Bharat Ka Rashtriya Vriksh Aur Rajyo Ke Rajya Vriksh
Author:
Parashuram ShuklaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 560
₹
700
Unavailable
‘भारत का राष्ट्रीय वृक्ष और राज्यों के राज्य वृक्ष’ एक अनूठी पुस्तक है। इसका उद्देश्य है पाठकों को अपने पर्यावरण के प्रति सचेत व सहृदय बनाना।</p>
<p>इस पुस्तक में भारत के राष्ट्रीय वृक्ष सहित 25 राज्यों और 2 केन्द्रशासित प्रदेशों के राज्य वृक्षों का परिचय दिया गया है। छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक अपने राज्य वृक्ष घोषित नहीं किए हैं। इसके साथ ही चंडीगढ़, दादर नगर हवेली, दमन एवं दीव और पांडिचेरी के भी राज्य वृक्ष नहीं हैं। केन्द्रशासित प्रदेशों में केवल लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार ने अपने राज्य वृक्ष घोषित किए हैं।</p>
<p>भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है। यह ओड़िसा का राज्य वृक्ष भी है। लगभग ऐसी ही स्थिति पीपल और हुलुंग की है। पीपल को बिहार और हरियाणा दोनों ने अपना राज्य वृक्ष घोषित किया है। हुलुंग विश्व-भर में होलांग के नाम से प्रसिद्ध है। हुलुंग को अरुणाचल प्रदेश और असम दोनों ने अपना राज्य वृक्ष माना है।</p>
<p>प्रत्येक वृक्ष के परिचय में वृक्ष का हिन्दी नाम, अंग्रेज़ी नाम और वैज्ञानिक नाम दिया गया है।</p>
<p>पुस्तक का उद्देश्य वृक्षों से सम्बन्धित भ्रामक धारणाओं का खंडन करते हुए वैज्ञानिक जानकारियाँ प्रदान करना और इनके महत्त्व एवं उपयोग से परिचित कराना है।</p>
<p>समाजशास्त्री और पर्यावरणविद् डॉ. परशुराम शुक्ल ने उक्त उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक में वृक्षों के बारे में विस्तार से जानकारियाँ दी हैं। ये रोचक और ज्ञानवर्द्धक हैं। हिन्दी में अपने विषय पर यह अकेली पुस्तक है।
ISBN: 9788183613200
Pages: 376
Avg Reading Time: 13 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Bhartiyam "भारतीयम" | Indian Patriotic Poems Book In Hindi
- Author Name:
Pushpa Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
HINDI VARNON KA SAMOOHA PAHACHANO
- Author Name:
Anil Anuj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patiton Ke Desh Mein
- Author Name:
Ram Vriksh Benipuri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shankhnad
- Author Name:
Mahesh Prasad Singh
- Book Type:

- Description: "शंखनाद “टिकट कब से जनाना-मर्दाना होने लगा, बाबू?” “मूर्ख, नित्य नियम बदलता है और बदलनेवाले होते हैं मंत्री। दूरदर्शन पर प्रचार हो गया, सभी अंग्रेजी अखबारों में छप गया और इनको मालूम ही नहीं है।” “तब क्या होगा?” “पैसे निकालो।” “कितना?” “पाँच सवारी के एक सौ पच्चीस रुपए। यों रसीद लोगे तो एक हजार लगेगा।” “एक हजार! तब छोड़िए रसीद। उसको लेकर चाटना है क्या?” गाँठ खुली, गिन-गिनकर रुपए दिए गए। “और देखो, किसी को कहना नहीं। गरीब समझकर तुम पर हमने दया की है।” बेचारे टिकट बाबू के आदेश पर अब प्लेटफॉर्म से निकलने के लिए पुल पर चढ़े। सिपाही पीछे लग गया। “ऐ रुको, मर्दाना टिकट लेता नहीं है और हम लोगों को परेशान करता है।” उनमें से सबसे बुद्धिमान् बूढ़े ने किंचित् ऊँचे स्वर में कहा, “दारोगाजी, बाबू को सब दे दिया है।” दारोगा संबोधन ने सिपाही के हाथों को मूँछों पर पहुँचा दिया, “जनाना टिकट के बदले दंड मिलता है, जानते हो?” “हाँ दारोगाजी, लेकिन हम तो जमा दे चुके हैं।” जेब से हथकड़ी निकाल लोगों को दिखाते हुए सिपाही ने कहा, “अरे, हथकड़ी हम लगाते हैं या वह बाबू?” “आप!” “तब मर्दाना टिकट के लिए पचास निकालो।” और पुन: गाँठ अंतिम बार खुली। —इसी पुस्तक से "
Partitioned Freedom
- Author Name:
Ram Madhav
- Book Type:

- Description: At the stroke of the midnight on 14-15 August 1947, India secured independence. That moment also witnessed the tragic partition of India and birth of Pakistan. Nobody wanted it. Yet it couldn't be averted. Four decades earlier, in 1905, Bengal was partitioned by the British. A massive movement, called Vande Mataram Movement, was launched against it by the Indian National Congress. British were forced to annul partition of Bengal in 1911. A country that defeated the British designs to partition one province failed when the whole country was being partitioned four decades later. Why? What missteps had led to the disaster? Who were responsible? 'Partitioned Freedom' explores answers to these questions.
Govind Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Govind Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dehari Par Patra
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

-
Description:
यह निर्मल वर्मा के कथाकार जयशंकर को लिखे पत्रों का संकलन है। एक वरिष्ठ लेखक का एक युवा लेखक से हुआ संवाद जो अगस्त 82 से शुरू होकर अगस्त 2005 तक चला।
पत्रों में निर्मल वर्मा का एक अलग ही रूप प्रकट होता है जो खासा मुखर और संवादप्रिय है। पाठकों, प्रशंसकों और मित्रों के ढेरों पत्र उन्हें रोज आते थे; और वे हर पत्र का जवाब देते थे। न सिर्फ़ जवाब देते थे बल्कि उन पत्रों में दूसरों के लिए एक तरह से रचनात्मक पर्यावरण के निर्माण की कोशिश भी करते थे; उन पत्रों में उनका अपना आत्मसंघर्ष और आत्म-मंथन भी व्यक्त होता था।
जयशंकर को लिखे इन पत्रों में ख़ासतौर पर साहित्य, सिनेमा, संगीत और चित्रकला विषयक इतने विवरण आते हैं कि कोई भी युवा लेखक इनसे अपनी अध्ययन-यात्रा के लिए पर्याप्त मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। इनमें निर्मल जी के रचना-संसार को, उनकी चिन्तन-प्रक्रिया को समझने के सूत्र भी मिलेंगे।
...और ऐसे परामर्श भी—“मैं सोचता हूँ—हर व्यक्ति को गर्मियों के दौरान अपने सारे काम, कर्तव्य और जिम्मेवारियाँ पूरी करने के बाद जाड़े के दिन सिर्फ़ सोचने, सोने और पढ़ने के लिए सुरक्षित रखने चाहिए...और प्रेम करने के लिए भी, यदि ऐसा सुयोग मिल सके।”
Sone Ki Chirhiya Indian History Book In Hindi
- Author Name:
Shree Anish::Shri Arun Anand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Raskapur
- Author Name:
Anand Sharma
- Book Type:

- Description: ‘‘इतिहास कथा-लेखन के दौरान इतिहास में साहसी-सामर्थ्यवान नारियों का अभाव मुझे रह-रहकर सालता था। एक प्रश्न हर बार उठता था कि मीराबाई, पन्नाधाय, हाडीरानी, कर्मवती आदि अँगुलियों पर गिनी जानेवाली नारियों के बाद, राजस्थान की उर्वरा भूमि बाँझ क्यों हो गई?’’ इस दिशा में खोज आरम्भ करने के चमत्कारी परिणाम निकले। एक-दो नहीं, दो दर्जन से भी अधिक नारी पात्र, इतिहास की गर्द झाड़ते मेरे सम्मुख जीवित हो उठे। ‘‘एक तवायफ के प्रेम में अनुरक्त हो, उसे जयपुर का आधा राज्य दे डालने वाले महाराजा जगतसिंह की इतिहासकारों ने भरपूर भर्त्सना की थी लेकिन वस्त्रों की तरह स्त्रियाँ बदलनेवाले अति कामुक महाराज का, एक हीन कुल की स्त्री में अनुरक्ति का ऐसा उफान, जो उसे पटरानी-महारानियों से पृथक, महल ‘रसविलास’ के साथ जयपुर का आधा राज्य प्रदान कर, अपने समान स्तर पर ला बैठाए, मात्र वासना का परिणाम नहीं हो सकता।’’ उपन्यास होते हुए भी रसकपूर अस्सी प्रतिशत इतिहास है, उपन्यास के सौ के लगभग पात्रों में केवल पाँच-सात नाम ही काल्पनिक हैं। –भूमिका से...
Sangh Aur Swaraj (Punjabi Edition)
- Author Name:
Ratan Sharda
- Book Type:

- Description: पिछले कुछ समय से राजनीतिक मजबूरियों के कारण वामपंथी और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका के विषय में दुष्प्रचार कर रहे हैं और जनसेवा में इसके बेहतरीन रिकॉर्ड पर कीचड़ उछाल रहे हैं। यह पुस्तक हमें बताती है कि संघ अपने जन्म से ही स्वराज के प्रति समर्पित था। डॉ. हेडगेवार का जीवन और वह शपथ, जो स्वयंसेवक लेते थे, स्वतंत्रता संग्राम के प्रति समर्पण को स्पष्ट रूप से दिखाते हैं। इस स्वतंत्रता को स्वराज में बदलने के लिए भारत को अनुशासित और साहस रखनेवाले युवाओं की आवश्यकता थी, जो राष्ट्र के प्रति समर्पित हों। ब्रिटिश दस्तावेज स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि वे स्वतंत्रता संग्राम में संघ की बढ़ती ताकत को लेकर सतर्क थे। स्वतंत्रता का आंदोलन 15 अगस्त, 1947 को ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ (भाग्य के साथ मुलाकात) से समाप्त नहीं हुआ, बल्कि शुरू हुआ अंतहीन अँधेरी रातों का भयावह सिलसिला, जब सुरक्षाबलों के अतिरिक्त सबसे संगठित बल के रूप में संघ के कार्यकर्ताओं ने तबाह हुई लाखों लोगों की जिंदगी से जो कुछ बचा सकते थे, उसके लिए अपने प्राणों को खतरे में डाला। यह फैसला भारत के लोगों और इतिहास को करना है कि साहस की ऐसी काररवाई देशभक्ति थी या सांप्रदायिक। लेखक अन्य तथ्यों पर प्रकाश डालते हैं, जिनके कारण हमें स्वतंत्रता मिली और यह रेखांकित करते हैं कि स्वाधीनता किसी एक आंदोलन या काररवाई का परिणाम नहीं थी, बल्कि एक लहर के साथ धीरे-धीरे बढ़ी, जिसका निर्माण भारत के महान् आध्यात्मिक गुरुओं के कारण शुरू हुए सांस्कृतिक पुनर्जागरण से हुआ था।
Miraculous Power of Subconscious Mind
- Author Name:
Dr. N.K. Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lincoln: The Unknown
- Author Name:
Dale Carnegie
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jharkhand Ke Anjane Khel
- Author Name:
Dr. Mayank Murari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Motapa : Ghatak Rogon Ki Jad
- Author Name:
Premchandra Swarnkar
- Book Type:

-
Description:
शरीर की आवश्यकता से अधिक कैलोरी वाला या अधिक चर्बीयुक्त भोजन वज़न बढ़ाने में सहायक होता है। यहाँ तक कि केवल 20 ग्राम वाला एक ब्रेड का टुकड़ा यदि अतिरिक्त मात्रा में रोज़ खाया जाए तो वह वज़न बढ़ा सकता है। इसी तरह 20 मिनट पैदल चलनेवाला व्यक्ति कार से जाने लगे या पैदल चलना छोड़ दे तो भी उसका वज़न बढ़ सकता है। दस वर्षों के दौरान ली गई अतिरिक्त 48 किलो कैलोरी से 20 किलो चर्बी शरीर में जमा हो सकती है। बच्चों में चाकलेट और फास्ट-फूड खाने की आदतें भी वज़न बढ़ाने में सहायक होती हैं। आए दिन होनेवाली पार्टियों में जानेवाले लोग अकसर ज़रूरत से ज़्यादा खा जाते हैं, यह अधिक खाना उनका वज़न बढ़ाने में सहायक होता है। कुछ लोग तनाव या समस्याओं के कारण भी ज़्यादा खा जाते हैं। इसी तरह कई लोग अच्छे स्वाद के कारण भी अधिक भोजन करते हैं। कई लोगों में एक ग़लत धारणा प्रचलित है कि स्वस्थ रहने के लिए ख़ूब खाना चाहिए और फिर ख़ूब खानेवाली धारणा उन्हें मोटा बना देती है।
—इसी पुस्तक से
Mahapurushon Ke Upadesh
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: रोम्या रोलाँ ने स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा था, ''उनके द्वितीय होने की कल्पना करना भी असंभव है। वे जहाँ भी गए, सर्वप्रथम हुए। हर कोई उनमें अपने नेता का दिग्दर्शन करता था। वे ईश्वर के प्रतिनिधि थे तथा सब उनसे प्रभावित हो जाते थे--यह उनकी विशिष्टता थी। हिमालय प्रदेश में एक बार एक अनजान यात्री उन्हें देख, ठिठककर रुक गया और आश्चर्यपूर्वक चिल्ला उठा--' शिव !' यह ऐसा हुआ, मानो उस व्यक्ति के आराध्य देव ने अपना नाम उनके माथे पर लिख दिया हो।' प्रस्तुत पुस्तक में स्वामी विवेकानंदजी ने समय-समय पर रामायण, महाभारत, विश्व के महान् आचार्यों की कथाओं से प्रेरक उपदेश अपने अभिभाषणों में दिए, जो मानव-समाज के लिए बेहद उपयोगी हैं। इसलिए यह पुस्तक हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए ज्ञानवर्द्धछ के साथ-साथ जीवन में मार्गदर्शन करनेवाली है।
CTET Central Teacher Eligibility Test Paper-2 (Class Vi-Viii) Social Studies/Social Science 15 Practice Sets with Latest Solved Papers (English)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Behind Closed Doors, Can I Love you More? - Shilpa Narang Chatwani
- Author Name:
Shilpa Narang Chatwani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mere Business Mantra
- Author Name:
N.R. Narayana Murthy
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhavyata Ka Rangkarm : Ratan Thiyam Se Samwad
- Author Name:
Udyan Vajpeyi
- Book Type:

-
Description:
“रतन थियाम आधुनिक भारतीय रंगमंच में एक अनूठी उपस्थिति रहे हैं। उन्होंने मणिपुर की लोक-परम्परा, व्यापक भारतीय परम्परा और आधुनिकता के बीच बहुत सघन-उत्कट और रंग प्रभावी रिश्ता अपने रंगकर्म में खोजा-पाया है। उनसे इस लम्बी बातचीत में उनके रंग-जीवन, संघर्ष, तनावों आदि के साथ-साथ व्यापक भारतीय रंगमंच के द्वन्द्वों और संघर्षों को समझने की दृष्टि मिलती है।''
—अशोक वाजपेयी
1000 Aapaatkaal Prashnottari "1000 आपातकाल प्रश्नोत्तरी" (1000 Emergency Quiz) | Intersting Question About National, State and Financial Emergency In India
- Author Name:
Anish Bhasin
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...