Bhartiya Rangkosh : Vol. 2
Author:
Pratibha AgarwalPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Unavailable
नाटक और रंगकर्म की सन्दर्भ सामग्री के रूप में यह रंगकोश एक नई पहल है। इसके पहले खंड में हिन्दी में मंचित नाटकों का इतिहास संकलित है। कब किसने किस नाटक को निर्देशित किया, नाटक किसका लिखा हुआ है, और उसे किस दल ने मंच पर उतारा आदि-आदि ब्यौरों से सम्बन्धित यह कोश सहज ही हमें नाट्य-लेखन और रंगकर्म के इतिहास में भी ले जाता है, और यह भी बताता है कि हिन्दी में लिखित और मंचित नाटकों की वास्तव में एक बड़ी दुनिया रही है।</p>
<p>इस दूसरे खंड में उन रंग-व्यक्तित्वों के बारे में जानकारियाँ दी गई हैं जिनका गहरा रिश्ता हिन्दी रंगमंच से रहा है। इनमें नाटककला, निर्देशक, अभिनेता, संगीत-सर्जक, मंच-प्रकाश-परिधान परिकल्पक आदि के साथ-साथ प्रेरक व्यक्तित्वों का परिचय भी अकारादिक्रम से दिया गया है। उन दूसरी भाषाओं के नाटककारों को भी इसमें शामिल किया गया है, जिनके अनूदित नाटक हिन्दी में लोकप्रिय रहे हैं। इस प्रकार कुल लगभग चार सौ रंग-व्यक्तित्वों की प्रविष्टियाँ इस कोश में शामिल हैं।</p>
<p>हिन्दी के रंगमंच से जुड़ी शख़्सियतों को सूचीबद्ध करना, उनमें से इन महत्त्वपूर्ण लोगों का चयन करना और फिर जम्मू से कोलकाता तक के व्यापक क्षेत्र में, विभिन्न नगरों में सक्रिय रंगकर्मियों के बारे में सूचनाएँ एकत्र करना बहुत ही कठिन कार्य था।</p>
<p>सम्पादक के सराहनीय परिश्रम और मेधा को इस पुस्तक से गुज़रते हुए सहज ही लक्षित किया जा सकता है। निश्चित रूप से यह रंगकोश हिन्दी रंगकर्म की दुनिया में एक मील का पत्थर है।
ISBN: 9788181970176
Pages: 320
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Ramana Pito
- Author Name:
Hiralal Shukla
- Book Type:

-
Description:
गोंडी बोली में रामकथासार की प्रस्तुति रचनात्मक अभाव को दूर करने की एक बड़ी कोशिश
तो है ही, नई शुरुआत करने की एक दूरदृष्टि भी है। गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानसएक ऐसी कृति है, जिसका दो-तिहाई से अधिक अंश वनभूमि और वनजनों से सम्बद्ध है और आदिवासियों के जीवन-जगत में आज भी शामिल है, जिससे ये अपना सम्बन्ध पुरातन मानते हैं, इसलिए अभिन्न जुड़ाव रखते हैं।
गोंडी बोली की इस रामकथा में आदिवासी समुदाय अपने जीवन, समाज, संस्कृति और सामूहिक संघर्ष-चेतना की
भी कथा देखता, जीता है। यह पुस्तक रामकथा के बहाने जनजातियों की तरफ़ से उनकी विरासत का परिचय
और उनके अपने अस्तित्व की गाथा भी प्रस्तुत करती है।
Bhanwar Bhavnaon Ka
- Author Name:
Aloke Michyari
- Book Type:

- Description: अपने ज्ञान को, अपने अनुभवों को और अपनी भावनाओं को भी, बहुतों से बॉटना अत्यंत ही आवश्यक एवं एक सुखद अनुभव है। इसलिए, अपनी काव्य रचना 'भँवर भावनाओं का' के द्वारा, कवि श्री आलोक मिचयारीजी का इसी दिशा की ओर यह एक प्रथम, व्यक्तिगत, सशक्त एवं संवेदनशील प्रयास है | इन कविताओं से यह आभास होता है कि कवि ने इन कविताओं को नहीं रचा, बल्कि इन कविताओं ने उन्हें रचा है । साथ ही, ये कविताएँ किसी एक विषय पर केंद्रित नहीं, वरन् विविध और विभिन्न मुद्दों, घटनाओं, गहरे विचारों तथा व्यक्तियों से प्रभावित, प्रेरित, आनंदित या फिर द्रवित होकर भी रची णई हैं | अपनी कविताओं के माध्यम से, व्यक्तिगत अनुभूतियों के अलावा, आध्यात्मिक संस्मरण, प्राकृतिक आपदा, आतंकवाद एवं महामारी कोविड आदि से संबंधित मसलों पर भी कवि ने अपनी चिंतन तथा चिंताएँ व्यक्त की हैं-जो पढ़ने में काफी दिलचस्प, मधुर व मर्मस्पर्शी हैं
Essays Demystified For UPSC. CSE & Competitive Exams
- Author Name:
Abhishek Saraf +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
UP TGT Krishi 14 Practice Sets in Hindi Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Sewa Chayan Board (UPSESSB TGT Agriculture Practice Book in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Vibhajan Aur Pakistan Ke Shadyantra
- Author Name:
Balbir Dutt
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have any desciption.
Manu Ki Drishti Se Hindu Samaj
- Author Name:
Chitra Awasthi
- Book Type:

- Description: समाज को मनु की दृष्टि से देखना अपने आप में एक नया अनुभव है। लंबे समय तक भारतीय समाज को बाँधकर रखनेवाले मनु पर चतुर्दिक होनेवाले वैचारिक प्रहार यह सोचने पर विवश करते हैं कि मनु की समीक्षा इस युग में आवश्यक है। इस पुस्तक को लिखते हुए यह उद्देश्य बिलकुल भी नहीं है कि मनु कि व्यवस्था को पुनः लाने का प्रयास किया जाए। किंतु लेखिका का यह उद्देश्य अवश्य है कि मनु, और इसी बहाने से प्राचीन भारतीय दर्शन को देखने कि एक नई दृष्टि दी जाए। अल्पज्ञ, भारतीय भाषाओं तथा संस्कृति से अनभिज्ञ पाश्चात्य (तथाकथित) भारतविदों के पूर्वग्रहयुक्त ग्रंथों और उनकी टिप्पणियों के आधार पर भारतीय दर्शन के मूल्यांकन को प्रवृत्ति पहले ही बहुत हानि कर चुकी है। अब इससे हटकर इस सबको देखने की आवश्यकता है। मनु की दृष्टि को पूरा समझने के लिए बहुत कुछ वह भी समझना पड़ता है, जो उनसे अनकहा रह गया है । बीच के बिंदु भरने के लिए इस पुस्तक में उनके समकालीन, पूर्व तथा परवर्ती ग्रंथों से संदर्भ भी लिये गए हें, जैसे अर्थशास्त्र, महाभारत, रामायण, कुछ उपनिषद्, पुराण, वेद आदि। आशा है यह पुस्तक भारत के प्राचीन समाज तथा जीवन-मूल्यों को देखने की नई दृष्टि की संभावना प्रस्तुत करने के उद्देश्य को पूर्ण करेगी।
UPSC CSAT Civil Services Aptitude Test General Studies Paper Ii Solved Papers 2011-2023
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lokbharti Rajbhasha Shabd Kosh (English-Hindi)
- Author Name:
Hardev Bahari
- Book Type:

-
Description:
l Comprehensive vocabulary of various subjects concerning Central and State Governments.
l Profuse and exact meanings of all vocables generally approved by the Scientific and Technical Terminology Commission and also by some Government agencies.
l Meanings of polysemantic words have been numbered.
l Prefixes and Suffixes with examples have been given in the body of the Dictionary.
This Dictionary apart from being an English-Hindi Dictionary would serve as an English-English-Hindi Dictionary also as it gives meanings of the words and their usages in English in most cases.
This Dictionary is useful for those engaged in Government offices and for those who have to deal with any Government agencies.
Samanya Adhyayan 30 Dinon Mein
- Author Name:
Anish Bhasin
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक में संघ लोक सेवा आयोग के सामान्य अध्ययन की प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न-पत्र-1 से संबद्ध समस्त विषयों को शामिल किया गया है। इसमें प्रत्येक भाग की रचना संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों की प्रकृति व स्वरूप के अनुसार की गई है। पुस्तक में भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन; भारतीय राजनीति एवं अभिशासन; पर्यावरण के सामान्य मुद्दे एवं जैव विविधता तथा सामान्य विज्ञान इत्यादि विषयों पर विश्लेषणपरक सामग्री प्रदान की गई है। अभ्यर्थी नियमित अध्ययन द्वारा मात्र 30 दिनों में संपूर्ण पाठ्यक्रम को समाप्त कर सकता है। मुख्य विशेषताएँ दिनों के अनुसार सामग्री का समावेश अध्ययन की सुविधा हेतु तालिकाओं व बॉक्सों का प्रयोग सरल; रोचक एवं स्पष्ट भाषा शैली का प्रयोग विगत; वर्षों के हल प्रश्न-पत्र
RSMSSB (Rajasthan Adhinastha Evam Mantralayik Seva Chayan Board) LDC (Lower Division Clerk) (Kanistha Sahayak) Bharti Pariksha (Grade-II)
- Author Name:
Singh +1
- Book Type:

- Description: RSMSSB (Rajasthan Adhinastha Evam Mantralayik Seva Chayan Board) LDC (Lower Division Clerk) (Kanistha Sahayak) Bharti Pariksha (Grade-II)
Madhya Pradesh Aabkari Arakshak (Karyapalik) Bharti Pariksha
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rakshak Ram
- Author Name:
Suraj Patel
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mission UPSC - Meri Yatra: UPSC Aur Uske Paar (Hindi Translation of DECODE UPSC)
- Author Name:
Agam Jain
- Book Type:

- Description: यूपीएससी की तैयारी के दौरान हमारे मन में उठने वाले सभी प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में शामिल हैं। अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर मैंने कुछ विषयों और तैयारी के तरीकों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। पुस्तक को अलग-अलग अध्यायों में बांटा गया है, इन अध्यायों में 'यूपीएससी से पहले का समय' से जुड़े कुछ प्रश्न हैं यानि कि जब मैं कोटा और अपने विश्वविद्यालयी जीवन से एक साल का ब्रेक लेने के बाद भी आईआईटी में फेल हो गया था, जहाँ मैं निश्चित नहीं था कि जिंदगी मुझे कहाँ ले जाएगी; यूपीएससी के दौरान यानि जब मैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा था और 'यूपीएससी के बाद' जहाँ मसूरी और हैदराबाद की अकादमियों तथा सिविल सेवकों की जिंदगी से संबंधित सामान्य प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। मैं आरंभ में ही इस बात का खंडन करता हूँ कि यह पुस्तक यूपीएससी पाठ्यक्रम के किसी भी हिस्से को कवर करती है। यह पुस्तक केवल यूपीएससी तथा जीवन के अन्य संघर्षों हेतु आपकी रणनीति तथा तरीकों के बारे में संदेश देने और आपकी सहायता के लिए है। मैं पाठकों को सलाह देना चाहूँगा कि वे इस पुस्तक को केवल “जानकारी पाने के लिए' न पढ़ें बल्कि खाली समय में इस पुस्तक को पढ़ें। जब भी आप संशय में हों, उदास महसूस करें या तैयारी को बीच में ही छोड़ने की सोच रहे हों, तो यह किताब उठाए और पढ़ें। निश्चय ही कठिन समय में यह पुस्तक आपकी पसंदीदा साथी बनेगी। मेरी कुछ गलतियों से आप सीखेंगे, कुछ पलों पर आपको हँसी आएगी, इस पुस्तक को पढ़ते हुए आप स्वयं को एक सफल उम्मीदवार के रूप में देख सकते हैं। इस पुस्तक को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ने की कोई बाध्यता नहीं है। मुझे विश्वास है कि आप इसे किसी भी पृष्ठ से पढ़ना शुरू कर सकते हैं। चूँकि पुस्तक में मैंने अपने अनुभवों के बारे में अधिक-से-अधिक बताने की कोशिश की है इसलिए पुस्तक का आकार कुछ बड़ा हो गया है।
The Taliban War And Religion In Afghanistan
- Author Name:
Arun Anand
- Book Type:

- Description: This book has no description
History of Indian English Literature
- Author Name:
M.K. Naik
- Rating:
- Book Type:

- Description: Indian English literature began as an interesting by-product of an eventful encounter in the late eighteenth cntury between a vigorous and enterprising Britain and a stagnant and chaotic India, and is now nealy twi hundred years old. It is literature written originally in English by authors Indian by birth, ancestry or nationality. It is no part of English literature any more than American literature or Australian lterature can be said to be branch of British literature. It is legitimatly a part of Indian literature, since its differntia is the expression in it of an Indian ethos.
Prabandh Paribhasha Kosh
- Author Name:
Sudarshan Kumar Kapoor
- Book Type:

-
Description:
आज़ादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी विभिन्न विषयों पर हिन्दी में ऐसी मानक व स्तरीय पुस्तक उपलब्ध नहीं थी, जिसमें हिन्दी की मानक तकनीकी शब्दावली का प्रयोग किया गया हो। ख्यात शिक्षाविद् सुदर्शन कुमार कपूर की यह पुस्तक ‘प्रबन्ध परिभाषा कोश’ इस रिक्तता और कमी को पूरा करने की दिशा में सार्थक प्रयास है। इस पुस्तक में प्रबन्ध की विभिन्न शाखाओं—जैसे प्रबन्ध के सिद्धान्त, संगठनात्मक व्यवहार, विपणन, वित्तीय और कार्मिक प्रबन्ध आदि से सम्बन्धित लगभग हज़ारेक संकल्पनाओं की व्याख्या की गई है। लेखक ने वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा बताए मानक शब्दावली के सार्थक प्रयोग भी बताए हैं।
पुस्तक की मौलिकता इस बात में सन्निहित है कि इसकी रचना वर्णक्रमानुसार न होकर, प्रबंधशास्त्र से सम्बन्धित विद्यालयीन, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तरों पर निर्धारित पाठ्यक्रमों पर आधारित है। छात्रों और शिक्षकों के लिए सन्दर्भ-ग्रन्थ के साथ-साथ सन्दर्शिका के रूप में भी उपयोगी कोश।
Kainchi Dham Ke Baba Shri Neeb Karauri Maharaj "कैंची धाम के बाबा श्री नीब करौरी महाराज" | Daily Rituals, Satsang And Spiritual Practices Teachings of Maharajji Make It The Center of Giving Meaning To Human Life.
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awaiting description
How To Be Successful In Civil Services
- Author Name:
Deepak Anand
- Book Type:

- Description: Civil Services are the most prestigious and accountable services in the country. Educated youths have a special attraction towards them. Every youth wants to achieve this position.Out of a population of 140 crores, about 750 civil servants are selected every year, for which lakhs of candidates apply. The attraction and importance of these services can be easily understood from these statistics. Candidates for these services are tested on a three-tier test. The candidate who fulfils these criteria with intense fire in their belly is selected and takes a vow to serve the country with his unique aura. The present book is a guide to preparation for Civil Services. The book tells you how to prepare for these exams, what are the special points that should be kept in mind while studying. Overall, this book eases most of the difficulties of the examinees. The author of the book himself is an IAS and has been a topper in the Civil Services Examination. This book is the essence of his wide and deep experience, which is in front of the readers. A very useful book for competitive exam aspirants and students who have a strong will to succeed in their career.
Sanskriti : Varchswa Aur Pratirodh
- Author Name:
Purushottam Agarwal
- Book Type:

-
Description:
‘संस्कृति : वर्चस्व और प्रतिरोध’ भारतीय समाज और संस्कृति के उन सुविधाजनक सवालों से टकराने के क्रम में लिखी गई है, जिनसे बचने का हर सम्भव प्रयास अब तक किया जाता रहा है। संस्कृति पर अमूर्तनों की भाषा में लिखे गए तमाम पोथों से भिन्न यह पुस्तक मोहक आवरणों से ढके छद्म को उद्घाटित करती है। बढ़ता साम्प्रदायिक ज़हर, शोषण के नए तरीक़े, कुर्सी हथियाने के लिए धर्म का सीढ़ी की तरह किया जानेवाला इस्तेमाल, स्त्री-दमन का अनवरत सिलसिला, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ख़िलाफ़ जारी होनेवाले फ़तवे, उभरते दलित आन्दोलन को नाकाम करने में लगी अमानुषिक ताक़तें और मानवीय संवेदनातंत्र के निरन्तर छीजते जाने की प्रक्रिया—ये अब हमारे समय की कटु वास्तविकताएँ हैं। ईमानदार रचनाधर्मी मानस ने इन सभी मुद्दों को इस पुस्तक में उठाया है, सरलीकरणों से बचने की सफल कोशिश की है और इन प्रश्नों से जुड़ी प्रचलित प्रगतिशील व्याख्याओं की जाँच भी की है। सुपरिभाषित सांस्कृतिक प्रतीकों को पुरुषोत्तम अग्रवाल ने नई दृष्टि से विश्लेषित करने का प्रयास किया है। कहने की आवश्यकता नहीं कि इसी कारण यह पुस्तक हमारे परम्परागत संस्कारों, स्वीकृत मूल्यों और प्रश्नातीत बना दी गई आस्थाओं को झकझोर देने में समर्थ हो सकेगी।
अपने भाषिक रचाव में यह पुस्तक विशिष्ट है। विचारगत नवीनता भाषा का नया तेवर चाहती है, जिसे डॉ. अग्रवाल ने सघन सर्जनात्मकता में अर्जित किया है। मधुर पदबन्धों के आदी हो चुके लोगों को इसमें ज़रूरी औषधीय कड़वाहट मिलेगी, साथ ही आद्यन्त कवि-सुलभ रससिक्तता भी।
तथाकथित ‘जातिवाद’ के सामाजिक-राजनीतिक निहितार्थों की सर्वथा नई व्याख्या और वर्णाश्रम के सांस्कृतिक अर्थ का विचारोत्तेजक रेखांकन इस पुस्तक के तर्क की अपनी विशेषताएँ हैं।
समाज, संस्कृति और सर्जनात्मकता का गतिशील परिप्रेक्ष्य विकसित करने की बौद्धिक बेचैनी से भरपूर यह किताब उन सबके लिए ज़रूरी है, जो भारतीय समाज के अन्तर्निहित वर्चस्वतंत्र से जिरह करना चाहते हैं।
Taju Sansay Bhaju Rama
- Author Name:
Rajendra Arun
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book