Nahin Kathin Hai Dagar Panghat Ki
Author:
Dr. Ram SinghPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789382901921
Pages: 104
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Sir Walter Scott ki Lokpriya Kahaniyan "सर वाल्टर स्कॉट की लोकप्रिय कहानियाँ" | Famous Fiction Stories of walter | Book in Hindi
- Author Name:
Walter Scott
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
A Doctors Story of Life & Death
- Author Name:
Dr. Kakarla Subbarao +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patkatha Lekhan : Ek parichay
- Author Name:
Manohar Shyam Joshi
- Book Type:

-
Description:
पटकथा-लेखन एक हुनर है। अंग्रेज़ी में पटकथा-लेखन के बारे में पचासों किताबें उपलब्ध हैं और विदेशों के, ख़ासकर अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में पटकथा-लेखन के बाक़ायदा पाठ्यक्रम चलते हैं। लेकिन भारत में इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं हुई। हिन्दी में तो पटकथा-लेखन और सिनेमा से जुड़ी अन्य विधाओं के बारे में कोई अच्छी किताब छपी ही नहीं है। इसकी एक वजह यह भी है कि हिन्दी में सामान्यतः यह माना जाता रहा है कि लिखना चाहे किसी भी तरह का हो, उसे सिखाया नहीं जा सकता। कई बार तो लगता है कि शायद हम मानते हैं कि लिखना सीखना भी नहीं चाहिए। यह मान्यता भ्रामक है और इसी का नतीजा है कि हिन्दी वाले गीत-लेखन, रेडियो, रंगमंच, सिनेमा, टी.वी. और विज्ञापन आदि में ज़्यादा नहीं चल पाए।
लेकिन इधर फ़िल्म व टी.वी. के प्रसार और पटकथा-लेखन में रोज़गार की बढ़ती सम्भावनाओं को देखते हुए अनेक लोग पटकथा-लेखन में रुचि लेने लगे हैं, और पटकथा के शिल्प की आधारभूत जानकारी चाहते हैं। अफ़सोस कि हिन्दी में ऐसी जानकारी देनेवाली पुस्तक अब तक उपलब्ध ही नहीं थी।
‘पटकथा-लेखन : एक परिचय’ इसी दिशा में एक बड़ी शुरुआत है, न सिर्फ़ इसलिए कि इसके लेखक सिद्ध पटकथाकार मनोहर श्याम जोशी हैं, बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने इस पुस्तक की एक-एक पंक्ति लिखते हुए उस पाठक को ध्यान में रखा है जो फ़िल्म और टी.वी. में होनेवाले लेखन का ‘क, ख, ग’ भी नहीं जानता। प्राथमिक स्तर की जानकारियों से शुरू करके यह पुस्तक हमें पटकथा-लेखन और फ़िल्म व टी.वी. की अनेक माध्यमगत विशेषताओं तक पहुँचाती है; और सो भी इतनी दिलचस्प और जीवन्त शैली में कि पुस्तक पढ़ने के बाद आप स्वतः ही पटकथा पर हाथ आज़माने की सोचने लगते हैं।
Chaar Nagron Ki Meri Duniya
- Author Name:
Jayant Vishnu Narlikar
- Book Type:

-
Description:
यह मूल रूप से कोल्हापुर में रहनेवाले और एक छोटे से परिवार में जन्मे एक ऐसे युवक की दास्तान है जो पढ़ने में तो मेधावी था ही, उससे भी ज़्यादा आत्मबल से सम्पन्न था। यह युवक हैं : जयंत नार्लीकर।
उनके पिता तात्यासाहब नार्लीकर भी बहुत मेधावी व्यक्ति थे। जयंत की स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई बनारस में ही हुई। आगे की पढ़ाई का उनका इरादा इंग्लैंड के ऑक्सब्रिज (ऑक्सफ़ोर्ड+कैम्ब्रिज) विश्वविद्यालय में करने का था। उनका अगला उद्देश्य ‘ट्रायपास’ परीक्षा उत्तीर्ण कर पीएच.डी. के लिए अपना अध्ययन जारी रखना था, पर उन्हें एडमिशन मिला लंदन के फिट्जविलियम हाउस में। तब से लेकर अगले 15 वर्ष तक वे कैम्ब्रिज में ही रहे। यानी वहीं पढ़ाई की और बाद में नौकरी भी वहीं की। इसी दौरान उनके वहाँ, अमरीका और भारत में कई उल्लेखनीय व्याख्यान हुए, जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। भारत आने पर अपने पुराने बनारस शहर के अलावा मुम्बई-मद्रास-कोलकाता एवं अन्य जगहों पर उनका कई बार जाना हुआ और भारत में ही उनकी शादी हुई। उनके बारे में आप इस किताब में उन्हीं के शब्दों में जानेंगे।
Indian Politics & Our Thought
- Author Name:
Rajnath Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Life and Times of Napoleon
- Author Name:
Hareld F.B. Wheeler
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jahalat Ke Pachas Saal
- Author Name:
Shrilal Shukla
- Book Type:

- Description: श्रीलाल शुक्ल के रचना संसार की सबसे बड़ी शक्ति है—व्यंग्य। शायद ही कोई दूसरा लेखक हो जिसने व्यंग्य का इतना विपुल, विविध और बहुआयामी उपयोग किया हो। ऐसे अद्वितीय लेखक श्रीलाल शुक्ल के लगभग सभी व्यंग्य निबन्धों का संग्रह है—'जहालत के पचास साल’। इस तरह देखें तो इस पुस्तक का प्रकाशन हिन्दी जगत में एक महत्त्वपूर्ण घटना तो है ही, यह एक अति विशिष्ट लेखक श्रीलाल शुक्ल के व्यंग्य की दुनिया को भली-भाँति जानने, समझने और उसमें सैर करने का दुर्लभ अवसर भी जुटाता है। 'जहालत के पचास साल’ की रचनाएँ आधुनिक भारत के महान से महान व्यक्तियों, संस्थाओं, अवधारणाओं, घोषणाओं, नारों की भी गल्तियों को नहीं बख्शतीं। समाज, सभ्यता और संस्कृति के किसी भी हिस्से की चूक पर श्रीलाल शुक्ल के व्यंग्य की बेधक मार के निशानों से भरी पड़ी है यह किताब। यह कहने में हर्ज नहीं कि यदि आ$जादी के बाद के भारत का असली चेहरा देखना हो तो वह समाजशास्त्र और पत्रकारिता से भी ज्यादा प्रामाणिक और चाक्षुष दिखेगा 'जहालत के पचास साल’ में। 'जहालत के पचास साल’ की रचनात्मक उत्कृष्टता का एक स्रोत यह है कि इसके व्यंग्य और हल्के-फुल्केपन के पीछे श्रीलाल शुक्ल का गहन अध्यवसाय, समय की सच्ची समझ और मनुष्यता के प्रति गहरे सरोकार का बल सक्रिय रहता है। इस संग्रह की रचनाएँ औसत समाज और औसत व्यंग्य-लेखन—दोनों को—कड़ी चुनौती देती हैं और फटकार लगाती हैं। संक्षेप में कहा जाए तो 'जहालत के पचास साल’ में भारतीय सत्ता और समाज की कारगुजारियों से सीधी भिड़ंत है। इस लड़ाई में भाषा के लिए एक से बढ़कर एक अमोघ अस्त्र तैयार करते हैं श्रीलाल शुक्ल।
Best Artist Cutting Edge Techologies
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Meet the author who is revolutionizing the art world with cutting-edge technologies. In this book author describes hoe technology and artist who is transforming the way people experience art. With a combination of bold creativity and innovative technology, he is pushing the boundaries of what is possible in the art world and inspiring a new generation of creatives. Award-winning artist’s, work has always been featured in galleries and exhibitions around the world. Dr.Sanjay is passionate about using new technologies to create stunning and unique art pieces, combining traditional painting techniques with cutting-edge technologies. Dr.Sanjay has demonstrated his commitment to expanding the possibilities of art by exploring virtual reality, augmented reality, 3D printing, and other advanced technologies. He has also become a leader in the field by teaching, speaking at conferences, and inspiring others to explore the creative possibilities of these technologies. In his bestselling book, “Best Artist Cutting Edge Technologies”, Author shares his story and reveals the secret behind his success. From his struggles to break into the art world to his methods for creating breath-taking art pieces, Dr.Sanjay’s book is a must-read for anyone interested in pushing the boundaries of creativity and exploring the potential of new technologies.
The Reverse Swing
- Author Name:
Ashok Tandon
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahila Adhikar
- Author Name:
Mamta Mehrotra
- Book Type:

- Description: यह समय ‘अस्मिता विमर्श’ का है। विमर्श सचेत करते हैं अधिकारों और दायित्वों के प्रति। विभिन्न स्तरों पर जारी ‘स्त्री विमर्श’ ने स्त्रियों से जुड़े अनेक सवालों को मुखर और प्रखर किया है। स्त्रियाँ स्वतंत्रता, सम्मान, समता और सहभागिता के लिए निरन्तर संघर्ष कर रही हैं। इस सन्दर्भ में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि भारत के संविधान ने महिलाओं को कौन-कौन से अधिकार दिए हैं। 'महिला सशक्तिकरण' को सच करते हुए क़ानून ने महिलाओं को क्या-क्या शक्तियाँ प्रदान की हैं। ज़ाहिर है कि इस लोकतंत्र में महिलाएँ यदि अपने अधिकारों को भली प्रकार जान जाएँ तो उनके 'अस्तित्व' का संघर्ष सरल और सकारात्मक हो जाएगा। ‘महिला अधिकार’ पुस्तक में ममता मेहरोत्रा ने मानवाधिकार को विश्व पटल पर रखकर स्त्री-प्रश्नों का विवेचन किया है। बीजिंग घोषणा-पत्र, वियना सम्मेलन—1993, भारतीय विधि आयोग की इक्कीसवीं रिपोर्ट के ज़रिए महिला अधिकारों के प्रति सामाजिक-वैधानिक सतर्कता का जायजा लिया गया है। सती प्रथा, डायन, विज्ञापन, मातृत्व, द्विविवाह, दहेज आदि पक्षों पर तर्कपूर्ण विचार करते हुए लेखिका ने इनके अनेक पक्षों का वर्णन किया है, विशेषत: क़ानूनी पक्ष का। पुस्तक की भाषा प्रवाहपूर्ण है, इसलिए पठनीयता भरपूर है। सचेत और सशक्त करती एक ज़रूरी किताब।
Samaj Aur Rajya Bharatiya Vichar
- Author Name:
Surendranath Meetal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dwandwa
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Book Type:

- Description: This book does not have any description.
Sensex Of Regional Parties
- Author Name:
Aaku Shrivastava
- Book Type:

- Description: This book by eminent journalist Aaku Srivastava, delves deep into the history of the politics of independent India with an aim to study the ups and downs of the regional parties arising with the contradictions and conflicts between the states against the ‘Centre’. These ‘contradictions’ first appeared in the early 1970s when local political forces in 7 to 8 states formed their own ‘united governments’ and offered localist alternatives to the ‘Centrist’ Congress policies. Linguistic and local cultural identities made this change possible. In the Centre too, two non-Congress parties and local parties formed governments. In the era of globalisation, this tendency of decentralisation became even more forceful and compelling. Perhaps that is why even now that Congress ‘centralism’ has been replaced by BJP, many localist identities keep clashing with BJP’s centralism as well. Aaku Srivastava critically examines the various dimensions of this fundamental contradiction of Indian politics. And they tell that this contradiction is due to ‘internal contradiction’ of our contemporary politics, which apparently appears to be a ‘curse for democracy’ but indirectly it seems to keep democracy alive. In my view, this book is a perfect read to understand the pulse of contemporary and future politics. —Sudhiesh Pachouri
Barhavi Sadi Ki Kannad Kavayitriyan Aur Stree-Vimarsh
- Author Name:
Kashinath Ambalge
- Book Type:

- Description: सम्पूर्ण भारतीय साहित्य में, विशेषकर बारहवीं शताब्दी के दौर में, स्त्री-विमर्श की अनुगूँज केवल कन्नड़ साहित्य में उपलब्ध होती है। जाति-प्रथा का निषेध, वर्ण और वर्ग की विषमता का प्रतिरोध बारहवीं शताब्दी में केवल कन्नड़ भाषा-साहित्य में प्राप्त होता है। 5वीं शताब्दी में तमिल भाषा-साहित्य में निम्न वर्ग और दलित वर्ग के रचनाकारों को महत्त्व प्राप्त होता है, नायनार और आलवार सम्प्रदाय में मनुष्य की वेदना और अस्मिता को सामाजिक स्वीकृति मिलती है पर स्त्री-समुदाय को, वह भी लगभग पैंतीस महिला रचनाकारों को, सामाजिक, आध्यात्मिक और वर्ग चेतना के स्तर पर स्वीकृति केवल कन्नड़ भाषा-साहित्य में बारहवीं शताब्दी में उपलब्ध होती है। अपभ्रंश और प्राकृत भाषा-साहित्य में चेरी गाथाओं के बाद सम्पूर्ण भारतीय स्तर पर स्त्री-विमर्श का यह श्रेय कन्नड़ की अक्कमहादेवी और अन्यान्य शिवशरणियों को जाता है। मुक्तायक्का और अल्लमप्रभु ने भी कला, साहित्य, संस्कृति और दर्शन के स्तर पर अप्रतिम योगदान दिया है। राहुल सांकृत्यायन, भगवतीशरण उपाध्याय, रामविलास शर्मा और डी.डी. कोसम्बी की परम्परा में डॉ. काशीनाथ अंबलगे ने एक प्रतिबद्ध समीक्षक और तत्त्ववेत्ता के रूप में इस अभूतपूर्व कृति की रचना की है। विश्वास है, इसका आकलन सुधी पाठक और समर्थ आलोचक सम्यक् रूप से करेंगे। —रोहिताश्व
Jaishankar Prasad Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Jaishankar Prasad
- Book Type:

- Description: "जयशंकर प्रसाद की श्रेष्ठ कहानियाँ महान् कथाकार और हिंदी साहित्य जगत् में कहानी को एक संपूर्ण विधा के रूप में स्थापित करनेवाले श्री जयशंकर प्रसाद का योगदान अविस्मरणीय है। कहानी के क्षेत्र में प्रसादजी के पाँच कथा-संग्रह प्रकाशित हुए-‘छाया’, ‘प्रतिध्वनि’, ‘आकाशदीप’, ‘आँधी’ तथा ‘इंद्रजाल’। इन पाँचों कहानी संग्रहों में प्रसादजी की कुल 70 कहानियाँ प्रकाशित हईं। इन कहानियों में मानव-जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रदर्शित किया गया है। करुणा, वात्सल्य के अतिरिक्त पारिवारिक संबंधों की गहराई तक पहुँचने का प्रयास प्रसादजी ने अपनी कहानियों में बखूबी किया है। शौर्य और वीरता की भी झलक उनकी कहानियों में स्पष्ट दिखाई पड़ती है। काव्य, नाटक, कथा-साहित्य, आलोचना, दर्शन, इतिहास सभी क्षेत्रों में उनकी प्रतिभा अद्वितीय रही। ‘कामायनी’ जैसे महाकाव्य; ‘चंद्रगुप्त’, ‘स्कंदगुप्त’, ‘अजातशत्रु’ जैसे नाटक; ‘कंकाल’, ‘तितली’ जैसे उपन्यास तथा अनेक विशिष्ट कहानियाँ उनकी रचनात्मक दृष्टि को सार्थक करती हैं। प्रस्तुत संग्रह में जयशंकर प्रसाद की चुनी हुई प्रसिद्ध कहानियाँ प्रस्तुत की गई हैं, ताकि ऐसे महान् साहित्यकार की रचनाएँ पाठकों के बीच अधिक-से-अधिक पहुँचें और वे इनका भरपूर लाभ उठाएँ।
CTET Central Teacher Eligibility Test Paper -1 (Class I-V) Guide with Latest Solved Papers
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
You Too Can Crack UPSC CSE
- Author Name:
Naveen Kumar Chandra, Ias
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
SIDDH-NATH AUR SANT SAHITYA KI RACHNATMAK ANTARDHARA
- Author Name:
Anupam Singh
- Book Type:

- Description: अब तक सिद्धों-नाथों और संतों के बीच दार्शनिक सम्बन्ध ही अधिक खोजा गया है। परन्तु इस पुस्तक में मैंने दार्शनिक पक्ष के साथ-साथ उनके सामाजिक पक्ष को भी अंत:सम्बद्धता में देखा है। सिद्धों-नाथों और संतों के बीच अनेक समान्तर अंत सूत्र होने के बावजूद उनके दर्शन और विचार, उनकी भाषा और उनके सामाजिक सरोकार में अंतर देखने को मिलता है। यह भेद और उनके बीच की समानता को इस पुस्तक में कथ्य, संवेदना,रूप आदि के अलग-अलग स्तरों पर देखा गया। इस पुस्तक को प्रकाशित कराने का मेरा विचार 'प्रति संस्कृति' के निर्माण में सिद्धों, नाथों एवं संतों के योगदान को देखकर हुआ। अपने समय में प्रचलित मान्यताओं से इन्होंने अलग राह ली। परन्तु उसमें से कुछ समय से आगे और कुछ समय के दबाव और बहाव में ही गति करती रहीं। तीनों सम्प्रदाय के कवियों ने समाज में व्याप्त अनेक बाह्य आडम्बरों पर प्रहार किया, उनसे प्रति प्रश्न किया। परन्तु स्त्री के प्रति प्रचलित नजरिये को सिर्फ सिद्ध कवि ही तोड़ पाए। आडम्बरों पर तीनों सम्प्रदाय के कवि मुखर हैं परन्तु नाथों एवं संतों ने स्त्री को 'पितृसत्तात्मक' समाज में घुटने के लिए छोड़ ही नहीं दिया बल्कि अपनी राह भी अलग कर लीं।
Zindagi
- Author Name:
Sanjay Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Bhautik Vigyan Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Physics Practice Sets Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...