Atmakatha
Author:
Ramprasad 'Bismil'Publisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 360
₹
450
Available
"आत्मकथा—रामप्रसाद बिस्मिल
अंतिम समय निकट है। दो फाँसी की सजाएँ सिर पर झूल रही हैं। पुलिस को साधारण जीवन में और समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में खूब जी भर के कोसा है। खुली अदालत में जज साहब, खुफिया पुलिस के अफसर, मजिस्ट्रेट, सरकारी वकील तथा सरदार को खूब आड़े हाथों लिया है। हरेक के दिल में मेरी बातें चुभ रही हैं। कोई दोस्त, आशना अथवा यार मददगार नहीं, जिसका सहारा हो। एक परमपिता परमात्मा की याद है। गीता पाठ करते हुए संतोष है—
जो कुछ किया सो तैं किया,
मैं खुद की हा नाहिं,
जहाँ कहीं कुछ मैं किया,
तुम ही थे मुझ माहिं।
‘जो फल की इच्छा को त्याग करके कर्मों को ब्रह्म में अर्पण करके कर्म करता है, वह पाप में लिप्त नहीं होता। जिस प्रकार जल में रहकर भी कमलपत्र जलमय नहीं होता।’ जीवनपर्यंत जो कुछ किया, स्वदेश की भलाई समझकर किया। यदि शरीर की पालना की तो इसी विचार से कि सुदृढ़ शरीर से भली प्रकार स्वदेश-सेवा हो सके। बड़े प्रयत्नों से यह शुभ दिन प्राप्त हुआ। संयुक्त प्रांत में इस तुच्छ शरीर का ही सौभाग्य होगा। जो सन् 1857 के गदर की घटनाओं के पश्चात् क्रांतिकारी आंदोलन के संबंध में इस प्रांत के निवासी का पहला बलिदान मातृ-वेदी पर होगा।
—इसी पुस्तक से
अमर शहीद, क्रांतिकारियों के प्रेरणा-ग्रंथ पं. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा मात्र आत्मकथा नहीं है। उनके जीवन के सद्गुणों का सार है, जो भावी पीढ़ियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी है। हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय पुस्तक।
"
ISBN: 9789380183381
Pages: 184
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
UPSSSC Junior Assistant Main Exam-2025 (Kanishth Sahayak) 20 Practice Sets With Latest Solved Papers
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Parmarth Hi Jeevan
- Author Name:
Ram Sahay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Narendra Kohli ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Narendra Kohli
- Book Type:

- Description: किसी कहानी को लोकप्रिय तो पाठक ही बनाता है। जो रचना पाठकों द्वारा पढ़ी ही न जाए, वह लोकप्रिय नहीं होती। किंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि जो रचना लेखक को प्रिय न हो, पाठक उसे लोकप्रिय बना देगा। वस्तुतः कहानियाँ लेखक और पाठक दोनों की रुचि से लोकप्रिय बनती हैं। मैंने 1960-70 के दौर में कहानियाँ लिखी थीं। तब तक वे उपन्यास नहीं लिखे गए थे, जिन्होंने अपनी लोकप्रियता के बल पर कहानियों की चर्चा को मंद कर दिया है। इसके पश्चात् उपन्यासों ने कहानियों को अपना अंग ही बना लिया। लिखने को तो अब भी कहानी लिखने बैठ जाता हूँ, लिख भी लेता हूँ, किंतु मेरे लेखन के केंद्र में कहानी नहीं है। फिर भी कह सकता हूँ कि ‘परिणति’, ‘नमक का कैदी’, ‘संचित भूख’, ‘किरचे’, ‘निचले फ्लैट में’ और ‘नींद आने तक’ जैसी कहानियाँ न मुझसे भुलाई गई हैं और न पाठकों द्वारा उनकी उपेक्षा की स्थिति आई है। यदा-कदा उनकी चर्चा होती ही रहती है। वह मेरी किशोरावस्था थी। उसमें समाज के प्रति दायित्वबोध भी था और प्रेम का आकर्षण भी। उनमें मेरे भाई-बहन भी हैं और मेरी सखियाँ भी। वह जीवन का वह महत्त्वपूर्ण मोड़ था, जिसे भुलाना संभव नहीं है। परिणामतः आज आधी शताब्दी के पश्चात् भी वे कहानियाँ मुझे प्रिय हैं। —नरेंद्र कोहली
Tap Aur Tapasya
- Author Name:
Shobha Tripathi
- Book Type:

- Description: मैं एक घर छोड़ा, लाखों घर मेरे हो गए, मैं लाखों परिवार का हिस्सा बन गया, शायद एक गृहस्थ इतने घर नहीं देख सकता। संन्यासी जीवन में सभी कुछ त्यागना पड़ता है। आज मैं धन्य हो गया कि मेरे बेटे ने धर्म का, सेवा का, जग के कल्याण कार्य हेतु जो कार्य किया, वह विलक्षण व्यक्ति ही करते हैं। जब गृह त्याग कर गए थे तो घर में सभी दुःखी व परेशान थे, परंतु आज सभी अपने को धन्य मान रहे हैं। तभी एक स्वर स्वामीजी के कानों में पड़ा, जब से आपने गृह त्यागा है, तब से माँ ने मिष्टान्न को हाथ भी नहीं लगाया है। जब भी खाने को कहो तो वह कहती है कि मिष्टान्न तो वह अपने बेटे (स्वामीजी) के हाथ से ही खाएँगी। --इसी उपन्यास से आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरिजी महाराज एक चुंबकीय व्यक्तित्व के स्वामी हैं। ऊँचा कद, गौर वर्ण, उन्नत भाल, आभायुक्त देव सदृश्य मुखमंडल, देवत्वयुक्त प्रभावशाली महान् व्यक्तित्व, उस पर गेरुए वस्त्र, जैसे उनके गौर वर्ण में घुलकर स्वयं गेरुआमय हो गए हों! वह मात्र संन्यासी ही नहीं, जैसे संन्यास उनके लिए हो उनके चेहरे पर सदा छाई रहनेवाली पवित्र व सौम्य मुसकान लोगों को स्वयं ही नत- मस्तक कर देती है; मन में श्रद्धा सी उमड़ पड़ती है। बच्चों में बच्चों की निश्च्छल मुसकान, महिलाओं में कभी वह भाई बनकर, माताओं के बेटा बनकर, युवतियों के पितृ सदृश्य बन वह सभी के सम्मान का केंद्र बन जाते हैं | ऐसे तपोनिष्ठ, समाज के पथ-प्रदर्शक और मानवता के अग्रदूत पूज्य स्वामीजी के प्रेरणामय व त्यागपूर्ण जीवन पर अत्यंत भावप्रवण, मार्मिक, पठनीय औपन्यासिक कृति है “तप और तपस्या |
Pyaj Ki Parton Ka Rahasya By Sudha Murty | Hindi Edition Of How The Onion Got Its Layers
- Author Name:
Sudha Murty
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Punyabhoomi Bharat
- Author Name:
Sudha Murty
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Raghuvir Sahay Rachanawali : Vols. 1-6
- Author Name:
Raghuvir Sahay
- Book Type:

-
Description:
रघुवीर सहाय की रचनाएँ आधुनिक समय की धड़कनों का जीवन्त दस्तावेज़ हैं। इसीलिए छह खंडों में प्रकाशित उनकी रचनावली में आज का समय सम्पूर्णता में परिभाषित हुआ है। अपनी अद्वितीय सर्जनशीलता के कारण रघुवीर सहाय ऐसे कालजयी रचनाकारों में हैं जिनकी प्रासंगिकता समय बीतने के साथ बढ़ती ही जाती है।
‘फिर उन्हीं लोगों से’ शीर्षक रचनावली के इस पहले खंड में रघुवीर सहाय की 1946 से 1990 तक की प्रकाशित-अप्रकाशित सम्पूर्ण कविताएँ संकलित हैं। इस खंड में शामिल कविता-संग्रहों के नाम हैं : ‘सीढ़ियों पर धूप में’ (1960), ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ (1967), ‘हँसो, हँसो जल्दी हँसो’ (1975 ), ‘लोग भूल गए हैं’ (1982), ‘कुछ पते कुछ चिट्ठियाँ ' (1989) तथा ‘एक समय था’ (1995)। इन संग्रहों के अलावा बाद में मिली कुछ नई अप्रकाशित कविताएँ भी इस खंड में हैं। संग्रह के परिशिष्ट में ‘यह दुनिया बहुत बड़ी है, जीवन लम्बा है', शीर्षक से रघुवीर सहाय की सैकड़ों आरम्भिक कविताएँ संकलित हैं। रघुवीर सहाय ने अपने जीवनकाल में ही अपनी आरम्भिक कविताओं का संग्रह तैयार किया था, लेकिन अब तक यह अप्रकाशित था। कवि के काव्य-विकास को समझने की दृष्टि से यह सामग्री अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। परिशिष्ट में ही रघुवीर सहाय की बरस-दर-बरस ज़िन्दगी का ख़ाक़ा और सैकड़ों वर्षों का उनका वंश-वृक्ष भी दिया गया है। अपने नए कथ्य और शिल्प के कारण रघुवीर सहाय ने हिन्दी कविता को नया रूप दिया है। इस खंड की कविताओं में आप उस नए रूप को आसानी से पहचान सकते हैं।
Vividha
- Author Name:
L.M. Singhvi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahayoddha Ki Mahagatha
- Author Name:
Manjeet Negi
- Book Type:

- Description: भारत के प्रथम सी.डी.एस. जनरल बिपिन रावत अदम्य इच्छाशक्ति और अपूर्व दूरदृष्टि-संपन्न महायोद्धा थे । अपने सैन्य जीवन में उन्होंने प्रखत्ता और तेजस्विता के साथ नेतृत्व किया। उन्हें मालूम था कि वे जिस मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं, वह देशहित के लिए है, दूरदर्शी व दूरगामी है; भारतीय सेना के भविष्य की बेहतरी के लिए है। भले ही यह उनके लिए काँटों भरा ताज रहा हो, पर वे कभी नहीं डिगे। उन्होंने सेनाओं में जितने भी सुधार लागू किए, उन्हें पहले खुद पर भी लागू किया। सेनाओं में नैतिक मूल्यों और भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई। वे सेनाओं में 'मेक इन इंडिया' के सबसे बड़े पुरोधा थे। उन्होंने डी.आर. डी.ओ. और सेनाओं के भीतर अंतर्विरोध के बावजूद देश में हथियार और सैन्य साजो-सामान बनाने पर पूरा जोर दिया। जनरल बिपिन रावत का विराट व्यक्तित्व, दृढ़ चरित्र और बेहतरीन कार्य कौशल, अतिसामान्य सरल व्यवहार, सबकुछ इतना स्वाभाविक और गैर-बनावटीपन वाला तथा प्रभावोत्पादक था कि जो उनसे एक बार भी मिलता, सहज ही प्रभावित हो जाता। उनकी सैन्य रणनीतियाँ, कार्य-तत्परता, अध्ययन, विश्लेषण, बेखौफ, बेलौस, बेबाक बयानगी, उनकी कर्मशीलता, उनकी मानवीय न्यायप्रियता तथा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस किसी भी निष्पक्ष और निरपेक्ष को उनके पक्ष में कर देता था। भारतीयों के गौरवपुरुष जनरल बिपिन रावत के पराक्रमी और प्रेरक जीवन की यशोगाथा है यह कृति।
Shiv Ki Mahima
- Author Name:
Nisha Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
SIDDH-NATH AUR SANT SAHITYA KI RACHNATMAK ANTARDHARA
- Author Name:
Anupam Singh
- Book Type:

- Description: अब तक सिद्धों-नाथों और संतों के बीच दार्शनिक सम्बन्ध ही अधिक खोजा गया है। परन्तु इस पुस्तक में मैंने दार्शनिक पक्ष के साथ-साथ उनके सामाजिक पक्ष को भी अंत:सम्बद्धता में देखा है। सिद्धों-नाथों और संतों के बीच अनेक समान्तर अंत सूत्र होने के बावजूद उनके दर्शन और विचार, उनकी भाषा और उनके सामाजिक सरोकार में अंतर देखने को मिलता है। यह भेद और उनके बीच की समानता को इस पुस्तक में कथ्य, संवेदना,रूप आदि के अलग-अलग स्तरों पर देखा गया। इस पुस्तक को प्रकाशित कराने का मेरा विचार 'प्रति संस्कृति' के निर्माण में सिद्धों, नाथों एवं संतों के योगदान को देखकर हुआ। अपने समय में प्रचलित मान्यताओं से इन्होंने अलग राह ली। परन्तु उसमें से कुछ समय से आगे और कुछ समय के दबाव और बहाव में ही गति करती रहीं। तीनों सम्प्रदाय के कवियों ने समाज में व्याप्त अनेक बाह्य आडम्बरों पर प्रहार किया, उनसे प्रति प्रश्न किया। परन्तु स्त्री के प्रति प्रचलित नजरिये को सिर्फ सिद्ध कवि ही तोड़ पाए। आडम्बरों पर तीनों सम्प्रदाय के कवि मुखर हैं परन्तु नाथों एवं संतों ने स्त्री को 'पितृसत्तात्मक' समाज में घुटने के लिए छोड़ ही नहीं दिया बल्कि अपनी राह भी अलग कर लीं।
UPTET VASTUNISTH SHRINKHLA HINDI BHASHA PAPER-I EVAM PAPER-II
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Pro-Incumbency Century: How Leaders Are Fashioning Repeat Mandates in India
- Author Name:
Sutanu Guru +1
- Book Type:

- Description: "The dominant discourse in media debates before, during, and after elections in India revolves around “anti-incumbency”. Even seasoned commentators and analysts who have covered dozens of elections reflexively chant anti-incumbency like a mantra. Yet, electoral data for more than two decades suggests that the discourse should rather focus on the “pro-incumbency” phenomenon in Indian politics. In the first round of 2022, barring Punjab, assembly elections in four other states UP, Uttarakhand, Manipur, and Goa created history by returning incumbents to power. In 2021, not only did Mamata Bannerjee win a third consecutive term, but Pinnari Vijayan defied history by winning a second consecutive term. Jayalalitha did the unimaginable in Tamilnadu. While it all started with Sheila Dixit in 1998 who won three consecutive terms in Delhi, the winning formula was fine-tuned further by Narendra Modi, Nitish Kumar, Naveen Patnaik, Dr. Raman Singh, Shivraj Singh Chauhan, Tarun Gogoi, Pawan Kumar Chamling and many more Pro-incumbency champions. The book identifies and analyses factors responsible for making this a pro-incumbency century for India: the relentless rise of personality cults; ever-growing Presidential nature of electoral contests; the success of targeted welfare schemes and the structural weakness of opposition apart from the maturing split voting phenomenon. The book plugs a gaping hole in serious electoral analysis in contemporary India."
Film Ke Jagat Ke Pitamaah Dadasaheb Falke
- Author Name:
Sukesh kumar
- Book Type:

- Description: भारतीय फिल्म उद्योग के पितामह के रूप में विख्यात दादासाहेब फाल्के विलक्षण भारतीय कार थे। वे मंच के अनुभवी अभिनेता थे, उत्कृष्ट जादूगर थे। उन्होंने भारतीय फिल्म निर्माण की नींव रखी, जिसके ऊपर आज भारत का सिने उद्योग टिका है। उनके अभिनव प्रयोगों और नवाचार के कारण ही आज भारत में प्रतिवर्ष इतनी बड़ी संख्या में विविध विषयों पर फिल्में बन रही हैं और दर्शकों में लोकप्रिय हो रही हैं। 1891 में दादासाहेब फाल्के ने मुंबई में एक विदेशी मूक चलचित्र 'लाइफ ऑफ क्राइस्ट' देखा। उन्हें प्रभु ईसामसीह के स्थान पर कृष्ण, राम, समर्थ गुरु रामदास, शिवाजी, संत तुकाराम इत्यादि महान् विभूतियाँ दिखाई दे रही थीं । उन्होंने सोचा, क्यों न चलचित्र के माध्यम से महान् भारतीय विभूतियों के चरित्र को चित्रित किया जाए। उन्होंने इस चलचित्र को कई बार देखा और फिर क्या, उनके हृदय में चलचित्र निर्माण का अंकुर फूट पड़ा। आठ महीने की कठोर साधना के बाद दादासाहेब के द्वारा पहली मूक फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र'
Bhrashtachar Ka Bolbala
- Author Name:
Sadachari Singh Tomar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JNV Jawahar Navodaya Vidyalaya Class-6 Solved Papers (2003-2024) Exam 2024 (English Edition)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Yugandhara Ahilyabai Holkar Historical Novel Focusing On The Inspiring Life of Devi Ahilya Bai Holkar
- Author Name:
Mamta Chandrasekhar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
RANG SHIRSH JAIDEV TANEJA
- Author Name:
Edited By Gyantosh Kumar Jha
- Book Type:

- Description: Citicism of Drama by Jaydev Taneja
Akbar Birbal Ke Kisse "अकबर-बीरबल के किस्से"
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharatiya Sena Ka Gauravshali Itihas
- Author Name:
Major General Ian Cardozo
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...