Sinhasan Battisi
Author:
Mukesh 'Nadan'Publisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
No Description Available for this Book
ISBN: 9789380186436
Pages: 96
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Dostoevsky Ka Ghoda
- Author Name:
Shachinder Arya
- Rating:
- Book Type:

- Description: शचींद्र आर्य की किताब 'दोस्तोएवस्की का घोड़ा' से गुज़रते कुछ ऐसा एहसास हुआ कि कोई अपने मन के अंतरंग कोनों अतरों को परत दर परत उधेड़ रहा है बिना हिचक के, ज़रा निस्संग हुये और एक जगह जहाँ वो लिखते हैं, कुछ ऐसी जगहें होती हैं जहाँ हम खुद होते हैं अपने आप में बिलकुल नंगे, तो इन्हीं गलियों में शचींद्र हमें लिये चलते हैं, बहुत ईमानदारी से, बहुत हौसले से। बहुत सरलता से। इन पन्नों में हम उनके बचपन, उनके परिवार, उनकी दुनिया और दोस्त अहबाब, जि़ंदगी के तमाम ज़द्दोज़हद और रंगीनी, जीवन के दुलार और मीठेपन को उनकी नज़र से देखते चलते हैं, उनके पढऩे और उन पढ़े का उनपर असर को देखते हैं और धीरे-धीरे उनकी दुनिया हमारे भीतर सहजता से प्रवेश करती जाती है। एक किस्म के ठहराव और संजीदगी के साथ। तब उनकी दुनिया सिर्फ उनकी नहीं रह जाती, कुछ कुछ हमारी भी होती जाती है। कथेतर के इस कथ्य में उन्होंने जो पारदर्शिता दिखाई है, जो बुनावट और कहन का हुनर दिखाया है, जो परिपक्वता दिखाई है वो खुशी और उम्मीद जगाने वाली बात है। इसलिये भी कि वो पारंपरिक विधा से अपने को अलग करते दिखते हैं। डायरी की विधा ऐसी नहीं कि नई है पर शुरुआती दौर में इस तरह की दुनिया में प्रवेश कर लेने की साध सुखद है। ये सचमुच 'याद की किताब' है' और उनकी याद में हमारी याद भी घुलती मिलती चलती है, इसकी उन्हें बहुत बधाई और अशेष शुभकामनायें। —प्रत्यक्षा
Byomkesh Bakshi ki Rahasyamayi Kahaniyan
- Author Name:
Saradindu Bandyopadhyay
- Book Type:

- Description: सारदेंदु बंद्योपाध्याय की विशिष्टता उनके जासूसी लेखन के अतिरिक्त उनकी अद्वितीय लेखन-शैली के साथ-साथ उनके चरित्रों का सूक्ष्म जीवंत चित्रण है। बीसवीं सदी के प्रारंभ के बंगाल में लेखक और पाठक समान रूप से अपराध और जासूसी साहित्य को नीची निगाहों से देखते थे। सारदेंदु बंद्योपाध्याय ने पहली बार उस लेखन को सम्मानीय स्थान दिलाया। इसका एक बड़ा कारण यह था कि उनके पूर्व के लेखक पंचकोरी दे और दिनेंद्र कुमार अंग्रेजी के जासूसी लेखक आर्थर कोनान, डोएल, एडगर एलन पो, जी.के. चेस्टरसन तथा अगाथा क्रिस्टी से प्रभावित होकर लिखते थे, जबकि सारदेंदु के चरित्र और स्थान अन्य जासूसी उपन्यासों के विपरीत, भारतीय मूल और स्थल के परिवेश में जीते हैं। उनके लेखन का विनोदी स्वभाव पाठक को अनायास कथा के दौरान गुदगुदाता रहता है। ब्योमकेश का साहित्य न केवल अभूतपूर्व जासूसी साहित्य है बल्कि सभी समय और काल में, समाज के सभी वर्गों के युवाओं और वृद्धों में समान रूप से सदैव लोकप्रिय बना रहा है। पाठक इन रहस्य भरी कहानियों को उनके जीवंत लेखन के लिए, अंत जानने के बावजूद, बार-बार पढ़ने के लिए लालायित रहता है। किसी भी लोकप्रिय साहित्य में यह एक अद्वितीय उपलब्धि मानी जाती है और यही उपलब्धि सारदेंदु के ब्योमकेश बक्शी साहित्य को सत्यजीत राय के प्रसिद्ध उपन्यास ‘फेलूदा के कारनामे’ के समान हमारे समय के ‘क्लासिक’ का स्थान दिलाती है।
Kahani Ek IAS Pareeksha ki
- Author Name:
K. Vijayakarthikeyan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jules Verne ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Jules Verne
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Leonarado Da Vinchi
- Author Name:
Vinod Kumar Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Marjar Kosh
- Author Name:
Parashuram Shukla
- Book Type:

- Description: मार्जार संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है—बिल्ली। सामान्यतया बिल्ली से घरेलू बिल्ली का बोध होता है; किन्तु जीवविज्ञान में इस शब्द का विस्तृत अर्थों में प्रयोग किया गया है एवं इसके अन्तर्गत बाघ और सिंह से लेकर पालतू बिल्ली तक को सम्मिलित किया गया है। ये सभी जीव मार्जार परिवार के जीव कहलाते हैं। बाघ सहित मार्जार परिवार के अन्य जीवों की जानकारी पुस्तक के परिचय में संक्षेप में दी गई है। इनमें रोचक और रोमांचक तथ्यों के साथ ही ज्ञानवर्धक जानकारियाँ भी हैं, जो निश्चित रूप से जनसामान्य के लिए उपयोगी सिद्ध होंगी। इस पुस्तक का उद्देश्य लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। वन्यजीवों का सीधा सम्बन्ध वनों से है। वनों से वर्षा और वर्षा से जीवन। अर्थात् मानव का अस्तित्व बनाए रखने के लिए वन्यजीव आवश्यक हैं। हमारे देश में अधिकांश लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बाघ, सिंह, तेंदुए आदि का नाम तो सुना है, किन्तु इनके विषय में कुछ नहीं जानते। घरेलू बिल्लियाँ तो सभी ने देखी होंगी, किन्तु इनके विषय में भी जनसामान्य को विशेष जानकारी नहीं है। भारत में मार्जार परिवार के ऐसे अनेक जीव पाए जाते हैं, जिनका लोगों ने नाम तक नहीं सुना। इस पुस्तक में इन्हीं सब जीवों की जानकारी बड़े रोचक ढंग से दी गई है।
Mahiyasi Mahadevi
- Author Name:
Ganga Prasad Pandey
- Book Type:

- Description: पाण्डेय जी की इस कृति का महत्त्व मैं कई दृष्टियों से मानता हूँ। महादेवी साहित्य के सम्बन्ध में हिन्दी–पाठकों की रुचि अब पहले से कई गुना अधिक बढ़ चुकी है, पर उसके कुतूहल के उपशय की सामग्री हिन्दी में अभी प्राय: नहीं के बराबर पाई जाती है। महादेवी के काव्य और गीत साहित्य की व्याख्या अभी तक यदि किसी ने ढंग से की है तो वह केवल पाण्डेय जी ने ही। महादेवी जी की एक–एक कविता, एक–एक गीत केवल अपने–आप में अनमोल मोती नहीं है, वरन् वह एक–एक मोती अपने–आप में अनेक अनमोल मोतियों को छिपाए हैं। और उनमें से प्रत्येक मोती को मोती बनने में जिन अपार साधनाओं और बाधाओं का सामना करना पड़ा है, उनकी व्याख्या किसी भी हालत में सहज–साधारण नहीं है। किसी भी सीप की मोती बनने की प्रक्रिया साधारण नहीं होती, फिर महादेवी मानस के मोती तो साहित्य–संसार में दुर्लभतम और अमूल्य निधि हैं। उनकी प्रक्रिया और भी जटिल है कि उनके लिए केवल स्वाति–नक्षत्र की ही आवश्यकता नहीं है, वरन् स्वाति–नक्षत्र के भी कुछ विशिष्ट ही दुर्लभ क्षणों या सुदुर्लभ संयोग की अत्यन्त आवश्यकता है और वह एक–एक क्षण भी अपने भीतर अन्तर्जीवन की किन रहस्यानुभूतियों का अधियोग सँजोए है, इसका ठीक–ठीक हिसाब लगा सकना आज किसी विद्वत्तम साहित्यालोचकों के लिए भी सहज–सम्भव नहीं रह गया है। इसके लिए चाहिए अन्तरतम की निगूढ़तम अनुभूति और सहज तादात्म्य, जो केवल पाण्डेय जी जैसे आलोचकों में ही सम्भव पाया जा सकता है। अतएव इस ग्रन्थ के भावी समीक्षकों से मेरा नम्र निवेदन है कि यदि वे समीक्षा के पूर्व उपरोक्त सभी तथ्यों पर विशेष ध्यान दिए बिना समीक्षा करने बैठ जाएँगे तो कभी इस अमूल्य रचना के साथ न्याय नहीं कर पाएँगे। महादेवी जी की रचनाओं को आज एक बिलकुल ही नई दृष्टि से देखने व परखने की आवश्यकता आ पड़ी है। महादेवी जी जैसी कवयित्री का कोई उदाहरण विश्व–साहित्य के इतिहास के किसी भी युग में, किसी भी देश में शायद ही पाया गया है। उनके समान मौलिक चिन्तनशीलता और अछूती कल्पना का कोई उदाहरण कहीं भी सहज–सुलभ नहीं है, केवल भावना के क्षेत्र में ही उन्होंने निराली रसमयता का प्लावन नहीं बहाया है, वरन् वैचारिकता और चिन्तन के क्षेत्र में भी उनके समान प्रौढ़ और आत्मविश्वास–परायण नारी का जोड़ मिलना कठिन है। यह उपलब्धि केवल एक ही जन्म की साधना द्वारा सम्भव नहीं है, इसके लिए युग–युग की सांस्कृतिक चेतना के जन्म–जन्मान्तरीण विकास की अनिवार्य आवश्यकता है। पाण्डेय जी ने इसी कारण ‘सांस्कृतिक पृष्ठभूमि’ नाम से एक अलग अध्याय अपने गहन अध्ययन के फलस्वरूप इस ग्रन्थ में दिया है, जिसकी बहुत बड़ी आवश्यकता थी, साथ ही ‘महादेवी काव्य की पृष्ठभूमि’ शीर्षक से एक दूसरे महत्त्वपूर्ण अध्याय में उन्होंने महादेवी जी के सांस्कृतिक चेतना के विकास पर अतिरिक्त प्रकाश डालने का स्तुत्य प्रयास किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि महादेवी साहित्य के अध्ययन के लिए जिस प्रकार की रचना के नितान्त अभाव का अनुभव पिछले कुछ दशकों में किया जा रहा था, उसकी पूर्ण पूर्ति इस ग्रन्थ द्वारा हो जाएगी। केवल इसी युग के साहित्य–श्रद्धेताओं के लिए नहीं, आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी। यह ग्रन्थ वास्तव में पाण्डेय जी की महत्त्वाकांक्षा के अनुरूप ही तैयार हुआ है और हिन्दी आलोचना–क्षेत्र में यह निश्चय ही एक विशिष्ट स्थान प्राप्त करके रहेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। —इलाचन्द्र जोशी
Aadhunik Maavbodh Ki Sangya
- Author Name:
Amrit Rai
- Book Type:

- Description: Aadhunik Maavbodh Ki Sangya
Charlie Chaplin
- Author Name:
Mamta Jha
- Book Type:

- Description: "चार्ली चैप्लिन—ममता झा निर्विवाद रूप से चार्ली चैप्लिन सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता माने जाते हैं। छोटी मूँछें, तंग कोट, काली ऊँची टोपी, बड़े जूते, ढीली पैंट और छड़ी के साथ ‘ट्रैंप’ के किरदार के रूप में विश्व भर के सिनेदर्शकों के मन में उन्होंने अमिट पहचान बनाई। चार्ली चैप्लिन एक सितारे की तरह फिल्म जगत् के फलक पर चमके। उनकी फिल्मों ने आम दर्शकों को हँसाया भी, रुलाया भी। ‘द किड’, ‘द सर्कस’, ‘द गोल्ड रश’, ‘सिटी लाइट’, ‘मॉडर्न टाइम्ज’, ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ आदि वे फिल्में हैं, जिनके लिए आज भी विश्व सिनेमा चार्ली का ऋणी है। सात वर्ष की उम्र में रंगमंच पर अभिनय के साथ चार्ली का कैरियर शुरू हुआ। खूब दौलत और शोहरत पाने के बावजूद चार्ली एक तन्हा और बेचैन कलाकार थे। एक दर्जन से अधिक स्त्रियाँ उनके जीवन में आईं। कई विवाह और तलाक हुए। खुद दुःखी होते हुए भी उन्होंने हमेशा अपनी कला से अपने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। चार्ली चैप्लिन के बारे में अधिकाधिक जानने की उत्कंठा रहती है। प्रस्तुत पुस्तक में उनके जीवन के विविध पहलुओं पर रोशनी डाली गई है और उनकी संघर्ष-गाथा को प्रस्तुत किया गया है। सुख-दुःख, हर्ष-विषाद, शोक-आनंद के रंगों में रँगी एक महान् कलाकार की प्रामाणिक जीवनी।
Jal Sankat Aur Jal Sangrah
- Author Name:
Mukesh Kumar
- Book Type:

- Description: पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है। कहा जाने लगा है कि तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो बहुत ही सम्भव है कि वह पानी को लेकर ही हो। शहरी इलाक़ों में पानी की कमी और उसके लिए रोज़-रोज़ होनेवाले स्थानीय झगड़े शायद इसी की बानगी हैं। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में जल-स्तर न सिर्फ़ नीचे जा रहा है, पेयजल के रूप में उसका उपयोग भी ख़तरनाक होता जा रहा है। जनसंख्या के साथ-साथ जहाँ पानी की आवश्यकता बड़े पैमाने पर बढ़ी है, वहीं जल-संग्रहण की पारम्परिक पद्धतियों को भी हमने भुला दिया है, जितना जल उपलब्ध है, वह बढ़ते शहरीकरण के परिणामस्वरूप प्रदूषण का शिकार है। आँकड़े बताते हैं कि इस समय देश में रोज़ छह हज़ार से ज़्यादा लोग दूषित जल से पैदा होनेवाली बीमारियों से मर जा रहे हैं। यह पुस्तक इस विकराल संकट से निबटने के लिए एक आरम्भिक ढाँचा सुझाती है जिसका उपयोग हम जल-संरक्षण, और सामान्यत: पानी के प्रति अपना आधारभूत दृष्टिकोण बदलने में कर सकते हैं। वर्षा जल के संग्रहण की पुरानी और नई प्रविधियों, इसके साथ भू-जल स्रोतों की सम्यक् सार-सँभाल, जल-अपव्यय को रोकने की ज़रूरत तथा तरकीबें, सूखे इलाक़ों में जल-संचयन की वैज्ञानिक पद्धति, विभिन्न क़िस्म के बाँधों, कुँओं, तालाबों के निर्माण सम्बन्धी जानकारी, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, आपूर्ति और वितरण की समस्या और कृषि-उपयोग के लिहाज़ से जल-प्रबन्ध, इन तमाम विषयों पर यह पुस्तक अद्यतन और वैज्ञानिक सामग्री उपलब्ध कराती है।
Romanchkari Kahaniyan
- Author Name:
Vibhor Kumar
- Book Type:

- Description: No Description Available for this Book
Sadho Ye Utsav Ka Gaon
- Author Name:
Abhishek Upadhyay +2
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dharti Ki Pukar
- Author Name:
Sundarlal Bahuguna
- Book Type:

-
Description:
विकास बनाम पर्यावरण इस सदी की सबसे बड़ी बहसों में से एक है। आज जबकि पूरी दुनिया में पर्यावरण-चेतना फैल रही है और विकास की लगभग हर गतिविधि के लिए पर्यावरणीय मानदंड निर्धारित किए जा रहे हैं, फिर भी विकासवादी निरन्तर इस कोशिश में रहते हैं कि पर्यावरणीय ख़तरों की अनदेखी करके भी किस तरह कोई बड़ा बाँध, कोई बड़ी परियोजना शुरू की जाए। इसलिए जब सुन्दरलाल बहुगुणा दुनिया के अन्य पर्यावरणविदों के साथ सुर मिलाकर यह कहते हैं कि तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ गया है और वह तथाकथित विकासवादियों द्वारा प्रकृति के विरुद्ध छेड़ा गया है, तो वे ग़लत नहीं होते।
वे कहते हैं, ‘‘प्रश्न केवल विकास के विरोध का नहीं है, ज़िन्दा रहने के अधिकार की रक्षा का है। जिन परियोजनाओं को सरकारी मीडिया और शासन व अर्थनीति पर हावी आभिजात्य वर्ग देश के त्वरित विकास के लिए अनिवार्य मानता है, उन परियोजनाओं के औचित्य को चुनौती देनेवालों को विदेशी एजेंट, देशद्रोही और विकास के दुश्मन के रूप में प्रचारित किया जाता है।’’
सुन्दरलाल बहुगुणा भी इस दृष्टि से बौद्धिक समाज में नायक और खलनायक दोनों हैं। लेकिन हिमालय, गंगा, जंगल और टिहरी बाँध को लेकर जो सवाल बहुगुणा ने खड़े किए हैं और सरकार की प्रकृति-विरोधी नीतियों का पर्दाफ़ाश किया है, उसमें शायद ही किसी को आपत्ति हो। साथ ही उन्होंने विकास की जो वैकल्पिक दृष्टि दी है, उससे भी किसी को परहेज़ नहीं होगा।
यह पुस्तक ‘धरती की पुकार’ बहुगुणा जी के चिन्तन का सार है। इसमें ‘चिपको आन्दोलन’ से लेकर टिहरी बाँध के विरोध में उनके लम्बे उपवासों तक की चिन्तनभूमि के दर्शन होते हैं। आशा है, यह पुस्तक विकास और पर्यावरण के रिश्तों को सही परिप्रेक्ष्य में देखने-समझने में मदद करेगी।
Talking To The Self!
- Author Name:
Durgadas Uikey
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tai
- Author Name:
Medha Kirit
- Book Type:

- Description: भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का संसदीय कामकाज, लोकसभा में सर्वोच्च स्थान पर विराजित नेतृत्व के समक्ष प्रकट होनेवाली चुनौतियाँ, उसके अधिकारों का विस्तृत दायरा, इन सबके साथ न्याय करनेवाले एक पंचवर्षीय व्रतधारी कर्तृत्ववान नेतृत्व की प्रेरक यशोगाथा, पुस्तक के रूप में.. लगातार आठ बार इंदौर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद के रूप में निर्वाचित होने के बाद, सर्वानुमति से लोकसभा अध्यक्ष का महती दायित्व निभानेवाली वरिष्ठ महिला सांसद। अपने मृदु स्वभाव और निरपेक्ष व्यवहार से सबको अपना बनाकर निर्बाध रूप से लोकसभा का संचालन करनेवाली तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 'Mother of Speakers' से सम्मानित" पदमभूषण सुमित्रा महाजन (ताईजी) के लोकसभा अध्यक्ष पद के शीर्षस्थ कार्यकाल का बहुआयामी आलेख''मेधा किरीट की अध्ययनपूर्ण कलम से.
Shyam, Phir Ek Bar Tum Mil Jate!
- Author Name:
Dinkar Joshi
- Book Type:

- Description: "दौड़कर उसने कृष्ण के पाँव से तीर खींचने के लिए हाथ बढ़ाया । कृष्ण उसकी व्यग्रता को निमिष- भर ताकते रहे, फिर निषेध में दाहिना हाथ उठाया । जरा ठिठक गया- '' क्यों, नाथ, क्यों?'' '' रहने दो, भाई! माता गांधारी के वचन में व्यवधान बनने का व्यर्थ प्रयत्न मत करो!'' बड़ी धीरता से वे बोले । '' मैंने महापातक किया है! मुझे क्षमा करो, नाथ! मैंने.. .मैंने आपको जंगली प्राणी समझकर आप पर तीर चलाया । यह मैंने क्या किया, नाथ!'' जरा भूमि पर लोटकर करुण क्रंदन करने लगा । '' उठो वत्स!'' करुणार्द्र स्वर में कृष्ण बोले, '' तुम्हारा नाम क्या है?'' '' मेरा नाम ?. .जरा ! '' '' जरा !. .ठीक!'' कृष्ण का मधुर हास्य छलका । तलवे से बहकर रक्तधारा भूमि पर काफी दूर चली गई थी । '' जरा, तुम्हारा नाम सार्थक है, तात ! ' जरा ' कभी किसीको नहीं छोड़ती ! अमरत्व के अभिशाप ने जिसे घेरा हो, उसे भी महाकाल जरा समेट ही लेता है न! जरा, तू तो निमित्त मात्र है, वत्स!'' - इसी उपन्यास से कोई भी भारतीय भाषा ऐसी नहीं है जिसमें श्रीकृष्ण को केंद्र में रखकर काव्य, कहानी, उपन्यास. नाटक, संदर्भ-ग्रंथ आदि साहित्य का सर्जन न किया गया हो । ' श्याम, फिर एक बार तुम मिल जाते ' (मूल गुजराती में लिखा) उपन्यास इन सबसे अनूठा इसलिए है कि यह सिर्फ उपन्यास नहीं है-यह तो उपनिषद् है! यथार्थ कहा जाए तो यह उपनिषदीय उपन्यास है । तत्कालीन आर्यावर्त्त में श्रीकृष्ण एक विराट् व्यक्तित्व था । जब यह व्यक्तित्व अनंत में विलीन हो गया तो जो सन्नाटा छा गया, उस सन्नाटे के चीत्कार का यह आलेखन है जब श्रीकृष्ण सम्मुख थे तब बात और थी जब वे विलीन हो गए तब वसुदेव-देवकी से लेकर अर्जुन, द्रौपदी, अश्वत्थामा, अक्रूर उद्धव और राधा पर्यंत पात्रों की संभ्रमिद मनोदशा को एक अनूठी ऊँचाई के ऊपर ले जाता है यह उपन्यास । "
Stuti Suman
- Author Name:
Dr. Vinod Bala Arun
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kala Aur Sanskriti
- Author Name:
Dr. Vasudeva Sharan Agrawala
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madam Bhikaji Kama
- Author Name:
Rachna Bhola 'Yamini'
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhagwan Ke Desh Ka DNA
- Author Name:
Dr. Jaikaran
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...