Gokharoo
Author:
Pushpita AwasthiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 316
₹
395
Available
पुष्पिता की ये कहानियाँ बौद्धिक आडम्बर के बग़ैर एक मानवीय संसार का अन्वेषण करती हैं और बहुत सफलतापूर्वक अपने कथ्य और सहज गद्य के माध्यम से पढ़नेवाले के भीतर तक उतर जाती हैं। यह इनकी काव्यात्मकता ही है जो उन घटनाओं, परिस्थितियों से सवाल करती है जिन्हें ज़रूरी नहीं समझा जाता पर जिनके मानी बहुत बड़े होते हैं।</p>
<p>‘ठंडे बस्ते में पिघलता लावा’ में सुधा के कर्मठ जीवन के बावजूद उसकी हत्या, प्रशासनिक उदासीनता और सुधा के पी.एफ़. से अपनी जेबें भरने के बाद उसके पति की चुप्पी। प्रेम-विवाह की यह परिणति और व्याप्त भ्रष्टाचार का तांडव यदि इस कहानी में दिखता है तो दूसरी ओर ‘दो शब्द’ में अंकिता का प्रेम के अभाव में ठूँठ-सा व्यक्तित्व।</p>
<p>इस संग्रह की कहानियाँ उन चीज़ों की ज़रूरत की कहानियाँ हैं जो हवा, पानी, रोटी, कपड़े की तरह और उससे भी ज़्यादा ज़रूरी लगती हैं।
ISBN: 9788171197682
Pages: 92
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Maati
- Author Name:
Shivshankar Shrinivas
- Book Type:

- Description: मैथिली कहानी को युगीन, प्रगतिशील और चेतना-सम्पन्न बनाने में कहानीकार शिवशंकर श्रीनिवास महत्त्वपूर्ण हैं। वे एक साथ गंवई और शहरी जीवन यथार्थ को अपनी कहानियों में मूत्र्त करते हैं। मिथिला समाज का एक बड़ा भूभाग इनकी कहानियों में अनूठे रूप में चित्रित हुआ है तो वहीं महानगरीय जीवन की विद्रूपता-विरूपता भी विभिन्न रूपों और छवियों में बेधक ढंग से व्यंजित हुई है। पीडि़त-वंचित और विपन्न स्त्री-समाज का एक बड़ा और अर्थपूर्ण कैनवास भी इनकी कहानियों की आधारभूमि रहा है। अपने रागात्मक और बहुरंगी जीवन की मार्मिक अभिव्यक्ति के कारण इनकी कहानियाँ चर्चित-बहुपठित रही हैं। कहानियों की सघन बुनावट, उनका आंतरिक सौंदर्य, भाषा-प्रवाह की सहजता, कथ्यों के दुर्लभ प्रयोग, संवादों की गतिमयता, जीवन यथार्थ की विश्वसनीयता इन्हें विरल कहानीकार के रूप में स्थापित करते हैं।
Photoframe Mein Kaid Hansi
- Author Name:
Suman Bajpai
- Book Type:

- Description: मन के भीतर न जाने कितनी परतें होती हैं, जिन्हें स्त्री कभी छीलकर अलग कर देती है तो कभी फिर से कई और परतों में ढककर छिपा देती है। लेकिन इस दौरान वह पीड़ा के सागर में लगातार गोते लगाती रहती है। इसके बावजूद वह हर बार किनारे पर आ खड़ी होती है। स्त्री का संघर्ष ही तो है जो उसे टूटने से बचाता है। परिस्थितियाँ कई बार अवरोध बनकर उसके सामने आ खड़ी होती हैं, तब बेशक पहाड़ों-सी दृढ़ता उसमें न आ पाए, गगनचुंबी चोटियों की तरह वह सतर्क रहती है, हर बाधा को पार करने के लिए। वह हारती नहीं है, वह बस निरंतर एक नदी की तरह प्रवाहमान होती रहती है। यह स्त्री पुरुष विरोधी नहीं है, पर अपने हक़ के लिए लड़ना जानती है। स्त्री से हर रिश्ते में एक अहम भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है क्योंकि पुरुष जानता है कि वही ऐसा कर सकती है और सच में, वह ऐसा करने में सफल होती भी रही है। स्त्री जीवन के विविध पहलुओं पर केंद्रित इन कहानियों में अगर कोई उलझन है तो उसका समाधान भी है। कुछ अछूते विषयों को उजागर और स्त्री की सोच को निरूपित करती हैं इस संग्रह की कहानियाँ।
Alfa Laila
- Author Name:
Abrar Mohsin
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Teri Kurmai Ho Gai ?
- Author Name:
Sunil Vikram Singh
- Book Type:

-
Description:
‘तेरी कुड़माई हो गई?’ एक मार्मिक प्रेम कहानी है जो स्त्री-विमर्श की दृष्टि से भी उत्कृष्ट है। गुलेरी जी की बहुचर्चित कहानी ‘उसने कहा था’ के एक प्रसिद्ध वाक्य ‘तेरी कुड़माई हो गई?’ को कहानी शीर्षक दिया गया है। इस कहानी की विशेषता यह है कि गुलेरी जी की कहानी जहाँ पर समाप्त होती है, उसके आगे यह कहानी शुरू होती है। इस कहानी की एक विशेषता यह है कि इस कहानी के नाम ‘उसने कहा था’ कहानी के ही हैं। नायक लहना की मौत के तीस साल बाद सूबेदारिन अपने अतीत का पुनरवलोकन कर रही है और स्वर्णिम स्मृतियों में जीने का प्रयास कर रही है।
सुगठित कथाकार, मार्मिक संवाद और सुरम्य प्रकृति चित्रण से समन्वित पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है यह पुस्तक ‘तेरी कुड़माई हो गई?’
इस संग्रह की कहानियाँ नि:सन्देह बेजोड़ हैं इनमें नदी की तरह सरस प्रवाह है।
Waqt Ek Chabuk Hai
- Author Name:
Rameshraaj
- Book Type:

- Description: व्यंग और अन्य कहानी संग्रह
Pratinidhi Kahaniyan : Swayam Prakash
- Author Name:
Swayam Prakash
- Book Type:

- Description: स्वयं प्रकाश की कहानियाँ भारतीय, विशेष रूप से हिन्दी मध्यवर्ग के जीवन की एक तस्वीर पेश करती हैं—मनुष्यता से लबरेज़ पर दब्बू और डरपोक मध्यवर्ग, छोटी-छोटी आकांक्षाओं के लिए भी संघर्षरत, अन्ततः उन्हें स्थगित करता मध्यवर्ग, स्वार्थों की अन्धी दौड़ में भागता-गिरता-पड़ता मध्यवर्ग, निम्नवर्गीय जनों से विराग रखता मध्यवर्ग। यूँ तो स्वयं प्रकाश का कथाफ़लक गाँव से शहर तक फैला है, परन्तु उसका केन्द्र मध्यवर्ग ही है। यह मध्यवर्ग स्वतंत्रता आन्दोलन के दौर का मध्यवर्ग नहीं है जिसमें निम्नवर्ग के प्रति एक सदाशयता और सहभाव मौजूद था। इसमें निम्नवर्ग के प्रति वितृष्णा और घृणा निर्णायक हद तक मौजूद है। इस मध्यवर्ग में एक छोटी संख्या, उन लोगों की भी है, जिनमें समाज को बदलने की इच्छा मौजूद है। ऐसे चरित्र स्वयं प्रकाश के यहाँ प्रमुखता से मौजूद हैं। स्वयं प्रकाश की गहरी सहानुभूति इनके साथ है। इसीलिए इनके प्रति एक तरह का आलोचनात्मक भाव भी मौजूद है। परिवर्तनकामी चेतना जब मध्यवर्गीय स्वार्थपरता, पर्सनाल्टी कल्ट, या थोथे आदर्शवाद से घिर जाती है, स्वयं प्रकाश इन चरित्रों के प्रति तीखे हो जाते हैं। उनकी कहानियों में भारतीय स्त्री के जीवन की गहरी आलोचनात्मक पड़ताल भी मौजूद है। वे स्त्री-चरित्रों को प्रायः एक टाइप की तरह नहीं, एक व्यक्ति की तरह अंकित करते हैं। ये स्त्री-चरित्र पुरुष-चरित्रों की तरह ही निजी विशिष्टताओं के मालिक हैं। उन पर सामाजिक संरचना के दबाव हैं, परन्तु वे उनके विरुद्ध जीते हुए अपनी तरह का संसार रचने को आतुर हैं। स्वयं प्रकाश ने कहानीपन की रक्षा करते हुए, उसे रोचक बनाते हुए एक ज्ञानी की तरह नहीं एक क़िस्सागो की तरह अपनी कहानियाँ कही हैं।
Adab Mein Baaeen Pasli : Bhartiyetar Urdu Kahaniyan : Vol. 6
- Author Name:
Nasira Sharma
- Book Type:

-
Description:
उर्दू वाले कहानियों को सीमा में नहीं बाँधते हैं, वह हर उस कहानी को उर्दू की समझते हैं जो उर्दू में लिखी गई हो, चाहे लेखक कहीं का हो। हिन्दुस्तान-पाकिस्तान में रहनेवाले, और बाहर के मुल्कों में बसनेवाले उर्दू अदीब जिनकी मूल धरती हिन्दुस्तान रही है चाहे उन्होंने विश्व के किसी कोने में बैठकर कहानी लिखी हो, यहाँ तक कि पाकिस्तानी भी
जहाँ का हर बड़ा कहानीकार आज के भारत में पैदा हुआ था और कल के भारत के हिस्से में बैठकर लिख रहा है। इनकी जड़ें हिन्दुस्तान में गहरे धँसी हुई हैं।
इन कहानियों में ‘अपनी ज़मीन की हुड़क’ तो है और इसीलिए इन कहानियों में छोड़े हुए वतन की यादें घुमड़ती नज़र आती हैं। इसके बावजूद अब वहाँ जिस तरह की ज़िन्दगी वह गुज़ार रहे हैं, यदि उनसे पूछा जाए कि वह भारत या पाकिस्तान लौटना चाहेंगे तो वह शायद इनकार कर दें, जबकि वहाँ सभी लेखक लगभग दो बार या इससे भी ज़्यादा एक जगह से दूसरी जगह जा चुके हैं। पहली महाजरत, सियासत के चलते बँटवारे के कारण भारत से पाकिस्तान की ओर कूच के रूप में, दूसरे आर्थिक कारणों से पाकिस्तान से अन्य देशों की ओर, फिर एक देश से दूसरे देश में रोज़ी-रोटी की तलाश में भटकन। जब पैरों के नीचे ठोस ज़मीन आई और संघर्ष से राहत मिली तो अपनों की याद आई।
कुछ लेखकों को छोड़कर बाक़ी लेखकों की कहानियाँ हिन्दी में पहली बार इस संकलन में
छप रही हैं।
Panchtantra Ki Kahaniyan
- Author Name:
Rampratap Tripathi Shastri
- Book Type:

- Description: पंचतंत्र की कहानियों में पांडित्य और हास्यरस का जो अपूर्व समन्वय देखने को मिलता है, उससे ज्ञात होता है कि इसका रचयिता कितना मधुर कथाकार तथा निपुण लेखक था। उसकी तीक्ष्ण बुद्धि राजनीति और कूटनीति की गुत्थियों में जितनी रमती थी, उतनी ही पाठकों तथा श्रोताओं की सहानुभूति, अभिरुचि, कल्पना एवं मनोरंजन की भावना को तुष्ट करने के लिए प्रयत्नशील रहती थी। उसने एक ऐसी कथाशैली का आविष्कार किया, जो आज के युग में भी अनुकरणीय बनी हुई है। उसकी प्रत्येक कहानी स्वयं कहानी के रूप में जितनी मनोहारिणी तथा लोकरंजक है, उतनी ही किसी धर्म-कथा, राजनीति, कूटनीति अथवा सामाजिक हित-चिन्ता का मनोहर दृष्टान्त उपस्थित करनेवाली भी है।
Kitne Sharon Mein Kitni Baar
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

-
Description:
‘बेघर’, ‘नरक-दर-नरक’, ‘दौड़’ जैसे अविस्मरणीय उपन्यासों एवं कई उत्कृष्ट कहानियों की रचनाकार ममता कालिया गद्य-लेखन की नई भूमिका में हैं। वे उन शहरों को याद कर रही हैं जहाँ वह रहीं और जहाँ की छवियों को कोई हस्ती मिटा नहीं सकी। ज़ाहिर है कि यह महज़ याद नहीं है, यह है—जीवन्त गद्य द्वारा अपने ही छिपे हुए जीवन की खोज और उसका उत्सव। इस गद्य-शृंखला ने अपनी हर अगली क़िस्त में ज़्यादा पाठक, सम्मान और लोकप्रियता अर्जित की। ‘कितने शहरों में कितनी बार’ ने निश्चय ही हिन्दी गद्य को समृद्धि, गरिमा और ऊँचाई दी है।
—अखिलेश
‘कितने शहरों में कितनी बार’ में दिल्ली को जाना। इसमें रवि सचमुच नायक हैं और आपके लिखने का ढंग इतना नायाब कि उदासी और वियोग की बात आते ही दिल्ली में पीली, मैली धूल उड़ना शुरू हो जाती है—हर चीज़ को किसकिसा बनाती हुई। इतने शेड्स हैं और जीवन की इतनी तस्वीरें कि यह आपका वृत्तान्त-भर नहीं, हमारे समय की कथा, गल्प और कहानी होने लगती है। मेरे लिए आपकी यह सृजनात्मकता बहुत प्रिय और मूल्यवान सिद्ध हुई है।
—कुमार अम्बुज
आपके संस्मरण ‘कितने शहरों में कितनी बार’—दिल्ली से पता चला कि रवीन्द्र जी कितने साहसी हैं। ट्रेन के नीचे से अँगूठी उठा लाए। यह पूरी लेखमाला आपकी आत्मकथा बन जाएगी जैसे ‘ग़ालिब छुटी शराब’ है। इन लेखों की रोचकता इनकी सच्चाई में निहित है। इनमें आपका संघर्ष भी भरा हुआ है। बधाई लें।
—सरजूप्रसाद मिश्र
अभी-अभी ‘तद्भव’ में ‘कितने शहरों में कितनी बार’ पढ़कर ख़त्म किया। आपकी बेबाकी और वह अनायास फक्कड़पन, न केवल ज़िन्दगी की खानाबदोशी बल्कि उसको उकेरने का ढंग—आपके इस सृजनात्मक रिपोर्ताज़ ने मेरा मन मोह लिया।
—सुदर्शन प्रियदर्शिनी
‘तद्भव’ के नए अंक में आपका संस्मरणात्मक लेख पढ़ा। आपका लेख अद्भुत है। आपकी शैली और भाषा पूरे समय बाँधे रहती है।
—अनन्त विजय
Nibandh Evam Kahaniyan
- Author Name:
Anjum sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sapne
- Author Name:
Rajendra Kumar Kanojiya
- Book Type:

- Description: Short Stories
Encouragement Short Stories (Volume-4)
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Looking for a dose of inspiration to help you tackle life's challenges? Look no further than Encouragement Short Stories (Volume-4) by author [Author Name]. In this collection of heartwarming tales, Dr.Sanjay Rout showcases the power of hope and perseverance in the face of adversity. From tales of everyday heroes who overcome impossible odds to stories of individuals who find redemption in unexpected places, each narrative in Encouragement Short Stories (Volume-4) is sure to uplift and inspire readers of all ages. With Dr.Sanjay's masterful storytelling and attention to detail, readers will be transported to new worlds and meet unforgettable characters. And with each turn of the page, they'll be reminded that anything is possible when we believe in ourselves and the people around us. Whether you're in need of a pick-me-up during a tough time or simply enjoy heartwarming stories that make you smile, Encouragement Short Stories (Volume-4) is the perfect addition to any bookshelf. So grab a copy today and get ready to be inspired by the incredible resilience of the human spirit.
Pratinidhi Kahaniyan : Nirmal Verma
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

- Description: निर्मल वर्मा मनुष्य-जीवन की ऐकांतिक अनुभूतियों के रचनाकार हैं। व्यक्ति और समाज का बाहरी एवं स्थूल यथार्थ उनकी कहानियों में नीरस विवरणों के रूप में नहीं आता, वे यथार्थ के उन सिरों को उभारते हैं, जिनसे हमारा साबिका अत्यन्त निजी क्षणों में पड़ता है और जिनका सरोकार समाज में निरन्तर अकेले होते जा रहे व्यक्ति के अन्तर्मन से है। वे उसके आन्तरिक कोलाहल और हाहाकार के चित्रण से ही अपने इस त्रासद समय पर टिप्पणी करते हैं। इसके लिए उन्हें किसी घटना का सहारा नहीं चाहिए, चाहिए सिर्फ़ एक परिवेश और उसकी धड़कनों को अनुभूत कर सकनेवाला एक संवेदनशील हृदय। निर्मल जी की प्रायः प्रत्येक कहानी इसी रचनात्मक ज़रूरत से उपजी है—एक विशेष मूड और मनःस्थिति के आद्यन्त निर्वाह से परिपूर्ण, जिसे हम अपने भीतर महसूस करते हैं। यह निर्मल वर्मा की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली कहानियों की प्रस्तुति है। जाहिर है ऐसी और भी कहानियाँ हैं जिन्हें इस संकलन में होना चाहिए था क्योंकि उनकी लगभग हर कहानी को उनके पाठकों ने विशेष मानकर ही पढ़ा है। नई हिन्दी कहानी को जैसी कलात्मक अर्थवत्ता उन्होंने दी वह उनका ऐतिहासिक अवदान है।
Do Chhoro Ke Beech
- Author Name:
Monika Gajendragadkar
- Book Type:

- Description: मोनिका तभी कलम चलाती हैं, जब कोई घटना या पात्र उन्हें बेचैनी की सीमा तक परेशान कर देता है। उनके लिए कहानी महज शब्दों की नुमाइश या आतिशबाजी नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों का यथार्थ साक्षात्कार होती है। स्त्री-पुरुष के आपसी अंतर्संबंधों की बारीकियाँ एवं विक्षिप्तता, उनका निपट अकेलापन, उससे पनपनेवाली मानसिक विकृतियाँ, उन्हें इस स्थिति तक पहुँचाने वाला सामाजिक तथा व्यवस्था का ढाँचा, धार्मिक असहिष्णुता, कट्टरवादी भूमिका, मूलतत्त्ववाद तथा उनके आनुषंगिक खतरनाक विघटनकारी तत्त्व, धर्म और श्रद्धा का स्वरूप, प्रत्यक्ष जिंदगी जीने के लिए उनकी प्रासंगिकता एवं उपादेयता, कला और कलाकार की प्रतिबद्धता आदि अन्यान्य जीवन मूल्यों की कशमकश का सूक्ष्म, बेबाक, वस्तुनिष्ठ तथा निष्पक्ष चित्रण उनकी कहानियों में पाया जाता है। मोनिका की कहानियाँ पाठकों के दिमाग को झकझोरती हैं और उन्हें अंतर्मुख भी बना देती हैं। उनकी कहानियाँ समाधान पेश करने के बजाय प्रश्न उपस्थित करती हैं तथा इनसान की मजबूरी, असहायता एवं निर्णयहीनता की वजह से तबाही के कगार की सीमा तक पहुँचे हालातों से पाठकों को रूबरू कराती हैं। किसी भी समस्या की ओर तटस्थता से देखते हुए उसके विभिन्न पहलुओं को परत-दर-परत उजागर करती हैं। मोनिका की कहानियाँ इसी मायने में किसी भी अन्य भाषा की समसामयिक कहानियों से अलग हटकर अपनी विशिष्ट पहचान बनाती हैं।
Vishwa Ki Shreshtha Kahaniya : Vol. 1
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

- Description: भारतीय भाषा परिषद ने भारतीय भाषाओं की कई चुनी हुई रचनाओं के संकलन पहले भी प्रकाशित किए हैं। अब इसी क्रम को बढ़ाते हुए, इसी शृंखला में विश्व की श्रेष्ठ कहानियाँ प्रकाशित की जा रही हैं। उम्र के हर मोड़ पर ये कहानियाँ पाठकों के जेहन से टकराई होंगी, कभी लिखित रूप में, कभी वाचिक। सुदूर देशों के भूगोल और इतिहास को उलाक कर इन रचनाओं ने हमारे स्मृति-कोष को समृद्ध किया है। इनकी गहरी मानवीय दृष्टि, मार्मिक सृष्टि और वृहत्तर अभिप्रायों ने हमें ऐसा छुआ है कि हमने इन्हें अपना पाथेय समझा। विश्व कथा साहित्य से परिचित होने की राह में भारतीय भाषा परिषद का यह विनम्र प्रयास है। —ममता कालिया
ONE PROVERB ONE TALE: 50 Flash Fiction Stories Woven around 50 Hindi Proverbs
- Author Name:
Amit Behal
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Usha Kiran Khan Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Ushakiran Khan
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत संग्रह में वरिष्ठ कथाकार उषा किरण खान की छोटी-बड़ी चौबीस कहानियों में नई और लोकप्रिय कथाएँ शामिल हैं। आत्मवंचना के युग में कई अच्छे-भले शिक्षित युवक आतंकवाद की राह में फँसा दिए जाते हैं—‘अम्मा मेरे भइया को भेजो...’ ऐसी ही कहानी है। ‘किसी से न कहना’, ‘लौट आ ओ समय’ तथा ‘गए माघ उनतीस दिन बाकी’ एक कथा-सीरीज है। अपने समय से संवाद करती बाल सखियाँ उम्र के चौथेपन में मिलती हैं। एक-दूसरे को अपने दिल की कहने-सुनने पर चाहकर भी सबकुछ बाँट नहीं पातीं, कि कहीं साथी इसके दुःख से अधिक दुःखी न हो जाएँ। इनमें स्त्री विमर्श इसी प्रकार का है। लेखिका अपने गाँव, महानगरों में बसी गाँव की स्त्रियों के भूख की, सम्मान की, अस्मिता की तनी गरदनवाली स्त्री की कहानी कहती है। उनके सारे पात्र यथार्थ से उपजे हैं, कल्पना से नहीं। सामाजिक संवेदना और मर्म को छूती लोकप्रिय कहानियों का अनूठा संग्रह।
Tamasha Tatha Anya Kahaniyan
- Author Name:
Manzoor Ehtesham
- Book Type:

-
Description:
पिछले दो दशकों में ‘सूखा बरगद’ और ‘दास्तान-ए-लापता’ जैसे श्रेष्ठ उपन्यासों के लिए चर्चित मंज़ूर एहतेशाम ने एक महत्त्वपूर्ण कथाकार के रूप में भी अलग पहचान अर्जित की है। यह कहना कि उनकी कहानियाँ मध्यवर्गीय (मुस्लिम) वर्ग के बारे में हैं, उनके कथानक का अति-सरलीकरण होगा। दरअसल मंज़ूर एहतेशाम उन थोड़े-से कथाकारों में हैं, जिन्होंने इधर की साहित्यिक बहसों के बुनियादी मुद्दे ही बदल दिए हैं।
प्रस्तुत कहानी-संग्रह ‘तमाशा तथा अन्य कहानियाँ’ में शामिल कहानियाँ, विषयों की नहीं, एक व्यक्ति के होने-न-होने की कहानियाँ हैं। अक्सर इनके केन्द्र में एक संस्कारवान, संवेदनशील व्यक्ति है। और उसे बनाता-ढहाता एक परिवेश। कुछ इस तरह कि कभी काँच के हाथ में पत्थर और कभी पत्थर के हाथ में काँच होने का अहसास बराबर बना रहता है। मध्यवर्गीय अस्तित्व की विडम्बना की ये कहानियाँ कभी शोर और कभी सन्नाटे से स्वयं को बुनती-उधेड़ती हैं। यूँ इनका कथानक बहुत बारीक़ी से अपना उपकथन, अपना सब-टेक्स्ट बनाता-मिटाता चलता है। अपने अल्पकथन के बावजूद ये आश्चर्यजनक रूप से मार्मिक कथाएँ हैं। यहाँ प्रस्तुत बहुचर्चित ‘रमजान में मौत’ से लेकर ‘तमाशा’ तक ये कहानियाँ अपनी यात्रा भी हैं, और पड़ाव भी।
Nrishans
- Author Name:
Avinash Kalla
- Book Type:

-
Description:
अवधेश प्रीत को समय और समाज से संवादरत ऐसे लेखक के रूप में जाना जाता है, जो सच को सच की तरह कहता ही नहीं, बल्कि कई–कई अनुद्घाटित सच्चाइयों से भी परिचित कराता है। उनकी कहानियों से गुज़रना दुर्लभ अनुभवों के वर्जित क्षेत्र में प्रवेश करना है, जिसकी फ़िज़ा में आदिम गन्ध तैरती रहती है। लेकिन कथाकार इनसे बचने के लिए नाक पर रूमाल नहीं रखता, वरन् उनके कारणों और परिणामों की, चीड़–फाड़ करता है।
शीर्षक कथा ‘नृशंस’ समेत संग्रह की तमाम कहानियाँ मौजूदा समय में स्खलित होती संवेदना और सामाजिक सम्बन्धों के बीच चौड़ी होती दरारों की तरफ़ हमारा ध्यान खींचती हैं। भाषा की सहजता, शिल्प की सजगता और कथानक की व्यापकता इन कहानियों की ख़ूबियाँ हैं। ‘नृशंस’ नक्सलवाद के बहाने पूरे तंत्र पर तीक्ष्ण प्रहार करती है तो ‘अली मंज़िल’ भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों की पीड़ा को सहानुभूतिपूर्वक उभारती है। ‘ग्रासरूट’ सामाजिक विकृति के आयामों से सम्पृक्त होकर मानवीय चरित्र को चतुष्कोणीय दृष्टि से देखने का प्रयास करती है। ‘फलितार्थ’ एक छतरी को केन्द्र में रखकर भारतीय किसान–मज़दूर की जद्दोजेहद को विस्तार देती है। यह कहानी किसान की आर्थिक दिक़्क़तों, नए दौर में पुरानी चीज़ों के प्रति मोह, संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़ी अन्तरंग भावनाओं के आयामों के दम तोड़ते समय को अंकित करने में सफल है। ग्रामीण जीवन को रेखांकित करते समय क्षेत्रीय बोलियों का यथोचित इस्तेमाल तथा किसान, मज़दूरों की धड़कन की गहरी अनुभूति कथाकार को एक विशिष्ट दर्जा प्रदान करती है।
अधिकांश कहानियाँ अपनी ताज़गी, सादगी और बेबाकी के कारण चर्चित और प्रशंसित हुर्इं और अपनी सम्प्रेषणीयता, व्यापकता और ग्राह्यता के चलते इन्होंने नाट्य–निर्देशकों को भी आकर्षित किया है। ‘ग्रासरूट’, ‘नृशंस’, ‘तालीम’ और ‘फलितार्थ’ कहानियों का पटना से दिल्ली तक हुआ सफल मंचन इसका प्रमाण है।
Rajjo Mistri
- Author Name:
Pragya
- Book Type:

- Description: Book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...