Marching Ahead
Author:
Ram NaikPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789386231635
Pages: 344
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Power Of Intelligent Thinking "पावर ऑफ इंटेलिजेंट थिंकिंग" (Hindi Translation Of Intelligent Thinking) Book - Som Bathla
- Author Name:
Som Bathla
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sherlock Holmes ki Bestseller Kahaniyan
- Author Name:
Sir Arthur Conan Doyle
- Book Type:

- Description: This book has no description
MPPEB Madhya Pradesh Shikshak Patrata Pariksha-2022
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
TWAMAPI MAYA SAHA CHAL (& Jeevanpathe)
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bindas Baboo Ki Diary
- Author Name:
Sudhish Pachauri
- Book Type:

- Description: यहाँ ‘बिंदास बाबू की डायरी’, क्रमिक देने के दो-तीन मन्तव्य हैं। एक तो यही कि वे डेढ़-दो महीने, जब भारतीय जनता ने अपने वोट से सत्ता में रहकर इतराई हिन्दुत्ववादी-अवसरवादी ब्रिगेड को सत्ता से वंचित कर डाला, उस दौर की दैनिक बड़ी घटनाओं की ख़बर लेते हुए, उनका एक प्रकार का रोज़नामचा-सा तैयार करना स्वयं इस लेखक के लिए एक ख़ास अनुभव रहा है। इस अनुभव को बाँटना ज़रूरी लगा। वे लोग जो रेडियो माध्यम को गम्भीरता से लेते हैं, उसमें कुछ करना चाहते हैं, शायद वे इस तरह की दैनिक तुरन्ता कटाक्ष-वार्ताओं के लेखन के नमूने देख सकें। इस प्रक्रिया में काम करनेवाले अनुभवों को पहचान सकें और इस अनमोल रेडियो विद्या को थोड़ा और समृद्ध बना सकें। दूसरा मन्तव्य यह समझना-समझाना रहा कि इस तरह दैनिक क़िस्म का, क्षणिक-सा, बेहद टाइट समय के भीतर जो चलित वृत्तान्त बनता है, वह किन दबावों, तनावों, भाषायी क्षमता और प्रत्युत्पन्नमति की, इंप्रोवाइजेशन की ज़रूरतों की दरकार रखता है? और फिर यह जताना-बताना भी ज़रूरी है कि बीबीसी रेडियो सेवा एक बेहद पॉपुलर, प्रयोगधर्मी सेवा भी है, जो अपने को अग्रणी रखने के लिए चुनौती-भरे प्रयोग कर सकता है। आल इंडिया रेडियो यानी आकाशवाणी वार्ताकार को क्या इतनी छूट दे सकता है? एफ़एम चैनलों पर प्रस्तुतियों में कुछ चैनल टपोरी भाषा का उपयोग करते हैं, उसमें सेक्सी व्यंजनाएँ या लंपट व्यंजनाएँ ज़्यादा होती हैं। वे कमज़ोर पर हँसते हैं। ताक़तवर पर नहीं हँसते। वे बॉलीवुड से मज़ाक़ कर लेते हैं ताकि ‘प्रमोट’ कर सकें। लेकिन वे सत्तावादी राजनीतिक विमर्श का मज़ाक़ सीधे-सीधे नहीं उड़ा सकते। बीबीसी यह कर सकता है। यह देख तोष होता है कि रेडियो प्रसारण में उससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। सत्तावादी राजनीतिक विमर्श पर केन्द्रित ये व्यंग्य-वार्ताएँ पाठकों के लिए इसलिए महत्त्वपूर्ण हैं कि कुछ नया जानने-समझने को नए द्वार खोलती हैं।
Devgarh Ka Gond Rajya
- Author Name:
Suresh Mishra
- Book Type:

-
Description:
देवगढ़ के गोंड राजाओं ने 16वीं सदी के अन्त से 18वीं सदी के मध्य तक लगभग पौने दो सौ साल तक अपना गौरवशाली इतिहास रचा तथा उनके वंशज आज भी वारिसों के रूप में विद्यमान हैं। उन्हीं गोंड राजाओं के जीवन के विभिन्न पहलुओं से रू-ब-रू कराती यह पुस्तक भारतीय जनजातीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ है।
यह पुस्तक हमें सतपुड़ा के अंचल में विकसित हुए देवगढ़ के गोंड राजाओं के उत्थान और पतन का क्रमवार विवरण देती है।
इस पुस्तक में जहाँ मुग़लों द्वारा निरन्तर प्रताड़ित किए जाते रहे गोंड राजाओं के आन्तरिक क्लेशों और उनकी पीड़ाओं का मार्मिक चित्रण है। वहीं उनकी समृद्धि में सहायक रहे रघुजी भोंसले की कूटनीतिज्ञता का परिचय के साथ-साथ कैसे उन्हें ब्रिटिश गवर्नरों द्वारा पेंशनधारी राजा बनाकर प्रभावहीन कर दिया जाता है, इस तथ्य को भी यहाँ रेखांकित किया गया है।
डॉ. सुरेश मिश्र के अथक परिश्रम से तैयार की गई यह ऐसी पुस्तक है जो देवगढ़ के गोंड राजाओं की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर केन्द्रित है। यह पुस्तक शोधकर्ताओं तथा इतिहास में रुचि रखनेवाले पाठकों के लिए उपादेय है।
Mera Vatan
- Author Name:
Vishnu Prabhakar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bachchan Rachanawali : Vols. 1-11
- Author Name:
Harivansh Ray Bachchan
- Book Type:

- Description: बच्चन रचनावली (11 खंड) खंड 1 हिन्दी कविता का एक दौर वह भी था जब हिन्दीभाषी समाज को जीवन के गंभीर पक्ष में पर्याप्त आस्था थी, और कविता भी अपने पाठक-श्रोता की समझ पर भरोसा करते हुए, संवाद को अपना ध्येय मानकर आगे बढ़ रही थी। मनोरंजक कविता और गंभीर कविता का कोई विभाजन नहीं था; न मनोरंजन के नाम पर शब्दकारों-कलाकारों आदि के बीच जनसाधारण की कुरुचि और अशिक्षा का दोहन करने की वह होड़ थी जिसके आज न जाने कितने रूप हमारे सामने हैं, और न कविता में इस सबसे बचने की कोशिश में जन-संवाद से बचने की प्रवृत्ति। हरिवंश राय बच्चन उसी काव्य-युग के सितारा कवि रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ मंच से अपने पाठकों-श्रोताओं से संवाद किया बल्कि लोकप्रियता के कीर्तिमान गढ़े। कविता की शर्तों और कवि-रूप में अपने युग-धर्म का निर्वाह भी किया और जन से भी जुड़े रहे। यह रचनावली उनके अवदान की यथासम्भव समग्र प्रस्तुति है। रचनावली के इस नए संस्करण में 1983 में प्रकाशित नौ खंड बढ़कर अब ग्यारह हो गए हैं। रचनावली के प्रकाशन के बाद एक स्वतंत्र पुस्तक के रूप में आया बच्चन जी की आत्मकथा का चौथा भाग खंड दस में और पत्रों समेत कुछ अन्य सामग्री खंड ग्यारह में ली गई है। खंड 2बच्चन रचनावली के दूसरे खंड में निम्नलिखित रचनाएँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'मिलन यामिनी’ (1950), 'प्रणय पत्रिका’ (1955), 'धार के इधर-उधर’ (1957), 'आरती और अंगारे’ (1958), 'बुद्ध और नाचघर’ (1958), 'त्रिभंगिमा’ (1961), 'चार खेमे चौंसठ खूँटे’ (1962)।खंड 3बच्चन रचनावली के इस तीसरे खंड में बच्चनजी की निम्नलिखित रचनाएँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'दो चट्टानें’ (1965), 'बहुत दिन बीते’ (1967), 'कटती प्रतिमाओं की आवाज’ (1968), 'उभरते प्रतिमानों के रूप’ (1969), 'जाल समेटा’ (1973), 'प्रारम्भिक रचनाएँ भाग 1-2’ (रचनाकाल : 1928-33; प्रकाशन काल : 1943), अतीत की प्रतिध्वनियाँ और मरघट के कुछ पद (रचनाकाल : 1932-33), 'कुछ नवीनतम कविताएँ’ (रचनाकाल : 1973-83)।खंड 4बच्चन रचनावली के इस चौथे खंड में बच्चनजी के द्वारा अनूदित निम्नलिखित काव्य-कृतियाँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'खैयाम की मधुशाला’ (1935), 'जनगीता’ (1958), 'चौंसठ रूसी कविताएँ’ (1964), 'मरकत द्वीप का स्वर’ (1965), 'नागर गीता’ (1966), 'भाषा अपनी भाव पराये’ (1970), कुछ स्फुट-असंकलित अनुवाद।खंड 5बच्चन रचनावली के इस पाँचवें खंड में बच्चनजी के द्वारा अनूदित शेक्सपियर के चार नाटक निम्न क्रम से संगृहीत हैं : 'मैकबेथ’ (1957), 'ओथेलो’, (1959), 'हैमलेट’ (1969), 'किंगलियर’ (1972)।खंड 6बच्चन रचनावली के इस छठे खंड में बच्चनजी की कुछ गद्य-कृतियों और उनके कुछ स्फुट लेखन को इस क्रम में प्रस्तुत किया गया है : 'कवियों में सौम्य सन्त’ (1960), 'नये-पुराने झरोखे’, (1962), 'टूटी-छूटी कड़ियाँ’ (1973), 'सोपान’ आदि संकलनों—संचयनों की भूमिकाएँ और कुछ असंकलित लेख।खंड 7बच्चन रचनावली के इस सातवें खंड में बच्चनजी की आत्मकथा के प्रथम दो भाग प्रस्तुत किए जा रहे हैं : 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ (1969), 'नीड़ का निर्माण फिर’ (1970)।खंड 8बच्चन रचनावली के इस आठवें खंड में आत्मकथा का तीसरा भाग 'बसेरे से दूर’ (1977) और उनकी डायरी 'प्रवास की डायरी’ (1971) प्रस्तुत की जा रही है।खंड 9बच्चन रचनावली के इस नवें खंड में बच्चनजी का विविध लेखन निम्न क्रम में संगृहीत है : वार्ताएँ, साक्षात्कार, पुस्तक-समीक्षाएँ, कहानियाँ, बच्चों के लिए लिखी कविताएँ और पत्र।खंड 10बच्चन रचनावली के इस दसवें खंड में बच्चनजी की आत्मकथा का वह अन्तिम चौथा भाग संकलित किया गया है जो अभी तक 'दशद्वार’ से 'सोपान तक’ शीर्षक से स्वतंत्र रूप में उपलब्ध था। आत्मकथा के पहले तीन भाग 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ’, 'नीड़ का निर्माण फिर’ और 'बसेरे से दूर’ रचनावली के सातवें-आठवें खंडों में पहले से ही संकलित हैं।खंड 11बच्चन रचनावली का यह संस्करण इस खंड के साथ पूर्ण होता है। इस खंड में उनकी कुछ असंकलित कविताओं, एक साक्षात्कार, एक भाषण और एक भूमिका के अतिरिक्त मुख्यत: उनके पत्र हैं। बच्चनजी ने अपने जीवन में इतने अधिक पत्र लिखे थे, जो यदि एकत्र हो सकते तो बीस-पच्चीस मोटे खंडों में समाते। उन्होंने स्वयं कम-से-कम 50 हज़ार पत्र लिखने की बात स्वीकार की है।
Footprints of Childhood in the Dust | Chandrakant Sheth
- Author Name:
Chandrakant Sheth
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
CTET KENDRIYA SHIKSHAK PATRATA PAREEKSHA PAPER-2 (CLASS 6 TO 8) GANIT EVAM VIGYAN 15 PRACTICE SETS
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rajendra Babu Patron Ke Aaine Mein-2
- Author Name:
Tara Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tum Kab Aaoge Shyava
- Author Name:
Suryakant Bali
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bible Ki Kahaniyan
- Author Name:
John Wilson
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक में ईसामसीह के जन्म तथा उनसे संबंधित कथाएँ संकलित हैं। कथाओं को सरल भाषा तथा चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, ताकि पाठकों को कथाएँ सरल एवं रोचक लगें।
GAUTAM BUDDH KI PRERAK JEEVANI
- Author Name:
PARIJAT
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Confucius
- Author Name:
Manisha Mathur
- Book Type:

- Description: जिस समय भारत में भगवान् महावीर और भगवान् बुद्ध धर्म के संबंध में नए विचार रख रहे थे, उसी समय चीन के शानदोंग प्रदेश में भी कन्फ्यूशियस नामक समाज-सुधारक का जन्म हुआ। सरकारी नौकरी छोड़कर उन्होंने घर में ही एक विद्यालय खोलकर विद्यार्थियों को शिक्षा देना प्रारंभ किया। 55 वर्ष की आयु में वे लू राज्य में एक शहर के शासनकर्ता और बाद में मंत्री नियुक्त हुए। मंत्री होने के नाते उन्होंने दंड के बदले मनुष्य के चरित्र-सुधार पर बल दिया। कन्फ्यूशियस ने अपने शिष्यों को सत्य, प्रेम और न्याय का संदेश दिया। वे सदाचार पर अधिक बल देते तथा लोगों को विनयी, परोपकारी, गुणी और चरित्रवान् बनने की प्रेरणा देते थे। उनके मत को ‘कन्फ्यूशियसवाद’ या ‘कुंगफुल्सीवाद’ कहा जाता है। कन्फ्यूशियसवाद के अनुसार समाज का संगठन पाँच प्रकार के संबंधों पर आधारित है—1. शासक और शासित, 2. पिता और पुत्र, 3. ज्येष्ठ भ्राता और कनिष्ठ भ्राता, 4. पति और पत्नी तथा 5. इष्ट मित्र। कन्फ्यूशियसवाद की शिक्षा में धर्मनिरपेक्षता का सर्वांगपूर्ण उदाहरण मिलता है। उनका मूल सिद्धांत इस स्वर्णिम नियम पर आधारित है कि ‘दूसरों के प्रति वैसा ही व्यवहार करो, जैसा तुम उनके द्वारा अपने प्रति किए जाने की इच्छा रखते हो।’
Mahabharat Ki Kahaniyan
- Author Name:
Harish Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dictionary of Biology
- Author Name:
Kirti Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Khel-Khel Mein Ganit
- Author Name:
Gupta +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jyotipunj
- Author Name:
Narendra Modi
- Book Type:

- Description: ज्योतिपुंज—नरेंद्र मोदी संसार में उन्हीं मनुष्यों का जन्म धन्य है, जो परोपकार और सेवा के लिए अपने जीवन का कुछ भाग अथवा संपूर्ण जीवन समर्पित कर पाते हैं। विश्व इतिहास का निर्माण करने में ऐसे ही सत्पुरुषों का विशेष योगदान रहा है। संसार के सभी देशों में सेवाभावी लोग हुए हैं; लेकिन भारतवर्ष की अपनी विशेषता रही है, जिसके कारण वह अपने दीर्घकाल के इतिहास को जीवित रख पाया है। किसी ने समय दिया, किसी ने जवानी दी, किसी ने धन और वैभव छोड़ा, किसी ने कारावास की असह्य पीड़ा सही। भारतवर्ष की धरती धन्य है और धन्य हैं वे सत्पुरुष, जिन्होंने राष्ट्रोत्थान को अपना जीवन-धर्म व लक्ष्य बनाया और अनवरत राष्ट्रकार्य में लीन रहे। उन्होंने भारत के गौरवशाली अतीत को जीवंत रखा और सशक्त-समर्थ भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए अपने जीवन को होम कर दिया। ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ को जीवन का मूलमंत्र माननेवाले ऐसे ही तपस्वी मनीषियों का पुण्य-स्मरण किया है स्वयं राष्ट्रसाधक श्री नरेंद्र मोदी ने इस पुष्पांजलि ज्योतिपुंज में।
Cinema Ke Baare Mein
- Author Name:
Naseer Munni Kabir +1
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक में नसरीन मुन्नी कबीर ने जावेद अख़्तर जैसे बहुआयामी रचनाधर्मी से लम्बी बातचीत की है, जिसके अन्तर्गत जावेद की प्रारम्भिक रचनाओं पर पड़े प्रभावों, उनके पारिवारिक जीवन और फ़िल्म-जगत के महत्त्वपूर्ण पक्षों को उद्घाटित किया गया है, जहाँ जावेद ने सन् ’65 के आसपास ‘कैपलर-ब्वाय’ के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। इस बातचीत में सलीम ख़ाँ के साथ उनके सफल साझे-लेखन पर भी पर्याप्त प्रकाश पड़ता है। इस पुस्तक में मौलिक विचारक जावेद अख़्तर ने विश्लेषणात्मक ढंग से हिन्दी सिनेमा की परम्परा, गीत-लेखन और कथा-तत्त्व के विभिन्न पक्षों को उद्घाटित किया है और फ़िल्म-लेखन के कई पक्षों की सारगर्भित चर्चा की है। पटकथा-लेखन और फ़िल्मी शायरी के बारे में अपनी मौलिक मान्यताओं और रचना-प्रक्रिया के विभिन्न आयामों पर टिप्पणियाँ करने के साथ-साथ जावेद ने यह भी बताया है कि श्रेष्ठ पटकथाएँ और गीत कैसे लिखे जाते हैं? जावेद ने सफ़ाई और ईमानदारी से अपनी शायरी और राजनैतिक जागरूकता की विकास-यात्रा पर भी महत्त्वपूर्ण चर्चा की है। जावेद के हास्य-व्यंग्य, उनकी प्रखर बौद्धिकता, पटकथा-लेखन की तकनीक पर उनकी गहरी पकड़ और सोदाहरण बातचीत ने इस पुस्तक को उन सबके लिए महत्त्वपूर्ण बना दिया है, जिनकी फ़िल्म और कला में रुचि है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...