Muktibodh Ke Uddharan
Author:
Prabhat TripathiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
गजानन माधव मुक्तिबोध की जन्म-शती के दौरान उनके उद्धरणों का यह संचयन विशेष रूप से तैयार और प्रकाशित किया जा रहा है। छोटी कविताओं के समय में मुक्तिबोध लम्बी कविताएँ लिखने का जोखिम उठाते रहे और उनकी आलोचना और चिन्तन लीक से हटकर जटिल थे। इसने उन्हें एक कठिन लेखक के रूप में विख्यात कर दिया। उनके अत्यन्त सार्थक, जटिल साहित्य-संसार में प्रवेश के लिए उद्धरणों का यह संचयन मददगार होगा, इस उम्मीद से ही इसे विन्यस्त किया गया है। इससे पाठकों को मुक्तिबोध के संसार में और गहरे जाने का उत्साह होगा।
मुक्तिबोध रज़ा के प्रिय कवियों में से एक थे। उनकी एक पंक्ति 'इस तम-शून्य में तैरती है जगत् समीक्षा' का उन्होंने अपने कई चित्रों में इस्तेमाल किया था। मुक्तिबोध अकेले हिन्दी कवि हैं जिन्हें प्रसिद्ध प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप के कम से कम तीन बड़े चित्रकारों ने पसन्द किया। रामकुमार ने रोग-शय्या पर लेटे हुए मुक्तिबोध के कई रेखाचित्र बनाए थे जो उनके पहले कविता-संग्रह 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' में प्रकाशित हुए थे। मक़बूल फ़िदा हुसेन ने जूते न पहनने का निर्णय मुक्तिबोध की शवयात्रा के दौरान लिया था। रज़ा उनकी कविता को हमेशा याद करते रहे।
यह संचयन एक शृंखला की शुरुआत भी है। आगे अज्ञेय, शमशेर बहादुर सिंह, रघुवीर सहाय, निर्मल वर्मा आदि के उद्धरणों के संचयन प्रकाशित करने का इरादा है।
—अशोक वाजपेयी
ISBN: 9788126730834
Pages: 124
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
LADKIYON KE LIYE SELF DEFENCE
- Author Name:
Suman Nalwa
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahatma Buddha
- Author Name:
Manish Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Agyeya Aalochana Sanchayan
- Author Name:
Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Ajneya'
- Book Type:

-
Description:
एक आलोचक के रूप में अज्ञेय की स्थापनाओं ने पिछली लगभग पूरी शताब्दी को आन्दोलित किया है। वे अपने समय के अधीत, पश्चिम-पूर्व के लेखन से सुपरिचित लेखकों में थे। उन्होंने विश्व-वैचारिकी को अपने अध्ययन और चिन्तन में ढाला था और उसे भारतीय समाज और साहित्य के परिप्रेक्ष्य में देखा-परखा था। वैश्विक लेखन से सघन रिश्ते के बावजूद उनके लेखे ‘आधुनिकता’ का अर्थ ‘परम्परा’ से मुँह मोड़ना नहीं था। वे यदि अपने चिन्तन की पुष्टि में विदेशी लेखकों को याद करते हैं तो जगह-ब-जगह संस्कृत कवियों और आचार्यों के मतों को भी उतने ही सम्मान से उद्धृत करते हैं। उनकी आलोचना वस्तुतः एक ‘सुविचारित वार्ता’ (थॉटफुल टॉक) है। राजसत्ता और लेखक, राजनीति और साहित्य, परम्परा और आधुनिकता जैसे तमाम मुद्दों पर हिन्दी में बहसें शुरू करने का श्रेय अज्ञेय को ही जाता है। उनकी आलोचना पश्चिम की आलोचना से तुलनीय तो है, मुखापेक्षी नहीं। उन्होंने आलोचना को तार्किक संगति दी और भाषा-संवेदना को नया परिप्रेक्ष्य। कितने ही नए शब्द, नए बिम्ब दिए। प्रतीक, काल और मिथक पर नव्य दृष्टि दी।
अज्ञेय ने आलोचना और चिन्तन को साहित्य के समग्र स्वरूप के अन्वीक्षण के माध्यम के रूप में देखा है। वे आलोचक का एक बड़ा वृत्त बनाते हैं जिसके भीतर उनका कवि-आलोचक-चिन्तक सभ्यता, संस्कृति, सौन्दर्यबोध, भारतीयता, आधुनिकता, स्वातंत्र्य, यथार्थ, रूढ़ि और मौलिकता, सम्प्रेषण और सामाजिक प्रतिबद्धता के साथ-साथ काल के निस्सीम व्योम की परिक्रमा करता है। अपनी अवधारणाओं में अविचल, सोच में साफ़ और निर्मल, विरोधों की आँधी में भी निष्कम्प दीये-सी प्रज्ज्वलित अज्ञेय की कवि-छवि जितनी बाँकी और अवेध्य है, उतनी ही सुन्दर वीथियाँ उनके गद्य के अनवगाहित संसार में दृष्टिगत होती हैं।
अज्ञेय की आलोचना का स्वरूप क्लासिक है। वह उच्चादर्शों का अनुसरण करती है और जीवन व साहित्य को समग्रता और समन्विति में देखती है।
AAO SEEKHEN JODNA
- Author Name:
MUKESH
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sahasik Kahaniyan
- Author Name:
Ruskin Bond
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ikkisvin Sadi : Aupniveshik Mansikta Aur Bhasha
- Author Name:
Harsh Bala Sharam
- Book Type:

- Description: भारत एक महत्त्वपूर्ण शक्ति है—लोकतंत्रात्मक सत्ता के माध्यम से प्रजा की ताकत को स्वीकार भी करता है पर 'भाषा' के खत्म होते जाने के खतरे से बाखबर होते हुए भी बेखबर रह रहा है। क्या यह कोई राजनीतिक षडयंत्र है अथवा अज्ञानता कि भारत की महत्त्वपूर्ण भाषा हिंदी ही नहीं, अन्य भारतीय भाषाएँ भी अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं। पूरे विश्व में केंद्रीय सत्ता का केंद्र बना प्रथम दुनिया का सिरमौर अपनी भाषा में प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक देता है, पर भारत जैसे देश के विद्यार्थी को प्राथमिक शिक्षा भी अपनी भाषा में प्राप्त करने का हक नहीं। मजे की बात तो यह कि जाने अनजाने कोई यह हक लेना भी नहीं चाहता! रिक्शेवाले से लेकर उच्चतम स्तर पर रहनेवाला अंग्रेजी में पगी शिक्षा का आनन्द लेना चाहता है! यह स्थिति औपनिवेशिक मानसिकता की दासता की है जहाँ अपना सब कुछ त्यागकर उस बाजारवादिता के 'स्टैच्यू' में फिट होने की होड़ ही महत्त्वपूर्ण रह गई है। अंग्रेजी को भी भारतीय भाषा मानने की कवायद शुरू हो गई है!
IBPS RRBs Office Assistant (Multipurpose) & Officer Scale-1 Prarambhik Bharti Pareeksha-2024 30 Practice Sets | Includes Latest Solved Papers (Regional Rural Bank) Based On Online Exam Pattern
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nazarband Loktantra
- Author Name:
L.K. Advani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
R.R.B. Junior Engineer Recruitment Exam–2024, Stage-1 20 Practice Sets CBT Based With Latest Solved Papers
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahanayak Dr. Ambedkar Ka Bachapan
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: भारत रत्न बाबासाहब डॉ. बी.आर. आंबेडकर को भारतीयसंविधान के सिद्धांत निर्माता और दलित अधिकारों के मुर प्रवक्ता के रूप में जाना जाताहै। उन्होंने कम उम्र से ही भेदभाव का अनुभव किया, जिसका उन्होंने अपने बाद के लेखनमें स्पष्ट रूप से वर्णन किया। एक जगह वे लिखते हैं—‘‘स्कूल में रहते हुए मैं जानताथा कि जब सामान्य वर्ग के बच्चे प्यासे होते हैं, तो वे पानी के नल के पास जा सकतेहैं, उसे खोल सकते हैं और अपनी प्यास बुझा सकते हैं, लेकिन मेरी स्थिति अलग थी। मैंनल को नहीं छू सकता था और जब तक नल को कोई सामान्य जन मेरे लिए नहीं खोल देता, तब तकमेरी प्यास बुझाना संभव न था।’’ 1920 में उन्होंनेएक साप्ताहिक मराठी अखबार शुरू किया, जिसमें जातिगत भेदभाव की कड़ी आलोचना की गई। उन्होंने1937 और 1946 में अंग्रेजों द्वारा दिए गए चुनाव लड़ने के लिए दो राजनीतिक दलों कीस्थापना की, हालाँकि इन्हें संसाधन-संपन्न कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बहुत कम सफलतामिली। 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ, तो प्रधानमंत्री नेहरू ने उन्हें पहले कानून औरन्यायमंत्री बनने के लिए आमंत्रित किया। संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था।डॉ. आंबेडकर ने इसकी सराहना की कि इसकी सीमाएँ हैं। बाबासाहब के अनंत संघर्ष कीमर्मांतक कहानी, जिसमें उनके बाल-संघर्ष को मुखरता से अभिव्यक्त किया गया है।
Edgar Allan Poe Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Edgar Allan Poe
- Book Type:

- Description: एलेनोरा की सुंदरता और मासूमियत एक सेराफिम एंजेल की तरह थी, वह एक कुँआरी कन्या थी, जो कृत्रिमता से कोसों दूर थी और फूलों के बीच अपनी छोटी सी निर्दोष जिंदगी गुजार रही थी। उसके भीतर कोई छल-कपट नहीं था, सिर्फ एक गहरा जुनूनी अहसास था, जो सिर्फ दिल से महसूस किया जा सकता था। उसने मुझे अपने दिल की गहराइयों से देखा, जब हम घाटी में रंग-बिरंगी घास पर साथ में चल रहे थे। हमारे इस फैसले से जो बदलाव हुए थे, हम उसके बारे में बात कर रहे थे। उस दिन एक-दूसरे से लिपटे हुए, उसके बारे में लंबी बातचीत करने के दौरान एकबारगी तो उसकी आँखों में आँसू आ गए और वह उदास हो गई कि कहीं यह मानवता के खत्म होने से पहले के आखिरी पल तो नहीं, जो वे बिता रहे थे। वह उस पल केवल उन्हीं दुःख भरी बातों को लेकर बैठ गई, जो हमारी बातों के बीच में बार-बार उन छवियों जैसी उभर रही थी, जैसे कवि शिराज के गीतों के वाक्यांश की हर प्रभावशाली भिन्नता में बार-बार घटित होती थी। —इसी पुस्तक से एडगर एलन पो ने मृत्यु जैसे गूढ़ विषयों पर गहन चिंतन किया और इसे ही अपने लेखन का विषय बनाया। उनकी कहानियाँ मानवीय संबंधों के साथ-साथ कल्पनाओं की उड़ान, अय्यारी तथा जादूगरी की रोचकता से भरी हैं, जो पाठकों को बाँधे रखती हैं।
Vedic Ankganit
- Author Name:
Virendra Kumar +1
- Book Type:

- Description: अंकगणित का मूल आधार संख्याएँ तथा उनका योग, व्यवकलन, गुणन, विभाजन आदि प्रमुख संक्रियाएँ हैं । इसके अतिरिक्त संख्याओं के गुणनखंड, मूल तथा घात निकालने की भी आवश्यकता पड़ती है । दो संख्याओं का मध्यानुपाती ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वर्गाकार क्षेत्र की भुजा ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वृत की त्रिज्या ज्ञात करने, मानक विचलन निकालने आदि अनेक प्रकार के प्रश्नों में वर्गमूल निकालने की आवश्यकता होती है । क्षेत्रफल और आयतन के प्रश्नों में, बोधायन-पाइथागोरस प्रमेय के अनुप्रयोग में, दो बिंदुओं के बीच की दूरी की गणना करने में, चक्रवृद्धि ब्याज के प्रश्न हल करने में, संख्याओं के वर्गफल या घनफल निकालने की आवश्यकता होती है । हमारे देश के विद्वानों ने ऐसी अनेक विधियाँ खोजी हैं, जो गणनाओं को अति अल्प समय में करने में सहायक होती हैं तथा मौखिक रूप से गणनाएँ सरलता से की जा सकती हैं । प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य ' वैदिक गणित ' के ज्ञान को व्यावहारिक बनाना है, जिससे जन-जन में इसकी पैठ हो सके । इसमें मात्र अंकगणित के क्षेत्र में ' वैदिक गणित ' की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया है । वैदिक विधियाँ अत्यंत सरल हैं, जो गणनाओं के करने में छात्रों के समय तथा श्रम की बचत करती हैं, जिसका लाभ प्राथमिक से लेकर उच्च कक्षाओं तक के सभी छात्र उठा सकते हैं । व्यावहारिक जीतन में तो. ये विधियों अति उपयोगी हैं ही, साथ ही जनसामान्य के लिए भी अति उपयोगी हैं ।
Mahayoddha Ki Mahagatha
- Author Name:
Manjeet Negi
- Book Type:

- Description: भारत के प्रथम सी.डी.एस. जनरल बिपिन रावत अदम्य इच्छाशक्ति और अपूर्व दूरदृष्टि-संपन्न महायोद्धा थे । अपने सैन्य जीवन में उन्होंने प्रखत्ता और तेजस्विता के साथ नेतृत्व किया। उन्हें मालूम था कि वे जिस मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं, वह देशहित के लिए है, दूरदर्शी व दूरगामी है; भारतीय सेना के भविष्य की बेहतरी के लिए है। भले ही यह उनके लिए काँटों भरा ताज रहा हो, पर वे कभी नहीं डिगे। उन्होंने सेनाओं में जितने भी सुधार लागू किए, उन्हें पहले खुद पर भी लागू किया। सेनाओं में नैतिक मूल्यों और भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई। वे सेनाओं में 'मेक इन इंडिया' के सबसे बड़े पुरोधा थे। उन्होंने डी.आर. डी.ओ. और सेनाओं के भीतर अंतर्विरोध के बावजूद देश में हथियार और सैन्य साजो-सामान बनाने पर पूरा जोर दिया। जनरल बिपिन रावत का विराट व्यक्तित्व, दृढ़ चरित्र और बेहतरीन कार्य कौशल, अतिसामान्य सरल व्यवहार, सबकुछ इतना स्वाभाविक और गैर-बनावटीपन वाला तथा प्रभावोत्पादक था कि जो उनसे एक बार भी मिलता, सहज ही प्रभावित हो जाता। उनकी सैन्य रणनीतियाँ, कार्य-तत्परता, अध्ययन, विश्लेषण, बेखौफ, बेलौस, बेबाक बयानगी, उनकी कर्मशीलता, उनकी मानवीय न्यायप्रियता तथा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस किसी भी निष्पक्ष और निरपेक्ष को उनके पक्ष में कर देता था। भारतीयों के गौरवपुरुष जनरल बिपिन रावत के पराक्रमी और प्रेरक जीवन की यशोगाथा है यह कृति।
By The Way
- Author Name:
R.K. Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Anmol Prasang
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Book Type:

- Description: प्रख्यात कन्नड साहित्यकार श्रीमती सुधा मूर्ति का नाम साहित्याकाश में जाज्वल्यमान् नक्षत्र की भांति आलोकित है। उन्होंने अपने व्यक्तित्व को मात्र गृहस्थी के साँचे में नहीं ढलने दिया। वह अपनी नसों में शिक्षक के खून के साथ जनमी थीं, परंतु वह शिक्षकों की भीड़ में सिर्फ एक और चेहरा बनकर ही नहीं रहीं। वह जनजातीय वनों, गरीबी से पीड़ित गाँवों और बीमारियों से तबाह समुदायों में गईं। उनका कार्य उनका मिशन है। यह पुसाक उनके कार्य तथा उसके प्रति उनकी प्रवृत्ति-दोनों का जीवंत वर्णन करती है। उन्होंने इस पुस्तक में अपने व्यक्तिगत अनुभवों, अपनी यात्राओं तथा असामान्य व्यक्तित्वोंवाले सामान्य व्यक्तियों के साथ अपनी मुलाकातों का वर्णन किया है। उन्होंने कई राज्यों की विस्तृत यात्रा की और हजार से अधिक गाँवों में गईं। वहाँ उन्होंने तमाम ऐसे व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव बटोरे, जो मनुष्य जीवन को सुखद, सार्थक बनाने में महती भूमिका अदा करते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में वर्णित सभी प्रसंग लेखिका के जीवन के भोगे हुए अनुभवों पर आधारित हैं। हमें पूर्ण विश्वास है, यह पुस्तक पाठकों को सुखी, सफल एवं सार्थक जीवन जीने हेतु प्रेरणा प्रदान करेगी तथा उनके व्यक्तित्व को निखारने एवं सँवारने में सहायक सिद्ध होगी।
Roohani Mohabbat
- Author Name:
Naazrin Ansari ‘Raafi’
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
CHIRAG SE NIKLA JINN (2 STORY)
- Author Name:
Suryadev
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vidrohi Sannyasi
- Author Name:
Rajeev Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ek Gond Gaon Me Jeevan
- Author Name:
Veriar Elwin
- Book Type:

- Description: वेरियर एलविन एक युवा अंग्रेज़ थे जो मिशनरी बनकर भारत आए और बाद में भारत के एक महत्त्वपूर्ण मानव-विज्ञानी बने। गांधी जी की प्रेरणा और जमनालाल बजाज के मार्गदर्शन में वेरियर एलविन ने मैकाल पहाड़ी पर बसे एक गोंड गाँव करंजिया में बसने का निर्णय लिया और उस क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए ख़ुद को समर्पित कर दिया। ‘एक गोंड गाँव में जीवन’ उनके करंजिया में बिताए 1932 से 1936 तक के जीवन का रोज़नामचा है जहाँ वे गोंड लोगों की तरह ही स्वयं और कुछ मित्रों की सहायता से बनाई गई एक झोंपड़ी में रहते थे। यह जीवन्त, मर्मस्पर्शी और उपाख्यानात्मक पुस्तक है जिसमें एलविन ने निरीक्षण की अपनी मानव-विज्ञानी क्षमता और स्वाभाविक विनोदप्रियता के संयोग से गोंड जीवन की बहुरंगी छवि और आश्रम, जिसमें हिन्दू मुसलमान, ईसाई, गोंड आदि सभी शामिल हैं, की आन्तरिक उपलब्धि का उत्कृष्ट वर्णन किया है।
Life
- Author Name:
Dr. Krishna Saksena
- Book Type:

- Description: Life is Beautiful. Mistakes are a part of the dues one makes for a full life. Learn from your mistakes and the mistakes of others. Forgiveness is an attribute of happiness. Extending hands to help others brings better understanding in us to enable us to transform our lives for the better.
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...