Ek Naav Ke Yatri
Author:
Vishwanath Prasad TiwariPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Travelogues0 Reviews
Price: ₹ 476
₹
595
Unavailable
हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, अमृतलाल नागर, रामविलास शर्मा, नामवर सिंह, विद्यानिवास मिश्र, श्रीकान्त वर्मा आदि प्रसिद्ध लेखकों के बारे में लिखे गए संस्मरणों की इस पुस्तक में पूरा समकालीन साहित्यिक परिदृश्य रूपायित है। अत्यन्त सहानुभूति और तटस्थता के साथ लिखे गए ये संस्मरण निश्चय ही अपनी विश्वसनीयता और पठनीयता के लिए उल्लेखनीय होंगे। इनमें किसी मूर्तिनिर्माण या मूर्तिभंजन की नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विश्लेषण की प्रखर, ईमानदार कोशिश है जो लेखकों के मन:लोक को बड़ी गहराई से उद्घाटित करती है। प्रसिद्ध कवि, आलोचक और दस्तावेज़ पत्रिका के सम्पादक डॉ. विश्वनाथप्रसाद तिवारी की क़लम से लिखे गए ये अनूठे संस्मरण स्वयं उनके भी रचनात्मक गद्य का एक विशिष्ट उदाहरण पेश करते हैं।</p>
<p>पुस्तक में हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, अमृतलाल नागर और रामविलास शर्मा के साक्षात्कार भी संकलित हैं। इनमें हमारे समय के अनेक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे और साथ ही अनेक विवादास्पद प्रश्नों पर उन लेखकों की अपनी बेबाक प्रतिक्रिया भी। आधुनिक साहित्य की भीतरी जानकारी की इच्छा रखनेवाला पाठक इस पुस्तक से एक बार गुज़र कर निश्चय ही अपने साहित्यानुभव को समृद्ध कर सकेगा।</p>
<p>
ISBN: 9788171787098
Pages: 143
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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...पिछले सप्ताह से मैं रह-रह कर आपके साथ आयरलैंड के वन्य स्थलों के सन्नाटे, झीलों पर उड़ते हंसों, डब्लिन की सड़कों-पबों का मूक—ईर्ष्यालु पाठक—साक्षी रहा हूँ। मैंने मुद्दत पुरानी येट्स की कविताओं की पुस्तक भी पास रख ली थी और जब आप अपने संस्मरण में किसी कविता का अंश उद्धृत करते तो तुरन्त मैं एक उत्सुक-उत्तेजित पाठक-पर्यटक के उत्साह की रौ में उसे पुस्तक में पूरा का पूरा पढ़ने का आनन्द लेता। आपने ‘इनिस्क्री के द्वीप’ की अखंड निःस्तब्धता और कूल पार्क के सात वनों की जो छवि आँकी है, वह अपने आपमें बेजोड़ है। हमारे दार्शनिक मित्र दयाजी को जब कोई चीज़ या कोई कही हुई बात अच्छी लगती थी तो वह बच्चों की तरह ताली बजाते थे। आपके आयरलैंड के संस्मरणों को पढ़ते हुए हर दूसरे पृष्ठ पर ताली बजाने को मन करता है। इस बीच अन्य पत्रिकाओं में भी आपके यात्रा-वृत्त पढ़ता रहा हूँ। पर आपने आयरलैंड और येट्स के बारे में जो डूबकर लिखा है, वह अद्वितीय है।...
—निर्मल वर्मा
Pyare Dushman Ke Naam
- Author Name:
Sabuha Khan
- Book Type:

- Description: Book
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