Antim Dashak Ki Hindi Kavita

Antim Dashak Ki Hindi Kavita

Language:

Hindi

Category:

Language-linguistics

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Book Details

बीसवीं सदी का अन्तिम दशक कई तरह से सामाजि‍क-आर्थिक परिवर्तनों का साक्षी रहा। वि‍श्व में समाजवाद के पतन के उपरान्त भारत में उदारीकरण के चलते कई नई चुनौति‍याँ हमारी चेतना के समक्ष उपस्थित हुईं। बाज़ारवाद, मीडि‍या वि‍स्फोट और सूचना तकनीकी के आगमन के कारण भाषिक-संवेदना के तार बि‍खरने लगे।</p>
<p>इन परिस्थि‍तियों में हि‍न्दी कवि को इन चुनौति‍यों का सामना करते हुए वैकल्पिक और सम्पूर्ण भावबोध प्रस्तुत करना था। और, इस दशक की कविता ने यह कि‍या भी। इस पुस्तक में इस दशक में सक्रिय महत्त्वपूर्ण कवियों पर अलग-अलग वि‍चार करते हुए उस संक्रमण काल की कविताओं की मुख्य चि‍न्ताएँ और सरोकार रेखांकि‍त कि‍ए गए हैं।</p>
<p>अरुण कमल, कुमार अम्बुज, अष्टभुजा शुक्ल, बोधि‍सत्व, एकान्त श्रीवास्तव, हरीशचन्द्र पांडे, स्वप्निल श्रीवास्तव निलय उपाध्‍याय, काव्‍यायनी, अनामिका, गगन गिल और नीलेश रघुवंशी के काव्य पर अलग-अलग अध्यायों में वि‍स्तार से वि‍चार करते हुए लेखक ने उस समय की सामाजि‍क-राजनीति‍क-सांस्कृति‍क और आर्थिक पृष्ठभूमि को भी समझने का प्रयास कि‍या है।</p>
<p>कवियों के शि‍ल्प और भाषा की संरचनात्मक वि‍शेषताओं को रेखांकि‍त करते हुए उन्होंने उनकी सीमाओं और सम्भावनाओं की तरफ़ भी संकेत कि‍या है, और एक पूरे दशक की कविता के सम्पूर्ण को सरल रूप में प्रस्तुत कि‍या है।

ISBN: 9788180317606

Pages: 196

Avg Reading Time: 7 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

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