
Khoobsoorti Se Jeevan Jeene Ki Kala
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
112
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
224 mins
Book Description
ख़ुश रहने के लिए कुछ ज़्यादा करने की ज़रूरत नहीं है। बस सहज होने की कोशिश करें, और आप देखेंगे कि जिसे आप दु:ख मानकर अपनी ज़िन्दगी का उल्लास छोड़ बैठे हैं, उसमें भी एक सुख है। होनी को सरल भाव और खुले मन से स्वीकारें और आप देखेंगे कि आपकी इच्छाशक्ति आपको कहाँ ले जाती है। हँसिए और जब मन भर जाए तो खुलकर रोइए भी। रोना उतना बुरा नहीं है जितना माना जाता है, इससे आप नए हो जाते हैं। दिमाग़ से काम लें लेकिन दिल की भी सुनें, पुस्तकें पढ़कर अपनी कल्पना को नया आकाश दें, और ख़ुशी के परिन्दों के साथ उड़ें। यह पुस्तक ऐसी ही छोटी-छोटी बातों से आपको जीना सिखाती है, ख़ुश रहना सिखाती है। और बताती है कि जीवन अपने आप में ही कितना सुखकारी, कितना अनमोल वरदान है; ज़रूरत है बस हिम्मत, धीरज और सहनशीलता के साथ उसे जीना सीखने की। आशा है, यह किताब इस राह में अवश्य ही आपकी हमसफ़र बनेग