Yatra-Tatra-Sarvatra
Author:
Sanjeev Jaiswal 'Sanjay'Publisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
इससे पहले कि डिप्टी साहब कुछ कहते, प्रधानाध्यापक लोकलाज छोड़ सीधे उनके चरणों में लोट गए।
“अरे। यह आप क्या कर रहे हैं ? छोड़िए मेरा पैर !”” डिप्टी साहब चिहुँकते हुए पीछे हटे, मगर इस बात का पूरा ध्यान रखा कि उनका पैर छूटने न पाए। जानते थे कि शिकार जितनी ज्यादा देर चरणों में लोटेगा, उतनी ही ज्यादा टेंट ढीली करेगा।
प्रधानाध्यापक की कमाई का आधा हिस्सा पूरी ईमानदारी से प्रधान गुड्डू ठाकुर के पास पहुँचता था। उनका लड़का विक्की ठाकुर इसी पाठशाला का होनहार छात्र था। भविष्य में सरकार कहीं चुनाव लड़ने के लिए शिक्षित होना अनिवार्य न कर दे, बस इसी इकलौते उद्देश्य से वह अपना अमूल्य समय स्कूलों में बर्बाद कर रहे थे, वरना उनमें योग्यता की कोई कमी न थी।
प्रधानाध्यापक को डिप्टी साहब के चरणों में लोटते देख उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ। वे नट्टी फाड़ चीख पड़े--“'मास्सा '“ब, नाम है आपका परशुराम और काम कर रहे हैं सुदामा जैसा ? यह भ्रष्टाचारी आपसे रिश्वत माँग रहा है। चरणों में लोटने के बजाय उठाइए अपना फरसा और नाश कर दीजिए धरती से इन भ्रष्टाचारियों का।'!
इसी पुस्तक से
भ्रष्टाचार पर प्रह्यार और सफेदपोशों को बेनकाब करती ये कहानियाँ हमें उद्वेलित, आक्रोशित और आंदोलित करेंगी और संभवतः सर्वव्यापी भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए कमर कसने के लिए प्रेरित भी |
ISBN: 9789394755017
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
20% Skills, 80% Mindset (Hindi Translation of 80% Mindset, 20% Skills) | Middle Class Mindset To Millionare Mindset
- Author Name:
Dev Gadhvi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Achchhe -Achchhe Nibandh
- Author Name:
Prithvi Nath Pandey
- Book Type:

- Description: यह पुस्तक विद्यार्थियों की क्षमता और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है । ' अच्छे- अच्छे निबंध ' विद्यार्थियों के लिए एक सरल, रोचक और आकर्षक पुस्तक है । इसके साथ ही इसमें विषय, रुचि तथा ज्ञान—इन तीनों का विशेष ध्यान रखा गया है । प्रश्नपत्रों में जिस तरह के निबंध लिखने के लिए आते हैं, उन सबको इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है ।इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें दिए गए निबंधों के अध्ययन से विद्यार्थी अपने विचार प्रकट कर सकता है और साथ ही अन्य किसी भी विषय पर निबंध लिखने में समर्थ हो सकता है ।निबंध लेखन में निबंध के चारों भागों -शीर्षक, प्रस्तावना ( भूमिका), विस्तार तथा उपसंहार ( निष्कर्ष) में बाँटकर निबंध के भाव को पूरी तरह प्रकट करने का प्रयास किया गया है ।अच्छी भाषा के लिए अच्छे- अच्छे निबंध ।
STRAY WRITINGS (PB)
- Author Name:
Raj Kumar Bhatia
- Book Type:

- Description: the author is a respected social activist in Delhi belonging to RSS school of thought. In over six decades of his public life, he wrote on several subjects which are compiled in this book. He spent over four decades in Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad and was it’s top office bearer and ideologue. Several of his writings relate to that phase of his life. It’s a thought provoking collection of author’s writings on diverse subjects.
KALPNA CHAWLA
- Author Name:
Sunita Rani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mera Akash, Mere Dhoomketu
- Author Name:
Harish Pathak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Natha Panth "नाथपंथ" Book In Hindi
- Author Name:
Dr. Pradeep Kumar Roy, Dr. Padmaja Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Cinema Aur Sansar
- Author Name:
Udyan Vajpeyi
- Book Type:

- Description: ऋत्विक घटक और सत्यजीत राय के बाद कुमार शहानी और मणि कौल सम्भवतः देश के सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण फ़िल्मकार रहे हैं। इनकी फ़िल्मों ने न सिर्फ़ हमारे फ़िल्म के देखने में बुनियादी बदलाव लाया है बल्कि इन फ़िल्मों की रोशनी में हम वास्तविकता और स्वयं अपने आप को भी कुछ और तरह से ही अनुभव करने के रास्ते खोज सके हैं या खोज सकते हैं। कुमार ने जो भी फ़िल्म बनायी है वह अपनी तरह की ‘क्लासिक’ है। उनकी फ़िल्में दुनियाभर के प्रयोगशील और दृष्टि सम्पन्न फ़िल्मकारों के लिए निरन्तर प्रेरणा का स्रोत रही हैं। यह संयोग नहीं कि कुमार शहानी को विश्व के श्रेष्ठ सिनेमा शिक्षकों में गिना जाता है। कुमार अपनी हर फ़िल्म में फ़िल्म बनाने के नये मार्गों की खोज करते हैं और वे निरन्तर इस खोज के लिए विशेषकर भारतीय प्रदर्शनकारी कलाओं और संगीत आदि की परम्परा को गहरे से गहरे तक समझने और टटोलने का मानो अनवरत प्रयास करते रहते हैं। उनकी फ़िल्में भारतीय और वैश्विक कला परम्परा से संवाद करती हुई आकार ग्रहण करती हैं। कुमार शहानी से बात करना हमेशा हर्षित करता है। वे अपने भीतर दुनिया की तमाम कला परम्पराओं के बहावों को मानो लेकर चलते हैं, चाहे वह ख़याल संगीत हो या मिनिएचर चित्र, पश्चिमी शास्त्रीय संगीत हो या कुडियाट्टम नृत्य, ध्रुपद संगीत हो या भक्ति कविता या दरवेशों का अपनी धुरी पर लगातार घूमना। वे बात करते-करते कब किसी विशेष संगीत के रूपाकार के किसी दूरस्थ दार्शनिक दृष्टि के लगभग अनदेखे बिन्दु पर जाकर ठहरेंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं होता। इसीलिए उनसे बात करना अनिवार्य रूप से गहन कलात्मक और दार्शनिक अनुभव होता है। —प्रस्तावना से
MILKHA SINGH
- Author Name:
Kumkum Khanna
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ugate Suraj ka Desh JAPAN
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: जापान जाने के आपके पास असंख्य कारण हो सकते हैं। मुख्य रूप से जापान की बिजनेस संस्कृति, सुंदर समुद्र तट, मेहनतकश लोग, हिमाच्छादित पर्वत- श्रृंखला, अद्भुत मंदिर, ज्वालामुखी, नैसर्गिक सौंदर्य, वहाँ की परंपराएँ, रीति-रिवाज, परिधान, त्योहार, खाना, उच्च प्रौद्योगिकी, कार्यशैली और सबसे ऊपर वहाँ की विनम्रता पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है। जापानी अध्यात्म से जुड़े रहते हैं; अत्यंत सक्रिय जीवन जीते हैं; राष्ट्रनिष्ठ होते हैं और मानवीय गुणों से युक्त पारस्परिक जीवन जीते हैं। बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों का आयात करने के बावजूद जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया के किसी देश में इस तरह की नीति का निर्माण करने के बावजूद आर्थिक विकास पर आगे बढ़ने का और कोई उदाहरण फिलहाल नहीं है। इससे अलग जापान दुनिया के सबसे ज्यादा निवेश करनेवाले देशों में भी शामिल है। अधिकतर लोग जापान की प्राकृतिक सुंदरता और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने वहाँ जाते हैं। यह पुस्तक संक्षेप में जापान की संस्कृति, अर्थव्यवस्था, रीति-रिवाज, इतिहास, भूगोल से लेकर वहाँ के पर्यटक स्थलों, शैक्षिक तंंत्र, धार्मिक विविधता, भाषा, जैवविविधता, राजनीतिक व्यवस्था की जानकारी सहज ही उपलब्ध कराती है।
Sunderkand "सुंदरकांड" | Shri Goswami Tulsidas (Hindi)
- Author Name:
Tulsidas
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dekhal-Parekhal
- Author Name:
Kirtinath Jha
- Book Type:

- Description: अलग अलग समय पर विभिन्न विषय पर लिखल लेख सभ मे सँ बिछल-चुनल किछु महत्वपूर्ण आलेखक संग्रह
Kargil Ke Paramvir Captain Vikram Batra
- Author Name:
G.L. Batra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sone Ki Chirhiya Indian History Book In Hindi
- Author Name:
Shree Anish::Shri Arun Anand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Surajmukhi Stories Book in Hindi
- Author Name:
Dr. Poonam Anand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Barhavi Sadi Ki Kannad Kavayitriyan Aur Stree-Vimarsh
- Author Name:
Kashinath Ambalge
- Book Type:

- Description: सम्पूर्ण भारतीय साहित्य में, विशेषकर बारहवीं शताब्दी के दौर में, स्त्री-विमर्श की अनुगूँज केवल कन्नड़ साहित्य में उपलब्ध होती है। जाति-प्रथा का निषेध, वर्ण और वर्ग की विषमता का प्रतिरोध बारहवीं शताब्दी में केवल कन्नड़ भाषा-साहित्य में प्राप्त होता है। 5वीं शताब्दी में तमिल भाषा-साहित्य में निम्न वर्ग और दलित वर्ग के रचनाकारों को महत्त्व प्राप्त होता है, नायनार और आलवार सम्प्रदाय में मनुष्य की वेदना और अस्मिता को सामाजिक स्वीकृति मिलती है पर स्त्री-समुदाय को, वह भी लगभग पैंतीस महिला रचनाकारों को, सामाजिक, आध्यात्मिक और वर्ग चेतना के स्तर पर स्वीकृति केवल कन्नड़ भाषा-साहित्य में बारहवीं शताब्दी में उपलब्ध होती है। अपभ्रंश और प्राकृत भाषा-साहित्य में चेरी गाथाओं के बाद सम्पूर्ण भारतीय स्तर पर स्त्री-विमर्श का यह श्रेय कन्नड़ की अक्कमहादेवी और अन्यान्य शिवशरणियों को जाता है। मुक्तायक्का और अल्लमप्रभु ने भी कला, साहित्य, संस्कृति और दर्शन के स्तर पर अप्रतिम योगदान दिया है। राहुल सांकृत्यायन, भगवतीशरण उपाध्याय, रामविलास शर्मा और डी.डी. कोसम्बी की परम्परा में डॉ. काशीनाथ अंबलगे ने एक प्रतिबद्ध समीक्षक और तत्त्ववेत्ता के रूप में इस अभूतपूर्व कृति की रचना की है। विश्वास है, इसका आकलन सुधी पाठक और समर्थ आलोचक सम्यक् रूप से करेंगे। —रोहिताश्व
Kahani Do Boondon Ki
- Author Name:
Dr. Harsh Vardhan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JPSC Jharkhand | Samanya Adhyayan Paper-1 | Bhartiya Rajvyavastha "भारतीय राजव्यवस्था" Prarambhik Pariksha - 2024
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kuchh Musafir Sath The
- Author Name:
Rajendra Rao
- Book Type:

- Description: इन दिनों हिंदी साहित्य में कथेतर गद्य को महत्त्व की दृष्टि से देखे जाने की प्रवृत्ति जोर पकड़ रही है और उसमें पाठकों की रुचि निरंतर अनुभव की जा रही है। कुछ अभिनव प्रयोग भी किए जा रहे हैं। वरिष्ठ कथाकार राजेंद्र राव ने संस्मरण, स्मृति-लेख और रेखाचित्र जैसी विधाओं की त्रिवेणी को कथात्मक संस्मरण के रूप में प्रस्तुत करकेकथा और कथेतर के बीच की फाँक को न्यूनतम करने का एक सफल रचनात्मक प्रयास किया है, जो कथात्मक संस्मरणों के इसअत्यंत पठनीय संकलन में द्रष्टव्य है। इनके बारे में लेखक का कहना है, स्मृति जैसे रंग-बिरंगे फलों से लदा वृक्ष है। इनमें कुछ मीठे हैं, कुछ खट्टे और कुछ कड़वे भी, मगर बेस्वाद कोई नहीं है। इनमें से कुछ को स्वाद की तीव्रता के क्रम से हम यादों में सँजोए रखते हैं कहानियों के रूप में। हर याद रह गए चेहरे के पीछे एक या एक से अधिक कहानी/कहानियाँ होती हैं। स्मृति-पटल पर गहरे खुदे व्यक्तियों के ये रेखाचित्र/संस्मरण न होकर उनकी कहानियाँ हैं। साप्ताहिक हिंदुस्तान और धर्मयुग में प्रकाशित राजेंद्र राव की धारावाहिक कथा-शृंखलाएँ ‘सूली ऊपर सेज पिया की’, ‘कोयला भई न राख’ और ‘हम विषपायी जनम के’ अत्यंत चर्चित और लोकप्रिय रही हैं। विश्वास है, कथात्मक संस्मरणों के इस सिलसिले का भी भरपूर स्वागत होगा।
BHARATIYA VAIGYANIK (FC)
- Author Name:
SATYENDRA JHA
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pravas Aur Pravas
- Author Name:
Krishna Baldev Vaid
- Book Type:

- Description: कृष्ण बलदेव वैद हमारे वरिष्ठ लेखकों में बिरले हैं जिन्होंने साहित्य की अनौपचारिक विधाओं जैसे—डायरी, पत्र और संवाद में निरन्तर नवाचार किया है। इनमें उनकी बेबाकी, साफगोई, आत्मालोचन, विडम्बना-बोध आदि सब ज़ाहिर होते हैं। यह लम्बा संवाद उसी सिलसिले में है। जीवन और साहित्य दोनों को लम्बे समय से साधने की कोशिश में लगे वैद के अनुभव और विचार का रेंज बहुत व्यापक है और वे अपने समय, समाज, अध्ययन, लेखन, मित्रों, साहित्यिक और सांस्कृतिक स्थिति और तनावों आदि पर जो कहते हैं, वह एक साथ उन्हें समझने और हमारे समय में लेखक की स्थिति और विडम्बना को समझने में हमारी मदद करता है। इस लम्बे संवाद को रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम सहर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। — अशोक वाजपेयी
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...