Yog Vigyan
Author:
Yogacharya Chandrabhanu GuptPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Lifestyle-and-wellness0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
भारतीय मनीषियों ने सतत चिन्तन, मनन और आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर मानव जीवन के कल्याण हेतु अनेक विधियाँ विकसित की हैं, उन विधियों में से एक है—‘योग’। योग वह विद्या है, जो हमें स्वस्थ जीवन जीने की कला सिखाती है और असाध्य रोगों से बचाती है। यह हमें अपने लिए नहीं, बल्कि सबके लिए जीने का सन्देश देती है।</p>
<p>योग के अनेक भाग माने जाते हैं—राजयोग, हठयोग, कुंडलिनीयोग, नादयोग, सिद्धयोग, बुद्धियोग, लययोग, शिवयोग, ध्यानयोग, समाधियोग, सांख्ययोग, मृत्युंजययोग, प्रेमयोग, विरहयोग, भृगुयोग, ऋजुयोग, तारकयोग, मंत्रयोग, जपयोग, प्रणवयोग, स्वरयोग आदि; पर मुख्यत: अध्यात्म के हिसाब से तीन ही योग माने गए हैं—कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग। शास्त्र के अनुसार योग के आठ अंग हैं—यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि। इनमें प्रथम चार—यम, नियम, आसन और प्राणायाम हठयोग का अंग हैं। शेष चार—प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि राजयोग हैं।</p>
<p>प्रस्तुत पुस्तक में अनुभवी योगाचार्य चन्द्रभानु गुप्त द्वारा योग के व्यावहारिक और सैद्धान्तिक पक्षों की सम्पूर्ण जानकारी के अलावा सूर्य नमस्कार, चन्द्र नमस्कार, स्वरोदय विज्ञान, मुद्राविज्ञान के अतिरिक्त विशेष रूप से सामान्य रोगों के लिए उपचार (आहार, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक) पर भी जानकारी दी गई है, जो आम तौर पर योग की अन्य पुस्तकों में नहीं होती ।
ISBN: 9788183611985
Pages: 180
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Yog Bhagaye Rog
- Author Name:
Swami Akshay Atmanand
- Book Type:

- Description: "' जिसे मृत्यु छीन ले, वह सब ' पर ' है । जिसे मृत्यु भी न छीन पाये, वह ' स्व ' है । इस ' स्व ' में जो स्थित है, सिर्फ वही स्वस्थ है, बाकी सब अस्वस्थ हैं । '' अपने चारों ओर ' पर ' का जो आग्रह है, संग्रह है, उसे ही परिग्रह कहा गया है । परिग्रह कोई वस्तु नहीं है, जिसका त्याग कर देने से परिग्रह हो जायेगा । यदि ' पर ' का आग्रह छूट जाये, सिर्फ ' स्व ' ही रह जाये, शुद्ध-बुद्ध आत्मा में निवास हो जाये, तो यह मनुष्य उसी क्षण परम आत्मा यानी परमात्मा बन जायेगा । कितना कठिन है स्वस्थ होना और कितना सरल है अस्वस्थ बना रहना! अध्यात्म तो सिर्फ आत्मा को स्वस्थ बनाने की विधि बताता है । आज की उन्न्त कहलाने वाली शिक्षा ने आत्मा को बकवास कहा है । इसके अस्तित्व से भी इनकार किया है । उसके लिए शरीर ही सबकुछ है । वही मनुष्य का आदि भी है और अन्त भी है । अत: यह शिक्षा-प्रणाली शरीर के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है । शरीर से बीमारियों को निकाल बाहर करने के नाम पर एक दिन शरीर को ही निकाल बाहर कर देती है । जिन्हें आत्मा के रहस्य को जानने के लिए स्वस्थ शरीर चाहिए उनके शरीर को अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन देने में यह पुस्तक पूर्ण समर्थ है; क्योंकि योग का यही नारा है । - इसी पुस्तक से ' योगासनों से चिकित्सा ' विषय पर लिखी गयी मौलिक और श्रेष्ठ कृति है ' योग भगाये रोग ' । इसमें विभिन्न आसनों को सरल भाषा तथा अति रोचक शैली में चित्रों के माध्यम से समझाया गया है । सभी पाठकों के लिए यह संग्रहणीय कृति है । "
Capacity Building Technology Myths
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Capacity Building Technology Myths, written by Dr. Sanjay Rout and published in 2020, is an essential resource for those looking to understand the current landscape of technology-driven capacity building initiatives. The book examines how myths about technology can lead organizations astray when it comes to developing their digital capabilities and provides a comprehensive overview of the various approaches available for leveraging existing infrastructure and resources to build organizational capacity through new technologies. The book begins with a discussion on why many organizations struggle with implementing effective technological solutions despite having access to cutting-edge tools such as cloud computing or artificial intelligence (AI). It then dives into the different types of capacity building activities that are necessary in order for an organization’s digital transformation efforts to be successful, including software engineering best practices; data science techniques; user experience design principles; security protocols; project management strategies; and more. In addition, Capacity Building Technology Myths explores several key topics related directly or indirectly connected with these activities such as ethical considerations around AI development processes, corporate culture shifts needed during times of rapid technological change, open source versus proprietary software decisions among others which will help readers make informed decisions regarding their own projects moving forward.. Finally Dr Sanjay provides actionable advice on how individuals can navigate this complex environment while still achieving success in terms of both short term goals like meeting customer demands quickly while also laying out long term plans focused on sustainable growth within their respective industries over time . This is done through case studies from some well known companies who have successfully implemented technologically driven initiatives along side practical tips that are easy enough even beginners can follow without any prior tech knowledge . As one reads throughout this informative work , they will gain valuable insights into what works best when attempting large scale changes within organisations using modern day technologies .
An introduction to home care nurshing
- Author Name:
Omolola Adams Olatayo
- Book Type:

- Description: An Introduction to Home Care Nursing is a must-have resource for any healthcare professional working in home care nursing. This book provides a comprehensive overview of the profession, discussing the importance of understanding the needs of the patient, the importance of maintaining the highest standards of care, and how to provide the best possible patient experience. It includes detailed information on the various types of home care nursing, the specialized skills needed to succeed, and how to effectively care for a variety of patients. It also provides insight into the unique challenges of home care nursing, and how to overcome them. An Introduction to Home Care Nursing is a valuable resource for any healthcare professional looking to further their career in this field.
Rog Nirog
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

- Description: प्रख्यात डॉक्टर, लेखक और स्तम्भकार डॉ. यतीश अग्रवाल की यह कृति हर दिन सामने आनेवाली स्वास्थ्य उलझनों का सरल समाधान प्रस्तुत करती है। पुस्तक के प्रथम खंड में छोटी–छोटी सावधानियों और शरीर की देखरेख के बारे में अनेक उपयोगी जानकारियाँ हैं; जैसे—बालों की साज–सँभाल, अच्छी नींद के नुस्खे, लो ब्लड प्रेशर का इलाज, यहाँ तक कि जूते लेते समय किन–किन बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत है आदि। सलाहों जिन पर अमल क़तई मुश्किल नहीं और उपयोगी इतनी कि जीवन का सुख कई गुना हो जाए। दूसरा खंड परख पर केन्द्रित है जिसमें लेबोरेटरी टेस्ट, बायोप्सी, एक्स-रे, रंगीन एक्स–रे, अल्ट्रासाउंड, सी.टी. स्केन, एम.आर.आई. जैसे सभी प्रमुख जाँच-परीक्षणों पर व्यावहारिक जानकारियाँ हैं। तीसरे खंड में दवाएँ और हम में डॉक्टर के परचे के संकेत, दवाओं के साथ सावधानियाँ और उनके पार्श्व-प्रभाव पर छोटी-छोटी बेशक़ीमती जानकारियाँ हैं। चौथे खंड में जब ज़रूरत हो ऑपरेशन की में ऑपरेशन के फ़ैसले, उससे सम्बन्धित तैयारियों और अस्पताल से छुट्टी लेते समय डॉक्टर से पूछे जानेवाले ज़रूरी सवालों के बारे में बताया गया है। सरल बोलचाल की भाषा में पूरी प्रमाणिकता के साथ रची गई यह ‘रोग-निरोग’ हर घर और हर पुस्तकायल के लिए एक ज़रूरी पुस्तक है।
Lessons in Practising Yoga
- Author Name:
Vidya Sagar Verma
- Book Type:

- Description: Lessons in Practising Yoga’ is a comprehensive book on the philosophy of Yoga and how to practise it. Yoga is the workshop of Indian Philosophy and the soul of Indian Culture. For the proper understanding of what Yoga is and what its purpose is, the book covers, in detail, the whole gamut of Indian philosophy comprising the Trinity of God, Soul and Nature and the Triad of Bondage of Karma, Reincarnation of Soul and Liberation. Ashtanga Yoga of Maharishi Patanjali is essentially a spiritual discipline. Accordingly, the book lays due emphasis on Moral Discipline and Meditation. The book contains tips as to how to elevate oneself spiritually and how to meditate apart from how to do the Yoga-asanas and Pranayama exercises. The book is replete with relevant quotations of renowned philosophers and scientists as also references from the scriptures of major Religions of the world. The book stresses the universality of Yoga, stating that Yoga is both spiritual and secular. Those who meditate on material subjects attain knowledge of worldly matters as did Newton discover the Law of Gravity. And those who meditate on spiritual matters, advance spiritually as did Swami Dayananda Sarasvati, Swami Vivekananda and Yogi Aurobindo Ghosh. Rev. Albert Mohler Jr. said ‘You may be twisting yourself into pretzels or grass hoppers, but if there is no meditation or direction of consciousness, you are not practising Yoga.
Yogabhyas Aur Chintan
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: स्वामी विवेकानंद ने भारत में उस समय अवतार लिया, जब यहाँ हिंदू धर्म के अस्तित्व पर संकट के बादल मँडरा रहे थे। पंडित-पुरोहितों ने हिंदू धर्म को घोर आडंबरवादी और अंधविश्वासपूर्ण बना दिया था। ऐसे में स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को एक अलग पहचान दिलाई। चिंतन वह द्वार है, जो हमारे लिए उसे खोलता है। प्रार्थना, औपचारिकता एवं हर प्रकार की उपासना केवल चिंतन का बाल-विहार (Kindergarten) है। आप जब प्रार्थना करते हैं तो आप कुछ चढ़ावा देते हैं। पहले एक प्रथा थी कि प्रत्येक वस्तु, व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ावा देती है। कुछ शब्दों का प्रयोग, पुष्प, प्रतिमाएँ, मंदिर, ज्योति को हिलाने की प्रथा मन को उस व्यवहार तक ले जाते हैं, परंतु वह व्यवहार सदैव व्यक्ति की आत्मा के अंदर होता है, कहीं और नहीं। प्रत्येक व्यक्ति यही कर रहा है, परंतु जो वह अनजाने में कर रहा है, वही जान- बूझकर करे--यही है 'चिंतन की शक्ति। प्रस्तुत पुस्तक में स्वामी विवेकानंद ने योगाभ्यास के माध्यम से शरीर को नीरोग कैसे रखा जा सकता है, और स्वस्थ चिंतन द्वारा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा कैसे अर्जित की जा सकती है, इस पर विस्तार से प्रकाश डाला है। अतः हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए एक बेहद उपयोगी पुस्तक।
Khatarnak Rog
- Author Name:
Premchandra Swarnkar
- Book Type:

-
Description:
इस पुस्तक में वयस्कों में होनेवाली प्राय: सभी ख़तरनाक और जानलेवा बीमारियाँ जैसे—कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गुर्दों की अक्षमता, लकवा, दमा, पेट के छाले, लू, काला मोतिया, ड्रॉप्सी, ऑस्टियोपोरोसिस के साथ ही भयानक संक्रामक रोग—रेबीज, सार्स, एन्थ्रेक्स, स्वाइन फ्लू, क्षय रोग, कुष्ठ रोग, प्लेग, हैजा, फ़ूड पॉयजनिंग, यकृत-शोथ, टायफ़ाइड, डेंगू, चिकुन गुन्या, मस्तिष्क-शोथ और एड्स के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई हैं। इसके अलावा बच्चों में होनेवाले ख़तरनाक संक्रमण जैसे—पोलियो, निमोनिया, खसरा, डिफ्थीरिया, टिटनेस, मस्तिष्क ज्वर, रूमेटिक ज्वर, रोटावाइरस आंत्रशोथ इत्यादि की पूर्ण जानकारी और बचाव के उपायों के साथ ही विभिन्न रोगों के कारणों और नियंत्रण के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही गम्भीर रोगों की पहचान और पैथोलॉजी की जाँचों के बारे में भी ज़रूरी जानकारियाँ दी गई हैं।
एक अत्यन्त उपयोगी और प्रत्येक घर के लिए ज़रूरी पुस्तक है ‘ख़तरनाक रोग’।
Diabetes Ke Saath Jeene Ki Raah
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

- Description: डायबिटीज क्यों होती है? डायबिटीज की पहचान क्या है? डायबिटीज से कैसे बचें? मेथी शुगर को कैसे कम करती है? खाने-पीने में क्या-क्या एहतियात बरतें? कौन-कौन से योगासन शुगर को घटाते हैं? व्यायाम के समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतें? इंसुलिन लेना कब ज़रूरी है? इमरजेंसी की घड़ियों में क्या करें? कब कौन-सा टेस्ट कराएँ? घर पर ब्लड शुगर की कैसे जाँच करें? यौन क्षमता कैसे दुरुस्त रखें? डायबिटीज के बुरे असर से शरीर को कैसे बचाएँ? डायबिटीज की नई दवाएँ कौन-कौन सी हैं? 21वीं सदी की इस भागदौड़-भरी ज़िन्दगी में क्या उपाय करें कि डायबिटीज आपके पास न फटके और अगर हो जाए तो उसे कैसे जीतें! डॉ. यतीश अग्रवाल की यह पुस्तक डायबिटीज जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर हिन्दी में अपने ढंग की पहली प्रामाणिक कृति है। सरल सुबोध शैली में लिखी गई इस पुस्तक में आयुर्विज्ञान के साथ-साथ योग, आहार, व्यायाम, जामुन, मेथी और विजयसार के लाभकारी गुणों पर भी उपयोगी जानकारी है। खुलासा है नई से नई खोजों का...और इस नई वैज्ञानिक सोच का भी कि डायबिटीज में मीठी चीज़ें छोड़ना क़त्तई ज़रूरी नहीं है।
Jatil Rog Saral Upchar
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

- Description: कायासुख ही जीवन की सबसे बड़ी दौलत है। मन और शरीर बीमार और लाचार हों, तो जीवन की हर प्राप्ति, हर ख़ुशी आधी-अधूरी और बेमायने-सी लगने लगती है। पर जीवन की रौ में आदमी अक्सर ही इस साधारण से सत्य को भुला बैठता है। बिरले ही ऐसे होते हैं जो शुरू से ही तन्दुरुस्ती का महत्त्व समझते हैं और उसी के रास्ते पर चलते हैं। पर ज़्यादातर लोग न तो क़िस्मत के इतने धनी होते हैं, न ही आनुवंशिक काठी के, और न ही समय से चेतते हैं कि जीवन की सबसे बड़ी दौलत उनके पास बनी रहे। यंत्रवत् जीवन की चकाचौंध में जीता आदमी जब होश सँभालता है, तब तक अक्सर वह अपनी उदासीनता की क़ीमत दे चुका होता है। उसके असंयमित रहन-सहन, खान-पान, चाल-चलन में कब कौन-सा अंग बीमार हो जाता है, इसका भी उसे तब पता चलता है जब पानी सर तक चढ़ चुका होता है। इस भँवर से बचकर निकलने के लिए दुगुने संकल्प की ज़रूरत होती है। न सिर्फ़ दवा की अनिवार्यता होती है, बल्कि जीने का ढंग भी बदलना पड़ता है। तभी कहीं जीवन ढंग से आगे बढ़ पाता है। सबसे अच्छा तो यह है कि आदमी शुरू से ही जगा रहे। बचाव इलाज से लाख गुना अच्छा है। उसी में शहनाई की मिठास है। क़ुदरत के साधारण नियमों का अनुसरण करना इसका सत्य-सार है। आपके जीवन में सुख का अमृत-कलश सदा भरा रहे, यही मेरी प्रार्थना है। किसी समय रुग्णता के बादल घिर आएँ, चारों तरफ़ अँधियारा दिखे, तब भी यह कृति आपको उस घटाटोप अँधेरे से बाहर खींच लाए, तभी इसकी रचना सफल समझूँगा।
Yog Vashishth
- Author Name:
Swami Venkateshanand
- Book Type:

- Description: भारतीय मनीषा के प्रतीक ग्रन्थों में एक ‘योग वासिष्ठ’ की तुलना विद्वत्जन ‘भगवद्गीता’ से करते हैं। गीता में स्वयं भगवान मनुष्य को उपदेश देते हैं, जबकि ‘योग वासिष्ठ’ में नर (गुरु वशिष्ठ) नारायण (श्रीराम) को उपदेश देते हैं। विद्वत्जनों के अनुसार सुख और दु:ख, जरा और मृत्यु, जीवन और जगत, जड़ और चेतन, लोक और परलोक, बन्धन और मोक्ष, ब्रह्म और जीव, आत्मा और परमात्मा, आत्मज्ञान और अज्ञान, सत् और असत्, मन और इन्द्रियाँ, धारणा और वासना आदि विषयों पर कदाचित् ही कोई ग्रन्थ हो, जिसमें ‘योग वासिष्ठ’ की अपेक्षा अधिक गम्भीर चिन्तन तथा सूक्ष्म विश्लेषण हुआ हो। अनेक ऋषि-मुनियों के अनुभवों के साथ-साथ अनगिनत मनोहारी कथाओं के संयोजन से इस ग्रन्थ का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। स्वामी वेंकटेसानन्द जी का मत है कि इस ग्रन्थ का थोड़ा-थोड़ा नियमित रूप से पाठ करना चाहिए। उन्होंने पाठकों के लिए 365 पाठों की माला बनाई है। प्रतिदिन एक पाठ पढ़ा जाए। पाँच मिनट से अधिक समय नहीं लगेगा। व्यस्तता तथा आपाधापी में उलझा व्यक्ति भी प्रतिदिन पाँच मिनट का समय इसके लिए निकाल सकता है। स्वामी जी का तो यहाँ तक कहना है कि बिना इस ग्रन्थ के अभी या कभी कोई आत्मज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता। स्वामी जी ने इस ग्रन्थ का सार प्रस्तुत करते हुए कहा है कि बिना अपने को जाने मोक्ष प्राप्त नहीं हो सकता। मोक्ष प्राप्त करने का एक ही मार्ग है आत्मानुसन्धान। आत्मानुसन्धान में लगे अनेक सन्तों तथा महापुरुषों के क्रियाकलापों का विलक्षण वर्णन आपको इस ग्रन्थ में मिलेगा। प्रस्तुत अनुवाद स्वामी वेंकटेसानन्द द्वारा किए गए ‘योग वासिष्ठ’ के अंग्रेज़ी अनुवाद ‘सुप्रीम योग’ का हिन्दी रूपान्तरण है जिसे विख्यात भाषाविद् और विद्वान बदरीनाथ कपूर ने किया है। स्वामी जी का अंग्रेज़ी अनुवाद 1972 में पहली बार छपा था जो निश्चय ही चिन्तन, अभिव्यक्ति और प्रस्तुति की दृष्टि से अनुपम है। लेकिन विदेश में छपने के कारण यह भारतीय पाठकों के समीप कम ही पहुँच पाया। आशा है, यह अनुवाद उस दूरी को कम करेगा, और हिन्दी पाठक इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक का लाभ उठा पाएँगे।
Nari Swasthya Aur Saundarya
- Author Name:
Yatish Agarwal +1
- Book Type:

- Description: न में सुख और ख़ुशियों के रंग भरने के लिए अपनी देह और मन के बारे में जानना हर स्त्री के लिए ज़रूरी है। इसी से वह अपने भीतर के रचना-संसार, उसकी बनावट और व्यवहार को ठीक से समझ सकती है और सामान्य–असामान्य की पहचान कर सकती है। अत्यन्त सरल और दिलचस्प शैली में रची गई यह पुस्तक नारी शरीर की दुनिया, मासिक धर्म और उससे जुड़े विकारों, जनन अंगों के रोगों, सन्तान की चाह पूरी करने के नूतन उपायों, अनचाहे गर्भ से बचे रहने के तरीक़ों, गर्भाशय और स्तन के कैंसरों, विविध जाँच–परीक्षणों, रूप–सौन्दर्य आदि पर प्रामाणिक व्यावहारिक जानकारी का ख़ज़ाना है। इन विषयों पर आपके हर सवाल का नारी स्वास्थ्य और सौन्दर्य में समाधान प्रस्तुत है— नारी, स्त्री, अम्बा, वामा शब्द कैसे बने?; किशोरावस्था, यौवन और जीवन के अलग–अलग चरणों में शरीर के भीतर क्या–क्या परिवर्तन आते हैं?; मासिक धर्म के दिनों में अपनी देखभाल कैसे करें?; गर्भाशय की रसौली, बच्चेदानी के नीचे सरकने, एंडोमेट्रियोसिस, यू.टी.आई. जैसे रोगों का क्या इलाज है?; स्तन में हुई गिलटी का क्या समाधान है?; काम–क्रीड़ा में कष्ट होने पर निजात के क्या तरीक़े हैं?; मासिक धर्म में दर्द, अधिक ख़़ून जाने पर क्या करें?; योनिस्राव के क्या–क्या कारण हैं और उनका इलाज क्या है?; गर्भ–निरोध के लिए कौन–सा साधन उत्तम है?; सन्तान न होने के क्या कारण हैं और इनका क्या इलाज है?; सुन्दर–सलोना रूप पाने के क्या–क्या उपाय हैं?; बालों और त्वचा की देखभाल कैसे करनी चाहिए?; और, और भी बहुत कुछ…। न सिर्फ़ स्त्रियों के लिए, बल्कि पुरुषों के लिए भी एक पठनीय पुस्तक
Alphabetical Parenting
- Author Name:
Karen Claire
- Rating:
- Book Type:

- Description: ‘If my parent had done things differently, I would have been such a different person.’ Do you pause in your tracks with this emotion? ‘Wouldn’t it be lovely if someone could hand-hold me through parenting my child just as someone held my hand while I learned to write?’ Has this thought ever crossed your mind as you journey from day to day with your growing child? Well, here is Karen Claire, with the A-B-Cs of parenting. She believes very strongly in the quote by Frederick Douglass: ‘It is easier to build strong children than repair broken men.’ She knows this first-hand, as her experience as a practitioner and coach has brought her to work with persons at both ends of the age spectrum. Master these alphabets of the parenting language and write your own personal script for yourself and your child.
1000 transformation thoughts
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: This book provides 1000 thought-provoking and inspiring ideas to help you take your life to the next level. With insights from experts in the field of self-improvement and personal development, you'll learn how to identify areas of your life that need improvement, and how to take action to make those changes. You'll also get practical tips on how to stay motivated and focused on your goals, and how to develop a strong sense of self-awareness. In addition to the thought-provoking ideas, this book also contains a wealth of resources, including interviews with life coaches, helpful tools and exercises, and inspiring quotes to keep you motivated. Whether you're looking to improve your relationships, career, or simply become more mindful and aware, 1000 Transformation Thoughts is the perfect guide to help you make the changes you want to see in your life.
HIV AIDS : Satabdi Ka Sabase Bada Dhokha
- Author Name:
Kamlesh Jain
- Book Type:

-
Description:
अमेरिकी सत्ता, सूचनातंत्र और बौद्धिक समुदाय के अथक प्रयत्न के कारण आज एड्स सारी दुनिया में चिन्ता और चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। भारत में एड्स के बारे में लोगों को जानकारी बहुत कम है, लेकिन अफ़वाह की तरह उसका प्रसार और प्रभाव बहुत अधिक है। ऐसी स्थिति में कमलेश जैन ने सहज, सुबोध और जानदार भाषा में ‘एचआईवी/एड्स : शताब्दी का सबसे बड़ा धोखा’ नामक पुस्तक लिखकर एड्स के बारे में प्रचारित अनेक मिथकों का राज-रहस्य खोला है और उसके झूठ-सच से विशेषज्ञों को ही नहीं, सामान्य जनों को भी परिचित कराया है।
यह सतर्क सामाजिक संवेदनशीलता और गहरी मानवीय ज़िम्मेदारी से लिखी गई पुस्तक है। कमलेश जैन की पुस्तक यह साबित करती है कि विज्ञान के क्षेत्र में विचारधारा किस प्रकार काम करती है और यह भी कि विज्ञान को किस तरह जनविरोधी तथा जनता का पक्षधर बनाया जा सकता है। यह समझना मुश्किल नहीं है कि एड्स के बारे में विभिन्न देशों की सरकारों, ग़ैरसरकारी संगठनों और सूचना साम्राज्य के तंत्रजालों द्वारा जो झूठा सच रोज़-रोज़, बार-बार, लगातार प्रचारित किया जा रहा है; उसके विरुद्ध कुछ सुनना, समझना और स्वीकार करना आसान नहीं है। लेकिन जो एड्स सम्बन्धी जानलेवा झूठ से बचना चाहते हैं और अपने जीवन तथा अपने समाज के जीवन में आस्था रखते हैं, वे इस पुस्तक को ज़रूर पढ़ेंगे और इसके संजीवन सच को स्वीकार करेंगे।
Cancer Ki Vyatha-Katha
- Author Name:
Shrigopal Kabra
- Book Type:

-
Description:
चरक के संहिता काल में कैंसर की ग्रन्थि और अर्बुद रूप में लक्षणों के आधार पर अवधारणा, पहचान और उपचार और सुश्रुत की शल्य चिकित्सा में आज आयुर्वेद में भी काफ़ी परिवर्तन आया है, विकास हुआ है। आधुनिक चिकित्सा में कैंसर के निदान और उपचार के साधनों का व्यापक विस्तार हुआ है। देश में कैंसर जानलेवा रोगों में प्रमुख है, फिर भी इसकी व्यापकता के विश्वस्त आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। कैंसर रजिस्ट्री (पंजीयन) आधारित आंशिक आँकड़े उपलब्ध हैं। इनके अभाव में कैंसर के निदान, उपचार और निवारण की नीतियाँ और व्यवस्था अपर्याप्त और अप्रभावी हैं।
कैंसर पर डॉ. सिद्धार्थ मुखर्जी की एक पुस्तक आई है ‘द एम्परर ऑफ़ ऑल मैलेडीज : ए बायोग्राफ़ी ऑफ़ कैंसर’। यह एक ऐतिहासिक किताब है।
इसी से प्रेरित होकर मैंने भारतीय सन्दर्भ में ‘कैंसर की व्यथा-कथा : आग का दरिया तैरकर जाना’ लिखी है, क्योंकि मेरा मानना है हिन्दी में इसकी नितान्त आवश्यकता है।
कैंसर के बारे में, पढ़े-लिखे और अनपढ़, सभी में जानकारी कम और भय व भ्रम अधिक है। आज भी कैंसर को एक रोग माना जाता है। एक ही दवा से हर प्रकार के कैंसर के इलाज के दावे आम हैं, प्रचार-प्रसार कर रोगियों को भ्रम में रखा जाता है। चिकित्सा के व्यवसायीकरण से बेबस रोगियों का हर स्तर पर शोषण होता है। आम भाषा में कैंसर के बारे में विश्वसनीय जानकारी की रोचक शैली में प्रस्तुति से, आशा है, इस रोग से भय, भ्रम और शोषण से मुक्ति में सहायता मिलेगी। अगर ऐसा होता है तो मेरा परिश्रम सफल होगा।
— प्राक्कथन से
Mindsolasta - think.change.illuminate.
- Author Name:
Paul Raj +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: In today’s game of life positive psychology is at its peak. Mindsolasta helps the reader pause and reflect on the presence of positive aspects in daily life. Gratitude, mindfulness, hope and stress management are some of the useful skills you will incorporate by reading this book. So what are you waiting for? Dive right in to learn more about the secrets to a happier life and for a cup of positivity in your everyday life.
Dampatya Vigyan
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

-
Description:
भारतीय समाज में इधर जो बदलाव आ रहे हैं, उनका सीधा असर दाम्पत्य सम्बन्धों पर भी पड़ रहा है। लगातार बढ़ते शहरीकरण, विस्थापन और आर्थिक-सामाजिक दबावों के कारण पति-पत्नी के रिश्तों की मिठास निरन्तर कम होती जा रही है और विवाह संस्था को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। डॉ. यतीश अग्रवाल की यह पुस्तक इसी चुनौती को ध्यान में रखकर लिखी गई है। इसमें दाम्पत्य जीवन के हर पहलू पर रोशनी डालते हुए बताया गया है कि तरह-तरह के दबाव सहते हुए हम अपने दाम्पत्य जीवन को किस तरह सफल बना सकते हैं।
इस पुस्तक में आप पाएँगे :
- दाम्पत्य सम्बन्धों के बदलते समीकरणों से सामंजस्य कैसे बनाएँ।
- दाम्पत्य जीवन में शारीरिक और भावनात्मक माधुर्य का क्या अर्थ है और उसे कैसे बनाकर रखें।
- सफल दाम्पत्य जीवन में परिवार नियोजन की महत्ता और गर्भ निरोध के बारे में विस्तृत जानकारी।
- सहवास जैसी मधुर प्रकिया कुछ मौक़ों पर कष्टप्रद क्यों हो जाती है और ऐसी स्थिति से कैसे बचें।
- यौन जीवन में आनेवाली दिक़्क़तों और उलझनों से कैसे पार पाएँ।
- यौन सम्बन्धी बीमारियाँ कौन-कौन सी हैं और उनसे बचाव के लिए ज़रूरी सावधानियाँ।
- गर्भधारण में आनेवाली परेशानियाँ और उनके व्यावहारिक उपचार। <
Kyon Alag Hai Stree-Purush Ka Prem
- Author Name:
Dr.Abrar Multani
- Book Type:

- Description: ेम जीवन का अनिवार्य विषय है। जीवनसाथी से प्रेमपूर्ण सम्बन्ध जीवन की सफलता और आनन्द का मूल है। हम सभी प्रेम करना और पाना चाहते हैं लेकिन उसे सीखना नहीं चाहते। जीवन का एक बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण सबक़ हमें कोई भी नहीं सिखाता। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में कोई विषय नहीं है और ना कोई अध्यापक। अगर हम प्रेम के बारे में थोड़ा-बहुत जानते भी हैं तो वही फ़िल्मों वाला प्रेम या दोस्तों की गप्पें, यह दोनों ही ज्ञान अपूर्ण और भ्रामक होते हैं जो कि हमारे प्रेम को ग़लत दिशा में ले जाते हैं और शादियाँ तलाक़ में या फिर कारावास में बदल जाती हैं। स्त्री और पुरुषों में भिन्नताएँ होती हैं, वे अलग होते हैं, चाँद और सूरज की ही तरह अलग-अलग। इन दोनों की वैचारिक भिन्नताएँ आग और पानी की ही तरह अलग-अलग होती हैं। पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका अपने प्रेम को हमेशा क़ायम रख ही नहीं सकते जब तक कि वे एक दूसरे की भिन्नताओं को जानकर उन्हें स्वीकार ना कर लें। यह पुस्तक इन्हीं भिन्नताओं को उजागर करेगी, आपको प्रेम करना और उसे जीवन-भर क़ायम रखना सिखाएगी। यह पुस्तक आपकी गुरु, साथी और एक मार्गदर्शक के रूप में आपकी हमेशा मदद करेगी। यह आपको वह सिखाएगी जो दुनिया के अधिकतर लोगों को नहीं आता—जी हाँ, 'प्रेम करना
Fact of Fate
- Author Name:
Muni Shri Pranamya Sagar
- Book Type:

- Description: Fact of fate, which is revealing the mantra of living life in a right manner, especially for youngsters.
Khile Matritva Goonjein Kilkariyan
- Author Name:
Yatish Agarwal +1
- Book Type:

- Description: यह पुस्तक उन दिनों की साथी है जब मन में माता-पिता बनने के मीठे सपने खिलने लगते हैं और घर किलकारियों से गूँज उठता है। सन्तान-बीज के गर्भ में आने से लेकर शिशुजन्म और बच्चे की पहली वर्षगाँठ तक समस्त जानकारियों को सरल व स्पष्ट शब्दों में प्रस्तुत करनेवाली यह पुस्तक सभी दम्पतियों, दादा-दादियों और नाना-नानियों के लिए पठनीय है—कैसे करें गर्भधारण की तैयारी, गर्भधारण के लिए महीने की कौन-सी तिथियाँ अनुकूल हैं, क्या बेटे या बेटी का पहले से चुनाव हो सकता है, गर्भावस्था की रोमांचक घटनाएँ, बच्चा गर्भ में कब से आँख-मिचौनी खेलना शुरू कर देता है, गर्भावस्था में क्या खाएँ और क्यों, आरामदेह मुद्राएँ और लाभकारी व्यायाम, डॉक्टरी जाँच-परीक्षण : कब और कैसे, अल्ट्रासाउंड और दूसरे टेस्ट कब-कब किए जाते हैं, आम तकलीफ़ : कैसे पाएँ निजात, कैसे करें शिशु के आगमन की तैयारी, बच्चे का जन्म कैसे होता है, सीज़ेरियन की ज़रूरत कब-कब होती है, बच्चे की सँभाल के लिए क्या-क्या बातें जानना ज़रूरी है, बच्चे को कब, कौन-से टीके लगवाने होते हैं। एक बेहद महत्त्वपूर्ण और संग्रहणीय पुस्तक।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...