Sumitranandan Pant Granthavali : Vols. 1-7
Author:
Sumitranandan PantPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 9600
₹
12000
Available
ग्रंथावली के इस प्रथम खंड में पंत जी की वे पाँच आरम्भिक कृतियाँ सम्मिलित हैं, जिनकी रचना उन्होंने काल–क्रमानुसार सन् 1935 से पूर्व की थी। हिन्दी कविता के प्रसिद्ध छाया–युग की विशिष्ट देन के रूप में ये बहुचर्चित रही हैं।</p>
<p>पहली कृति ‘हार’ एक उपन्यास है जिसकी रचना उन्होंने सोलह–सत्रह वर्ष की अल्प वय में की थी। विश्व-प्रेम को वाणी देनेवाली यह कथा–कृति रचनाकार के समस्त कृतित्व के अन्त:स्व को अनुध्वनित करती है। ‘वीणा भावमय’ प्रगीतों का संग्रह है जिसमें कवि–मन की सहज कोमलता, माधुर्य और भोलापन है, साथ ही एक ‘दुधमुँही आत्मा की सुरभि’ भी। ‘ग्रन्थि’ एक लघु खंडकाव्य है, इसकी वियोगान्त प्रणय–कथा इतनी मर्मस्पर्शी है कि इससे सहज ही कवि की ‘आपबीती’ का भ्रम होने लगता है। ‘पल्लव’ की कविताएँ प्रकृति और मानव–हृदय के तादात्म्य के मोहक भावचित्र प्रस्तुत करती हैं, विश्वव्यापी वेदनानुभूति इनमें पूरी प्रभावकता से अभिव्यंजित है। ‘गुंजन’ के गीत सौन्दर्य–सत्य के साक्षात्कार के गीत हैं। ‘सुन्दरम्’ के आराधक कवि इनमें क्रमश: ‘शिवम्’ की ओर उन्मुख होते हैं। ये गीत वस्तुत: व्यापक जीवन–चेतना के मुखरित उल्लासराग हैं। ‘ज्योत्स्ना’ एक प्रतीकात्मक गद्य–नाटक है जिसमें ज्योतिर्मय प्रकाश से जाज्वल्यमान सुन्दर–सुखमय जग–जीवन की कल्पना को कलात्मक अभिव्यक्ति मिली है, इसमें गीतिकाव्य–सा सम्मोहन है।</p>
<p>
ISBN: 9788126709878
Pages: 3572
Avg Reading Time: 119 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Double Helix
- Author Name:
James W. Douglass
- Book Type:

- Description: डी.एन.ए. मूलभूत आनुवंशिक पदार्थ है और बहुत थोड़े से लोगों को साठ साल पहले यह भान हुआ कि डी.एन.ए. ही जीवन की कुंजी है। जेम्स डी. वॉट्सन उन्हीं में से एक थे जिन्होंने अपने सहयोगी फ्रांसिस क्रिक के साथ जीवन के इस अनूठे रहस्य की संरचना को खोजा और इसके साथ ही बीसवीं सदी के विज्ञान को नए पंख लगा दिए। इस खोज को बीसवीं सदी की दो सबसे महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक घटनाओं में से एक माना जाता है। इस खोज ने डी.एन.ए. पर शोध का जो तूफ़ान चलाया था, वह आज तक थमा नहीं है। बात फिर चाहे जीन्स के पशुओं में परिस्थापन की हो या फिर फ़सलों की प्रकृति बदलने की, आप जीन्स या डी.एन.ए. से बच नहीं सकते। लेकिन यह शोध अपने साथ जो विवाद लाया था, वह भी आज तक ज़िन्दा है। क्रिक और वॉट्सन को कुछ रसायन विज्ञान का ज्ञान था, लेकिन दोनों में से किसी ने भी अपने शोध के परिणाम तक पहुँचने के लिए कभी प्रयोगशाला-परीक्षण नहीं किए थे। इसके विपरीत उन्होंने दूसरों द्वारा किए गए शोध को आधार बनाकर सिर्फ़ मॉडल बनाए—और बात बन गई। इस क्रम में केवेंडिश की प्रयोगशाला में रोज़ालिंड फ़्रैकलिन द्वारा लिए गए एक्स-रे चित्रों की विशेष भूमिका थी। वॉट्सन ने वह मशहूर चित्र 51 बिना रोज़ालिंड फ़्रैकलिन की जानकारी के रोज़ालिंड के सहयोगी मॉरिस विल्किन्स की मदद से देख लिया था। वह चित्र स्पष्ट रूप से डी.एन.ए. की प्रकृति को दिखा रहा था। इसके बाद वॉट्सन ज़ोर-शोर से मॉडल बनाने में लग गए। लेकिन अपने शोध में उन्होंने रोज़ालिंड के उस चित्र की भूमिका को कभी नहीं स्वीकारा, न ही अपनी खोज के श्रेय में रोज़ालिंड को कोई हिस्सा दिया। बल्कि इस पुस्तक में भी उन्होंने रोज़ी के रूप में उनका नकारात्मक चित्रण किया। बाद के वर्षों में रोज़ालिंड के सहयोगियों और तमाम स्त्रीवादियों द्वारा वॉट्सन के चित्रण की भर्त्सना भी की गई। यह पुस्तक बीसवीं सदी के विज्ञान साहित्य की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में गिनी जाती है। इसकी सीधी-सपाट भाषा प्रयोगशालाओं और वैज्ञानिकों के बीच के बौद्धिक सम्बन्धों की परम्परागत तसवीर को पूरी तरह खंडित करती है और दर्शाती है कि वैज्ञानिक भी मनुष्य हैं—ईर्ष्या, अभिलाषाओं और कुंठाओं से भरे मनुष्य। भारत में यह पुस्तक पहली बार 2003 में हिन्दी में प्रकाशित हुई और अपने विशेष महत्त्व के कारण आज भी पाठकों की प्रिय बनी हुई है।
Upanishadon Ki Kathayen
- Author Name:
Harish Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Uttar Pradesh (UP) Police Constable Recruitment Exam 2024 | 15 Practice Sets 2200+ MCQs
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ek Gond Gaon Me Jeevan
- Author Name:
Veriar Elwin
- Book Type:

- Description: वेरियर एलविन एक युवा अंग्रेज़ थे जो मिशनरी बनकर भारत आए और बाद में भारत के एक महत्त्वपूर्ण मानव-विज्ञानी बने। गांधी जी की प्रेरणा और जमनालाल बजाज के मार्गदर्शन में वेरियर एलविन ने मैकाल पहाड़ी पर बसे एक गोंड गाँव करंजिया में बसने का निर्णय लिया और उस क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए ख़ुद को समर्पित कर दिया। ‘एक गोंड गाँव में जीवन’ उनके करंजिया में बिताए 1932 से 1936 तक के जीवन का रोज़नामचा है जहाँ वे गोंड लोगों की तरह ही स्वयं और कुछ मित्रों की सहायता से बनाई गई एक झोंपड़ी में रहते थे। यह जीवन्त, मर्मस्पर्शी और उपाख्यानात्मक पुस्तक है जिसमें एलविन ने निरीक्षण की अपनी मानव-विज्ञानी क्षमता और स्वाभाविक विनोदप्रियता के संयोग से गोंड जीवन की बहुरंगी छवि और आश्रम, जिसमें हिन्दू मुसलमान, ईसाई, गोंड आदि सभी शामिल हैं, की आन्तरिक उपलब्धि का उत्कृष्ट वर्णन किया है।
Aana Mere Ghar
- Author Name:
Tulsi Devi Tiwari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhumakkhi Palan Keejiye Aur Kamaiye
- Author Name:
Manish Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Money Making Skills by Warren Buffet: A Guide to Building Wealth (Warren Buffett Investment Strategy Book)
- Author Name:
Pradeep Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mera Bharat Mahan
- Author Name:
M.G. Vaidya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Rajniti Shastra Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Political Science Practice Sets in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Narad Muni Ki Aatmkatha
- Author Name:
Dr. Laxmi Narayan Garg
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mukesh Ambani Ki Biography
- Author Name:
A.K. Gandhi
- Book Type:

- Description: भारत में उद्यमियों के बीच एक सबसे अधिक जाना-माना नाम मुकेश अंबानी का है। उन्हें उद्यमशीलता की भावना, महत्त्वाकांक्षा और इच्छाशक्ति का पर्याय कहा जाता है। वह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आर.आई.एल.) के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और सबसे बड़े शेयरधारक हैं। वर्ष 2021 में उनकी पहचान दुनिया के 10वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में बनी। रिलायंस को आगे बढ़ाने के लिए मुकेश स्टैनफोर्ड छोडक़र अपने पिता श्री धीरुभाई अंबानी का हाथ बँटाने लगे। पेट्रोकेमिकल्स से दूरसंचार तक रिलायंस का विस्तार करने में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे रिलायंस आज भारत के व्यापार क्षेत्र का एक विशालकाय समूह बन गया है। उद्यमशीलता, नेतृत्व, आत्मविश्वास, दूरदृष्टि और कर्तृव्य के पर्याय मुकेश अंबानी की प्रामाणिक जीवनगाथा, जो पाठकों को प्रेरित करेगी कि वे भी अपने सपनों को पूरा करने तथा सफल होने के लिए इनका अनुसरण करें।
NOOR Story of A Finding Yourself Hindi Translation of NOOR — A Star Is Born
- Author Name:
Manmeet Singh Chadha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Baba & Me
- Author Name:
Dr. Soma Ghosh
- Book Type:

- Description: When I met Shri Narendra Modi, Prime Minister of India on the 26th of March 2015, my enthusiasm for music was at its lowest ebb. During our conversation, Modiji was intrigued by my dream project, 'Sangeet Gram', an academy in the memory of Ustad Bismillah Khan. But, I was surprised to find that he shared this dream with me, having himself built a museum to preserve the endangered instruments of India. The following year arrived and I began preparations for Ustad Bismillah Khan's centennial celebrations, including the construction of Sangeet Gram. It was then that I received the honour of being inducted into the National Implementation Committee for Centenary Celebrations and my efforts now extend to holding celebration concerts in India and abroad. I had already been writing an account of Baba's life; the priceless anecdotes that he had shared and the surreal moments that we had spent together. In order to commemorate his musical genius and celebrate 100 years of his unparalleled contribution to music in this field, I deemed it fit to publish it all in book form. I hope this book provides its readers with an insight into Baba's life, and that they too celebrate his simplicity, his undying perseverance and patience with his art, the genius of his music and my musical journey, through this book-'Baba & Me'.
Mancheeya Vyangya Ekanki
- Author Name:
Giriraj Sharan Agrawal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Football : Khel Aur Niyam
- Author Name:
Surendra Shrivastava
- Book Type:

- Description: "कोई भी खेल आज मात्र खेल नहीं रह गया है। खेल को भी कॉरियर बनाकर धन और कीर्ति अर्जित की जा सकती है। भारत में अनेक खेल प्रचलित हैं। उनमें फुटबॉल भी एक है। फुटबॉल का सबसे अधिक विकास इंग्लैंड में हुआ। फुटबॉल का प्रथम क्लब ‘शेफील्ड फुटबॉल क्लब’ सन् 1857 में इंग्लैंड में स्थापित हुआ। सन् 1863 में ‘लंदन फुटबॉल एसोसिएशन’ की स्थापना हुई। भारत में फुटबॉल का प्रारंभ अंग्रेजों ने किया था। सन् 1948 में लंदन ओलंपिक में भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में फुटबॉल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया। फुटबॉल का जुनून खेल-प्रेमियों में देखने को मिलता है। जब इसके वर्ल्ड टूर्नामेंट होते हैं तो टीमें तो टीमें, इसके समर्थकों के भी हौसले आसमान छू रहे होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में फुटबॉल खेल के नियम, तैयारी तथा बुनियादी तथ्यों की सचित्र जानकारी दी गई है, जो खेल-प्रेमियों और फुटबॉल में रुचि रखनेवालों को समान रूप से उपयोगी प्रतीत होगी। "
CHACHAJI KE SATH SHISHTACHAR
- Author Name:
Tanvi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Scarlet Plague (Pb)
- Author Name:
Jack London
- Book Type:

- Description: This book has no description
Mera Akash, Mere Dhoomketu
- Author Name:
Harish Pathak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kabhi Na Chhodain Khet
- Author Name:
Jagdish Chandra
- Book Type:

Ram Manohar Lohiya : Bharat Ki Himalay Niti
- Author Name:
Ashok Pankaj
- Book Type:

- Description: लोहिया पूछते हैं कि 'हिमालय भारत का संतरी है' यह ख्याल कहाँ से आया? जिस हिमालय का भारत के लिए चातुर्दिक महत्त्व है क्या उसको लेकर भारत की कोई नीति है? तिब्बत का जितना गहरा संबंध भारत से रहा है क्या उसी तरह के संबंध उसके चीन से रहें हैं? नेपाल, भूटान जिसे उन्होंने 'भाई हिमालय' कहा है, के साथ भारत के संबंधों का आधार क्या होना चाहिए? तिब्बत में स्थित कैलाश-मानसरोवर किसकी विरासत है? भारत-चीन संबंधों का आधार और समझने का दृष्टिकोण क्या होना चाहिए? एशिया की दो पुरातन सभ्याताएँ जो आज दो विभिन्न प्रणालियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, और जिनकी प्रतिस्पर्द्धात्मक महत्त्वकांक्षाएँ हैं, में सामंजस्य कैसे हो ? इन प्रश्नों का उत्तर लोहिया भारत की हिमालय नीति के माध्यम से देते हैं और इसी क्रम में भारत की विदेश एवं रक्षा नीति को लेकर कुछ स्थूल सिद्धांत देते हैं, जिसके कुछ सूत्र को 'बांह और मुट्ठी', 'कबूतर एवं बाज' की उपमा से भी स्पष्ट करते हैं। लोहिया नीतिगत परामर्श देते हैं कि, भारत को इतिहास की गलतियों से सबक सीखना चाहिए और अपनी अंदरूनी कमजोरियों को भी दुरुस्त करना चाहिए। इसी क्रम में वे एक ओर शिवाजी और प्रताप को पुकारते हैं तो दूसरी ओर गांधी को ही गुरू मानते हैं। क्या भारत लोहिया के विचारों से कुछ सीख ले सकता है? यही इस पुस्तक की मूल भावना है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...