Aadhe-Adhoore

Aadhe-Adhoore

Authors(s):

Mohan Rakesh

Language:

Hindi

Pages:

120

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

240 mins

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Book Description

‘आधे-अधूरे’ आज के जीवन के एक गहन अनुभव–खंड को मूर्त करता है। इसके लिए हिन्दी के जीवन्‍त मुहावरे को पकड़ने की सार्थक, प्रभावशाली कोशिश की गई है।</p> <p>...इस नाटक की एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण विशेषता इसकी भाषा है। इसमें वह सामर्थ्य है जो समकालीन जीवन के तनाव को पकड़ सके। शब्दों का चयन, उनका क्रम, उनका संयोजन—सबकुछ ऐसा है जो बहुत सम्‍पूर्णता से अभिप्रेत को अभिव्यक्त करता है। लिखित शब्द की यही शक्ति और उच्चारित ध्वनि–समूह का यही बल है, जिसके कारण यह नाट्य–रचना बन्‍द और खुले, दोनों प्रकार के मंचों पर अपना सम्मोहन बनाए रख सकी।</p> <p>...यह नाट्यलेख, एक स्तर पर स्त्री–पुरुष के बीच के लगाव और तनाव का दस्तावेज़ है...दूसरे स्तर पर पारिवारिक विघटन की गाथा है। एक अन्य स्तर पर यह नाट्य–रचना मानवीय संतोष के अधूरेपन का रेखांकन है। जो लोग ज़ि‍न्‍दगी से बहुत कुछ चाहते हैं, उनकी तृप्ति अधूरी ही रहती है।</p> <p>एक ही अभिनेता द्वारा पाँच पृथक् भूमिकाएँ निभाए जाने की दिलचस्प रंगयुक्ति का सहारा इस नाटक की एक और विशेषता है।</p> <p>संक्षेप में कहें तो ‘आधे–अधूरे’ समकालीन ज़िन्दगी का पहला सार्थक हिन्दी नाटक है। इसका गठन सुदृढ़ एवं रंगोपयुक्त है। पूरे नाटक की अवधारणा के पीछे सूक्ष्म रंगचेतना निहित है।

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