Shri Guruji : Prerak Vichar
Author:
Sandeep DevPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789352665891
Pages: 142
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
SriRam Mandir Andolan Prashnottari श्रीराम मंदिर आंदोलन प्रश्नोत्तरी Book In Hindi
- Author Name:
Anish Bhasin
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
AAPSI MELJOL KI KAHANIYAN
- Author Name:
SHEKHAR
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ishwar Ki Atmakatha
- Author Name:
Saralmanoj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
KUCHH TO HAI TUMSE RABTA
- Author Name:
Preeti Shenoy
- Book Type:

- Description: This Book Doesn't have Description
Showman : Raj Kapoor
- Author Name:
Ritu Nanda
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Adhoore Se Poore "अधूरे से पूरे" Book In Hindi
- Author Name:
Ravi Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Trilochan Rachanawali Vol. 1-4
- Author Name:
Trilochan
- Book Type:

-
Description:
जनसाधारण की दुख-प्रसूत स्थानिक संवेदना को कविता में ढालकर मनुष्यता की सार्वभौमिक चेतना से जोड़ने वाले, शास्त्र की सटीकता और जनजीवन के नित नवीन अनुभवों को कई-कई छन्दों में अंकित करनेवाले विद्वान कवि त्रिलोचन हिन्दी के विराट कविता-लोक में अपनी तरह के अनूठे हस्ताक्षर हैं।
कई भाषाओं के ज्ञाता, संस्कृत के विद्वान और प्रगतिशील चेतना से सम्पन्न कवि त्रिलोचन ने रोला और बरवै जैसे प्राचीन छन्दों को भी साधा, गीत-ग़ज़ल भी लिखे और 'सॉनेट' जैसे विदेशी छन्द को हिन्दी का अपना बना दिया। मुक्त-छन्द भी लिखा और 'गद्य-वद्य' लिखते हुए आलोचना को भी एक आत्मीय रंग दिया।
यह त्रिलोचन की रचनावली है, जिसकी ज़रूरत लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। त्रिलोचन महज़ एक कवि नहीं, कविता के विद्यालय थे; मौज़ूदा और आनेवाले रचनाकार उनसे हमेशा ही सीख सकते हैं। प्रस्तुत रचनावली में त्रिलोचन का सम्पूर्ण संकलित है।
कविताओं के साथ-साथ त्रिलोचन ने आलोचनात्मक गद्य भी लिखा। इस खंड में उनके द्वारा लिखित आलोचनात्मक लेखों, समीक्षाओं आदि को लिया गया है। कविता हो या गद्य उन्होंने बोलचाल की भाषा को ही प्राथमिकता दी। यह इन आलेखों से भी ज़ाहिर होता है। कुछ अप्रकाशित लेख भी यहाँ प्रस्तुत हैं। साथ में उनकी दैनन्दिनी भी।
Sherlock Holmes ki Bestseller Kahaniyan
- Author Name:
Sir Arthur Conan Doyle
- Book Type:

- Description: This book has no description
YES I CAN
- Author Name:
Dr. Sumer Sethi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mera Akash, Mere Dhoomketu
- Author Name:
Harish Pathak
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dictionary of Humourous Quotations
- Author Name:
Harmik Vaishnav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Career Mein Safalta Ke 21 Mantra
- Author Name:
Brian Tracy
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Raaj Samaaj Aur Shiksha
- Author Name:
Krishna Kumar
- Book Type:

-
Description:
शिक्षा की बहसें प्रायः सरकारी नीतिपत्रों में दिए गए वायदों, घिसे-पिटे आदर्श वाक्यों या फिर प्राचीन व्यवस्था के मिथकों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। स्कूल और कॉलेजों की दैनिक चर्चा हो या शिक्षाशास्त्र की पाठ्य-पुस्तकें—दोनों ही बच्चे के जीवित संसार और समाज के व्यापक संघर्षों से बहुत दूर जा पड़ी हैं। इस पुस्तक ने शिक्षा की बहसों को एक नई शब्दावली ही नहीं, एक नई अर्थवत्ता भी दी है। कोई आश्चर्य नहीं कि यह पुस्तक उमस के बीच ताज़ा हवा के झोंके का पर्याय बन सकने की क्षमता रखती है।
शिक्षा की सच्चाई को यह कृति राज्य-व्यवस्था और सामाजिक जीवन की जटिल बुनावट के बीच ढूँढ़ती है। इसे पढ़ते हुए हम बच्चों के प्रति अपनी स्वाभाविक चिन्ता को एक राजनैतिक आधार और वैज्ञानिक अभिव्यक्ति पाते हुए देखते हैं। शिक्षा को कृष्ण कुमार ने बहुत व्यापक अर्थ में लिया है, जिसमें बच्चों के लालन-पालन से लेकर उन्हें सामाजिक मूल्यबोध देनेवाली अनेक सूक्ष्म प्रक्रियाएँ शामिल हैं।
ज़ाहिर है, इस पुस्तक का पाठक वर्ग शिक्षा के नीतिकारों, प्रशिक्षकों और छात्रों तक सीमित नहीं है। उसमें ऐसे सभी माता-पिता भी शामिल हैं जो अपनी सन्तान के भविष्य को समाज की संरचना और राजनीति के चरित्र से अलग नहीं मानते।
Sargam
- Author Name:
Amrit Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Acchi Kahani : Avdharna Aur Pahchan
- Author Name:
Shankar
- Book Type:

- Description: Criticism
Peedhi Dar Peedhi
- Author Name:
Rajni Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patrakarita Ke Yug Nirmata
- Author Name:
Arjun Tiwari +2
- Book Type:

- Description: वाजपेयीजी ने हिंदी पत्रकारिता कला के निखार के लिए इसके विभिन्न पक्षों पर भरपूर लेखन किया। कलकत्ता से प्रकाशित ‘हिंदी बंगवासी’ (1905) से पत्रकारिता प्रारंभ करने वाले वाजपेयीजी ने मासिक पत्र ‘नृसिंह’ (1907) का संपादन किया। ‘भारतमित्र’ के प्रधान संपादक बनने के पूर्व वाजपेयीजी ने कुछ समय तक ‘सनातन धर्म’ पत्रिका का भी संपादन किया। 1920 में उन्होंने ‘स्वतंत्र’ साप्ताहिक का प्रकाशन किया। हिंदी पत्रकारिता को उच्चता और समृद्धि देने वाले तीन मराठी भाषी यशस्वी संपादकों में माधवराव सप्रे, बाबूराव विष्णु पराड़कर एवं लक्ष्मण नारायण गर्दे का नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है, जिन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति अगाध श्रद्धा और लगन का परिचय अपने श्रेष्ठ संपादकीय कौशल एवं पत्रकारी लेखन से दिया। गर्देजी आजीवन आर्थिक कठिनाइयों से जूझते रहे, किंतु उन्होंने कभी समझौते नहीं किए। अपनी ‘कलम’ की स्वतंत्रता की रक्षा पूरी धर्म-निष्ठा से की। श्रेष्ठ व्यंग्यकार और स्वनामधन्य संपादक अशोकजी ने अपनी लेखन और संपादन क्षमता, पत्रकारिता के प्रति अटूट समर्पण और निष्ठा की बदौलत ‘स्वतंत्र भारत’ को लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित अखबार बना दिया था। अशोकजी की ही अनुशंसा पर दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’ के दूसरे संपादक योगींद्रपति त्रिपाठी ने अपनी अप्रतिम कर्मनिष्ठा से इसे उत्तर प्रदेश का विश्वसनीय और लोकप्रिय अखबार बनाया। त्रिपाठीजी लगातार 18 बरसों तक इसके संपादक रहे। त्रिपाठीजी विद्वत्ता और सादगी की प्रतिमूर्ति थे। वे उच्चकोटि के सुलझे हुए पत्रकार थे।
Mahavrati : Karmayogi Pracharak Sohan Singh
- Author Name:
Gopal Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Roop Singh Chandel Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Roopsingh Chandel
- Book Type:

- Description: वरिष्ठ कथाकार रूपसिंह चंदेल बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। कहानी, उपन्यास, संस्मरण, आलोचना आदि गद्य की अनेक विधाओं में उन्होंने सृजन किया है। आलोचकों ने उन्हें लोकधर्मी कथाकार कहा है। युवा आलोचक डॉ. बिभा कुमारी के अनुसार, कथाकार रूपसिंह चंदेल की कथाओं में एक ओर मिट्टी की सोंधी खुशबू की अनुभूति प्राप्त होती है तो दूसरी ओर महानगरीय जीवन, टूटते संबंध, मशीनी जीवन, मनुष्य द्वारा मनुष्य का उपयोग किया जाना इत्यादि विसंगतियों का जीवंत और साक्षात् चित्रण है। वरिष्ठ आलोचक डॉ. पंकज साहा के अनुसार, विश्व के महान् लेखक अल्बेयर कामू के लेखन में हिंसा, अत्याचार एवं क्रूरता के खिलाफ जो स्वर हैं, वही स्वर चंदेलजी की रचनाओं में भी देखने को मिलते हैं। कामू की तरह चंदेलजी की भी सृजनात्मक पारदर्शिता अपने समय की मानवीय चेतना एवं उसकी समस्याओं का उद्घाटन करती है। युवा आलोचक उमाशंकर सिंह परमार मानते हैं कि रूपसिंह चंदेल अपनी कहानियों में जब यथार्थ का चित्र प्रस्तुत करते हैं, तब वे कतई आदर्शवादी नहीं रहते हैं, न ही वे सच को छिपानेवाले आदर्श से सम्मोहित हैं। यथार्थ यहाँ कटु यथार्थ के रूप में आता है और वह पाठक को झकझोरते हुए झूठी मान-मर्यादा, नैतिक पतन, मूल्यहीनता और शोषण में संलग्न लोकतंत्र के प्रहरियों पर प्रहार करता है।
Arnav
- Author Name:
Poonam Anand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.