Mahanayak Dr. Ambedkar Ka Bachapan
Author:
Mahesh Dutt SharmaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
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Price: ₹ 240
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भारत रत्न बाबासाहब डॉ. बी.आर. आंबेडकर को भारतीयसंविधान के सिद्धांत निर्माता और दलित अधिकारों के मुर प्रवक्ता के रूप में जाना जाताहै। उन्होंने कम उम्र से ही भेदभाव का अनुभव किया, जिसका उन्होंने अपने बाद के लेखनमें स्पष्ट रूप से वर्णन किया। एक जगह वे लिखते हैं—‘‘स्कूल में रहते हुए मैं जानताथा कि जब सामान्य वर्ग के बच्चे प्यासे होते हैं, तो वे पानी के नल के पास जा सकतेहैं, उसे खोल सकते हैं और अपनी प्यास बुझा सकते हैं, लेकिन मेरी स्थिति अलग थी। मैंनल को नहीं छू सकता था और जब तक नल को कोई सामान्य जन मेरे लिए नहीं खोल देता, तब तकमेरी प्यास बुझाना संभव न था।’’
1920 में उन्होंनेएक साप्ताहिक मराठी अखबार शुरू किया, जिसमें जातिगत भेदभाव की कड़ी आलोचना की गई। उन्होंने1937 और 1946 में अंग्रेजों द्वारा दिए गए चुनाव लड़ने के लिए दो राजनीतिक दलों कीस्थापना की, हालाँकि इन्हें संसाधन-संपन्न कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बहुत कम सफलतामिली। 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ, तो प्रधानमंत्री नेहरू ने उन्हें पहले कानून औरन्यायमंत्री बनने के लिए आमंत्रित किया। संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था।डॉ. आंबेडकर ने इसकी सराहना की कि इसकी सीमाएँ हैं।
बाबासाहब के अनंत संघर्ष कीमर्मांतक कहानी, जिसमें उनके बाल-संघर्ष को मुखरता से अभिव्यक्त किया गया है।
ISBN: 9789392573446
Pages: 104
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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