History of Indian English Literature
Author:
M.K. NaikPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
Academics-and-references2 Reviews
Price: ₹ 166
₹
200
Available
Indian English literature began as an interesting by-product of an eventful encounter in the late eighteenth cntury between a vigorous and enterprising Britain and a stagnant and chaotic India, and is now nealy twi hundred years old. It is literature written originally in English by authors Indian by birth, ancestry or nationality. It is no part of English literature any more than American literature or Australian lterature can be said to be branch of British literature. It is legitimatly a part of Indian literature, since its differntia is the expression in it of an Indian ethos.
ISBN: 9788126018727
Pages: 320
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
English Seekhen Aur Safal Banen
- Author Name:
Jagdish Narayan Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhya Pradesh Samanya Gyan
- Author Name:
Rajesh Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sachchi Prerak Kahaniyan
- Author Name:
Major Pradeep Khare
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gandagi Ke Maharathi
- Author Name:
Manish Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pakistan Or The Partition Of India (Pb)
- Author Name:
DR. B.R. Ambedkar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhya Pradesh Madhyamik Shikshak Patrata Pareeksha Hindi Practice MCQs
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Deepak Jalana Hi Bhata Rahe
- Author Name:
Ram Kinkar Singh
- Book Type:

- Description: किंकर की कविताओं का यह अद्भुत संकलन अत्यधिक रोचक एवं उपयोगी है। कविताएँ न केवल जीवन का दर्शन प्रस्तुत करती हैं, अपितु प्रेरणादायक भी हैं। जहाँ एक ओर इन कविताओं के माध्यम से विशुद्ध प्रेम का निवेदन है, वहीं दूसरी ओर हार को कभी न स्वीकारने का संकल्प भी है। मनुष्य अपना मार्ग किस प्रकार प्रशस्त करे, इसका विवरण पथिक कविता में सुचारु रूप से किया गया है। कवि ने प्रकृति के माध्यम से ईश्वर के बोध का सजीव प्रस्तुतीकरण प्रकृति और ईश्वर कविता में प्रस्तुत किया है। राम किंकर सिंह की कविताएँ अवसर और परिश्रम के सराहनीय उद्देश्य को लेकर सोचने के लिए प्रेरित करनेवाली हैं। जीवन में हर महत्त्वपूर्ण बिंदु को इस तरह स्पर्श करती हैं, जिससे सभी पल जीवंत हो उठें। —अनिल स्वरूप आई.ए.एस. (अ.प्रा.) पूर्व सचिव, भारत सरकार लेखक और विचारक
Ummeed
- Author Name:
Sanjay Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lafzon Ka Sangam
- Author Name:
Naazrin Ansari
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत काव्य पुस्तक में रचनाकार नाज़रीन अंसारी ने अपनी भावनात्मक कविताओं की रचना की है।जिसमें उनके अंतर्मन के द्वंद्व, असमंजस, भटकाव और सामाजिक उतार चढ़ाव को कविता के माध्यम से व्यक्त किया गया है। विश्वास है, यह पुस्तक सभी पाठकों के दिल में अपनी जगह जरूर बनाएगी।
Sanatan Dharmakosh Antim Satya
- Author Name:
Krishna Mohan Prasad Singh
- Book Type:

-
Description:
पुस्तक के आत्म-निवेदन में डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद सिंह लिखते हैं कि इस धार्मिक पुस्तक में भगवान की तीन महाशक्तियाँ—श्रीराधा, श्रीसीता और श्रीशिवा, चारों वेद, अठारहों पुराण, 108 उपनिषदों, वाल्मीकि एवं स्वामी तुलसीदास कृत रामायण के सात कांडों, गीता के 18 अध्यायों, ओंकार-परमात्मा की ध्वनि, धर्म-परमात्मा की आत्मा, पंच देवता उपासना—पदार्थों एवं जीवों की उत्पत्ति का मूल कारण, महामंत्रों की शक्तियाँ एवं आधुनिक
परिवेश में धर्मशास्त्रों पर आधारित कतिपय मूल प्रश्नों के उत्तर अत्यन्त ही सरल, सूक्ष्म एवं व्यावहारिक रूप से चित्रित किए गए हैं। ब्रह्म सनातन है, परब्रह्म सनातन है। परमात्मा ही धर्म है, और सिर्फ़ वही अन्तिम सत्य है।
‘वृहदाकार सम्पूर्ण धर्मशास्त्रों को समेटकर गूढ़ तत्त्वों को जिज्ञासु पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन यदि आप इसे थोड़ा-बहुत ही आत्मसात् कर सकें तो मेरे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात होगी।’
वस्तुतः यह पुस्तक मनुष्य को एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ जिज्ञासा, आस्था, और विश्वास की विचित्र छवियाँ हैं। भौतिकता से आक्रान्त इस युग में यदि कोई अभौतिक सत्य का साक्षात्कार करना चाहता है तो यह पुस्तक उसे प्रकाश प्रदान कर सकती है। तर्क और तर्कातीत के मध्य विचरण करती यह रचना विराट चेतना की ओर पाठक का ध्यान आकृष्ट करती है।
IIT-JEE Main + Advanced Bhautiki (Physics) for JEE Main + JEE Advanced and NEET (Other Engineering Entrance Examinations)
- Author Name:
Subhash Jain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hridaya Ki Parakh
- Author Name:
Acharya Chatursen
- Book Type:

- Description: चैत्र मास का अंतिम दौर चल रहा था। वसंत का यौवन चतुर्दिक बिखरी हरीतिमा के अंग-प्रत्यंगों से फूट चला था। संध्या का समय था। चंद्रमा कभी बादलों के आवरण में मुँह छिपाता और कभी स्वच्छ नीलाकाश में खुले मुँह अठखेलियाँ सी करता फिरता। मैं भोजन के उपरांत अपने अनन्य मित्र बाबू सूर्यप्रताप के साथ अपने मकान की छत पर घूम-घूमकर इस दृश्य का आनंद लूट रहा था। मन उस समय इतना प्रफुल्ल था, किंतु मेरे मित्र के मन में सुख नहीं था। क्योंकि जब मैंने हँसकर सुंदर चंद्रमा की चपलता पर एक व्यंग्य छोड़ा, तो उन्होंने प्रशांत तारकहीन नीलाकाश की ओर हाथ फैलाकर उदास मुख, गंभीर वाणी और कंपित स्वर में कहा, “इस अस्थिर और श्रुद्र चंद्रमा की चपलता से अनुरंजित कहीं इस अनंत गांभीर्य की अमूर्त मूर्ति को मत भूल जाना।"
Gyaneshwari Prasad
- Author Name:
Suresh ‘Bhayyaji’ Joshi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sankshipt Uttar Pradesh Samanya Gyan
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ghar Se Van Tak
- Author Name:
Dr. Deep Narayan Pandey
- Book Type:

- Description: यह पुस्तक उष्णकटिबंधीय शुष्क वनों के पुनर्स्थापन के लिए अनुभव और पारंपरिक ज्ञान का एक ऐसा लेखा-जोखा है, जिसे समकालीन वैज्ञानिक शोध के प्रकाश में जाँचा- परखा और विश्लेषित किया गया है। इस जाँच- परख से प्रकट हुई समग्र दृष्टि उस भाषा में उन लोगों के लिए प्रस्तुत की गई है, जो प्रमाण- आधारित वन पुनर्स्थापन करना चाहते हैं। पुस्तक में सैद्धांतिक पक्ष को यथा-आवश्यकता संदर्भित किया गया है, तथापि मूल उद्देश्य लोगों के सम्मुख उपयोगी ज्ञान और समझ प्रस्तुत करना है। संयुक्त राष्ट्र के पारिस्थितिक तंत्र पुर्नस्थापन दशक 2021-2030 के दौरान प्रमाण-आधारित, क्रियान्वयन-योग्य रणनीति की आवश्यकता स्वाभाविक है। भारत उन देशों में से है, जहाँ इस कालावधि में व्यापक स्तर पर वन पुनर्स्थापन प्रस्तावित हैं। परंतु ऐसी चिंताएँ व्यक्त की गई हैं कि एक तो भारत में वन पुनर्स्थापन के बजाय वृक्षारोपण पर जोर है और दूसरे वृक्षागोपण भी तकनीकी रूप से ठीक नहीं हो रहे हैं। पानी, मिट्टी व वनों को बचाए बिना दुनिया की कोई सभ्यता या समाज फल-फूल नहीं सकता । यदि सही दिशा में प्रयतत किए जाए तो वर्ष 2021 से 2030 के मध्य पृथ्वी पर वनों और मानव का इतिहास बदला जा सकता है। आशा की जाती है कि इस पुस्तक में प्रस्तुत जानकारी धरातल पर उष्णकटिबंधीय शुष्क वनों के पुनर्स्थापन हेतु समुचित दिशा प्रदान करेगी ।
JPSC JHARKHAND LOK SEVA AAYOG SAMANYA ADHYAYAN PRARAMBHIK PAREEKSHA
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: 20 PRACTICE SETS PAPER-I EVAM PAPER-II
Vayam Rakshamah
- Author Name:
Acharya Chatursen
- Book Type:

- Description: मेरे हृदय और मस्तिष्क में भावों और विचारों की जो आधी शताब्दी की अर्जित प्रज्ञा- पूँजी थी, उस सबको मैंने 'वय॑ रक्षाम: ' में झोंक दिया है। अब मेरे पास कुछ नहीं है। लुटा-पिटा सा, ठगा सा श्रांत-क्लांत बैठा हूँ। चाहता हूँ--अब विश्राम मिले। चिर न सही, अचिर ही परंतु यह हवा में उड़ने का युग है। मेरे पिताश्री ने बैलगाड़ी में जीवन-यात्रा की थी, मेरा शैशव इक्का टाँगा-घोड़ों पर लुढ़कता तथा यौवन मोटर पर दौड़ता रहा। अब मोटर और वायुयान को अतिक्रांत कर आठ सहख मील प्रति घंटा की चालवाले रॉकेट पर पृथ्वी से पाँच सौ मील की ऊँचाई पर मेरा वार्धक्य उड़ा चला जा रहा है। विश्राम मिले तो कैसे ? इस युग का तो विश्राम से आचूड़ बैर है। बहुत घोड़ों को, गधों को, बैलों को बोझा ढोते-ढोते बोच राह मरते देखा हैं। इस साहित्यकार के ज्ञानयज्ञ की पूर्णाहुति भी किसी दिन कहीं ऐसे ही हो जाएगी। तभी उसे अपने तप का संपूर्ण पुण्य मिलेगा।
Agnileek Kee Aginkatha
- Author Name:
Prakash Devkulish
- Book Type:

- Description: हृषीकेश सुलभ ने लगभग 1975 से लेखन शुरू किया। उनके लगभग 40 वर्षों के परिश्रम, अनुभव, आस-पास की सामाजिक उथल-पुथल पर पैनी दृष्टि और उससे जुड़ा रचनाकार का दायित्वबोध आदि के बाद उपन्यास ‘अग्निलीक’ आया। आलोचक रचनाकार की उस मनःस्थिति की पड़ताल कर पाया है या करता है, जिसने इस रचना को जन्म दिया और जो पूरी रचना- प्रक्रिया में साथ चला या अपनी टिप्पणी रखते समय समीक्षक/आलोचक भी अपनी मनःस्थिति और मान्यताओं की कसौटी से निर्देशित हो जाता है? यह प्रश्न इसलिए कि इन समीक्षाओं के संकलन में एक ही शिल्प, शैली, ट्रीटमेंट, घटनाओं की प्रस्तुति, उनके विस्तार और उनके स्वरूप पर अलग-अलग और कभी-कभी परस्पर विरोधी राय/ऑब्ज़र्वेशन देखने को मिले हैं। यह संकलन, इसलिए, रचनाकार को आलोचकों की चिन्ता और समय-समय पर व्यक्त उनके निदेशों के सम्मान के बाद भी अपनी तपस्या, अपने अनुभव और स्वतःस्फूर्त पर सजग चेतना पर चलने का स्वर देता है। ये आलेख ‘अग्निलीक’ उपन्यास को समझने और व्याख्यायित करने में सहायक तो हैं ही, उपन्यास ने ग्रामीण सामाजिक संरचना में होते जिन परिवर्तनों और उसके साथ-साथ स्थापित जिन वैचारिक जड़ताओं को कथा-सूत्र में पिरोया है, ये उसे और आगे ले जाते हैं। इसलिए इनका अध्ययन आवश्यक है। स्वतंत्रता-पूर्व और स्वतंत्रता-पश्चात गाँवों की विडम्बनाओं को इन समीक्षकों, आलोचकों ने इस उपन्यास के बहाने गम्भीरता से देखा-परखा और अभिव्यक्त किया है। इन आलेखों को समग्रता में देखना साहित्यिक उद्देश्य की पूर्ति करता है, यही कारण है कि इन्हें एक साथ रखकर प्रस्तुत करने की यह कोशिश की गई है। किसी रचना पर टिप्पणी सिर्फ़ उस रचना का भला या बुरा नहीं करती, यह उस विधा की समझ को भी विस्तार देती है। समीक्षाओं का यह संकलन इन्हीं उद्देश्यों से सामने रखा गया है।
BPSC Mukhya Pareeksha Paper-2 Samanya Adhyayan (BPSC Mains General Studies)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
ETHICS INTEGRITY AND APTITUDE (PB)
- Author Name:
R.K. Gupta
- Book Type:

- Description: The present edition is the result of combined efforts of a retired senior civil servant having vast experience of working in different capacities with Union Government, a serving tax administrator and a serious Civil Services aspirant who secured AIR 92 in his first attempt while graduating from the elite National Law University, Delhi. This edition contains/Explains— Tips for securing maximum marks in Ethics/Polity Mechanism of an Act/Legislation Lokpal and Lokayukta Act, 2013 International approach to fight corruption Seven Principles of Public Life as laid down by Nolan Committee History, summary and relevant provisions of Central Civil Services (Conduct) Rules Summary of offences by or relating to Public Servants under IPC The summary of Prevention of Corruption Act, 1988 Tips for developing basic attitude excepted from a Civil Servant Fully explained model answers of past 3 years question papers 22 case studies A must read for every serving as well as future aspirant of Public Services under the Union/ State Governments, PSUs etc. as it is basically aimed at developing right attitude for answering real life questions/dilemmas.
Customer Reviews
3 out of 5
Book
Be the first to write a review...