Nibandh Evam Kahaniyan
Author:
Anjum sharmaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 140
₹
175
Available
Awating description for this book
ISBN: 9788183619943
Pages: 142
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Aayenge Achche Din Bhi
- Author Name:
Swayam Prakash
- Book Type:

-
Description:
कथाकार स्वयं प्रकाश के पास वर्तमान भारतीय समाज—खासकर मध्यवर्ग—को आर-पार देखने वाली दृष्टि तो है ही, अर्थपूर्ण कथा-स्थितियों के चयन और भाषा के सृजनात्मक उपयोग के लिए भी उनका लेखन अलग से पहचाना जाता है। आकस्मिक नहीं कि पाठक स्वयं उनकी कहानी में शामिल हो जाता है अथवा उनके कथा-चरित्र उससे सीधे संवाद करने लगते हैं।
‘आएँगे अच्छे दिन भी’ संग्रह में लेखक की ग्यारह कहानियाँ संगृहीत हैं। इनमें ‘पार्टीशन’ और ‘आलेख’ जैसी मूल्यवान कहानियाँ यदि धर्मांधता और साम्प्रदायिक घृणा को बढ़ाने वाली ताकतों के अमानवीय क्रिया-कलाप को उघाड़ती हैं तो ‘बेमकान’ शीर्षक कहानी हमारे जीवन-व्यवहार में जड़ीभूत सामन्ती संस्कारों पर प्रहार करती है। ‘अफसर की मौत’ अफसरशाही पर चढ़ी चिकनाई और आभिजात्य की धज्जियाँ उड़ाती है तो ‘गुमशुदा’ भी प्रायः उसी जमीन पर एक गहरी विडम्बना को उजागर करती है। ‘संहारकर्ता’ और ‘चोर की माँ’ शीर्षक कहानियाँ पाठक को एक नैतिक समस्या के रू-ब-रू ला खड़ा करती हैं। ‘नैनसी का धूड़ा’ हमारे अपने दैन्य और दुर्भाग्य की अविस्मरणीय दास्तान है और ‘अशोक और रेनु की असली कहनी’ मेल शॉवनिज्म की बारीकियों पर विचार करते हुए एक सजग व्यक्ति के चेतना-सम्पन्न व्यक्ति में बदलने के आत्मसंघर्ष को रेखांकित करती है। ‘झक्की’ में वृद्धावस्था की ऊब और एकरसता की दिलचस्प प्रस्तुति है तो ‘मरनेवाले की जगह’ रोजगार से जुड़ी त्रासद जीवन-स्थितियों पर व्यंग्य करती है ।
संक्षेप में कहा जाए तो स्वयं प्रकाश की इन कहानियों ने अपने समय और समाज को जैसी रचनात्मक ईमानदारी, लोकोन्मुख दृष्टिमयता और कलात्मक सहजता से प्रस्तुत किया है, समकालीन हिन्दी कहानी इससे अनेक स्तरों पर समृद्ध हुई है।
Matsygandha
- Author Name:
Geetashree
- Book Type:

- Description: Book
Tumne Kyon Kaha Tha Main Sunder Hoon
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ, कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी
है।‘तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘कोकला डकैत’, ‘हुकूमत का जुनून’, ‘चोरबाज़ारी के दाम’, ‘गवाही’, ‘तगमे की चोट’, ‘मिट्ठों के आँसू’, ‘तीस मिनट’, ‘अख़बार में नाम’, ‘असली चित्र’, ‘कम्बलदान’, ‘आबरू’, ‘ग़मी में ख़ुशी’ और ‘तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ’।
Toote Ghonsle Ke Pankh
- Author Name:
Ram Kumar Mukhopadhyaya
- Book Type:

-
Description:
यह एक महिला की डायरी के शिल्प में लिखा गया उपन्यास है। यह शिल्प इसलिए सही है कि डायरी में ही कोई नौजवान महिला जीवन के अनुभव, अपनी पसन्द-नापसन्द एवं समाज और अपनी निजी प्रतिक्रियाओं को दर्ज करती है। ऐसा लेखन जिस तरह स्वतःस्फूर्त होता है, वैसे ही स्पष्ट भी। यह उपन्यास पाठक को उबाऊ नहीं लगता। लेकिन उपन्यास की सबसे ख़ास बात है—उसके कथ्य और शिल्प का नयापन। नौजवानों की धमनियों में दौड़नेवाले ख़ून की गर्मी का अहसास और उत्साह इस उपन्यास की पंक्ति-पंक्ति में निहित है, जिसे हर पढ़नेवाला अनुभव करेगा।
—अपराजित नायक, (आलोचक)
उपन्यास की मुख्य पात्र दिशा चौधरी को पता चलता है कि ज्योतिरिन्द्र मोइत्रा का देहान्त क़रीब बीस वर्ष पूर्व हो चुका और सत्यजित राय की ‘कंचनजंघा’ का पक्षी-प्रेमी मामा (पहाड़ी सान्याल द्वारा अभिनीत) ज्योतिरिन्द्र मोइत्रा की नक़ल है। यह मैं नहीं जानता था, सो इस उपन्यास से मुझे कवि, गीतकार और संगीतज्ञ ज्योतिरिन्द्र मोइत्रा के बारे में नई जानकारी मिली।
—प्रो. पवित्र सरकार, (आलोचक व शिक्षाविद्)
‘टूटे घोंसले के पंख’ हालाँकि आकार में छोटा है, लेकिन निस्सन्देह इसने बांग्ला लेखन को एक नई शक्ल दी है।
—प्रो. कार्तिक लाहिड़ी, (उपन्यासकार व आलोचक)
‘टूटे घोंसले के पंख’ यह अहसास कराता है कि इसका लेखक एक समर्थ उपन्यासकार है। पुस्तक लेखक के भाव को प्रदर्शित करती है लेकिन यह कभी अतिरिक्त भावुकता की तरफ़ नहीं मुड़ती। मनोवेग और बुद्धि का एक सटीक सम्मिश्रण यह उपन्यास बांग्ला उपन्यास लेखन की मौजूदा शैली से नितान्त भिन्न है।
—आशीष बर्मन, (उपन्यासकार व आलोचक)
आपके उपन्यास को पढ़ते हुए मैं चकित हुआ। विषय का चयन, कथानक के कहने का ढंग, भाषा और दिशा, चौधरी के चरित्र का रूपांकन—सभी कुछ आपकी अनोखी कल्पना और शिल्प की गवाही देते हैं।
—प्रो. शिबनारायोन राय, (आलोचक व सम्पादक)
Five Stories From Guru Gobind Singh's Life
- Author Name:
Pritam Singh
- Rating:
- Book Type:

- Description: This set of five stories from the life of Guru Govind Singh Ji(1666-1708) was originally written in Punjabi and translated into English by Navtej Bharti and Ajmer Rode, gifted brothers, who settled in Canada. Guru Govind Singh Ji was the spiritual leader of India, who was deeply interested in the upliftment of human material.
Khulti Girhein
- Author Name:
Dilip Pandey
- Book Type:

- Description: खुलती गिरहें' उपन्यास में पाँच अलग-अलग स्त्री किरदार हैं जो अपनी धुन में दुनिया के सामने अपने होने के अहसास को मज़बूत कराती हुई दिखाई देती हैं। उनकी ज़िन्दगी की उधेड़बुन, उनकी जद्दोजहद, उनके अस्तित्व का संकरे पिंजरों की कैद से छूटकर बाहर निकलना और अपना आसमान तथा अपनी दिशा तय करना—सब कुछ उपन्यास में बहुत बारीकी से अभरता है। हर जीवन-प्रसंग एक औरत में बहुत कुछ तोड़ता भी है, जोड़ता भी है। मुश्किलों से भरे जीवन में जब भी लगता है कि हिम्मत जवाब दे रही है तो कभी अवनि, कभी धरा, कभी गोमती, कभी वसुधा, कभी देवयानी का किरदार हमारे सामने आ जाता है और जीने की इच्छा फिर से जाग जाती है। दरअसल, यह किताब एक उम्मीद है, दोस्ती से भरा एक हाथ है और हज़ारों अनकही कहानियों का सामने आना है।
Stree Tatha Anya Kahaniyan
- Author Name:
S. K. Pottekat
- Book Type:

-
Description:
साहित्य अकादेमी’ और ‘ज्ञानपीठ’ सहित अनेक पुरस्कारों-सम्मानों से विभूषित मलयालम कथाकार एस.के. पोट्टेक्काट की यह पुस्तक ‘स्त्री तथा अन्य कहानियाँ’ उनकी कुछ चर्चित कहानियों का संकलन है। ‘स्त्री’ इनमें सर्वाधिक पढ़ी जानेवाली और प्रशंसित कहानियों में से एक है।
प्रेम, कामना, समर्पण और विश्वास जैसे मनोभावों को गहरे तक अनुभूत करानेवाली लम्बी कहानी ‘स्त्री’ प्रेम के साथ मानव व्यवहार की कई जटिल परतों को भी खोलती है। यह विशेषता पोट्टेक्काट की लगभग सभी रचनाओं में देखने को मिलती है। इसी संग्रह में शामिल कहानी ‘हमीद ख़ान’ दक्षिण भारत में साम्प्रदायिक सद्भाव और अविश्वास दोनों को बहुत छोटे कलेवर, लेकिन अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से रेखांकित करती है।
इसी तरह ‘पदचाप’ शीर्षक कहानी पति-पत्नी के सम्बन्धों के साथ-साथ नियति की आकस्मिकता का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि पोट्टेक्काट का जीवन अनुभव अत्यन्त व्यापक है। वे यात्रा-प्रेमी भी थे जिसके चलते न सिर्फ़ उनकी अनुभूतियों का क्षेत्र बहुत व्यापक है, बल्कि उनकी कहन में भी कहीं दोहराव नहीं दिखाई देता।
मलयालम से यह अनुवाद भी कहीं कृत्रिमता का आभास नहीं देता है।
Pachchis Baras Pachchis Kahaniyan
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

-
Description:
पच्चीस साल। एक सदी का चौथाई हिस्सा। हर साल में बारह अंक। हर अंक में औसतन छह या सात कहानियाँ।
मानकर चलें कि ‘हंस’ में छपने के लिए चुने जाने का मतलब ही किसी भी कहानी के लिए संकलन योग्य होना है और क़ायदे से बारह-पन्द्रह कहानियों का एक सालाना संकलन हर बरस छापा जा सकता है।
कुल मिलाकर तकरीबन 2100 कहानियों में से बार-बार के सोच-विचार के बाद 136 कहानियाँ सूचीबद्ध की गईं।
‘हंस’ के भीतर से साथियों के सुझाव भी तरह-तरह के थे। पाठकों की वोटिंग से, सुधी पाठकों या लेखकों के सुझाव से, लेखकों के अपने अनुरोध की रक्षा से, एक चयन-समिति की नियुक्ति और सम्मिलित चयन से, वग़ैरह। लेकिन ये सभी चुनाव एक निश्चित परियोजना के बजाय यादृच्छिक क़िस्म का घालमेल ही बनकर रह जा सकते थे।
यहाँ अनुसूचित लगभग हर कहानी अपने आप में एक प्रतिमान कही जा सकती है।
—भूमिका से
Sayani Deewani
- Author Name:
Noor Zaheer
- Book Type:

-
Description:
इस्मत चुग़ताई, रशीद जहाँ, क़ुर्रतुल-ऐन-हैदर, जीलानी बानो की रिवायतों को आगे बढ़ानेवाली नूर ज़हीर हमारे समय के उन विशिष्ट कथाकारों में से हैं जिन्होंने मज़हबी कठमुल्लेपन और पुरुषवादी मानसिकता के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बुलन्द की। उनके उपन्यास 'माइ गॉड इज़ ए वुमन' (जो हिन्दी में 'अपना ख़ुदा एक औरत' नाम से प्रकाशित हुआ है) में मज़हबी संकीर्णता के ख़िलाफ़ स्त्री-मुक्ति की कई छवियाँ देखी जा सकती हैं। उनकी कहानियों के स्त्री-पात्र मज़हबी संकीर्णताओं के शिकंजों से बाहर निकलकर अपनी मुक्ति के रास्ते तलाश करते हुए दिखाई देते हैं।
नूर ज़हीर की कहानियों की एक ख़ूबी यह है कि वे पुरुषप्रधान समाज में स्त्री की स्थितियों को मानवीय करुणा के साथ व्यक्त करती हैं। वे ऐसे स्त्री-पात्रों की रचना करती हैं जो पुरुषप्रधान समाज द्वारा निर्धारित रूढ़ियों और रिवायतों के ख़िलाफ़ उठकर अपनी अस्मिता की तलाश करती हैं। नूर ज़हीर की कहानियाँ पुरुष मानसिकता के सख़्त शिकंजे के ही नहीं, सख़्त मज़हबी शिकंजों के ख़िलाफ़ भी अपनी आवाज़ बुलन्द करती नज़र आती हैं।
नूर ज़हीर अपनी कहानियों में स्थितियों, पात्रों की मनोदशाओं और कहानी के ब्योरों का बेहद मार्मिक वर्णन करती हैं। वे बहुत छोटे-छोटे दृश्यों और संवादों के ज़रिए कहानी का ताना-बाना इस तरह बुनती हैं कि पाठक उनसे सहज ही जुड़ाव महसूस करता है।
—हरियश राय
Aadim Ratri Ki Mehak
- Author Name:
Phanishwarnath Renu
- Book Type:

-
Description:
फणीश्वरनाथ रेणु के कथा साहित्य को आंचलिक कहा गया है किन्तु उनकी कहानियाँ (तथा उपन्यास भी) जहाँ एक ओर ग्राम्य-जीवन की आंचलिकता को ही नहीं उसकी सम्पूर्ण आन्तरिकता को व्यक्त करती हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण तथा शहरी जीवन के अन्त:सम्बन्धों की वास्तविकता का भी उद्घाटन करती हैं। रेणु की कहानियों में अत्यन्त ‘निजी’ को व्यापक सामाजिक यथार्थ से जोड़ पाने की अद्भुत क्षमता है और ऐसा वे अपूर्व काव्यात्मक रचाव के साथ कर पाते हैं। इस प्रक्रिया में उनकी कहानियाँ संगीत की सरहदों को छूने लगती हैं। उनके सहज प्रतीत होनेवाले कथा-शिल्प से अनायास ‘ऑडियो-विजुअल’ प्रभाव उत्पन्न होने लगता है। उनकी टेकनीक एक सर्ररियलिस्टिक पैटर्न निर्मित करती है जिसमें एक ‘प्रिज़्म’ की तरह छनकर रंगारंग विचारों तथा भावनाओं की घुलनशीलता शामिल हो जाती है। उनकी कहानियाँ हमारी सम्पूर्ण संवेदनाओं को एक साथ तृप्त करती हैं। अगर उनमें गहरी लयबद्ध ऐन्द्रिकता है तो बिना बौद्धिकता का छद्म धारण किए ही ‘वस्तु सत्य’ के मर्म तक पहुँच जानेवाली विश्लेषणपरकता भी है। आज़ादी के बाद के राजनैतिक परिवर्तनों का दस्तावेज़ी बयान प्रस्तुत करनेवाली कहानियों में यह तथ्य ख़ूब उभरकर आता है—‘जलवा’ तथा ‘आत्म-साक्षी’ जैसी कहानियों में तटस्थ राजनैतिक बोध की निर्ममता के साथ उस क्रूर ‘ट्रेजडी’ का एहसास भी है जिसमें कोमल मानवीय सच्चाइयों के निर्दयता से कुचले जाने का इतिहास अंकित है। ‘आदिम रात्रि की महक’ की कहानियों में एक नैसर्गिक विनोद वृत्ति है जो एक साथ भाषा, स्थितियों तथा चरित्रों से छेड़छाड़ करती चलती है—चुलबुलेपन की हद तक जाकर। लेकिन उनमें कब अचानक एक करुण मानवीय बोध उतर आता है, इसका पता पाठक को तब चलता है जब उसकी ‘हँसी’ में सहसा एक ‘हूक’ शामिल हो जाती है। ऐसे विरल संयोगों के हिन्दी में रेणु एकमात्र कथाकार हैं।
—विजय मोहन सिंह
Contemporary Dogri Short Stories
- Author Name:
Ved Rahi
- Rating:
- Book Type:

- Description: English translation by Satnam Kaur of Dogri Diyan Namiyan Kahaniyan, edied by Ved Rahi. Sahitya Akademi 2013
Pratinidhi Kahaniyan : Kashinath Singh
- Author Name:
Kashinath Singh
- Book Type:

- Description: साठोत्तरी पीढ़ी के जिन प्रगतिशील कथाकारों ने हिन्दी कहानी को नई ज़मीन सौंपने का काम किया, काशीनाथ सिंह का नाम उनमें विशेष महत्त्व रखता है। इस संग्रह में उनकी बहुचर्चित कहानियाँ शामिल की गई हैं। ध्वस्त होते पुराने समाज, व्यक्ति-मूल्यों तथा नई आकांक्षाओं के बीच जिस अर्थद्वन्द्व को जन-सामान्य झेल रहा है, उसकी टकराहटों से उपजी, भयावह अन्तःसंघर्ष को रेखांकित करती हुई ये कहानियाँ पाठक को सहज ही अपनी-सी लगने लगती हैं। इनमें हम वर्तमान राजनीतिक ढाँचे के तहत पनप रही मूल्य-भ्रंशता को भी देखते हैं और जीवन-मूल्यों की पतनशील त्रासदी को भी महसूस करते हैं। समकालीन यथार्थ की गहरी पकड़, भाषा-शैली की सहजता और एक ख़ास क़िस्म का व्यंग्य इस सन्दर्भ में पाठक की भरपूर मदद करता है। वह एक प्रगतिशील मूल्य-दृष्टि को अपने भीतर खुलते हुए पाता है, क्योंकि काशीनाथ सिंह के कथा-चरित्र विभिन्न विरोधी जीवन-स्थितियों में पड़कर स्वयं अपना-अपना अन्तःसंघर्ष उजागर करते चलते हैं और इस प्रक्रिया में लेखकीय सोच की दिशा सहज ही पाठकीय सोच से एकमेक हो उठती है।
Janane ki Batein (Vol. 1)
- Author Name:
Deviprasad Chattopadhyay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhukhmaroo
- Author Name:
Bama
- Book Type:

- Description: दो जून की रोटी के लिए जिन्हें रोज़ जूझना पड़ता है; उनके लिए अपने भीतर की ताक़त ही सब कुछ है। तमिल भाषा की दलित स्त्री कथाकारों की ये कहानियाँ उन लोगों की ताक़त को स्वर देने की कोशिश करती हैं, उसे और मज़बूत करने की भी। भूख और ग़रीबी के अलावा जातिगत भेदभाव, श्रम का शोषण और प्रकृति के दोहन से उपजी समस्याएँ भी हैं जिनकी सबसे ज़्यादा मार इन्हीं लोगों पर पड़ती है। लेकिन जैसाकि इस संकलन में शामिल उमा देवी की कहानी ‘कमला’ रेखांकित करती है, संघर्ष और बदलाव की शुरुआत भी यही लोग करते हैं। ‘भुखमारू’ संग्रह में शामिल प्रत्येक कहानी एक अलग परिवेश और जीवन के एक अलग पहलू को पाठक के सामने लाती है। बिना किसी फ़ॉर्मूले का अनुकरण किए इन कहानियों में हमें बेहद सजीव पात्र और बहुत नज़दीक से देखे गए विवरण मिलते हैं। इनका प्राकृतिक और सामाजिक परिवेश कथा-पात्रों को भी एक भिन्न आयाम देता है जिससे वे ज़्यादा मौलिक और वास्तविक दिखने लगते हैं। विसंगतियों, उत्पीड़न और अन्याय पर टिके मनुष्य समाज के बरक्स पशु-पक्षियों और जंगल की मौजूदगी इन कहानियों को और विशिष्ट बनाती है। इन कहानियों का चयन और संकलन तमिल भाषा की सुप्रसिद्ध कथाकार बामा ने किया है जिनकी रचनाओं ने देश से बाहर भी अपनी पहचान बनाई है।
Sampurna Kahaniyan : Manzoor Ehtesham
- Author Name:
Manzoor Ehtesham
- Book Type:

- Description: मंज़ूर एहतेशाम हमारे समय के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कथाकार हैं। उनकी रचनाएँ किसी चमत्कार के लिए व्यग्र नहीं दिखतीं, बल्कि वे अनेक अन्तर्विरोधों और त्रासदियों के बावजूद ‘चमत्कार की तरह बचे जीवन’ का आख्यान रचती हैं। इस संग्रह में उनकी सभी कहानियाँ शामिल हैं। सम्पूर्णता में पढ़ने पर यह स्पष्ट होता है कि मंज़ूर एहतेशाम मध्यवर्गीय भारतीय समाज के द्वन्द्वात्मक यथार्थ को उल्लेखनीय शिल्प में अभिव्यक्त करते हैं। ‘तमाशा’ कहानी का प्रारम्भ है, ‘याद करता हूँ तो कोई किस्सा-कहानी लगता है : ख़ुद से बहुत दूर और अविश्वसनीय-सा। यह कमाल वक़्त के पास है कि असलियत को क़िस्से-कहानी में तब्दील कर दे।’ किसी भी श्रेष्ठ रचनाकार की तरह यह कमाल मंज़ूर एहतेशाम के पास भी है कि वे परिचित यथार्थ के अदेखे कोनों-अँतरों को अपनी रचनाशीलता से अद्भुत कहानी में बदल देते हैं। स्थानीयता इन कहानियों का स्वभाव और व्यापक मनुष्यता इनका प्रभाव। अपनी बहुतेरी चिन्ता और चेतना के साथ मध्यवर्गीय मुस्लिम समाज मंज़ूर एहतेशाम की कहानियों में प्रामाणिकता के साथ प्रकट होता रहा है। कुछ इस भाँति कि इनसे विमर्श के जाने कितने सूत्र सामने आते हैं। ये कहानियाँ ‘समूची सामाजिकता’ का मार्ग प्रशस्त करती हैं। इन रचनाओं में शैली के रेखांकित करने योग्य प्रयोग हैं, फिर भी लक्ष्य है अनकहे सच की अधिकतम अभिव्यक्ति। सहजता इनकी सहजात विशेषता है। मंज़ूर एहतेशाम का कहानी-समग्र ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ समय और समाज की आन्तरिकता को समेकित रूप से हमारे लिए चमकदार बनाता है।
ONE PROVERB ONE TALE: 50 Flash Fiction Stories Woven around 50 Hindi Proverbs
- Author Name:
Amit Behal
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Manglacharan
- Author Name:
Amrit Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Porn Star Aur Any Kahaniyan
- Author Name:
Vina Vatsal Singh
- Book Type:

- Description: Book
Volga Se Ganga
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
- Rating:
- Book Type:

- Description: राहुल सांकृत्यायन की अत्यन्त चर्चित कृति ‘वोल्गा से गंगा’ ऐसी बीस ऐतिहासिक कहानियों का संकलन है जिनमें उन्होंने आर्यों के आठ हजार साल के इतिहास को कालानुक्रम से अंकित किया है। इन कहानियों में मातृसत्तात्मक समाज-व्यवस्था को पितृसत्तात्मक व्यवस्था में बदलने की प्रक्रिया भी दृष्टिगोचर होती है और आर्यों की यूरेशिया से वोल्गा तथा उसके बाद गंगा तक की यात्रा की रूपरेखा भी पता चलती है। ई.पू. 6000 से लेकर 1942 ई. तक के कालखंड को कड़ी-दर-कड़ी प्रस्तुत करनेवाली ये कहानियाँ एक तरफ जहाँ राहुल सांकृत्यायन के असीम अध्ययन का पता देती हैं, वहीं भारोपीय मानव-इतिहास के प्रति हमें एक व्यापक समझ भी देती हैं। इन कहानियों में इतिहास भी है, और कथा भी। सम्बन्धित काल खंडों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों की स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए ये कहानियाँ कथा-रस को भी कहीं भंग नहीं होने देतीं। भारतीय साहित्य में एक क्लासिक का दर्जा हासिल कर चुकी इस पुस्तक का अनुवाद असमिया, मराठी, बांग्ला, कन्नड़, तमिल, मलयालय, तेलुगु, पंजाबी आदि भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी, चेक तथा पोलिश भाषाओं में भी हो चुका है।
O Bhairvi
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘ओ भैरवी!’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘ओ भैरवी!’, ‘वर्दी’, ‘नकारा’, ‘सामन्ती कृपा’, ‘देवी की लीला’, ‘गौ माता’, ‘महाराजा का इलाज’, ‘मूर्ख क्रोध’, ‘सब की इज़्ज़त’, ‘न्याय और दंड’, ‘मन की पुकार’ और ‘देखा-सुना आदमी’।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...