश-निर्माण के सपने। आज़ादी के बाद बराबरी का सपना भी टूटा और बहुत बाद के दिनों में उन्हें निजीकरण और वैश्वीकरण के सवालों के उत्तर भी खोजने पड़े। ये साक्षात्कार उनके हर अनुभव का आईना हैं। इस पुस्तक के कई साक्षात्कारकर्ता नन्द जी के साथी, सहयोगी कवि और प्रियजन रहे हैं। विदेश और देश के अन्य भागों से आए विद्वज्जनों ने भी उनसे बातचीत की है। इन लम्बे साक्षात्कारों में वे अपने पढ़ने-लिखने, स्मृतियों और बचपन के दिनों की चर्चा भी करते हैं। पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें शामिल सभी साक्षात्कारों को नन्द जी ने अपने जीवन के आख़िरी वर्षों में स्वयं सम्पादित और चयनित किया था। व्यवस्था के पुनर्निर्माण की आशा अब भी बची है, क्योंकि ये जो बहुत-से सपने हैं, वे काल्पनिक नहीं हैं। वे मनुष्य के अस्तित्व की बुनियादी शर्तें हैं—जैसे मनुष्य की स्वाधीनता, जैसे मनुष्य की समता। इनको छोड़ना सम्भव नहीं है। और तब मुझे यह प्रतीत होता है कि चाहे जितने दिन तक चीज़ें उथल-पुथल होती रहें लेकिन अन्त में समता और स्वाधीनता के प्राप्त हुए बिना मनुष्य बच नहीं पाएगा। —इसी पुस्तक से
The Girl From Himachal & Other Stories
- Author Name:
Yashwant Mande
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MERE DESH KE MAHAN KRANTIKARI (RAMPRASAD)
- Author Name:
Ramprasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bangla Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Prof. Mahendra Nath Dubey
- Book Type:

- Description: बाग्ला साहित्य बड़ा सरस और क्रांतिकारी रहा है। बांग्ला में उपन्यास तथा कहानी विधा को खूब प्रश्रय मिला। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय उपन्यास के साथ-साथ छोटी कहानियाँ भी लिखते रहे। स्वर्णकुमारी देवी एवं कुछ अन्य महिलाएँ भी पत्र-पत्रिकाओं में बांग्ला कहानियाँ प्रकाशित करवाती रहीं। किंतु बांग्ला कहानी, गल्प-रचना के आदर्श रूप का प्रकाशन 1877 ईस्वी में प्रकाशित ‘रामेश्वरेर अदृश्य’ नामक कहानी द्वारा हुआ, जिसे संजीव चंद चट्टोपाध्याय ने प्रकाशित करवाया था। अंग्रेजी लघु-कथाओं के समानांतर बांग्ला कहानी का अपना खुद का रचना-विधान-शिल्प और कथ्य सर्वप्रथम कवि रवींद्रनाथ ठाकुर की कहानी ‘क्षुधित पाषाण’ से सन् 1890 ई. में स्वाभाविक रूप से संरचित हुआ। कहानी की आकृति और प्रकृति निश्चित हो जाने के उपरांत बांग्ला कहानी क्रमश: एक से एक ऊँचाइयाँ छूती गई। ऐसे ही कथारस से परिपूर्ण बांग्ला के श्रेष्ठ कथाकारों की लोकप्रिय कहानियाँ इस संग्रह में संकलित हैं। ये कहानियाँ एक ओर जहाँ बांग्ला समाज के उत्थान, विसंगति एवं ऊहापोह को दिग्दर्शित करती हैं, वहीं रोचक होने के कारण पाठकों का भरपूर मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन भी करती हैं।
Neeraj Chopra: A Complete Biography | The Golden Arm of India | From a Small Town To Olympic Gold | Inspiring Journey To Motivate The Youth
- Author Name:
Pushkar Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Share Market ke Success Mantra
- Author Name:
Saurabh Mukherjea
- Book Type:

- Description: मैंकैसे स्टॉक मार्केट में निवेश करूँ? किन कंपनियों में मुझे निवेश करना चाहिए? मुझे शेयर कब खरीदने चाहिए? कब उन्हें बेचना चाहिए? कैसे मैं महसूस कर पाऊँगा कि स्टॉक के दाम चढ़ेंगे या गिरेंगे? जीवन के जैसा ही, स्टॉक मार्केट का भी हाल है, सफलता के लिए कोई शॉर्ट-कट नहीं है। स्टॉक मार्केट से नियमित फायदा कमाने के लिए वर्षों का अनुभव और दिमाग की एक खास बनावट जरूरी होती है। देश के टॉप विश्लेषकों में शुमार सौरभ मुखर्जी ने सात निवेशकों से बात की, जो पिछले दो दशक से लंबे निवेश पर फायदा कमाने की कला में सिद्धहस्त हो चुके हैं। उन्होंने इन विशेषज्ञों की यात्रा का इतिहास खँगाला, जिसमें पता चला कि ये शौकिया निवेशक के तौर पर आगे बढ़े और आगे चलकर पेशेवर मैनेजर के रूप में विशाल रकम को सँभालने का हुनर दिखाया। सौरभ ने उनके दिमाग को पढ़ने और समझने का प्रयास किया और उस खास फिलॉसफी को भाँपा, जिसकी मदद से उन्होंने अपनी निवेश रणनीति को ताकत प्रदान की और उन्होंने अपने ज्ञान का इस्तेमाल इस पुस्तक को लिखने में किया, जो देश में निवेश की राह बताती है।
Shriramcharitmanas Hindi
- Author Name:
Tulsidas
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hamare Sudarshanji
- Author Name:
Baldev Bhai Sharma
- Book Type:

- Description: "संघ के पंचम सरसंघचालक पूज्य सुदर्शनजी का ऋषितुल्य जीवन भौगोलिक व मत-पंथ की सीमाएँ लाँघकर देश-विदेश के लक्षावधि अंतःकरणों में एक प्रेरणापुंज के रूप में बसा है। हमारे ऋषियों ने कहा, ‘यानि अस्माकं सुचरितानि तानि त्वया सेवितम्’ यानी उनके जीवन के जो आदर्श हैं, सुचरितरूप श्रेष्ठ जीवन-मूल्य जिन्हें उन्होंने जिया, वह सद्मार्ग जिस पर चलकर उन्होंने मानवता के उच्च मानदंड स्थापित किए, उन्हें उनकी आनेवाली पीढ़ी यानी हम अपने जीवन के आचरण में ढालें, ताकि हम उन सद्गुण-सदाचार से युक्त उदात्त जीवन-मूल्यों और संस्कारों से युक्त जीवन जी सकें। पूज्य सुदर्शनजी के ऐसे तपोनिष्ठ व संकल्पवान् राष्ट्रसेवी जीवन का सान्निध्य जिन असंख्य लोगों को मिला, वे स्मृतियाँ उनके हृदय को सुवासित किए हुए हैं। एक बालक से लेकर स्वयंसेवक बनने, कार्यकर्ता के रूप में ढलकर प्रचारक जीवन का असिधारा व्रत स्वीकारने और विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए पूज्य सरसंघचालक के रूप में प्रतिष्ठित होने की उनकी यात्रा बड़ी प्रेरणास्पद है। पूज्य सुदर्शनजी के जीवन की यह विविध पक्षीय प्रेरणा आनेवाले समय में राष्ट्र व समाज के सर्वतोमुखी उन्नयन हेतु लक्षावधि स्वयंसेवकों के लिए तो जीवंत रहे ही, समाज के अन्य वर्गों में भी उस जीवन-दृष्टि का विस्तार हो, यह महत् उद्देश्य ही इस ग्रंथ की रचना का आधार है। विश्वास है कि यह ग्रंथ पूज्य सुदर्शनजी की यश-काया को अक्षुण्ण रखेगा और सबके लिए राष्ट्रभक्ति व समाजसेवा का पाथेय बनेगा। "
Kashmir Aur Hyderabad
- Author Name:
Sardar Patel
- Book Type:

- Description: ‘लौह पुरुष’ के नाम से विख्यात सरदार पटेल को भारत के गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर के संवेदनशील मामले को सुलझाने में कई गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनका मानना था कि कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में नहीं ले जाना चाहिए था। वास्तव में संयुक्त राष्ट्र में ले जाने से पहले ही इस मामले को भारत के हित में सुलझाया जा सकता था। हैदराबाद रियासत के संबंध में सरदार पटले समझौते के लिए भी तैयार नहीं थे। बाद में लॉर्ड माउंटबेटन के आग्रह पर ही वह 20 नवंबर, 1947 को निजाम द्वारा बाह्य मामले तथा रक्षा एवं संचार मामले भारत सरकार को सौंपे जाने की बात पर सहमत हुए। हैदराबाद के भारत में विलय के प्रस्ताव को निजाम द्वारा अस्वीकार कर दिए जाने पर अंततः वहाँ सैनिक अभियान का नेतृत्व करने के लिए सरदार पटेल ने जनरल जे.एन. चौधरी को नियुक्त करते हुए शीघ्रातिशीघ्र काररवाई पूरी करने का निर्देश दिया। अंततः 13 सितंबर, 1948 को भारतीय सैनिक हैदराबाद पहुँच गए और सप्ताह भर में ही हैदराबाद का भारत में विधिवत् विलय कर लिया गया। प्रस्तुत पुस्तक में कश्मीर और हैदराबाद के भारत में विलय की राह में आई कठिनाइयों और उन्हें दूर करने में सरदार पटेल की अदम्य इच्छाशक्ति पर प्रामाणिक ढंग से प्रकाश डाला गया है।
Super Genius Computer Learner-5
- Author Name:
Manuj Bajaj +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Ke Bachche
- Author Name:
Raskin Bond
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dalit Crorepati 15 Prernadayak Kahaniyan
- Author Name:
Milind Khandekar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Sautar
- Author Name:
Dr. Birendra Prasad
- Book Type:

- Description: home English BooksOther The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English)The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English)The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English) The Sautar: In Search of Identity and Livelihood by Dr. Birendra Prasad (Book in English) ₹300 In stock We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00 DeliveryUsually delivered in 5-6 days. AuthorDr. Birendra Prasad (IAS) Features ISBN : 9789355217561 Language : English ...more NEW RELEASES More Information Author Dr. Birendra Prasad (IAS) ISBN 9789355217561 Language English Publisher Prabhat Prakashan Publication Year 2023 Number of pages 140 Binding Style Soft Cover Weight 155 Grams Description Sautar is an indigenous tribe residing mainly in West Bengal, Bihar, Jharkhand and Assam. Sautars belong to the Proto-Australoid racial group. Both men and women of the Sautar community are masters in archery. They are often considered a martial community by the masses. Since they are skilled fighters, they were often hired by the commoners during fights. Due to this practice, several Sautars were killed. In Bihar, Sautar is one of the major communities, forming a majority of the state's tribal population. The Sautar mostly speak Sautari, a member of the Munda language family. In Bihar, the Sautars are mostly landless. Though, some people from the tribe engage themselves in agriculture. This community has fallen prey to ignorance in the process of socialisation. The ignorance of the Sautar community developed gradually when most of their people were converted to Christianity. Some also became followers of Chauvinism. Due to this religious conversion, their original beliefs and culture got destroyed. In the cultural structure of India, the cultural identity and values of Sautars were ignored. This book is an attempt by the author to present the few aspects and facts behind the problems being faced by this community.
One Word Substitution
- Author Name:
Pallavi Borgohain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Stuti Suman
- Author Name:
Dr. Vinod Bala Arun
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Banaras Meets Berlin | Love's Uncharted Journey: An Indo-German Romance Defying Boundaries by Dr. Yojna Shah Jain
- Author Name:
Dr. Yojna Sah Jain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Double Helix
- Author Name:
James W. Douglass
- Book Type:

- Description: डी.एन.ए. मूलभूत आनुवंशिक पदार्थ है और बहुत थोड़े से लोगों को साठ साल पहले यह भान हुआ कि डी.एन.ए. ही जीवन की कुंजी है। जेम्स डी. वॉट्सन उन्हीं में से एक थे जिन्होंने अपने सहयोगी फ्रांसिस क्रिक के साथ जीवन के इस अनूठे रहस्य की संरचना को खोजा और इसके साथ ही बीसवीं सदी के विज्ञान को नए पंख लगा दिए। इस खोज को बीसवीं सदी की दो सबसे महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक घटनाओं में से एक माना जाता है। इस खोज ने डी.एन.ए. पर शोध का जो तूफ़ान चलाया था, वह आज तक थमा नहीं है। बात फिर चाहे जीन्स के पशुओं में परिस्थापन की हो या फिर फ़सलों की प्रकृति बदलने की, आप जीन्स या डी.एन.ए. से बच नहीं सकते। लेकिन यह शोध अपने साथ जो विवाद लाया था, वह भी आज तक ज़िन्दा है। क्रिक और वॉट्सन को कुछ रसायन विज्ञान का ज्ञान था, लेकिन दोनों में से किसी ने भी अपने शोध के परिणाम तक पहुँचने के लिए कभी प्रयोगशाला-परीक्षण नहीं किए थे। इसके विपरीत उन्होंने दूसरों द्वारा किए गए शोध को आधार बनाकर सिर्फ़ मॉडल बनाए—और बात बन गई। इस क्रम में केवेंडिश की प्रयोगशाला में रोज़ालिंड फ़्रैकलिन द्वारा लिए गए एक्स-रे चित्रों की विशेष भूमिका थी। वॉट्सन ने वह मशहूर चित्र 51 बिना रोज़ालिंड फ़्रैकलिन की जानकारी के रोज़ालिंड के सहयोगी मॉरिस विल्किन्स की मदद से देख लिया था। वह चित्र स्पष्ट रूप से डी.एन.ए. की प्रकृति को दिखा रहा था। इसके बाद वॉट्सन ज़ोर-शोर से मॉडल बनाने में लग गए। लेकिन अपने शोध में उन्होंने रोज़ालिंड के उस चित्र की भूमिका को कभी नहीं स्वीकारा, न ही अपनी खोज के श्रेय में रोज़ालिंड को कोई हिस्सा दिया। बल्कि इस पुस्तक में भी उन्होंने रोज़ी के रूप में उनका नकारात्मक चित्रण किया। बाद के वर्षों में रोज़ालिंड के सहयोगियों और तमाम स्त्रीवादियों द्वारा वॉट्सन के चित्रण की भर्त्सना भी की गई। यह पुस्तक बीसवीं सदी के विज्ञान साहित्य की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में गिनी जाती है। इसकी सीधी-सपाट भाषा प्रयोगशालाओं और वैज्ञानिकों के बीच के बौद्धिक सम्बन्धों की परम्परागत तसवीर को पूरी तरह खंडित करती है और दर्शाती है कि वैज्ञानिक भी मनुष्य हैं—ईर्ष्या, अभिलाषाओं और कुंठाओं से भरे मनुष्य। भारत में यह पुस्तक पहली बार 2003 में हिन्दी में प्रकाशित हुई और अपने विशेष महत्त्व के कारण आज भी पाठकों की प्रिय बनी हुई है।
Ramakrishna Paramhans
- Author Name:
Pradeep Pandit
- Book Type:

- Description: गंगा के किनारे बसा बेलूर मठ अब भी अपने परमहंसी स्वरूप में है। रामकृष्ण का कमरा, उनकी चारपाई सबकुछ वैसा ही है जैसा कभी था। नहीं है तो रामकृष्ण की वह देह, जिसके जरिए उन्होंने अध्यात्म के अनेक अभ्यास किए और संसार को प्रायोगिक भक्ति की प्रामाणिकता से अवगत कराया। परमहंस के पहले और बाद में भक्ति सिर्फ याचक की याचना से ज्यादा नहीं रही; लेकिन रामकृष्ण ने भक्ति के शाब्दिक कायांतरण के प्रमाण उजागर किए। भक्ति के उनके प्रयोगों की दुनिया शब्द, अर्थ, ध्वनि के आकाशों से घिरी हुई दुनिया है, जिसकी शुरुआत रामकृष्ण स्कूली जीवन में ही कर चुके थे। भक्ति एक भाव है, स्थिति है, इसलिए उसमें गणित नहीं होता। होता है तो सिर्फ भरोसा और विश्वास। रामकृष्ण अपने स्कूली जीवन में गणित में कमजोर थे, पर उस समय भी वे धार्मिक या धर्म पर बोलनेवाले संतों, महात्माओं को सुनते और अपने दोस्तों को ठीक वैसा ही सुनाकर चकित कर देते। उन्हें रास आता था सिर्फ अध्यात्म का रास्ता। भारत के आध्यात्मिक महापुरुषों में अग्रणी रामकृष्ण परमहंस की पूरी जीवन-यात्रा इस लौकिक जगत् को अतार्किक और अबूझ जगत् से नि:शब्द जोड़ने की यात्रा है। रामकृष्ण परमहंस के जीवन को जानने-समझने में सहायक एक उपयोगी पुस्तक।
The Warren Buffett of India Rakesh Jhunjhunwala: The Big Bull of Indian Share Market
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Rakesh Jhunjhunwala, a master stock investor and an Indian business magnate was born on July 5, 1960, in a Rajasthani family in Mumbai. He managed his portfolio as a partner in his wealth management firm called ‘Rare Enterprises.’ He was popularly known as the ‘Warren Buffett of India’ and the ‘Big Bull of India.’ Rakesh got the nickname ‘Big Bull’ due to his bullish outlook on India’s growth. He worked as the chairman of Hungama Digital Media Entertainment and Aptech. Stocks from organisations like Star Health, Nazara Technologies, Tata Motors, Agro Tech Foods, Canara Bank, Escorts, Rallis India, and Titan are among Jhunjhunwala’s inventory. Additionally, he had invested in several startups. He also served on the board of several organisations. In December 2021, he invested in India’s cheapest airline, Akasa Air. On August 14, 2022, India lost its ‘Big Bull’ after he suffered a cardiac arrest. The Big Bull survived through his wife, Rekha Jhunjhunwala and their three children. This book can be considered as the bible for upcoming stock investors.
The Hungry Stones And Other Stories (Pb)
- Author Name:
Rabindra nath Tagore
- Rating:
- Book Type:

- Description: This book has no description
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...