Maa Ka Dard Kya Vo Samjhta Hai
Author:
Arun ShouriePublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
एक किताब उन सबके लिए, जिन्हें कष्ट और नुकसान से जूझना पड़ा।
यदि ईश्वर है, जो सबकुछ जानता है, सर्वशक्तिमान है और करुणामय भी है, तो चारों तरफ इतना असहनीय दुःख क्यों?
हमारे धार्मिक शास्त्रों में कष्ट पर सफाई में क्या कहा गया है? क्या वह सफाई जाँच में टिक पाती है?
क्या हमारा अनुभव इस बात को स्वीकार करता है कि ईश्वर है? या फिर दो शैतान— समय और संयोग उन सबका कारण है, जिनसे हमें गुजरना पड़ता है?
दुःख और कष्ट का अनुभव कर चुके अरुण शौरी ने शास्त्रों की अग्नि-परीक्षा ली और फिर हमें बताया कि क्यों अंततः उनका झुकाव बुद्ध की शिक्षा की ओर हुआ। उनकी शिक्षा में हमारे दैनिक जीवन के लिए कौन से संदेश हैं?
ISBN: 9789351868132
Pages: 360
Avg Reading Time: 12 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Syama Prasad Mookerjee : His Death In Detention
- Author Name:
Uma Prasad Mookerjee
- Book Type:

- Description: When it appeared in 1953, Uma Prasad’s book on Dr. Syama Prasad Mookerjee’s detention and death in Kashmir created a wave of indignation. It reproduced documents connected to Dr. Mookerjee’s arrest and death and gave a gripping account of the manner in which he was arrested, detained and allowed to die. Dr. Mookerjee’s mother Jogmaya Debi’s letter to Nehru, pleading for an enquiry, Nehru’s refusal to order it, Sheikh Abdullah’s obfuscations, all of these find place in this book. Why was Dr. Mookerjee allowed to enter Jammu and Kashmir and then arrested? Why were high doses of a particular injection, to which he was allergic, administered to him? How did his diary disappear—are among the many questions that this book raises and attempts to answer. Above all it gives the readers an idea of how obstinate, self-obsessed, arrogant and scheming a man was Jawaharlal Nehru, who, as it comes across in this book, was not only economical with the truth but had literally pushed Dr. Mookerjee to his end. A must read for all those who wish to understand the truth behind the sudden end of a momentous and promising life.
Jahan Auratein Gadhi Jati Hain
- Author Name:
Mrinal Pande
- Book Type:

- Description: हिन्दी की वरिष्ठ कथाकार और पत्रकार मृणाल पाण्डे अपने लेखन में समय तथा समाज के गम्भीर मसलों को लगातार उठाती रही हैं। भारतीय स्त्रियों के संघर्ष और जिजीविषा को भी वे इसी व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखती–परखती रही हैं। यही कारण है कि स्त्री–प्रश्न के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के बावजूद, उनका लेखन स्त्री–विमर्श के संकीर्ण दायरे में सिमटा हुआ नहीं है। वे ‘अन्दर के पानियों का सपना’ देखती हैं, तो ‘नारीवादी आन्दोलन की विडम्बना’ को भी उजागर करती हैं। इस पुस्तक में समय–समय पर लिखी गई उनकी टिप्पणियाँ और आलेख संकलित हैं। लेखिका ने राजनीति में ‘महिला सशक्तिकरण’ और ‘पंचायती राज में महिला भागीदारी’ जैसे बड़े सवालों के साथ–साथ कई छोटे–छोटे मसलों और प्रश्नों को भी उठाया है, जिनसे गुज़रते हुए एक ऐसा ‘हॉरर शो’ पाठकों के सामने उपस्थित होता है, जिसमें पुरुषवादी समाज की नृशंसता में फँसी स्त्री की छटपटाहटों के कई रूप दिखलाई देते हैं। इसमें सिर्फ़ पराजय ही नहीं, प्रतिकार की छटपटाहट भी है। करुणा के भीतर की बेचैनी को रेखांकित करना मृणाल पाण्डे के लेखन की ख़ास विशेषता है। एक पत्रकार के नाते वे हर छोटे–बड़े सवाल को शिद्दत के साथ उठाती हैं, लेकिन, अपने पात्रों को जड़ पदार्थ मानकर छोटा नहीं बनातीं, बल्कि एक लेखिका के नाते संवेदना के स्तर पर उनसे जुड़ जाती हैं—यही चीज़ मृणाल पाण्डे के लेखन को सबसे अलग और विशिष्ट बनाती है।
AAJ KI BAAT KAREN
- Author Name:
Helle Helle
- Book Type:

- Description: हेल्ले हेल्ले का जन्म 1965 में डेनमार्क के चौथे सबसे बड़े द्वीप लोलैंड के नगर नाकस्कॉव में हुआ था। उनका पालन-पोषण द्वीप लोलैंड के ही फेरी शहर रॉड्बी (Rødby) में हुआ था, जहाँ से नौकाएँ पुटगार्डन (जर्मनी) जाती हैं। साहित्य के प्रभाव में हेल्ले हेल्ले बचपन से थीं और अधिकांश समय पुस्तकालय में बिताती थीं। यह आभास उन्हें बहुत जल्दी ही हो गया था कि वह खुद भी एक लेखिका बनेंगी। रॉड्बी में करने के लिए बहुत कुछ नहीं था, इसलिए वे वयस्क होने पर कोपनहेगन शिफ्ट हो गईं। 1985 में उन्होंने कोपनहेगन विश्वविद्यालय में साहित्य अध्ययन में दाखिला लिया और एक लेखिका के रूप में उभरने लगीं। साहित्य में स्नातक करने के पश्चात् उन्होंने 1991 में राइटर्स स्कूल, कोपनहेगन से स्नातक किया। उनकी पहली पुस्तक वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई और तब से ही उनका लोकप्रिय लेखन प्रशंसा और आलोचना दोनों का एक चर्चित विषय रहा है। उन्होंने अभी तक कई कहानियों के अलावा वयस्क साहित्य पर 10 उपन्यास और बाल साहित्य पर एक पुस्तक लिखी है। हेल्ले हेल्ले अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित हुई हैं डेनिश क्रिटिक्स पुरस्कार, डेनिश अकादमी का बीट्राइस पुरस्कार, पी.ओ. एनक्विस्ट अवार्ड और डेनिश कला परिषद् का प्रतिष्ठित लाइफटाइम अवार्ड। उनकी कहानियों और उपन्यासों का 22 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उपन्यास Dette Burde Skrives I Nutid (...आज की बात करें) के लिए उनको प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार गोल्डन लौरेल से नवाजा गया है।
Nayika: A Girl with Dreams
- Author Name:
Abhinav Jain
- Book Type:

- Description: अवनि को खुद पर तो हमेशा से था पर वह अपने प्यार पर भी पूरा भरोसा करने लगी थी। इसीलिए उसमें अब इतनी शक्ति आ गयी थी कि वह खुद के लिए रास्ते चुनने लगी थी। पर अवनि जो कदम आगे बढ़ा चुकी थी उससे भी पीछे नहीं हटा सकती थी। उसने अक्षय को अँधेरे में एक रौशनी किरण दी थी और वो उसे फिर से अंधेरों के गर्त में नहीं धकेलना चाहती थी। पर फ़िलहाल वो पापा की बातों को सुनकर बहुत परेशान हो गयी थी। उनकी बातें कहीं न कहीं सही भी थी।
Lokayat
- Author Name:
Deviprasad Chattopadhyay
- Book Type:

- Description: यह पुस्तक प्राचीन भारतीय भौतिकवाद की मार्क्सवादी व्याख्या प्रस्तुत करती है। पाश्चात्य व्याख्याताओं ने भारतीय दर्शन के इस सशक्त पक्ष की प्रायः उपेक्षा की है। उनकी उपनिवेशवादी इतिहास-दृष्टि इस बात को बराबर रेखांकित करती रही है कि भारतीय दर्शन की मूल चेतना पारलौकिक और आध्यात्मिक है। उसमें जीवन तथा जगत के यथार्थ को महत्त्वहीन माना गया है अथवा उसकी उपेक्षा की गई है। देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने प्राचीन ग्रन्थों, पुरातात्त्विक और नृतत्त्वशास्त्रीय प्रमाणों और ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर इस बात का खंडन किया है। उनका कहना है कि प्राचीन भारत में लौकिकवाद और अलौकिकवाद, दोनों ही मौजूद थे। राजसत्ता के उदय के बाद शासक वर्ग ने लौकिक चिन्तन को अपने स्वार्थ के लिए नेपथ्य में डाल दिया तथा पारलौकिक चिन्तन को बढ़ावा दिया और भारतीय चिन्तन की एकमात्र धारा के रूप में उसे प्रतिष्ठा दिलाई। इसलिए प्राचीन भारत के लौकिक चिन्तन को समझे बिना हमारी इतिहास-दृष्टि हमेशा धुँधली रहेगी। यह पुस्तक इतिहास, दर्शन, भारतीय साहित्य और संस्कृति में दिलचस्पी रखनेवाले जिज्ञासुओं के लिए समान रूप से उपयोगी है। इस पुस्तक का विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
Antriksh Prashnottary
- Author Name:
Kali Shankar
- Book Type:

- Description: अनजाने अंतरिक्ष को जानने के लिए सामान्य मानव के मस्तिष्क में अनेक रोचक और कुतूहलपूर्ण प्रश्न उभरते रहे हैं तथा वह अंतरिक्ष के विषय में अधिकाधिक जानकारी पाने की प्रबल इच्छा रखता है । प्रस्तुत पुस्तक में अंतरिक्ष के विभिन्न विषयों- अंतरिक्ष स्टेशन, तारकीय / क्षुद्र ग्रहीय '' पुच्छल तारा अभियान, अंतरिक्ष परिवहन स्पेस शटल, अंतरिक्ष में प्रमोचन की प्रक्रिया, अंतरिक्ष के रिकॉर्ड, अंतरिक्ष दूरबीनें, कृत्रिम उपग्रह, स्पेस वॉक, अंतरिक्ष परिघटनाओं तथा अंतरिक्ष चयन और प्रशिक्षण का रोचक वर्णन किया गया है । आज अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न अनुसंधानों -स्पेस एलीवेटर ( अंतरिक्ष परिवहन का भविष्य का सबसे सस्ता साधन), भूकंपों के पूर्वानुमान में उपग्रहों की भूमिका और सौर ऊर्जा उपग्रहों के बारे में भी रोचक व ज्ञानप्रद जानकारी दी गई है । अंतरिक्ष के दुर्लभ और रोमांचक आँकड़ों को 23 परिशिष्टों के माध्यम से स्पष्ट किया गया है । यह पुस्तक अंतरिक्ष विषय के जिज्ञासु पाठकों के कुतूहलपूर्ण प्रश्नों का समाधान करने में समर्थ सिद्ध होगी, ऐसा विश्वास है ।
Ikigai: इकिगाई
- Author Name:
Raj Goswami
- Book Type:

- Description: This book does not have any description.
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