Mahamaya
Author:
Sunil ChaturvediPublisher:
Antika Prakashan Pvt. Ltd.Language:
HindiCategory:
Contemporary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 205
₹
250
Available
कमलेश्वर ने जब कहा कि ईश्वर ने आदमी के जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा घेर रखा है तब उनका इशारा संभवत: उस विराट कारोबार की तरफ भी था जो धर्म के नाम पर फल-फूल रहा है। धर्म और अध्यात्म अगर इस देश के समृद्ध वर्ग के लिए प्रतिष्ठा मूल्य रहे हैं तो आम आदमी के लिए श्रद्धा एवं आस्था के केन्द्र! कुम्भ, सिंहस्थ और अन्य धार्मिक समागमों में लाखों की संख्या में उमडऩे वाली भीड़ इसी का प्रमाण है। इसी बीच पिछले तीन-चार दशकों में दर्जनों नए-पुराने छोटे-बड़े अवतार, महात्मा, धर्माचार्य, बाबा, योगी, प्रवचनकार उभरे और उनके करोड़ों की सम्पत्ति वाले विशाल मठ, संस्थान, प्रतिष्ठान वगैरह बड़े हुए है। उन्हें थैलीशाहों-राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त रहा है। बहुत सारे धार्मिक संस्थानों, प्रतिष्ठानों की बाहरी दुनिया अगर कर्मकाण्डों, अंधश्रद्धा एवं तर्कातीत विश्वासों पर खड़ी है तो भीतरी दुनिया रहस्यमयी अंधेरी, बंद और गंदगी से बजबजाती सुरंगों एवं षड्यंत्र कक्षों वाले तह$खानों से बनी है। सुनील चतुर्वेदी ने इस दुनिया के बाहर-भीतर को बहुत नजदीक से देखा, समझा और अनुभव किया है। 'महामाया' उपन्यास इसी सबका एक तरह का सर्जनात्मक एवं कथात्मक दस्तावेज है। सुनील चतुर्वेदी पत्रकार रहे हैं, व्यंग्यकार भी! इसके अलावा साक्षरता, जल संरक्षण जैसे राष्ट्रीय अभियानों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। इस सबसे उनकी दृष्टि में जो पैनापन व गहराई आए हैं उन्हें इस उपन्यास में देखा जा सकता है। यह बात उपन्यास को महत्त्वपूर्ण बनाती है।
ISBN: 9788196204396
Pages: 160
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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