Premmay Ram "प्रेममय राम" | Book in Hindi
Author:
Ram Bachchan RaiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789355623362
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Hamare Shri Guruji
- Author Name:
Sandeep Dev
- Book Type:

- Description: "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन् 1925 में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने की थी, लेकिन इसे वैचारिक आधार द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘श्रीगुरुजी’ ने प्रदान किया था। संघ निर्माण के मात्र पंद्रह साल बाद ही डॉ. हेडगेवार गुजर गए, लेकिन अवसान से पहले उन्होंने श्रीगुरुजी को संघ का द्वितीय सरसंघचालक नियुक्त कर दिया था। द्वितीय विश्वयुद्ध, भारत छोड़ो आंदोलन, आजाद हिंद फौज और नेताजी का देश की आजादी में योगदान, भारत विभाजन, देश की आजादी, कश्मीर विलय, गांधी हत्या, देश का पहला आम चुनाव, चीन से भारत की हार, पाकिस्तान के साथ 1965 व 1971 की लड़ाई—भारत का इतिहास बदलने और बनाने वाली इन घटनाओं के महत्त्वपूर्ण काल में न केवल श्रीगुरुजी संघ के प्रमुख थे, बल्कि अपनी सक्रियता और विचारधारा से उन्होंने इन सबको प्रभावित भी किया था। तत्कालीन भारतवर्ष के इतिहास में समादृत एक आध्यात्मिक पुरुष ही नहीं, सामाजिक, सांस्कृतिक, जीवन-मूल्यों के प्रसारक के रूप में ख्यात ‘श्रीगुरुजी’ की प्रामाणिक जीवन-गाथा।
Dhairyapath (Ek Atmakatha)
- Author Name:
Jitendra Joshi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindi Aandolan Aur Nagari Pracharini Sabha
- Author Name:
Amish Verma
- Book Type:

- Description: उन्नीसवीं सदी का उत्तरार्द्ध हिन्दी भाषा के स्वरूप निर्माण के लिए एक महत्त्वपूर्ण दौर था। इस समय हिन्दी को एक सुनिश्चित रूप देने के लिए कई स्तरों पर संगठित प्रयास भी हो रहे थे। हिन्दी को राष्ट्रीयता का आधार-बिन्दु मानकर जहाँ विदेशी शासकों का मुकाबला किया जा रहा था, वहीं उसे हिन्दू धर्म से जोड़कर उसे एक धार्मिक प्रतीक के रूप में भी खड़ा किया जा रहा था। नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना इसी सामाजिक, सांस्कृतिक वातावरण में 1893 में हुई। यह आश्चर्यजनक है कि हिन्दी भाषा और साहित्य के लिए समर्पित इस संस्था को लेकर हिन्दी में कोई महत्त्वपूर्ण अध्ययन अब तक नहीं हुआ है। युवा अध्येता अमिष वर्मा का यह अध्ययन ‘हिन्दी आन्दोलन और नागरीप्रचारिणी सभा’ इस कमी को दूर करता है। सभी उपलब्ध स्रोतों की श्रम-साध्य पड़ताल के आधार पर सम्पन्न यह शोध हिन्दी आन्दोलन के सन्दर्भ में सभा की शुरुआती गतिविधियों और उसकी भाषा-नीति का विश्लेषण करता है। इस पुस्तक से हम हिन्दी-उर्दू के अन्तर्सम्बन्धों के इतिहास से भी परिचित होते हैं। इसमें उन ऐतिहासिक कारणों को समझने का प्रयास किया गया है जिनके चलते ये दोनों भाषाएँ न सिर्फ अलग हो गईं, बल्कि दो अलग धर्मों से भी जुड़ गईं, और अभिव्यक्ति का माध्यम न रहकर राजनीतिक औजार बन गईं। नागरीप्रचारिणी सभा की 1893-1902 की रिपोर्ट और पदाधिकारियों सम्बन्धी अन्य जानकारियाँ इस पुस्तक की विशेष उपलब्धि है जिसे परिशिष्ट में संयोजित किया गया है।
Mridula Sinha Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Mridula Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bal Krishna
- Author Name:
Mukesh Nadan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahabharat Mein Matri Vandana
- Author Name:
Dinkar Joshi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Teen Din, Do Raten
- Author Name:
Virendra Jain
- Book Type:

- Description: "इतना सुख है जीवन में! इतना कुछ है मेरे मन में! और अब तक मैं इससे वंचित था, अनजान था! भारतीय मध्यवर्ग में बढ़ती बाजारवाद, उपभोक्तावाद और भोगवाद की प्रवृत्तियों के संदर्भ में इससे बेहतर स्वीकारोक्ति नहीं हो सकती। लालसाएँ आदमी को घेरे रहती हैं, कुछ प्रत्यक्ष रूप में सामने आती हैं, तो कुछ अंतस में दबी रहती हैं और अनुकूल अवसर पाते ही पूर्ति हेतु सिर उठाने लगती हैं। लगता है जैसे आधुनिकतम महानगरीय मध्यवर्ग अपनी सभी लालसाओं की पूर्ति के लिए बेताब है। इसमें दो फाड़ की नौबत आ चुकी है। एक जो खुलकर इस खुलेपन को जी रहा है और दूसरे के पास आर्थिक संसाधन कम पड़ रहे हैं। ऐसे में उसे जब मौका मिलता है तो वह इसे जीने के लिए अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ता। बाजार इस वर्ग की मजबूरी और इच्छाओं को समझते हुए हमेशा चारा फेंकने की जुगत में रहता है। वह गैर-जरूरी चीजों के प्रति भी भ्रमपूर्ण लगाव पैदा कर भावनाओं का दोहन करने से नहीं चूकता। एक नई उपभोक्ता संस्कृति साकार ही नहीं हो रही, दिन-ब-दिन विकराल भी होती जा रही है। कुशल व्यवसायी सिर्फ माल नहीं बेच रहे, बड़ी चालाकी से विचार भी प्रत्यारोपित कर रहे हैं। उदारवाद के पीछे की चालाकी और चतुराई को उजागर करना नितांत आवश्यक हो गया है। ‘तीन दिन, दो रातें’ एक इनामी किस्से की कथा के बहाने इसी ज्वलंत समस्या को परत-दर-परत बेनकाब करता है। प्रसिद्ध लेखक वीरेंद्र जैन की यह खासियत है कि वे अपनी चुटीली भाषा-शैली के जरिए कथानक को चरम पर ले जाते वक्त भी यथार्थ को सहेजते हैं। इसीलिए उनका यह उपन्यास भौतिकवाद के विनाशकारी परिणामों का पुख्ता दस्तावेज बन पड़ा है।
Veerangna Rani Durgavati "वीरांगना रानी दुर्गावती" Book In Hindi - Arun Diwaker Nath Bajpai
- Author Name:
Arun Diwaker Nath Bajpai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Do Chhoro Ke Beech
- Author Name:
Monika Gajendragadkar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mere Aasaan Jhooth "मेरे आसान झूठ" Book in Hindi
- Author Name:
Dwarika Uniya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Samaj, Paryavaran Aur Abhiyantriki
- Author Name:
Arvind Kumar Gupta
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक में तीन अलग-अलग विषयों—समाजशास्त्र, पर्यावरण तथा इंजीनियरी को एक-दूसरे का आधार मानते हुए समाहित किया गया है। ये तीनों ही विषय समाज के विभिन्न घटकों को विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। आठ अध्यायों में विभाजित इस पुस्तक में समाजशास्त्र, सामाजिक उद्विकास एवं प्रक्रियाएँ, अभियन्ता एवं समाज, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रौद्योगिकी निर्धारण एवं हस्तान्तरण, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा उद्योगों में मानवीय सम्बन्ध, आदि के विभिन्न क्षेत्रों में होनेवाले विकास तथा समाज से सम्बन्धों पर प्रकाश डाला गया है। पुस्तक दी इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स, (इंडिया) द्वारा संचालित सेक्शन ‘ए’ के पाठ्यक्रम के अनुसार तथा हिन्दी-भाषी विद्यार्थियों की कठिनाइयों को विशेष रूप से ध्यान में रखकर लिखी गई है। विश्वास है कि अन्य पाठकों के लिए भी यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।
Rangmanch Evam Stri
- Author Name:
Supriya Pathak
- Book Type:

-
Description:
सार्वजनिक स्पेस में स्त्री की आमद भारतीय समाज में एक समानान्तर प्रक्रिया रही है जिसके लिए सारी लड़ाइयाँ स्त्रियों ने ख़ुद लड़ी हैं, बेशक कुछ सहृदय और सुविवेकी पुरुषों का सहयोग भी उन्हें अपनी जगह बनाने में मिलता रहा। रंगमंच के संसार में स्त्रियों का प्रवेश भी इससे कुछ अलग नहीं रहा। बल्कि यह कुछ और कठिन था। शुचिताबोध से त्रस्त जो भारतीय समाज दर्शक-दीर्घा में स्त्रियों के बैठने की भी अलग व्यवस्था चाहता था, वह भला उन्हें मंच पर उतरने की छूट कैसे देता? आज की यह वस्तुस्थिति कि अधिकांश मध्यवर्गीय अभिभावक बेटी को फ़िल्म में जाते देख फूले फिरेंगे, एक अलग चीज़ है, इसे न तो मंच पर आने के लिए स्त्री ने जो संघर्ष किया, उसका ईनाम कह सकते हैं और न यह कि मध्य-वर्ग स्त्री को लेकर हर पूर्वग्रह से मुक्त हो चुका है, यह उसकी किसी और ग्रन्थि का नतीजा है।
समाज की और जगहों पर स्त्री ने जैसे अपनी दावेदारी पेश की, मंच पर और परदे पर भी उसने सम्मानित जगह ख़ुद ही बनाई। यह किताब स्त्री की इसी यात्रा का लेखा-जोखा है। पुस्तक का मानना है कि रंगमंच का डेढ़ सौ वर्षों का इतिहास स्त्रियों के लिए जहाँ बहुत संघर्षमय रहा, वहीं रंगमंच ने उनके लिए एक माध्यम का भी काम किया जहाँ से उनकी इच्छाओं और आकांक्षाओं, पीड़ा और वंचनाओं को वाणी मिली।
पारसी रंगमंच ने, जो भारत में लोकप्रिय रंगमंच का पहला चरण है, इस सन्दर्भ में बहुत बड़ी भूमिका निभाई और भविष्य के लिए आधार तैयार किया। जनाना भूमिका करनेवाले पुरुषों ने उस स्पेस को रचा जहाँ से स्त्रियाँ इस दुनिया में प्रवेश कर सकीं। उन्होंने न सिर्फ़ स्त्रीत्व को एक नया आयाम दिया बल्कि घर के आँगन के बाहर सैकड़ों निगाहों के सामने स्त्री की मौजूदगी क्या होती है, इसका पूर्वाभ्यास समाज को कराया।
ऐसे कई चरण रहे, जिनसे रंगमंच की स्त्री को आज के अपने स्थान पर पहुँचने के लिए गुज़रना पड़ा। यह किताब विभिन्न आयामों से उन तमाम परिस्थितियों और यात्राओं का आधिकारिक ब्यौरा देती है।
Guliver Ki Yatrayen
- Author Name:
Sachin Kumar
- Book Type:

- Description: No Description Available for this Book
NDA/NA National Defence Academy & Naval Academy Entrance Examination Solved Papers (2024-2015) | Paper 1 (Mathematics) & Paper 2 (General Ability Test)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gita Vatika ke Chune Huye Pushp
- Author Name:
Gita Manishi Pujya Swami Gyananandji Maharaj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vividh Prasang : Vol. 1-2
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
How I Made $2,000,000 In The Stock Market
- Author Name:
Nicolas Darvas
- Book Type:

- Description: This book spells out exactly how Nicolas Darvas made more than two million dollars in the stock market. A must-read for anyone considering entering the market or for anyone who is already in the market and wishes to hone their stock-selecting skills. At the age of 39, after accumulating his fortune, Darvas documented his techniques in the book, "How I Made $2000,000 in the Stock Market". The book describes his unique “Box System”, which he used to buy and sell stocks. Darvas' book remains a classic stock market text to this day.
I Can I Will
- Author Name:
Shyam Taneja
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main J. Krishnamurti Bol Raha Hoon
- Author Name:
Ed. Rajasvi
- Book Type:

- Description: "जिद्दू कृष्णमूर्ति का नाम आध्यात्मिक जगत् में विशेष रूप से उल्लेखनीय है। जब वे मात्र तेरह वर्ष के थे, तभी उनमें एक आध्यात्मिक गुरु होने की विशिष्टताएँ दृष्टिगोचर होने लगी थीं। उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी आध्यात्मिकता का परचम लहराया। जे. कृष्णमूर्ति के विचार केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि भौतिक दृष्टि से अत्यंत महवपूर्ण हैं, जो जाति, धर्म और संप्रदाय में उलझे, असमंजस में फँसे और दिग्भ्रमित हुए लोगों का यथोचित मार्गदर्शन करते प्रतीत होते हैं। उन्होंने मानव-जीवन के लगभग सभी पहलुओं को अपनी विचारशीलता के दायरे में लाने का सफल प्रयास किया है। किंचित् मात्र भी ऐसा नहीं लगता कि जीवन की कोई भी जटिल वीथि उनकी दृष्टि से ओझल हो गई हो। उनके जीवन का परम लक्ष्य विश्व को शांति, संतुष्टि और संपूर्णता प्रदान करना था, ताकि ईर्ष्या, द्वेष और स्वार्थ का समूल नाश किया जा सके। वे अपने जीवन-लक्ष्य में काफी हद तक सफल रहे। जो भी उनके संपर्क में आया, मानो उनका ही होकर रह गया। उनकी प्रेरक वाणी के कुछ रत्न इस पुस्तक में संकलित हैं।
Miracles of Face Yoga
- Author Name:
Mansi Gulati
- Book Type:

- Description: This book introduces the concept of ‘Face Yoga’, a natural exercise for the face in addition to various other yoga exercises. Facial Yoga can also help you relax and rejuvenate your body. The Face yoga ‘asanas’ release stress and tension from the face and neck. They will also make us more aware of our facial muscles so that we can relax them within seconds that indirectly helps to tighten our skin. Moreover, Yoga helps in building concentration level and teaches an individual to achieve a calm mind, thus channelising energy throughout the body. ‘Face Yoga’ is a comprehensive work on facial exercises written in lucid simple language which can be easily be understood by a beginner to an eminent practitioner. The large number of photographs enable better comprehension, easy assimilation and understanding. The author offers a complete face yoga programma for beauty and general health as well as pose sequences that address specific health problems, and general well being too. The chapters have been well thought of and the book makes an interesting reading. This book is not only inspirational—urging you to ‘Just follow it and do it’—but it also gives pragmatic instructions needed to put things in the right perspective. An engaging and must read book.
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.