Sara Aakash
Author:
Rajendra YadavPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
आज़ाद भारत की युवा-पीढ़ी के वर्तमान की त्रासदी और भविष्य का नक़्शा। आश्वासन तो यह है कि सम्पूर्ण दुनिया और सारा आकाश तुम्हारे सामने खुला है—सिर्फ़ तुम्हारे भीतर इसे जीतने और नापने का संकल्प हो—हाथ-पैरों में शक्ति हो...</p>
<p>मगर असलियत यह है कि हर पाँव में बेड़ियाँ हैं और हर दरवाज़ा बन्द है। युवा बेचैनी को दिखाई नहीं देता कि किधर जाए और क्या करे। इसी में टूटता है उसका तन, मन और भविष्य का सपना। फिर वह क्या करे—पलायन, आत्महत्या या आत्मसमर्पण?</p>
<p>आज़ादी के पचास बरसों ने भी इस नक़्शे को बदला नहीं—इस अर्थ में ‘सारा आकाश’ ऐतिहासिक उपन्यास भी है और समकालीन भी।</p>
<p>बेहद पठनीय और हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासों में से एक ‘सारा आकाश’ चालीस संस्करणों में आठ लाख प्रतियों से ऊपर छप चुका है, लगभग सारी भारतीय और प्रमुख विदेशी भाषाओं में अनूदित है। बासु चटर्जी द्वारा बनी फ़िल्म ‘सारा आकाश’ (हिन्दी) सार्थक कलाफ़िल्मों की प्रारम्भकर्ता फ़िल्म है।
ISBN: 9788183612531
Pages: 208
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Dalhousie Diaries
- Author Name:
Shashank Srivastav
- Book Type:

- Description: कुछ क़ागज़ पड़ा था घर के कोने मे जाने कब डायरी बना दिया कहनी थी बस एक कहानी मुझे जाने कब शायरी बना दिया कभी कभी कुछ ऐसा लिखा भी मिल जाता हैं जो हम असल मे पढ़ना चाहते हैं और जिसे जी लेना चाहते हैं बिल्कुल वैसे ही जैसे मैंने जिया... डलहौज़ी डायरीज़ को । एक खुबसुरत गीत की तरफ सुबह-शाम दिन-रात । एक पचपन साल का बूढ़ा पोस्टमास्टर और एक बीस बरस की ‘पगली लड़की’, एक रोज़ाना गुज़रने वाली रेलगाड़ी और एक डलहौज़ी का एक छोटा सा रेलवे स्टेशन... बस यही तो हैं यह कहानी । पर क्या ये बहुत हैं इसके एहसास को समझने के लिये । शायद नही! एक सच्चाई और भी जो भीतर कही दबी हुई थी हमारे और हम इसे जानकर भी अंजान बने रहे । वो सच्चाई जो हमारी हैं और जिसे हमने बनाई हैं । कुछ पुरानी यादो, अनकहे रिश्ते, बदलते अहसास और एक काली सच्चाई का समागम हैं... डलहौज़ी डायरीज़ ।
Ek Hathi Ka Safarnama
- Author Name:
Jose Saramago
- Book Type:

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Description:
दो साल से लिस्बन में रह रहे हाथी सोलोमन को अब एक लम्बे सफ़र पर जाना है। राजा डोम जुआँऊ तृतीय वियना के हैप्सबर्ग के एक आर्चदुक को उसे शादी के तोहफ़े के रूप में भेंट करना चाहता है। अपने नए ठिकाने तक पहुँचने के लिए हाथी को पैदल ही पहुँचना है। इस तरह शुरू होता है वह दिलचस्प सफ़र जो इस बहादुर हाथी को कास्टील के धूल-भरे मैदानों से होते हुए समुद्र पार जेनोआ और उत्तरी इटली तक ले जाएगा। वहाँ उसे बर्फीले आल्प्स को पार करना होगा जैसे सदियों पहले हानिबल के योद्धा हाथियों ने किया था।
यह उपन्यास एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसमें लेखक ने तथ्यों, किंवदन्तियों और कल्पना का अद्भुत मिश्रण किया है।
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