Super Success Habits
Author:
Renu SainiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Unavailable
Awating description for this book
ISBN: 9789386870568
Pages: 264
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Captain Vikram Batra
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Vikram Batra (Known by Luv, Shershah, Kargil-ka-She) was born on September 9, 1974 in Palampur district of Himachal Pradesh. Rank—Captain Unit—13 Jammu and Kashmir Rifles War—Kargil War (Operation Vijay – 1999) Award—Param Vir Chakra (Posthumously) Whenever any discussion comes up regarding the Kargil war, the first name that reminds to us is that of Captain Vikram Batra, the valiant son of India. Captain Vikram Batra of 13 Jammu and Kashmir Rifles is one of those bravehearts who contributed in the victory of the Kargil war after fiercely fighting on multiple peaks one after another. Captain Vikram Batra showed unprecedented valour in the Kargil war and attained martyrdom. He was awarded with the ‘Param Vir Chakra’ posthumously.
GAUTAM BUDDH KI PRERAK JEEVANI
- Author Name:
PARIJAT
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gyan Ka Yug Aur Bharat
- Author Name:
Raghunath Anant Mashelkar/Vinod Kumar Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JANGALI DULHAN
- Author Name:
Neha Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gandhi Ke Management Sutra
- Author Name:
Mamta Jha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Young India
- Author Name:
Lala Lajpat Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
UPSC Crack Karne Ke Gurumantra
- Author Name:
Aditya Bajpai
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक का उद्देश्य आपको परीक्षा के अध्ययन के लिए विस्तृत योजना प्रदान करना नहीं है। यह आपको अभिप्रेरित करने वाली पुस्तक भी नहीं है। यह पुस्तक सिविल सेवा की तैयारी के संबंध में Quora पर मेरे द्वार दिए गए लगभग 100+ प्रश्नों के उत्तरों पर आधारित है। यह पुस्तक सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी से संबंधित मौलिक प्रश्नों को तय करने के तरीके के बारे में अभ्यर्थियों को स्पष्ट अंतर्दृष्टि प्रदान करने का एक प्रयास है। सिविल सेवा को ही क्यों चुनें ? सिविल सेवा से आपकी क्या अपेक्षा है? निजी क्षेत्र की नौकरी क्यों नहीं ? कौन-सी सेवा चुननी है? क्या तैयारी के लिए दिल्ली जाना वाकई महत्त्वपूर्ण है? कोचिंग बनाम स्व-अध्ययन ? क्या आपको अपनी नौकरी छोड़ देनी चाहिए? आप अपने जीवन से वास्तव में क्या चाहते हैं? इस पुस्तक में कुछ इस प्रकार के प्रश्नों पर विचार किया गया है।
Cross Creek (Pb)
- Author Name:
Marjorie Kinnan Rawlings
- Rating:
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have description
Stree : Yaunikta Banam Aadhyatmikta
- Author Name:
Pramila K.P.
- Book Type:

- Description: हिन्दी में विमर्श-ग्रन्थों की दुर्दशा का एक कारण आत्ममन्थन की जगह आत्मश्लाघा का होना है। छोटे-बड़े मंचों पर बड़ी-बड़ी बातें अवश्य की जाती हैं, पर रूढ़ियों में जकड़े व्यक्ति की नीयत उसकी देह-भाषा और बातचीत से ज़ाहिर हो ही जाती है। हिन्दी में उपलब्ध ज़्यादातर विमर्श-ग्रन्थों का यही द्वन्द्व है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति-केन्द्रित अनुभवों से ऊपर उठकर समष्टि मनुष्य के व्यापक हित की ओर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत है। आज प्रचलित सभी विमर्शों में स्त्री-विमर्श अपने सर्वव्यापी वैचारिक महत्त्व के कारण सबसे महत्त्वपूर्ण है। इसका ताल्लुक़ संसार की आधी आबादी से है। वह आबादी जिसकी रचनात्मकता के सक्रिय योगदान से यह दुनिया अभी तक वंचित रही आई है; और जिसके योगदान को रेखांकित करने की कोई प्रविधि पुरुष की मनीषा ने अभी तक ईजाद नहीं की। आज के स्त्री-विमर्श का यह दायित्व है कि वह सभी वर्गों के लोगों की चेतना को इस दिशा में संवेदित करे। स्त्री-विमर्श का सचेतन प्रयास होना चाहिए कि सांस्कृतिक जन-जीवन को समग्रता के साथ ग्रहण कर समष्टि चिन्तन को व्यापक रूप दिया जाए। प्रस्तुत किताब इसी प्रयास को महत्ता के साथ रेखांकित करती है। यह किताब स्पष्ट करती है कि स्त्री-विमर्श के साथ मनुष्य-जीवन के सभी पक्षों व विषयों का उचित समायोजन हो, क्योंकि स्त्री-पक्ष और स्त्री-चिन्तन का सतत पुनर्वाचन एक ऐतिहासिक ज़रूरत है। विज्ञान और संचार-क्रान्ति की सम्भावनाओं में डूबते-उतराते ‘सांस्कृतिक-जनजीवन’ के समक्ष यह किताब स्त्री-विमर्श की राह को प्रशस्त तो करती ही है, साथ ही यह उम्मीद भी करती है कि ख़ुद के साथ समस्त जीवों की संवेदनात्मक तपिश व वैचारिक उधेड़बुन से उपजे कुछ तथ्य सामने आएँ, ताकि स्त्री-विमर्श को नव-अन्तरानुशासिक मार्ग से आगे बढ़ाया जा सके। इसमें सन्देह नहीं कि समकालीन स्त्री-चिन्तन, लिंग-संवेदना, स्त्री-प्रकृति, स्त्री-यौनिकता, देह-विमर्श, सांस्कृतिक संक्रमण, सिनेमा आदि विषयों के समायोजन में हिन्दी में यह पहला प्रयास है।
Super Genius Computer Learner-7
- Author Name:
Manuj Bajaj +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sheeba Ki Rani Makeda
- Author Name:
Sushma Gupta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Best of Kaka Hathrasi
- Author Name:
Kaka Hathrasi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Fhir Se Zindagi
- Author Name:
Dheera Khandelwal
- Book Type:

- Description: धीरा खंडेलवाल की काव्य रचना का झुकाव छायावाद की ओर है। उनकी कविताएँ सहज ग्राह्य और सरल शब्दों के साथ सटीकता से अपने भावों का संप्रेषण करती हुई पाठक को चमत्कृत कर देती हैं। उनकी कविताओं में मन के कोमल भाव हैं, जग की वेदना है और बेचैनी है। धीरा खंडेलवाल छोटे-छोटे वाक्यों में गंभीर भाव भरने में दक्ष हैं। संगीतात्मकता और लय पर आधारित उनकी शैली अत्यंत सरस और मधुर है। उनकी कविताओं में आत्म आनंद के साथ-साथ जीवन और जगत् की सच्चाई का पुट भी रहता है। लेकिन धीरा खंडेलवाल की अधिकांश कविताओं में आत्म-स्पंदन हैं, आत्मा से संलाप और स्मृतियों का आत्मा में ही लय है। इसलिए इनमें न तो दुनियावी छल-बल की आपाधापी है और न ही देश-काल की वे आहटें हैं, जो सत्ताओं से लोक को मिलती हैं। उनकी कविताएँ आज भगदड़ में पड़ी सभ्यता के दौर में बहुत विरल हैं। धीरा खंडेलवाल की ये कविताएँ न तो गर्जन हैं और न ही सूक्तियाँ बल्कि एक सहृदय इनसान की उक्तियाँ हैं, जो आत्मा से चलकर आत्मा में ही लीन हो जाती हैं...
SBI Junior Associates 2023 Preliminary Examination 20 Practice Sets
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Paramveer Albert Ekka: 1971 Ke Nayak
- Author Name:
Sanjay Krishna
- Book Type:

- Description: सन 1971 के मार्च महीने से लेकर दिसंबर तक के नौ महीनों के मुक्तियुद्ध का परिणाम है बांग्लादेश। मार्च के महीने में ही स्थितियाँ बिगडऩी शुरू हो गई थीं। पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच कड़वाहट और तेज हो गई थी। यह कहानी उसी अल्बर्ट एक्का की है, जिस अल्बर्ट ने 1962 के चीन के साथ युद्ध में भाग लिया और 1971 के युद्ध में भी, लेकिन 1971 के युद्ध में वे शहीद हो गए। 44 साल बाद उनकी मिट्टी उनके गाँव आई और 46 साल बाद उनकी कथा लिपिबद्ध की जा रही है। इस दीर्घावधि सालों में शंख और महानंदा में न जाने कितना पानी बह गया। परमवीर के संगी-साथी उनके बचपन की यादें-बातें बताने को रहे नहीं। गाँव वैसा ही है, जैसा वे छोड़ गए थे। परमवीर का परिवार संघर्ष करते हुए आगे बढ़ता रहा। प्रस्तुत पुस्तक में डॉ. शिवप्रसाद सिंह का एक लेख, डॉ. धर्मवीर भारती का चर्चित यात्रा-वृत्तांत और एक रिपोर्ट भी है। इनके साथ ही विष्णुकांत शास्त्रीजी का एक रिपोर्ताज भी यहाँ दिया जा रहा है। इन रचनाओं से गुजरते हुए पाठक उस समय के कराह, द्वंद्व, संघर्ष और नरसंहार को भीतर तक महसूस कर सकेंगे। एक ही धर्म के माननेवाले कैसे एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे। दुनिया में यह अकेला युद्ध था, जिसकी पृष्ठभूमि में धर्म नहीं, भाषा थी। धर्म के आधार पर बँटा यह देश भाषा के कारण अलग हो गया। 1971 के युद्ध के हीरो, बांग्लादेश बनाने में सहायक रहे जाँबाज परमवीर अल्बर्ट एक्का की रोमांचक और प्रेरक कहानी।
ABHINAV BINDRA
- Author Name:
Gagandeep
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sangh, Rajneeti Aur Media
- Author Name:
Devendra Swarup
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kusum Khemani ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Kusum Khemani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bihar STET Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Uchch Madhyamik Varg Bhugol (PGT) Paper-2 (Class 11 & 12) Geography 15 Practice Sets
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Aatmanubhooti Ke Khule Rahasya
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: गुरदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने एक बार कहा था, “यदि आप भारत को जानना चाहते हैं, तो विवेकानंद को पढ़िए। उनमें आप सबकुछ सकारात्मक ही पाएँगे, नकारात्मक कुछ भी नहीं ।”' जिस प्रकार कछुआ अपने सिर एवं पैरों को खोल के अंदर समेट लेता है और तब उसे हम मार ही क्यों न डालें, उसके टुकड़े-टुकड़े ही क्यों न कर डालें, पर वह बाहर नहीं निकलता, इसी प्रकार जिस मनुष्य ने अपने मन एवं इंद्रियों को वश में कर लिया है, उसका चरित्र भी सदैव स्थिर रहता है। वह अपनी आभ्यंतरिक शक्तियों को वश में रखता है और उसकी इच्छा के विरुद्ध संसार की कोई भी वस्तु उसे बहिर्मुख होने के लिए विवश नहीं कर सकती। प्रस्तुत पुस्तक 'आत्मानुभूति के खुले रहस्य' में स्वामीजी ने सरल शब्दों में 'अपने आत्म यानी स्व' को पहचानने की कला सिखाई है। जो व्यक्ति स्वयं को भलीभाँति पहचान लेता है, उसके जीवन में फिर कभी कोई अभाव नहीं रहता। अपने आपको गहराई से जानने-समझने वाले चिंतनशील व्यक्ति के लिए एक प्रेरक, जीवनोपयोगी और संग्रहणीय पुस्तक ।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...