Kavita Kaaran Dukh
Author:
Rajkumar KumbhajPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
‘कविता कारण दु:ख' सुधी पाठकों को कुछ-कुछ अपना लगेगा और कुछ-न-कुछ बेहतर सोच-विचार के लिए प्रेरित व विवश भी करेगा। क्योंकि प्रारम्भिक तौर पर अति…सरलीकृत-सी दिखाई देनेवाली इन कविताओं में वैश्विक राजनीति और वैश्विक कविता के अक्षांश का सारांश भी सहज ही देखा जा सकता है।</p>
<p>यह ज़रा भी अन्यथा नहीं है कि उनकी कविताओं का मूल स्वर मनुष्य, मनुष्यता, प्रेम और सत्ता-विरोध ही अधिक है। वे सामाजिक विद्रूपताओं के विपक्ष और आम आदमी की पीड़ा के पक्ष में सदैव ही मुस्तैदी से खड़े दिखाई देते हैं।
ISBN: 9789388211239
Pages: 100
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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चूँकि आपने अपनी इस कविता में सब कुछ खोलकर रखा है इसलिए मैं भी आपको साफ़-साफ़ बताना चाहती हूँ कि आपकी सीख मुझे बहुत देर से मिली। आप चाहते हैं कि मेरी बेटी प्रेम करे तो थोड़ा रुककर क्योंकि ‘प्रेम करने की सही उम्र नहीं यह’ और ‘मेरी बेटी काँपते और डरते हुए नहीं, इस डगर पर/सँभलकर चलते हुए करे प्रेम/अपने भीतर अद्भुत स्वाद लिए बैठे प्रेम के इस फल को/वह हड़बड़ी में नहीं धैर्य से नमक के साथ चखे।’
आपकी ही बेटी ठहरी, इसलिए मैंने ख़ूब सोच-समझकर, जितना पता लगा सकती थी, पता लगाकर अपने स्कूल के राजीव से प्रेम किया था। वह मुझसे एक क्लास आगे है। सुन्दर और पढ़ाई में बहुत तेज़ है।
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