McCluskieganj
Author:
Vikas Kumar JhaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 559.2
₹
699
Available
“बचे खुचे एंग्लो-इंडियन लोगों की मौत के साथ यह गाँव भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा। <br />मि. मैकलुस्की के सपनों का कब्रिस्तान...। एंग्लो-इंडियंस के दर्दनाक इतिहास की कहानी कहता एक बेपनाह सन्नाटा भर रह जाएगा यहाँ...। उस दर्द को आनेवाले समय में कौन महसूस करेगा?” मि. मिलर की आवाज़ अँधेरे में डूब रही है।</p>
<p>रॉबिन को लगा, इस गाँव की चौहद्दी के भीतर की धरती ज़ोरों से धड़क रही है। महसूस कर रहा है वह, इसकी तेज़ धड़कन को। मनुष्य मूर्च्छित हो सकता है, संज्ञाशून्य हो सकता है, उसके विचार विक्षिप्त हो सकते हैं, पर धरती...मातृभूमि कभी मूर्च्छित...संज्ञाशून्य और विक्षिप्त नहीं हो सकती। इसका अनुराग...प्यार-भरी गुनगुनी-सी मीठी उष्मा, धड़कती रहेगी अनन्त काल तक।
ISBN: 9788126718498
Pages: 534
Avg Reading Time: 18 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: "फारसी लोककथा के अनुसार पृथ्वी की आयु 12,000 वर्ष; बैबीलोन ज्योतिषियों के अनुसार 20 लाख वर्ष; बाइबल के अनुसार 6,000 वर्ष बताई गई है । आर्क बिशप उशर का मत था कि पृथ्वी का जन्म 4004 ई. पू प्रात: 9.00 बजे हुआ! आधुनिक अनुसंधानों से सिद्ध हो चुका है कि हमारे ग्रह पृथ्वी की आयु 40,000 लाख वर्ष है । पृथ्वी को प्रारंभिक दिनों में अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में केवल 4 घंटे लगते थे; यानि कि उस समय 2 घंटे का दिन तथा 2 घंटे की रात होती थी! धीरे- धीरे पृथ्वी का परिभ्रमण धीमा पड़ता जा रहा है । अब पृथ्वी को अपनी धुरी पर घूमने में 24 घंटे का समय लगता है; लेकिन एक समय ऐसा होगा जब 1 ,200 घंटे का दिन होगा! तो क्या एक समय ऐसा भी आएगा जब पृथ्वी घूमना बंद कर देगी और पृथ्वी के आधे हिस्से में दिन तथा आधे में सदैव रात ही रहेगी? परंतु पृथ्वी पर आज भी एक स्थान ऐसा है जहाँ कम-से-कम एक दिन अंधकार (रात) नहीं रहता! वैज्ञानिकों का मानना है कि एक समय चंद्रमा अपनी कील पर घूमना बंद कर देगा । उस स्थिति में समुद्र में ज्वार उठने बंद हो जाएँगे! यह तो आप जानते हैं कि समुद्र में ज्वार- भाटे आते हैं; पर शायद आपको यह न ज्ञात हो कि पृथ्वी में भी इस प्रकार के ज्वार उत्पन्न होते हैं! पृथ्वी की ऐसी ही रोचक तथा वैज्ञानिक जानकारी के लिए प्रस्तुत है पुस्तक ' पृथ्वी की रोचक बातें '|
Rays & Ripples
- Author Name:
Carlos Luis
- Book Type:

- Description: When was the last time you spoke to nature, as our forefathers did? Receiving thus graces in abundance from it. When was the last time you helped your neighbour in need or was a Ray of hope? Consequently, turn yourself into a good Samaritan, spreading ripples of your goodness and love to people around you. This book assures you a ride through a dialogue with nature, motivating you to be a friend and inspiring you to love unconditionally. This collection entertains one while also giving a hint to a better living through poems and short stories.
Do Upanyas
- Author Name:
Krishna Sobti
- Book Type:

-
Description:
‘वह समय’—कृष्णा जी ने इस टुकड़े को यही नाम दिया था, जिसे ‘ज़िन्दगीनामा’ के दूसरे भाग का हिस्सा होना था। सम्बन्धों के सामाजिक तर्कों और नैतिक आग्रहों के ऊपर चलती दिलों की यह कहानी शाह जी और राबयाँ की है। शाह जी अपने आधे को पार कर चुके हैं और राबयाँ जवानी की सीढ़ियाँ चढ़ रही है—तुकें मिलाती है, कवित्त लिखती है, शाह जी उसके लिखे को दुरुस्त करते हैं, उसे पढ़ाते-सिखाते हैं। इसी में उम्र, मज़हब और परिवारों की हदों से ऊपर उठ दोनों कहीं जुड़ जाते हैं...और उस दिन जब कचहरी से लौटते हुए शाह जी बाढ़ में घिर जाते हैं, राबयाँ अपनी छत से उन्हें देखती है और उन्हें बचाने पानी में कूद जाती है...दोनों को ढूँढ़ लिया जाता है, लेकिन शाह जी फिर लौट नहीं पाते, चले ही जाते हैं, और राबयाँ उनके पीछे...यह कहानी इश्क़ की है, इश्क़ की रूहानियत की,...कृष्णा सोबती की क़लम ही इसकी पवित्रता को इतने सुच्चेपन से आँक सकती थी!
इस जिल्द में मौजूद दूसरी कृति का सम्बन्ध इस समय से है—आज की दिल्ली से। रियल एस्टेट के मगरमच्छों के हत्थे चढ़े एक युवक की यह कहानी पैसे के उथले दलदल में छपछपाते उस तबके के बारे में बताती है, जिसके लिए सबसे पहला और सबसे आख़िरी मूल्य पैसा ही है। यह भी कि गाँवो-क़स्बों से रोटी-रोजगार की तलाश में आए लोगों को यह दलदल कैसी सफ़ाई से अपनी गिरफ़्त में ले लेता है!
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