
Tulsi
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
236
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
472 mins
Book Description
साहित्य मनीषी पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी का मत है कि ‘तुलसीदास के काव्य में उनका निरीह भक्त-रूप बहुत स्पष्ट हुआ है, पर वे समाज-सुधारक, लोकनायक, कवि, पंडित और भविष्य-स्रष्टा भी थे। यह निर्णय करना कठिन है कि इनमें से उनका कौन-सा रूप अधिक आकर्षक और प्रभावशाली था। इन सब गुणों ने तुलसीदास में एक अपूर्व समता ला दी। इसी सन्तुलित प्रतिभा ने उत्तर भारत को वह महान साहित्य दिया जो दुनिया के इतिहास में अपना प्रतिद्वन्द्वी नहीं जानता।’ ऐसी महान प्रतिभा के समग्र व्यक्तित्व व कृतित्व का वस्तुगत विश्लेषण इस पुस्तक के निबन्धों में हुआ है। इन निबन्धों में तुलसीदास के जीवन-दर्शन और उनकी काव्यात्मक उपलब्धियों के विविध आयामों पर लेखकों ने सर्वथा नए ढंग से विचार किया है। तुलसी-साहित्य में रुचि रखनेवाले पाठकों और छात्रों के लिए सर्वथा संग्रहणीय पुस्तक!