Beti Bachao
Author:
Shakuntala SharmaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Unavailable
Awating description for this book
ISBN: 9789384343415
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
1000 Swami Vivekananda Prashnottari
- Author Name:
Virendra Yagnik
- Book Type:

- Description: "स्वामी विवेकानंद : एक ऐसा नाम, जो अपने जन्म के 150 वर्ष बाद भी लोगों को स्फूर्ति से भर देता है और देश, धर्म एवं संस्कृति के लिए अपना बलिदान करने की प्रेरणा देता है। ऐसे योद्धा संन्यासी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को माँ भुवनेश्वरी देवी की कोख से हुआ था। अवसान के समय स्वामीजी की आयु मात्र 39 वर्ष 5 महीने और 24 दिन थी। हिंदू धर्म के पुनर्जागरण के पुरोधा के रूप में भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व इतिहास में वे हमेशा याद किए जाएँगे। अपनी 39 वर्ष की छोटी सी आयु में संपूर्ण विश्व को उन्होंने वेदांत को वह वैश्विक स्वरूप प्रदान किया, जिसकी आज के युग में सबसे अधिक आवश्यकता है। ऐसे युगपुरुष के जीवन और अद्भुत कार्यों को प्रश्नोत्तर रूप में प्रस्तुत किया गया है। विशाल कलेवर को 1000 प्रश्नों में समेटना भी दुष्कर कार्य है, अतः महत्त्वपूर्ण प्रसंगों को ही पुस्तक का विषय बनाया गया है। भारतीय अस्मिता, गौरव, शक्ति, सामर्थ्य, मेधा और ज्ञान के प्रतीक स्वामी विवेकानंद के सार्थक जीवन का ज्ञान कोश है यह पुस्तक।
BPSC TRE 3.0 Bihar Teacher Recruitment Class 1-12 "Samanya Adhyayan" General Studies Part-2 | Complete Study Guide (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Metroman E. Sreedharan
- Author Name:
M.S. Ashokan
- Book Type:

- Description: ‘मेट्रोमैन’ के नाम से विख्यात ई. श्रीधरन असंभव को संभव बना देनेवाले मानवीय प्रयासों के शानदार पर्याय बन चुके हैं। पिछले छह दशकों में देश की यातायात प्रणाली का आधुनिकीकरण और विस्तार कर उसे वैश्विक मानदंडों के अनुरूप बनानेवाले प्रौद्योगिकीविद् के रूप में उनका कोई सानी नहीं है। केरल के पलक्कड़ जिले के एक सुदूर गाँव करुकपुथुर में जन्मे प्रतिभासंपन्न श्रीधरन की खासियत उनके द्वारा पूरी की गई विकास परियोजनाओं की संख्या और उनकी पहुँच ही नहीं रही है, बल्कि यह भी उनकी विशेषता रही है कि कैसे उन्होंने एक के बाद एक, हर अभियान में समय की कसौटी पर परखे और हमेशा से सँजोकर रखे गए शाश्वत मूल्यों की पुनः-पुनः पुष्टि की और खुद को भ्रष्टाचार से अछूता रखते हुए लोककल्याण के लक्ष्य के साथ पूरी पारदर्शिता से कार्य किया। देश में सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली समझे जानेवाले आई.आई.टी. स्नातक या प्रशासनिक सेवकों वाला प्रभामंडल श्रीधरन के पास नहीं है। महज सिविल इंजीनियरिंग में एक आम डिग्रीवाले श्रीधरन की सफलता का राज अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में नैतिक मूल्यों को लेकर दृढ प्रतिबद्धता है। इसी ने उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में उच्चतम उपलब्धियों तक पहुँचाया। अथक परिश्रम, लगन, कार्यनिष्ठा, यानी सभी प्रकार के प्रबंधन गुणों का पर्याय हैं ई. श्रीधरन। इनसे प्रेरणा लेकर आज के युवा भी कर्तव्य-पथ पर अग्रसर हो सकें, इसी में इस पुस्तक के प्रकाशन की सफलता है।
Prakriti Ki God Mein
- Author Name:
Ram Sahay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shyam, Phir Ek Bar Tum Mil Jate!
- Author Name:
Dinkar Joshi
- Book Type:

- Description: "दौड़कर उसने कृष्ण के पाँव से तीर खींचने के लिए हाथ बढ़ाया । कृष्ण उसकी व्यग्रता को निमिष- भर ताकते रहे, फिर निषेध में दाहिना हाथ उठाया । जरा ठिठक गया- '' क्यों, नाथ, क्यों?'' '' रहने दो, भाई! माता गांधारी के वचन में व्यवधान बनने का व्यर्थ प्रयत्न मत करो!'' बड़ी धीरता से वे बोले । '' मैंने महापातक किया है! मुझे क्षमा करो, नाथ! मैंने.. .मैंने आपको जंगली प्राणी समझकर आप पर तीर चलाया । यह मैंने क्या किया, नाथ!'' जरा भूमि पर लोटकर करुण क्रंदन करने लगा । '' उठो वत्स!'' करुणार्द्र स्वर में कृष्ण बोले, '' तुम्हारा नाम क्या है?'' '' मेरा नाम ?. .जरा ! '' '' जरा !. .ठीक!'' कृष्ण का मधुर हास्य छलका । तलवे से बहकर रक्तधारा भूमि पर काफी दूर चली गई थी । '' जरा, तुम्हारा नाम सार्थक है, तात ! ' जरा ' कभी किसीको नहीं छोड़ती ! अमरत्व के अभिशाप ने जिसे घेरा हो, उसे भी महाकाल जरा समेट ही लेता है न! जरा, तू तो निमित्त मात्र है, वत्स!'' - इसी उपन्यास से कोई भी भारतीय भाषा ऐसी नहीं है जिसमें श्रीकृष्ण को केंद्र में रखकर काव्य, कहानी, उपन्यास. नाटक, संदर्भ-ग्रंथ आदि साहित्य का सर्जन न किया गया हो । ' श्याम, फिर एक बार तुम मिल जाते ' (मूल गुजराती में लिखा) उपन्यास इन सबसे अनूठा इसलिए है कि यह सिर्फ उपन्यास नहीं है-यह तो उपनिषद् है! यथार्थ कहा जाए तो यह उपनिषदीय उपन्यास है । तत्कालीन आर्यावर्त्त में श्रीकृष्ण एक विराट् व्यक्तित्व था । जब यह व्यक्तित्व अनंत में विलीन हो गया तो जो सन्नाटा छा गया, उस सन्नाटे के चीत्कार का यह आलेखन है जब श्रीकृष्ण सम्मुख थे तब बात और थी जब वे विलीन हो गए तब वसुदेव-देवकी से लेकर अर्जुन, द्रौपदी, अश्वत्थामा, अक्रूर उद्धव और राधा पर्यंत पात्रों की संभ्रमिद मनोदशा को एक अनूठी ऊँचाई के ऊपर ले जाता है यह उपन्यास । "
Saral Ganit
- Author Name:
Shriniwas Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Punya Pravah (राष्ट्र, धर्म और संस्कृति विमर्श)
- Author Name:
Dr. Jeevan S. Rajak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dictionary of Verbs
- Author Name:
Harmik Vaishnav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Stree : Adhikar Aur Kanoon
- Author Name:
Taslima Nasrin
- Book Type:

-
Description:
‘स्त्री : अधिकार और क़ानून’ तसलीमा नसरीन के आलेखों और टिप्पणियों का संकलन है। उनकी बहस मानवीय स्वतंत्रता के पक्षधर ऐसे तर्कों के आधार पर होती है, जिन्हें खुली सोच वाला कोई भी न्यायप्रिय व्यक्ति स्वीकार करेगा। लेकिन धार्मिक, पारम्परिक और शक्तिकामी दुराग्रहों में उलझे लोगों को वे स्वीकार्य नहीं लगते। उनके कहने का ढंग और उनकी भाषा भी कई लोगों को आपत्तिजनक लगती है।
इस संकलन के आलेखों में तसलीमा नसरीन ने तीन तलाक, घरेलू हिंसा, विवाह, समलैंगिकता, बांग्लादेश में हिन्दू स्त्रियों की स्थिति, बहुविवाह, महिला दिवस, स्त्री-देह, परिवार और अन्य कई विषयों पर विचार किया है—कहीं संस्मरणात्मक पृष्ठभूमि में और कहीं घटनाओं के बहाने से।
उनका कहना है कि अत्याचार के शिकार मनुष्यों में स्त्रियाँ ही एकमात्र ऐसा समूह हैं, जो अत्यन्त घनिष्ठ रूप में अपने अत्याचारियों के साथ वास करता है। पश्चिम की स्त्रियों ने अपने लिए एक घर का इन्तज़ाम कर लिया है, तो समाज उन्हें अब कोई डर नहीं दिखाता, लेकिन भारतवर्ष की स्त्रियों को समाज लाल सुर्ख़ आँखों से ऐसे घूर रहा है कि वे डर के मारे दुबकी हुई हैं।
समलैंगिकता के विषय में उनका कहना है कि जो लोग इस समुदाय की सामाजिक स्वीकृति का समर्थन नहीं करते, उनके अधिकारों के पक्ष में खड़े नहीं होते, उन्हें मानवाधिकारों का पक्षधर भी नहीं कहा जा सकता, और न ही प्रगतिशील। वे ज़ोर देकर कहती हैं कि समकामी या समलैंगिक होना सिर्फ़ यौन-सम्बन्धों का मसला नहीं है, यह प्रेम का सम्बन्ध है।
स्त्रियों से जुड़े कई अन्य सामाजिक और क़ानूनी पहलुओं पर उन्होंने इसी तरह दो टूक विचार किया है।
HEART TO HEART CONVERSATIONS
- Author Name:
Jawahar Sushila Bhagwandas Dodani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
I Will Ever Remember Them
- Author Name:
Anandiben Patel
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Se. Ra. Yatri Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Se. Ra. Yatri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pakshiyon Ki Ashcharyajanak Baaten
- Author Name:
Lalit Narain Upadhyaya
- Book Type:

- Description: This book does not have any description.
GAUTAM BUDDH KI PRERAK JEEVANI
- Author Name:
PARIJAT
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Roop Singh Chandel Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Roopsingh Chandel
- Book Type:

- Description: वरिष्ठ कथाकार रूपसिंह चंदेल बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। कहानी, उपन्यास, संस्मरण, आलोचना आदि गद्य की अनेक विधाओं में उन्होंने सृजन किया है। आलोचकों ने उन्हें लोकधर्मी कथाकार कहा है। युवा आलोचक डॉ. बिभा कुमारी के अनुसार, कथाकार रूपसिंह चंदेल की कथाओं में एक ओर मिट्टी की सोंधी खुशबू की अनुभूति प्राप्त होती है तो दूसरी ओर महानगरीय जीवन, टूटते संबंध, मशीनी जीवन, मनुष्य द्वारा मनुष्य का उपयोग किया जाना इत्यादि विसंगतियों का जीवंत और साक्षात् चित्रण है। वरिष्ठ आलोचक डॉ. पंकज साहा के अनुसार, विश्व के महान् लेखक अल्बेयर कामू के लेखन में हिंसा, अत्याचार एवं क्रूरता के खिलाफ जो स्वर हैं, वही स्वर चंदेलजी की रचनाओं में भी देखने को मिलते हैं। कामू की तरह चंदेलजी की भी सृजनात्मक पारदर्शिता अपने समय की मानवीय चेतना एवं उसकी समस्याओं का उद्घाटन करती है। युवा आलोचक उमाशंकर सिंह परमार मानते हैं कि रूपसिंह चंदेल अपनी कहानियों में जब यथार्थ का चित्र प्रस्तुत करते हैं, तब वे कतई आदर्शवादी नहीं रहते हैं, न ही वे सच को छिपानेवाले आदर्श से सम्मोहित हैं। यथार्थ यहाँ कटु यथार्थ के रूप में आता है और वह पाठक को झकझोरते हुए झूठी मान-मर्यादा, नैतिक पतन, मूल्यहीनता और शोषण में संलग्न लोकतंत्र के प्रहरियों पर प्रहार करता है।
JANIYE BIHAR KA BHOOGOL
- Author Name:
Subodh Kumar Nandan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shramana Shabari Ke Ram
- Author Name:
Mahakavi Avadhesh
- Book Type:

- Description: जब न बेर कुछ बचे राम ने लखा निकट का कोना, देखा क्षत-विक्षत बेरों का पड़ा दूसरा दोना। बोले वह भी लाओ भद्रे! वे क्यों वहाँ छिपाए, होंगे और अधिक मीठे वे लगते शुक के खाए। उठा लिया था स्वयं राम ने अपना हाथ बढ़ाकर, तभी राम का कर पकड़ा था श्रमणा ने अकुलाकर। प्रभु! अनर्थ मत करो, लीक संस्कृति की मिट जाएगी, जूठे बेर भीलनी के खाए, दुनिया गाएगी। हुआ महा अघ यह मैंने ही चख-चखकर छोड़े थे, जिस तरु के अति मधुर बेर थे, वही अलग जोड़े थे। किंतु किसे था भान, प्रेम से तन-मन सभी रचा था, कहते-कहते बेर राम के, मुख में जा पहुँचा था। छुड़ा रही थी श्रमणा, दोना राम न छोड़ रहे थे, हर्ष विभोर सारिका शुक ने तब यों वचन कहे थे। जय हो प्रेम मूर्ति परमेश्वर, प्रेम बिहारी जय हो, परम भाग्य शीला श्रमणा भगवती तुम्हारी जय हो। —इसी महाकाव्य से ——1—— रामायण में प्रभु की भक्त-वत्सलता और भक्त की भक्ति की मार्मिक कथा की नायिका श्रमणा पर भावपूर्ण महाकाव्य।
Tattvadarshan Sunderkand-Ratnamani
- Author Name:
Renu Trehan
- Book Type:

- Description: सनातम धर्म का आधार वेद, उपनिषद्, पुराण, शास्त्र हैं। 'रामचरितमानस' श्रीराम का अयन है। इसमें चार विषय हैं—कर्म क्या है ? ज्ञान क्या है ? भक्ति क्या है ? शरणागति क्या है ? सुंदरकाण्ड पंचम सोपान है, इसमें इन चारों प्रश्नों का उत्तर सुंदर भावों में प्रकट होता है। हनुमानजी ने रावण को चार चीजों का उपदेश दिया— भक्ति, वैराग्य, विवेक और नीति। भगवान् की प्रेमपूर्वक सेवा का नाम भक्ति है जो हनुमानजी ने सुंदर भावरूप में प्रकट किया है। भक्तिरूपी वृक्ष भावरूपी बीज से ही पैदा होता है। भगवत् चरणों का आश्रय मानव जीवन को कुशल बना देता है; भक्त भगवान् में जीता है, यही शरणागति है। 'सुंदरकाण्ड' वर्तमान युग में एक औषधि है, जो मानव जीवन के तापों को शांत करता है, शक्ति प्रदान करता है और सबको विषम परिस्थितियों में भी जीना सिखाता है। जो इसका पाठ नित्य करते हैं, वे अनुभव करते हैं कि श्रीहनुमानजी के चरित्र में कितना विश्वास, प्रताप, तेज और भक्ति है। जब पाठ में इतना बल है तो उसके एक-एक शब्द के अर्थ को जब जानेंगे, पहचानेंगे तो कितना आनंद होगा, इसकी गहराई को अनुभव करने के लिए यह ग्रंथ पाठकों के लिए अत्यंत कल्याणकारी सिद्ध होगा। इसी अटूट विश्वास के साथ यह ग्रंथ आपके अध्ययन हेतु प्रस्तुत है; आप सभी इसका लाभ प्राप्त करें और अपने जीवन को सुंदर बना सकें, यही इसके लेखन-प्रकाशन की सार्थकता है। जय श्रीराम ! जय हनुमान !
JPSC Jharkhand Preliminary Examination-2024 General Studies Paper 1 & 2 | 20 Model Papers with (Previous Years Solved Papers 2003–2021)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dinkar Rachanawali : Vols. 1-14
- Author Name:
Ramdhari Singh Dinkar
- Book Type:

- Description: (आधुनिक हिन्दी कविता के) तृतीय उत्थान में आकर परिस्थिति बहुत बदल गई । आन्दोलनों ने सक्रिय रूप धारण किया और गाँव–गाँव राजनीतिक और आर्थिक परतन्त्रता के विरो/ा की भावना जगाई गई । सरकार से कुछ माँगने के स्थान पर अब कवियों की वाणी देशवासियों को ही ‘स्वतन्त्रता देवी की वेदी पर बलिदान’ होने को प्रोत्साहित करने में लगी । अब जो आन्दोलन चले वे सामान्य जन–समुदाय को भी साथ लेकर चले ।––– अब संसार के प्राय% सारे सभ्य भाग एक–दूसरे के लिए खुले हुए हैं । इससे एक भू–खंड में उठी हवाएँ दूसरे भू–खंड में शिक्षित वर्गों तक तो अवश्य ही पहुँच जाती हैं । यदि उनका सामंजस्य दूसरे भू–खंड की परिस्थिति के साथ हो जाता है तो उस परिस्थिति के अनुरूप शक्तिशाली आन्दोलन चल पड़ते हैं । इसी नियम के अनुसार शोषक साम्राज्यवाद के विरुद्ध राजनीतिक आन्दोलन के अतिरिक्त यहाँ भी किसान–आन्दोलन, मजदूर–आन्दोलन, अछूत–आन्दोलन इत्यादि कई आन्दोलन एक विराट् परिवर्तनवाद के नाना व्यावहारिक अंगों के रूप में चले । श्री रामधारी सिंह दिनकर, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, माखनलाल चतुर्वेदी आदि कई कवियों की वाणी द्वारा ये भिन्न–भिन्न प्रकार के आन्दोलन प्रति/वनित हुए ।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...