Tenaliram Ki Anokhi Duniya

Tenaliram Ki Anokhi Duniya

Authors(s):

Ashok Maheshwari

Language:

Hindi

Pages:

152

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

304 mins

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Book Description

दक्षिण भारत के गुंटूर ज़‍िले के गली पाडु नामक क़स्बे में एक सामान्य गृहस्थ के घर में तेनालीराम का जन्म हुआ था। उसके माता-पिता बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे जिसके कारण उन्होंने अपने पुत्र का नाम रामलिंगम रखा। तेनालीराम यानी रामलिंगम अभी बहुत छोटा था, तभी उसके पिता का निधन हो गया। रामलिंगम की माता पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वे अपनी ससुराल ‘गली पाडु’ से अपने भाई के पास लौट आईं। उनका भाई ‘तेनाली’ नामक क़स्बे में रहता था। तेनाली में रामलिंगम सामान्य बच्चों की तरह ही खेलता-पढ़ता हुआ बड़ा होने लगा। उसे गुरु के पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा गया, उस समय किसी ने सोचा न था कि अपनी मेधा के बल पर तेनालीराम ऐसी ख्याति अर्जित करेगा कि सदियों, सहस्त्राब्दियों तक लोग उसकी बुद्धि, न्यायप्रियता और हाज़‍िर जवाबी की कहानियाँ कहते रहेंगे। अपनी कुशाग्रबुद्धि और मिलनसारिता के गुणों के कारण तेनालीराम बचपन में ही लोगों के आकर्षण का केन्द्र हो गए थे। मूल नाम रामलिंगम तो था ही, गुरुकुल में उसे तेनाली वाला रामलिंगम कहा जाने लगा और बाद में यही तेनालीराम बन गए। तेनालीराम के बुद्धि-बल को लेकर इतनी किंवदन्तियाँ हैं जिनसे लगता है कि तेनालीराम जैसा कुशाग्र व्यक्ति दक्षिण भारत में न उनके पहले जन्मा था और न बाद में।

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