20 Greatest Authors of the World
Author:
Kalyani MookherjiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
Awating description for this book
ISBN: 9788184303599
Pages: 176
Avg Reading Time: 6 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Be a Humble Winner
- Author Name:
Suresh Mohan Semwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
AAO TYOHARON KO JANEN
- Author Name:
DURGESH
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Footprints of Childhood in the Dust | Chandrakant Sheth
- Author Name:
Chandrakant Sheth
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chithhi Patri - I
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BHARATIYA VAIGYANIK (FC)
- Author Name:
SATYENDRA JHA
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vidyapati : Raj Kaj Samaj
- Author Name:
Kamlanand Jha
- Book Type:

- Description: विद्यापति 'राज काज समाज' इस दृष्टि से अनोखी पुस्तक है कि इसमें विद्यापति की भक्ति-शृंगार वाली रूढ़ छवि के समानांतर सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकार संपन्न कवि के रूप में उनकी पहचान की गई है। विद्यापति की पदावली का अध्ययन उनकी अन्य महत्त्वपूर्ण वैचारिक रचनाओं के साथ मिलाकर की गई है जिसके परिणाम स्वरूप पदावली की नई अर्थ छटाओं से हमारा साक्षात्कार होता है। कीर्तिलता, पुरुष-परीक्षा और लखनावाली जैसी गंभीर विचार-प्रधान रचनाओं के कारण विद्यापति तमाम मध्यकालीन भक्त कवियों से अलहदा नजर आते हैं क्योंकि मध्यकाल के सभी भक्त केवल कवि हैं लेकिन विद्यापति कवि के साथ इतिहासकार, राजनीतिवेत्ता, संस्कृति-चिंतक तथा शिक्षाविद भी नजर आते हैं। ज्ञान के इस विस्तार ने उनकी कविता को अधिक गहरी और व्यापक जमीन प्रदान की है। हिंदी भक्ति आंदोलन के अग्रदूत विद्यापति की भक्ति कविता में वैष्णव (अलवार) और शैवभक्ति (नयनार) का समन्वित रूप देखने को मिलती है। विद्यापति ने मानव जीवन की श्रेष्ठता को प्रतिष्ठित करते हुए कहा है कि 'मानुस जीवन अनूप'। उनकी कविता में न तो कहीं स्त्री-निंदा है न ही वर्ण-विरोध। इस दृष्टि से विद्यापति समतापरक समाज की कल्पना करने वाले विलक्षण मध्यकालीन कवि के रूप में हमारे सामने उपस्थित होते हैं। विद्यापति की पदावली में शृंगार-भक्ति के अतिरिक्त स्त्री-प्रेम और प्रेम के क्षेत्र में स्त्री-साहस अद्ïभुत रूप से प्रकट हुआ है। सामंती समाज में प्रेम की पाबंदी के सख्त खिलाफ हैं—विद्यापति; वे कहते हैं 'परबस जनु हो हमार पियार'। यह पुस्तक पाठकों को एक 'नए विद्यापति' से परिचय कराने में सक्षम साबित होगी।
CHORI KI SAJA
- Author Name:
Anurag Dev
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
37 Years NEET Chapterwise & Topicwise Solved Papers Physics (2024-1998) | As Per NCERT Class 11 & 12 Include New Syllabus PYQs Question Bank For 2025 Exam
- Author Name:
Subhash Jain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Stritva Se Hindutva Tak
- Author Name:
Charu Gupta
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक का विषय है औपनिवेशिक उत्तर भारत में हिन्दू संगठनों, प्रचारकों और विचारों के सांस्कृतिक जगत में लिंग की केन्द्रीय भूमिका, यौनिकता का संकीर्ण विमर्श और साम्प्रदायिक उभार से इसके अन्तर्सम्बन्ध। अभिलेखागारों और प्रचलित साहित्य विधाओं के विशद शोध के ज़रिए यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार मुख्यतः मध्यवर्गीय हिन्दू प्रचारकों ने हिन्दी के प्रिंट-पब्लिक माध्यमों के इस्तेमाल से नए सामाजिक और नैतिक प्रतिमान गढ़ने, और एक विविध आबादी को एकरूप, आधुनिक हिन्दू समुदाय बनाने की कोशिश की। पुस्तक के पहले भाग में हिन्दू प्रचारकों की नैतिक और यौनिक चिन्ताएँ हैं। बाज़ारू साहित्य, कामोत्तेजक इश्तहार, लोकप्रिय संस्कृति, अश्लीलता, महिलाओं के मनोरंजन, शिक्षा और घरेलू परिदृश्यों की पड़ताल के ज़रिए लेखिका ने स्पष्ट किया है कि किस प्रकार एक ‘सम्माननीय’, ‘सुसंस्कृत’ हिन्दू सामाजिक और राजनैतिक पहचान बनाने के लिए इन सारे क्षेत्रों को पुनर्परिभाषित करने की कोशिशें हुईं। साथ ही इन प्रयासों के विरोध भी हुए, जिनसे हिन्दी साहित्य और हिन्दू पहचान की जटिलताओं और विषमताओं का भान होता है। दूसरे भाग में लिंग के प्रिज़्म से रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में बढ़ता हुआ साम्प्रदायिककरण देखा गया है। लेखिका ने हिन्दू पुरुषत्व की चिन्ताओं, मुस्लिम मर्द की साँचेदार तस्वीर, अपहरण-विरोधी अभियान, गाज़ी मियाँ की आलोचना और विधवा-विवाह के बदलते विमर्श पर ध्यान देते हुए बताया है कि हिन्दू प्रचारक हिन्दू औरत और मुस्लिम मर्द के बीच मेल-जोल कैसे रोकना चाहते थे। इन सबके बीच, यह पुस्तक महिलाओं के हस्तक्षेप—नकार और प्रतिकार—की भी चर्चा करती है, जिससे हिन्दू पहचान की तस्वीर खंडित होती है।
Mahila Sashaktikaran : Dasha Aur Disha
- Author Name:
Yogendra Sharma
- Book Type:

- Description: महिलाओँ की संख्या विश्व की जनसंख्या से लगभग आधी है। उनके उन्नयन के बिना परिवार, समाज व राष्ट्र की प्रगति सम्भव नहीं है। आज वे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योग्यताओं एवं क्षमताओं को उजागर कर रही हैं, जागरूकता एवं आत्मनिर्भरता की ओर उन्मुख हैं। पहले की अपेक्षा उनकी स्थिति में सुधार हुआ है, अधिकारों एवं सुरक्षा में बढ़ोतरी भी हुई है। अब भी वे मंज़िल से दूर हैं, उन्हें यह सब कुछ प्राप्त नहीं हो सका है जो उनका अभीष्ट है। उनके विरुद्ध होनेवाले अपराधों में विगत की तुलना में वृद्धि हुई है। यद्यपि नए और कठोर क़ानून भी बने हैं लेकिन प्रभावी क्रियान्वयन तथा सामाजिक चेतना के अभाव में सशक्तीकरण कर लक्ष्य पूर्ण नहीं हो सका है। महिलाओं की उपेक्षा करने की प्रवृत्ति को त्यागकर कुकृत्यों के विरुद्ध आवाज़ उठानी होगी तथा विधिक कार्यवाही के प्रति तत्पर होना होगा। तभी उन्हें प्रताड़ना, अत्याचार एवं शोषण से मुक्ति सम्भव होगी।
Agyey Sanchayita
- Author Name:
Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Ajneya'
- Book Type:

- Description: अगर स्वतंत्रता को बीसवीं शताब्दी की एक बीज अवधारणा मानें तो जिन मूर्धन्य और कालजयी लेखकों ने इस अवधारणा को अपने सृजन, विचार और आयोजन का केन्द्र बनाया, उनमें अज्ञेय का स्थान ऊँचा और प्रमुख हैं। हिन्दी को उसकी आधुनिकता और भारतीय स्वरूप देने में भी अज्ञेय की भूमिका केन्द्रीय रही है। उनकी यह शीर्षस्थानीयता और केन्द्रस्थानीयता उन्हें न सिर्फ़ हिन्दी बल्कि समूचे भारतीय साहित्य का एक क्लैसिक बनाती है। स्वतंत्रता और अपने आत्मबोध के अन्वेषण और विन्यास के लिए अज्ञेय ने साहित्य की शायद ही कोई विधा होगी जिसमें न लिखा हो। उन सभी में अर्थात् कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना, यात्रा-वृत्तान्त, ललित निबन्ध, डायरी, सम्पादन में उनका कृतित्व श्रेष्ठ कोटि का है। हिन्दी में उनसे पहले और बाद में भी कोई और साहित्यकार नहीं हुआ है जो इतनी सारी विधाओं में सक्रिय रहा है और जिसने उनमें से हरेक में शीर्षस्थानीयता हासिल की हो। हिन्दी में आधुनिकता, नई कविता और प्रयोगवाद आदि अनेक प्रवृत्तियों के अज्ञेय प्रमुख स्थापित और अवधारक भी रहे हैं। उनके विपुल और विविध कृतित्व से यह पाठमाला उनकी कुछ अत्यन्त महत्त्वपूर्ण, विचारोत्तेजक और प्रतिनिधि रचनाओं को एकत्र करने का यत्न है। इसके पीछे यह विश्वास है कि यह संचयन अज्ञेय के संसार के प्रति नई जिज्ञासा उकसाकर पाठकों को उनके विपुल साहित्य और विचार के साक्षात्कार और रसास्वादन के लिए प्रेरित करेगा। अज्ञेय-साहित्य के मर्मज्ञ और प्रसिद्ध-आलोचक नन्दकिशोर आचार्य ने पूरी ज़िम्मेदारी, समझ और रसिकता के साथ यह संचयन किया है जिससे इस पाठमाला का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
Sanskriti Ka Panchvan Adhyaya Speeches of Prime Minister of India Shri Narendra Modi
- Author Name:
Narendra Modi::Ram Bahadur Rai::Prabhat Ojha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dharmashastra Aur Jatiyon ka Sach
- Author Name:
Shashi Shekhar Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Weight Loss Ke 101 Tips
- Author Name:
Dr. Anil Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Anuvrat Anushasta Acharya Mahapragya: Global Reflections And Tributes
- Author Name:
Dr. S.L. Gandhi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lekhak Ka Cinema
- Author Name:
Kunwar Narain
- Book Type:

-
Description:
कुँवर नारायण अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कवि हैं। वह विश्व सिनेमा के गहरे जानकारों में हैं। उन्होंने आधी सदी तक सिनेमा पर गम्भीर, विवेचनापूर्ण लेखन किया है, व्याख्यान दिए हैं। ‘लेखक का सिनेमा’ उन्हीं में से कुछ प्रमुख लेखों, टिप्पणियों, व्याख्यानों और संस्मरणों से बनी पुस्तक है। इसमें अनेक अन्तरराष्ट्रीय फ़िल्मोत्सवों की विशेष रपटें हैं, जो लेखकीय दृष्टिकोण से लिखी गई हैं और बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। इस किताब में वे कला, जीवन, समाज और सिनेमा, इन सबके बीच के सम्बन्धों को परिभाषित, विश्लेषित करते हुए चलते हैं। इसमें सिनेमा के व्याकरण की आत्मीय मीमांसा है। यहाँ देख डालने, सोच डालने की जल्दीबाज़ी नहीं है, बल्कि विचार एक लम्बी, निरन्तरता से भरी प्रक्रिया है, जो उतनी ही गझिन है, जितनी फ़िल्म बनाने की प्रक्रिया।
प्रसिद्ध फ़िल्मों व निर्देशकों के अलावा उन निर्देशकों व फ़िल्मों के बारे में पढ़ना एक धनात्मक अनुभव होगा, जिनका नाम इक्कीसवीं सदी के इस दूसरे दशक तक कम आ पाया। हिन्दी किताबों से जुड़ी नई पीढ़ी, जो विश्व सिनेमा में दिलचस्पी रखती है, के लिए इस किताब का दस्तावेज़ी महत्त्व भी है।
अर्जेंटीना के लेखक बोर्हेस की प्रसिद्ध पंक्तियाँ हैं—‘‘मैं वे सारे लेखक हूँ जिन्हें मैंने पढ़ा है, वे सारे लोग हूँ जिनसे मैं मिला हूँ, वे सारी स्त्रियाँ हूँ, जिनसे मैंने प्यार किया है, वे सारे शहर हूँ जहाँ मैं रहा हूँ।’’ कुँवर नारायण के सन्दर्भ में इसमें जोड़ा जा सकता है कि मैं वे सारी फ़िल्में हूँ जिन्हें मैंने देखा है।
Gurudutt Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Gurudutt
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Khadakmafi Ki Smritiyon Se
- Author Name:
Lalit Mohan Rayal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Supreme Court Ke 85 Aitihasik Judgments "सुप्रीम कोर्ट के 85 ऐतिहासिक जजमेंट्स" For UPSC and State Civil Services Examination, Interview, CLAT and Judicial Examinations Book in Hindi
- Author Name:
Dr. Pramod Kumar Agrawal, IAS (Retd.)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Devon ka uday (Hindi Translation of The Rise of the Devas)
- Author Name:
Mayank Agrawal +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.