
Shekhchilli Ki Anokhi Duniya
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
176
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
352 mins
Book Description
शेखचिल्ली एक ऐसा कथा-नायक है जो आमलोक-जीवन के संघर्षों से बार-बार उबरता है और बार-बार उन्हीं संघर्षों में जुत जाता है। उसमें ईमानदारी है, निष्ठा है, मर्यादा है, परिस्थितिजन्य विवेक है, लगन और उत्साह है और इन सबसे बड़ी बात यह भी है कि वह अपने वर्तमान में जीता है। अतीत की स्मृतियों को उलीचता हुआ, वर्तमान की राह बनाता हुआ यह पात्र कभी भविष्य की चिन्ता में डूबता-उतराता नहीं है। जीवन के उतार-चढ़ाव में संयत रहते हुए मनमौजी जीवन जीता हुआ शेखचिल्ली कई बार हमें मूर्ख या बेवकूफ़ प्रतीत होता है, किन्तु उसकी अजीबो-ग़रीब हरकतों में समय की ऐसी समझ समाई रहती है कि पाठक उसकी सराहना किए बिना नहीं रह सकता। ये कहानियाँ शेखचिल्ली की कारस्तानियों का मनोरंजक विस्तार हैं। इस संग्रह में शेखचिल्ली की अलग-अलग कहानियाँ किसी माला में गूँथे गए मनकों की तरह पिरोई गई हैं। इस कथा-संग्रह की विशेषता है कि शेखचिल्ली के जीवन के कालखंडों को दर्शाती कथाओं को इसमें इस तरह रखा गया है कि उनका अलग अस्तित्व बना रहे और उसके जीवन की विकास-यात्रा की निरन्तरता का भी पता चलता रहे। आज भी उसकी कहानियाँ जहाँ हमें हँसाती हैं, वहीं जुल्म का सामना करने का साहस भी प्रदान करती हैं। रोचक और सरल भाषा में लिखी गई ये कहानियाँ पाठकों का भरपूर मनोरंजन करने का वादा करती हैं और दावा भी कि कोई है जो इन्हें पढ़कर हँसे बिना रह सके!