Gandhiji Kahaniyo Me
Author:
A.P. Parameswaran PillaiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 40
₹
50
Unavailable
इस पुस्तक में राष्ट्रपिता गांधी जी के जीवन की प्रमुख घटनाओं को छोटी-छोटी कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरणा और चेतना प्रदान करनेवाला रहा है। आशा है, नई पीढ़ी के बच्चे व किशोर इससे अधिक से अधिक लाभान्वित होंगे।
ISBN: 9788180310287
Pages: 65
Avg Reading Time: 2 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Gausevak
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

-
Description:
नक्सल प्रभावित एक आदिवासी इलाक़े में विकास का मिथ, नक्सलियों और पुलिस-प्रशासन के बीच पिसते आदिवासी, लगातार मौत को अपने सामने देखते नाउम्मीद जीवन का अवसरवाद जो गौरक्षा की राजनीति करनेवाली एक पार्टी के लिए बहुत उर्वर ज़मीन तैयार करता है, और इन सबके बीच गाय की तस्करी करनेवाले एक गौसेवक आदिवासी नेता के टिकट पाने का जुगाड़...आदिवासी जीवन के संकटों का बयान करनेवाली मुद्रा से अनछुई यह कहानी संकटों के गतिविज्ञान में आपको गहरे ले जाती है, और मज़ा यह कि जाते हुए आपको लेखक के शोध/तजुर्बे से आतंकित/प्रभावित होने की याद भी नहीं रहती! आपको याद बस इतना रहता है कि आप ‘धामा चेरो’ नामक एक गौसेवक आदिवासी नेता की कहानी सुन रहे हैं जिसने कई और गोरखधंधों के साथ-साथ गौतस्करी से अच्छी कमाई की है और जो पिछली बार विफल रहने के बाद इस बार टिकट पाने के लिए कृतसंकल्प है। अनिल यादव की बारीक निगाह और कथाभाषा उनकी ख़ास पहचान है। वे चीज़ों को जिस तरह देखते हैं, उसमें निगाहें हर अवगुंठन को पार कर जाती हैं और 'दृश्य' के भीतर का 'अदृश्य' दिखने लगता है। इसी देखने से इस कहानीकार की ख़ास अपनी कथाभाषा जन्मी है। हिन्दी के युवा/लगभग-युवा कथाकारों में सम्भवतः अनिल यादव ही हैं जिन्हें, अब, कथाभाषा से पहचाना जा सकता है। यह उन्होंने क्रमशः अर्जित की है और 'गौसेवक' में यह अपनी पकी हुई पहचान के साथ है।
—संजीव कुमार
Raf Raf Mail
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

-
Description:
समकालीन हिन्दी कथाकारों में जिन कुछ विशिष्ट कथाकारों की चर्चा की जाती है, उनमें अब्दुल बिस्मिल्लाह प्रमुख हैं। ऐसा इसलिए है कि इस वैश्विक सभ्यता, बाज़ारीकरण और मूल्यहीनता के दौर में भी उनकी आस्था लोक से, जनसामान्य से जुड़ी हुई है। उन्होंने पूँजीवादी व्यवस्था और दलाल बुर्जुआजी के बीच दम तोड़ते व्यक्तियों की सुगबुगाहट को अच्छी तरह पहचाना है और इनके भीतर छिपी विकासात्मक सम्भावनाओं को अपनी कहानियों में काव्यात्मक लय प्रदान की है। भावनात्मक स्तर पर वे जिस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं, वहाँ जीवन के प्रति निश्छल एवं अकुंठ प्रेम का दर्शन होता है। उनकी कहानियाँ परिवेशगत विचित्रताओं, विसंगतियों और जटिलताओं का सूक्ष्म, किन्तु मुकम्मल भाष्य हैं। यहाँ वैचारिक प्रतिबद्धता के साथ भावना का तिरस्कार नहीं, स्वीकार है। रफ रफ मेल की सभी कहानियाँ अब्दुल बिस्मिल्लाह की इन्हीं जीवनेच्छाओं का प्रतिफल हैं।
‘रफ रफ मेल’ में संगृहीत कहानियाँ अपने मिज़ाज और तेवर में परस्पर भिन्न हैं। आज जबकि उत्तर-आधुनिक परिवेश और उत्तर-आधुनिक लेखन की चर्चा ज़ोरों पर है; ये कहानियाँ
अपने पाठकों को हर तरह के नारों से परे करके उन्हें उनकी जड़ों से जोड़ती हैं।
इस संग्रह में ‘गृह प्रवेश’, ‘दुलहिन जीना तो पड़ेगा’, ‘पेड़’, ‘लंठ’, ‘कर्मयोग’ और ‘माटा-मिरला की कहानी’ आदि ऐसी कहानियाँ हैं, जो शिल्प के स्तर पर एकदम नई तर्ज की रचनाशीलता से रू-ब-रू कराती हैं।
‘रफ रफ मेल’ की सम्पूर्ण कहानियाँ संवादात्मक तो हैं ही, प्रयोगधर्मी भी हैं। इन कहानियों में लोक-भाषा, लोक-लय और लोक-मुहावरों को सुरक्षित रखने की कोशिश की गई है, इसीलिए इनमें व्यंग्यात्मकता और ध्वन्यात्मकता की तीखी धार दिखाई पड़ती है।
बीसवीं सदी के अन्त में प्रकाशित यह कहानी-संग्रह अतीत का स्मरण तो दिलाता ही है, भविष्य की ओर भी संकेत करता है।
Bete Ko Kya Batlaoge
- Author Name:
Ramakant Shrivastava
- Book Type:

-
Description:
प्रिय रमाकांत,
बहुत दिनों से तुम्हारी कोई कहानी नहीं पढ़ी। क्या बात है? खैरागढ़ जैसी दूर-दराज़ जगह पर बैठकर तुमने ‘मध्यान्तर’, ‘बेटे को क्या बतलाओगे’, ‘राजा जनक’ जैसी शानदार कहानियाँ लिखकर सभी का ध्यान आकृष्ट किया था। कम लिखकर भी आज के मनुष्य की पीड़ा और उसके विरोधाभासों को तुमने अपनी कहानियों में व्यक्त किया।
तुम्हारा अगला कहानी संकलन कब आ रहा है? नए संकलन में ‘राजा जनक’, ‘प्रेतबाधा’ और ‘उस्ताद के सुर’ कहानियों को ज़रूर शामिल करना। ‘उस्ताद के सुर’ तो हिन्दी की अपने क़िस्म की अलग कहानी है। उसे पढ़कर मुझे लगा था कि उस्ताद सितार बजा रहे हैं और मैं अपना कलैरेनट बग़ल में रखकर सामने दरी पर पालथी मारकर बैठा हुआ रस की फुहार में भीग रहा हूँ। ‘चुप साले’ कहानी में मैं कीचड़-भरी सड़क पर गाड़ी को धक्का लगा रहा हूँ। तुम्हारी चरित्र-सृष्टि में अक्सर मैं अपने को पाता रहा हूँ।
नए साल की शुभकामनाओं के साथ—
तुम्हारा
काशीनाथ सिंह
30 दिसम्बर, 1998
Chaya Ke Pyale Mein Gend
- Author Name:
Vijay Mohan Singh
- Book Type:

- Description: बकौल विजयमोहन सिंह: ‘‘कहानियाँ लिखना दिनोंदिन दुष्कर होता जा रहा है। इसका एक कारण तो शायद यह है कि मनुष्य की प्रकृति क्रमशः ऐन्द्रिकता तथा संवेदनात्मकता से बौद्धिकता की ओर जाने वाली है। इस परिवर्तन में अनुभव और उम्र की भी बड़ी भूमिका प्रमुख होती है। हमारी संवेदनाएँ उम्र के साथ उतनी सरस तथा ऐन्द्रिक नहीं रह पातीं। कथा-साहित्य कविता जितना भाव-केन्द्रित नहीं होता, लेकिन शुष्क विमर्श और बौद्धिक विश्लेषण पर भी आधारित नहीं होता। ऐसा होने पर उसका कथा-तत्त्व ही नहीं, पठनीयता भी क्षीण होती जाती है। कथा की पठनीयता विचार-साहित्य से पृथक् एक अलग धरातल पर निर्धारित होती है। यह अलग बात है कि अक्सर बड़ा कथा-साहित्य अनुभूति और विचार के एक विरल सन्तुलन पर आधारित होता है, किन्तु जिसे परिपक्वता कहते हैं, वह अनुभूति की तीव्रता की कीमत पर ही प्राप्त होती है।’’ यही कारण है कि इस संग्रह में वे ही कहानियाँ शामिल की गई हैं जिनमें अनुभूति की ताजगी बरकरार है, और जो पाठक की रुचि को बाँधे रख सकें। विजयमोहन सिंह कहानी के लिए सामाजिक- राजनीतिक रूप से प्रासंगिक होना अनिवार्य नहीं मानते, लेकिन वह केवल बुद्धि या कल्पना का विलास होकर रह जाए, इससे भी वे सहमत नहीं हैं। प्रस्तुत संग्रह की कहानियाँ अपने समय और समाज के धरातल पर खड़ी होकर कथा-रस का निर्वाह भी करती हैं, और इस तरह एक स्वस्थ और समग्र पठनीयता का आधार पाठक को देती हैं।
Nazar Battoo
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Book
Zindagi Se Pyar Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Jack London
- Book Type:

-
Description:
ज़िन्दगी से प्यार और अन्य कहानियाँ जैक लण्डन की कुछ चुनी हुई कहानियों का यह संकलन हिन्दी पाठकों के समक्ष उनकी मौलिक और प्रयोगशील सर्जनात्मकता की एक बानगी पेश करेगा।
उत्तरी इलाक़ों की अपनी कहानियों में जैक लण्डन ने बुर्जुआ सभ्यता को अनछुई प्रकृति के सामने खड़ा करने की कोशिश की। अनछुई, शुद्ध बना देनेवाली प्रकृति के प्रति सम्मोहन और बुर्जुआ सभ्यता की तकनीकी-सांस्कृतिक उपलब्धियों के प्रति आस्था के बीच सतत द्वन्द्व उसकी कहानियों में आद्यन्त एक क़िस्म के तनाव का निर्माण करता रहा।
प्रकृति के साथ जैक लण्डन ने अपनी प्रारम्भिक रचनाओं से ही जो जटिल द्वन्द्वात्मक रिश्ता क़ायम करना शुरू किया था, वह अन्त तक बना रहा। एक धरातल पर वे मनुष्य और प्रकृति के इस शाश्वत द्वन्द्व को दिखलाते हैं, जहाँ प्रकृति का अंग होने के साथ ही उत्पादक शक्तियों को अपने विकास के लिए उससे जूझना भी होता है। दूसरे धरातल पर, भीषण प्रकृति से ज़िन्दगी की हिफ़ाज़त के लिए इनसान की लड़ाई में वे सामाजिक संघर्ष में जूझ रहे नर्क़ की ज़िन्दगी बितानेवाले लोगों की जिजीविषा और युयुत्सा का रूपक तलाशते और गढ़ते दिखाई देते हैं। एक तीसरे धरातल पर उनकी रचनाओं में प्रकृति हमें घोर मानवद्रोही बुर्जुआ समाज से दूर एक आत्मीय-आदिम शरण्य के रूप में दिखती है और अलगाव के निषेध का समग्र प्रभाव उत्पन्न होता है।
Pahala Path
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

-
Description:
इतिहास के जिस मोड़ पर यह कहानी-संग्रह प्रकाशित हुआ था, वह भारत के राजनीतिक-सामाजिक जीवन का सन्धि-काल था। आज़ादी के बाद का पहला दशक, जिसके साल 1957 में यह संग्रह प्रकाशित हुआ। इसी संग्रह में भीष्म जी की सर्वाधिक चर्चित कहानियों में से एक 'चीफ़ की दावत' प्रकाशित हुई, जो मध्यवर्ग की कैरियरिस्ट विडम्बनाओं और पारिवारिक मूल्यों के तेज़ी से बदलने की प्रक्रिया को बारीकी और मार्मिकता से पकड़ने के लिए आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। बाद में इसके आलावा भी भीष्म जी की क़लम से ऐसी कहानियों की रचना हुई जो न सिर्फ़ अपनी संरचना, बल्कि अपनी पठनीयता के नज़रिए से भी मील का पत्थर साबित हुई।
इस संग्रह में संकलित कहानियाँ, उन तमाम विशेषताओं को कहीं-न-कहीं रेखांकित करती हैं, जो बीच-बीच में उनकी कालजयी कथा-रचनाओं में एक साथ उपस्थित होती रही हैं। इन कहानियों ने बताया था कि भीष्म जी ने अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता को कहानी की नहीं, अपनी दृष्टि की पहचान बनाया। इसीलिए ये कहानियाँ बावजूद इसके कि लेखक के सोचने का अपना एक अनुशासन है, अपनी नियति की तरफ स्वतंत्र रूप से बढ़ती हैं, और उपदेश के बजाय जीवन को एक नई जगह से देखने का विकल्प सुझाती हैं।
Patta Patta Boota Boota
- Author Name:
Kashinath Singh
- Book Type:

-
Description:
काशीनाथ सिंह ने कई विधाओं में रचना की है। यह उनकी अभी तक असंकलित रचनाओं का संग्रह है जिसमें उनकी कुछ कहानियों के साथ कुछ अन्य गद्य रचनाओं को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ कहानियों को काशीनाथ जी ने ख़ारिज के खाते में डाल रखा था। लेकिन किसी भी रचनाकार की संरचना को पूरी तरह समझने के लिए यह आवश्यक है कि उसकी उन रचनाओं को भी पढ़ा जाए, जिन्हें वह ख़ुद महत्त्वपूर्ण नहीं मानता। कई बार ऐसा भी होता है कि अपनी जिन चीज़ों को लेखक बहुत अहमियत नहीं देता, वे वास्तव में पाठकों के लिए बहुत महत्त्वर्ण साबित होती हैं। सम्भव है कि इनमें भी आपको कुछ ऐसी रचनाएँ दिख जाएँ।
काशीनाथ सिंह लोक-बोध से सम्पन्न रचनाकार रहे हैं। वे चीज़ों को वहाँ से देखने के हिमायती हैं जहाँ हम खड़े होते हैं, वहाँ से नहीं जहाँ से देखने का रिवाज चल निकलता है और हर कोई जिसे या तो फ़ैशन के चलते या पोलिटिकल करेक्टनेस के कारण अपनाने लगता है।
इस पुस्तक में शामिल रचनाओं में हमें उनकी अपनी दृष्टि से देखी हुई चीज़ें मिलती हैं जो हमें आगे अपनी दृष्टि विकसित करने, अपने पक्ष को परिभाषित करने का आधार देती हैं। इस पुस्तकीय प्रस्तुति का उद्देश्य काशीनाथ सिंह की पचास वर्षों के व्यापक कालखंड में बिखरे रचना-स्फुलिंगों को एकत्रित करना और उनके उस लेखक को समझना है जो इस बीच बना, साथ ही उसके बनने की प्रक्रिया को भी।
Halyog
- Author Name:
Markandey
- Book Type:

- Description: मार्कण्डेय की अब तक असंकलित कहानियों का संग्रह 'हलयोग' व्यवहार रूप में परिणत होकर अब आपके हाथ में है। इस संग्रह में कुल बीस कहानियाँ हैं। इन कहानियों का कोई क्रम नहीं है, कोशिश बस इतनी है कि ग्रामीण यथार्थ और संवेदना से जुड़ी कहानियाँ शुरू में एक साथ हों। ख़ास बात यह कि इसमें उनकी लिखी पहली कहानी ‘ग़रीबों की बस्ती' और अन्तिम, लिखी जा रही कहानी ‘खुशहाल ठाकुर’ संकलित है। कुल मिलाकर यह संग्रह भी बदलते समय, जीवन और उसके भीतर के प्रतिरोधी स्वर के बीच मार्कण्डेय की ख़ास राजनीतिक और वैचारिक सचेतनता लिए हुए है।
Main Hawa Pani Parinda Kuchh Nahin
- Author Name:
Rajesh Joshi
- Book Type:

-
Description:
यह एक कवि का गल्प है, सो ज़ाहिर है इसमें कल्पना की उड़ान भी है, और ज़मीन का खुरदरापन भी। ये कहानियाँ जिनके बारे में ख़ुद लेखक का कहना है कि बहुत अनुशासित ढंग से नहीं लिखी गईं, अपने आयतन में मध्यवर्गीय जीवन की कठोर सीमाओं को रेखांकित करते हुए उन फ़ंतासियों तक जाती हैं जिनमें एक बड़े जीवन-बोध की संभावनाएँ खुलती हैं।
संग्रह की पहली कहानी ‘मैं हवा पानी परिंदा कुछ नहीं’, जिसका नायक अपने पक्षी-प्रेम के चलते सहसा एक चिडि़या में बदल जाता है, फ़ंतासी के फ्रेम में समय तथा सत्ता-संरचना के कई कँटीले पहलुओं को रेखांकित करती है। इसी तरह ‘साँप’ भी जिसमें मध्यवर्गीय आकांक्षाओं और उनके सभ्यतागत विस्तार को एक साँप के रूपक में उसकी तमाम भयावहताओं के साथ साकार कर दिया गया है।
मँझोले शहरों का साँवला-सा माहौल इन कहानियों में अपने तमाम शेड्स के साथ मौजूद है जिसे राजेश जी की चुटीली कहन ने और जीवन्त कर दिया है। ‘सोमवार’ कहानी के विवरण इस लिहाज़ से विशेष तौर पर पढ़ने लायक़ है और इसमें चित्रित किया गया जीवन भी जो अपने देश और काल की छवियों को एक सजीव कोलाज में ढाल देता है।
कविता के पंखों पर उड़ता हुआ गद्य इन सभी कहानियों की उपलब्धि है। इन कहानियों को पढ़ते हुए हम सिर्फ़ कथा-सूत्र के साथ नहीं चलते, उसकी बिम्ब-योजना हमें अनुभव के एक समानान्तर लोक में भी प्रक्षेपित करती जाती है; जिससे एक वृहत्तर यथार्थ हमारी पहुँच में होता है।
Bhartiya Bhooton Ki Ajeeb Dastan-1
- Author Name:
Riksundar Banerjee
- Book Type:

-
Description:
भारत में हर समुदाय, जनजाति और उप-समुदाय के अपने भूत-प्रेत हैं। सदियों से भूत-प्रेतों की दुनिया भारतीयों को आकर्षित करती रही है। माना जाता है कि कुछ भूत जलाशयों के पास पाए जाते हैं और वे गुपचुप आते-जाते राहगीरों पर नज़र बनाए रखते हैं, तो कुछ गर्मियों के दोपहर में खेतों में भटकते रहते हैं और रास्ता खोए हुए पुरुषों को बहकाते हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं जो अन्य बुराइयों से हमारी रक्षा करते हैं। शिकार की तलाश में पास-पड़ोस में भटकती उत्तर भारत की चुड़ैलों से लेकर मछली पसंद करने वाले पश्चिम बंगाल के मेछो भूत और तमिलनाडु के भयानक मुनि पेई भूतों तक—भारतीय भूतों की श्रेणियाँ अत्यंत विशाल है, जिनकी संख्या का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
कौन हैं ये घने जंगलों में विचरने वाले रहस्मयी जीव? गहरे, शांत जल की सतह के नीचे कौन से रहस्य छिपे हैं? हम इन अतृप्त आत्माओं को कैसे समझें, जिन्होंने हमारी स्मृतियों, हमारे मानस, कल्पनाओं और साहित्य में व्यापक स्थान बना रखा है?
रिकसुंदर बनर्जी भारतीय भूतों के अध्येता एवं विशेषज्ञ हैं, जो लोकप्रिय और प्रचलित किंवदंतियों, आस्थाओं, अंधविश्वासों और अनुभवों के पीछे की सच्चाई को जानने के प्रयास में भारतभर में भूत-प्रेतों की दुनिया की पड़ताल करते हैं। उनके अध्ययन और शोध का परिणाम है यह पुस्तक—जो भारत और भारतीयों को आतंकित करते भूत-प्रेतों के बारे में एक प्रामाणिक, गहन शोध-पूर्ण और रोमांचक विवरण देता है।
Atithi Devo Bhav
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

- Description: बहुचर्चित कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह का रचना-कर्म आज के ज्वलंत सामाजिक सवालों से जुड़ा हुआ है और ‘अतिथि देवो भव’ में शामिल कहानियाँ उनकी इस रचनात्मक प्रतिबद्धता को और अधिक गहरा करती हैं । कहानियों की इस दुनिया में प्रवेश करते हुए हम भारतीय समाज के विभिन्न तबकों, संस्कारों और परंपराओं से जुड़े कुछ ऐसे चरित्रों से परिचित होते हैं, जिन्हें व्यक्तियों के बजाय सहज ही मानव-मूल्यों की संज्ञा दी जा सकती है। ऐसे चरित्रों में ‘अलिया धोबी और पाव-भर गोश्त’ का अलिया, ‘पुण्यभोज’ का खुदाबकस,‘खाल खींचनेवाले’ का भुनेसर, ‘नर-लीला’ की कमली, ‘सुलह’ का महादेव, ‘यह कोई अन्त नहीं’ का सरवर और ‘दूसरा सदमा’ के गुलामू चचा विशेष उल्लेखनीय हैं। इन कथा-चरित्रों की शक्लें और कार्य-व्यवहार भले ही अनेक हों, लेकिन अपने इर्द-गिर्द क्रियाशील अमानवीय तंत्र के विरुद्ध उनका गुस्सा और संघर्ष एक है। वर्तमान व्यवस्था के मानव-विरोधी स्वरूप को वे जिस प्रकार महसूस करते हैं और पहचानते हैं, वह न केवल उन्हें, बल्कि इन कहानियों को भी अविस्मरणीय बना देता है। इनके अलावा कुछ कहानियाँ ऐसे चरित्रों को भी सामने लाती हैं, जो पोर-पोर लंपटता से भरे हैं और आधुनिक जीवन स्थितियों से परिचालित मानव-स्वभाव के संदर्भ में कई स्तरों पर विद्रूप पैदा करते हैं। वस्तुत: अपने वर्तमान से सीधे साक्षात्कार के लिए भी इन कहानियों को उसी सहजता से ग्रहण किया जा सकता है, जिस सहजता से ये लिखी गई हैं।
Narak Le Janewali Lift
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

-
Description:
मेरे लिए अनुवाद दो भाषाओं की क्षमता, सम्भावना और शब्द-शक्तियों को खँगालने और सही अर्थ या मन्तव्य पकड़ सकने की चुनौती के रूप में आता है। यहाँ दोनों भाषाओं की अपनी बनावट ही नहीं, भौगोलिक स्थितियों और संस्कृतियों के साथ अलग समयों की यात्रा भी करनी पड़ती है। सौ-दो सौ या हज़ार साल पहले के समाज-समय को आज के मिज़ाज में ढालना सिर्फ़ शब्दार्थ देना ही नहीं है। इस प्रयास में प्रायः नाश अपनी भाषा का ही होता है। हमारे दिमाग़ पर मूल पाठ इतना हावी होता है कि अपनी भाषा-प्रकृति की तरफ़ ध्यान ही नहीं दे पाते।
अनुवाद में मैं पहली जवाबदेही अपनी भाषा के प्रति मानता हूँ। वह मूल के प्रति ईमानदार होने के साथ अधिक से अधिक सहज, सम्प्रेषणीय और प्रवाहपूर्ण होनी चाहिए। इसके लिए ज़रूरी है कि या तो आप स्वयं मूलपाठ से मुक्त होकर अनुवाद का संशोधन करें या दूसरे ऐसे व्यक्ति से मदद लें जो मूल से आक्रान्त न हो।
इन कहानियों के चुनाव के पीछे न कोई योजना है, न सिद्धान्त। जब जो कहानी पसन्द आ गई या जितनी फ़ुर्सत या मनःस्थिति सामने हुई, उसी हिसाब से कहानी चुन ली गई। चूँकि इन सारी कहानियों के अनुवाद की अवधि मोटे रूप से दस-पन्द्रह साल (1952-65) रही है, इसलिए शायद भाषा भी एक-सी नहीं है। फिर भी सम्भवतः पठनीय है।
—भूमिका से
Do Sakhiyan
- Author Name:
Shivani
- Book Type:

-
Description:
महिला कथाकारों में जितनी ख्याति और लोकप्रियता शिवानी ने प्राप्त की है, वह एक उदाहरण है श्रेष्ठ लेखन के लोकप्रिय होने का। शिवानी लोकप्रियता के शिखर को छू लेनेवाली ऐसी हस्ती हैं, जिनकी लेखनी से उपजी कहानियाँ कलात्मक भी होती हैं और मर्मस्पर्शी भी।
अन्तर्मन की गहरी पर्तें उघाड़नेवाली ये मार्मिक कहानियाँ शिवानी की अपनी मौलिक पहचान हैं जिनके कारण उनका अपना एक व्यापक पाठक वर्ग तैयार हुआ।
इनकी कहानियाँ न केवल श्रेष्ठ साहित्यिक उपलब्धियाँ हैं, बल्कि रोचक भी इतनी हैं कि आप एक बार शुरू करके पूरी पढ़े बिना छोड़ ही न सकेंगे।
प्रस्तुत संग्रह में ‘उपप्रेती’, ‘दो सखियाँ’, ‘चाँचरी’, ‘पाथेय’ एवं ‘बन्द घड़ी’ कहानियाँ संकलित हैं। हर कथा अपनी मोहक शैली में अभिभूत कर देने की अपार क्षमता रखती है।
कलात्मक कौशल के साथ रची गईं ये कहानियाँ हमारी धरोहर हैं जिन्हें आज की नई पीढ़ी अवश्य पढ़ना चाहेगी।
Cricket Ka Mahabharat
- Author Name:
Sushil Doshi
- Book Type:

-
Description:
सुशील दोषी क्रिकेट की जानी-मानी शख़्सियत हैं। क्रिकेट को भारत में लोकप्रिय बनाने एवं घर-घर में कमेंटरी के ज़रिए पहुँचाने में उनका नाम सर्वोपरि है। सशक्त व दिल छूनेवाली आवाज़ तथा आकर्षक शैली के कारण उनकी हिन्दी कमेंटरी ही नहीं, उनका लेखन भी लुभाता रहा है। इस पुस्तक के ज़रिए वह क्रिकेट कहानियों के नए क्षेत्र में क़दम रख रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है, यह पुस्तक उनकी कमेंटरी की तरह ही यादगार बन जाएगी।
—संजय जगदाले (पूर्व सचिव, बी.सी.सी.आई., पूर्व चयनकर्ता व अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक)
सुशील दोषी की कमेंटरी तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। करोड़ों लोगों के साथ मैं भी उनका प्रशंसक हूँ। इस कहानी-संग्रह को आप दिलचस्प पाएँगे। महाभारत व क्रिकेट का मिश्रण अत्यन्त रोचक है। दुनिया में क्रिकेट की पृष्ठभूमि पर कहानियों का अभाव है। इस अभाव को दूर करने की दिशा में किया गया यह रचनात्मक प्रयास प्रशंसा के क़ाबिल है। सुशील सर को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएँ।
—नरेन्द्र हिरवानी (क्रिकेट खिलाड़ी, विश्व रिकॉर्ड होल्डर, पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता, ख्यात प्रशिक्षक)
सुशील दोषी ने क्रिकेट क्षेत्र में व्याप्त समस्त ग्राह्य तथा अग्राह्य व्यक्ति व्यवहारों को परिलक्षित करते हुए ‘महाभारत’ के पात्रों को आधार बनाकर कथाओं का सृजन किया है। उन्हें पढ़ते हुए हम बिना किसी प्रयास के कथावस्तु व ‘महाभारत’ में सहज सम्बन्ध खोज लेते हैं। सुशील जी का यह अनूठा प्रयास सराहनीय है। महर्षि वेद व्यास ने ‘महाभारत’ में स्वयं कहा है—‘‘यन्नेहास्ति न कुत्रचित्।’’ यानी जिस विषय की चर्चा इस ग्रन्थ में नहीं है, उसकी चर्चा अन्यत्र कहीं भी उपलब्ध नहीं है। ठीक उसी प्रकार से खेल में अपेक्षित तथा अवांछित कृत्यों का उल्लेख सुशील जी की इस पुस्तक में नहीं है, तो कहीं भी नहीं है। विषय वस्तु की गहरी पकड़ व भाषा की दिल छूनेवाली सरलता उनके स्वभाव को ही प्रदर्शित करती है। शुभकामनाएँ।
—मिलिन्द महाजन
Mar Gaya Deepnath
- Author Name:
Chandrakishore Jaiswal
- Book Type:

- Description: चन्द्रकिशोर जायसवाल अपने आसपास के समाज और जीवन को सहज भाव से देखते-पढ़ते हैं, और उसी सहजता से उसके विरोधाभासों की ओर संकेत करते हुए ऐसी कहानी लिखते हैं, जिससे पाठक फ़ौरन जुड़ जाता है। मर गया दीपनाथ कहानी-संग्रह में शीर्षक कथा के अलावा पाँच कहानियाँ और हैं। लगभग सत्तर पृष्ठों में फैली कहानी ‘मर गया दीपनाथ’ हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिकता को मनोवैज्ञानिक स्तर पर समझने की कोशिश करती है, और उन बड़े मूल्यों को रेखांकित करती है जिनके आधार पर भारत की साझी सामाजिकता आकार ग्रहण करती है। साधारण शैली में असाधारण कहानियाँ रचनेवाले कथाकार चन्द्रकिशोर जायसवाल ने मध्यवर्गीय पारिवारिक जीवन को गहरी संवेदनशीलता के साथ अंकित किया है, साथ ही ग्रामीण जीवन के ऐसे चित्र भी उनके यहाँ मिलते हैं जिनसे स्वातंत्र्योत्तर भारत में विभिन्न स्तरों पर घटित होनेवाले बदलावों के सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक निहितार्थों को समझना आसान हो जाता है। इस संग्रह में शामिल कहानियाँ न सिर्फ़ उनके कथाकार के विभिन्न पक्षों को सामने लाती हैं, बल्कि अपनी पठनीयता और यथार्थबोध के चलते हमारी स्मृति का हिस्सा बन जाती हैं।
SHRESHTHA LATIN AMERIKI KAHANIYAN
- Author Name:
Sushant Supriy
- Book Type:

- Description: श्रेष्ठ लैटिन अमेरिकी कहानियाँ प्रस्तुत है—विश्व के महान लातिन अमेरिकी कथाकारों बोर्गेस, मार्खेज़, कोर्टाज़ार, रोसा और इज़ाबेल की कालजयी कहानियों का यह मूल्यवान संग्रह हिंदी पाठकों के लिए।
Bhaiya Express
- Author Name:
Arun Prakash
- Book Type:

- Description: Short Stories
Celebrating Phanishwar Nath Renu
- Author Name:
Phanishwar Nath Renu
- Rating:
- Book Type:

- Description: Awaited
Pratinidhi Kahaniyan : Mamta Kaliya
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...