
Bais Gaz Ki Duniya
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
140
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
280 mins
Book Description
क़दमों से नापें तो जिस पिच पर क्रिकेट खेली जाती है, वह बाईस गज़ की होती है। क्रिकेट को जीवन से जुड़ा खेल भी माना जाता है। जीवन जितना दाँव-पेच या उतार-चढ़ाव से भरा-पूरा होता है उतना ही अस्थिर व रोमांचक खेल क्रिकेट होता है। जिस क्रिकेट को जीवन की तरह देखा जाता है, उसी से जीवन को खलने की प्रेरणा भी मिलती है। खेल के संस्मरण भी अपने जीवन को गढ़ते हैं। इसलिए ‘बाईस गज़ की दुनिया’ का यह स्मृति-संग्रह है।</p> <p>लेखक के अकादमिक सरोकारों के अलावा जो स्मृतियाँ उन्होंने इस पुस्तक में सँजोई हैं, उनसे ही लेखक का संसार बना है। लेखक इन्दौर के एक महाविद्यालय में अंग्रेज़ी भाषा और साहित्य पढ़ाते हुए क्रिकेट-प्रेमी बने। इस स्मृति-संग्रह में इन्दौर आए या इन्दौर की क्रिकेट के प्रभुत्व खिलाड़ी, सफल खेल प्रशासक और साथी पत्रकारों का उनके जीवन आनन्द में आए योगदान को भावनात्मक ललक से प्रस्तुत किया है। आख़िर क्रिकेट-प्रेम ही उनके शिक्षक पेशे पर भारी पड़ा है।</p> <p>एक समय देश और इन्दौर की क्रिकेट के महानायकों के जीवन की बारीकियों को उकेरनेवाली यह पुस्तक रोचकपूर्ण है। पुस्तक उस समय के इन्दौर की, और देश की क्रिकेट की स्थिति व</p> <p>स्मृति को आज की बियाबानी दौड़ में सार्थकता प्रदान करती है। क्योंकि अतीत से ही भविष्य का वर्तमान साफ़ होता है और समझ आता है। पुस्तक पढ़ेंगे तो जानेंगे।