NAYI KAHANI AALOCHNA
Author:
Uday ShankarPublisher:
Antika Prakashan Pvt. Ltd.Language:
HindiCategory:
Other0 Ratings
Price: ₹ 401.8
₹
490
Available
Criticism
ISBN: 9789388799317
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Your Miracle in Making
- Author Name:
Dr. Himanshu Bavishi
- Book Type:

- Description: ‘A Safe Pregnancy and Genius Child does not just Happen’ but is a collective effort of conscious, well informed, actively involved parents and their medical service providers. Pregnancy is the most enjoyable phase in the life of a woman. A lot of preparations are to be done for the new arrival. Correct scientific information in concise, easy to understand and utilisable format empowers pregnant women by gaining the knowledge on physical and emotional changes, common symptoms and remedies, ideal nutrition, child development, proper ante and postnatal care and child birth. The book is an extract of latest science ‘Garbh Sanskar’ with its modern relevance. ‘Your Miracle in Making’, published in four languages—English, Hindi, Gujarati and Marathi, is a book very meticulously prepared for the ‘to be parents’. This book on pregnancy would tell a couple everything they need to know about the most important event of their life.
Mere Aasaan Jhooth "मेरे आसान झूठ" Book in Hindi
- Author Name:
Dwarika Uniya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Samanya Manovigyan
- Author Name:
Ramprasad Pandey
- Book Type:

- Description: मनोविज्ञान मानव-समस्याओं के सम्यक् ज्ञान एवं समाधान के लिए समुचित दृष्टिकोण उपस्थित करता है। व्यक्ति में समुचित दृष्टिकोण का विकास हो, इसके लिए यह अनिवार्य है कि उसे मानव-जीवन-सम्बन्धी तथ्यों एवं सामान्य सिद्धान्तों का ज्ञान हो तथा वह इनकी खोज की विधियों से भलीभाँति परिचित हो। समुचित दृष्टिकोण का तात्पर्य है व्यक्ति की अवैयक्तिक (Impersonal) एवं वस्तुनिष्ठ (Objective) मनोवृत्ति। ऐसी मनोवृत्ति अपनाकर ही मनोवैज्ञानिक मानव-समस्याओं की खोज करता है। फलतः वह असामान्य व्यक्तियों (Abnormal individuals) को परामर्श, सहायता अथवा चिकित्सा का पात्र समझता है, न कि घृणा का। चोरी, हत्या जैसे असामाजिक कार्यों में संलग्न अपराधियों के प्रति भी वह घृणा के बदले सहानुभूति की मनोवृत्ति रखता है। इसी भाँति प्रतिदिन के जीवन में घटित होनेवाले सभी व्यवहारों के प्रति भी, चाहे वे वांछनीय हों अथवा अवांछनीय, अवैयक्तिक एवं वस्तुनिष्ठ मनोवृत्ति अपनाकर ही विचार करता है।
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Bhautik Vigyan Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Physics Practice Sets Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Parsai Rachanawali : Vols. 1-6
- Author Name:
Harishankar Parsai
- Book Type:

-
Description:
परसाई रचनावली के इस पहले खंड में उनकी लघु कथात्मक रचनाएँ—कहानियाँ, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, संस्मरण आदि शामिल हैं। कहानीकार के रूप में हरिशंकर परसाई हिन्दी कथा-साहित्य के परम्परागत स्वरूप का वस्तु और शिल्प—दोनों स्तरों पर अतिक्रमण करते हैं।
परसाई की कथा-दृष्टि समकालीन भारतीय समाज और मनुष्य की आचरणगत जिन विसंगतियों और अन्तर्विरोधों तक पहुँचती है, साहित्यिक इतिहास में उसकी एक सकारात्मक भूमिका है, क्योंकि रोगोपचार से पहले रोग-निदान आवश्यक है और अपनी कमजोरियों से उबरने के लिए उनकी बारीक पहचान । परसाई की कलम इसी निदान और पहचान का सशक्त माध्यम है।
परसाई के कथा-साहित्य में रूपायित स्थितियाँ, घटनाएँ और व्यक्ति-चरित्र अपने समाज की व्यापक और एकनिष्ठ पड़ताल का नतीजा हैं । स्वातंत्र्योत्तर भारत के सामाजिक और राजनीतिक यथार्थ के जिन विभिन्न स्तरों से हम यहाँ गुजरते हैं, वह हमारे लिए एक नया अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है । इससे हमें अपने आसपास को देखने और समझनेवाली एक नई विचार-दृष्टि तो मिलती ही है, हमारा नैतिक बोध भी जाग्रत् होता है; साथ ही प्रतिवाद और प्रतिरोध तक ले जानेवाली बेचैनी भी पैदा होती है। यह इसलिए कि परसाई के कथा-साहित्य में वैयक्तिक और सामाजिक अनुभव का द्वैत नहीं है। हमारे आसपास रहनेवाले विविध और बहुरंगी मानव-चरित्रों को केन्द्र में रखकर भी ये कहानियाँ वस्तुत: भारतीय समाज के ही प्रातिनिधिक चरित्र का उद्घाटन करती हैं । रचना-शिल्प के नाते इन कहानियों की भाषा का ठेठ देसी मिजाज और तेवर तथा उनमें निहित व्यंग्य हमें गहरे तक प्रभावित करता है। यही कारण है कि ये व्यंग्य कथाएँ हमारी चेतना और स्मृति का अभिन्न हिस्सा बन जाती हैं ।
Think And Grow Rich (Hindi Translation of Think And Grow Rich)
- Author Name:
Napoleon Hill
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tulsi Ke Hiye Heri
- Author Name:
Vishnukant Shastri
- Book Type:

- Description: भारतीय जीवन-दृष्टि को रूपायित, व्याख्यायित एवं परिष्कृत करने वाला संत तुलसीदास का काव्य आज भी देश की जनता के मन-प्राण में समाया हुआ है। ध्यान देने की बात तो यह है कि शिक्षित और अशिक्षित सभी उसे समान आदर और सम्मान देकर भावविभोर होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने ठीक ही कहा है कि ‘गहि न जाइ अस अद्भुत बानी।’ वस्तुतः तुलसी-काव्य में इतना मर्म और भारतीय संस्कृति का व्यापक फलक समाहित है कि उसमें नयी-नयी प्रेरणाओं के अनन्त स्रोत समाहित हैं। उनकी काव्य-सरिता में अवगाहन करने वाले को सदा नयी स्फूर्ति और नयी चेतना मिलती रहेगी। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने विनम्र भाव से तुलसी-काव्य के मर्म तक पहुँचने की बात कही है लेकिन सच्चाई यह है कि उसकी आत्म-निमग्नता और सांस्कृतिक दृष्टि ने अप्रतिम सफलताएँ प्राप्त की हैं। इसमें तनिक भी संदेह नहीं कि तुलसी-काव्य के प्रेमियों को इस पुस्तक से अपार तुष्टि प्राप्त होगी।
Body Language
- Author Name:
Mk Mazumdar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Share Market Mein Abdul Zero Se Hero Kaise Bana?
- Author Name:
Mahesh Chandra Kaushik
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Together in Struggle
- Author Name:
V. Suryanarayan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Saffron Surge Untold Story of RSS Leadership
- Author Name:
Arun Anand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Secondary School (Special) Teacher Eligibility Test Sakshamta Pariksha | Class 6-8 "सामाजिक विज्ञान" Samajik Vigyan 15 Practice Sets (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Operation Rahat
- Author Name:
Mayank Goel
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lord Krishna Vis-A-Vis Mahatma Gandhi
- Author Name:
Dinkar Joshi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
You Too Can Crack UPSC CSE
- Author Name:
Naveen Kumar Chandra, Ias
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Is A Journey That Will Change Your Life
- Author Name:
Sandeep Amar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
KUSHAL PRASHASAK KE GUN EVAM KAUSHAL
- Author Name:
Nishant Jain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Raghuvir Sahay Sanchayita
- Author Name:
Raghuvir Sahay
- Book Type:

- Description: रघुवीर सहाय (1929–90) का एक रूप आधुनिक मिज़ाज के प्रतिनिधि का है, दूसरा आधुनिकता के समीक्षक का। उनके रचना-जगत को इन दोनों रूपों में देखना और इन रूपों के बीच एक अँधेरा–सा छोड़ देना आसान भी है, उचित भी। आसान इस कारण है कि आधुनिक मिज़ाज और उसकी अभिव्यक्ति के पर्याय समझे जानेवाले लक्षण रघुवीर सहाय के जीवनवृत्त में उतनी ही सुविधा से पहचाने जा सकते हैं, जितनी सुविधा से हम इन पर्यायों की कठोर नैतिक जाँच रघुवीर सहाय के लेखन कविता और गद्य, दोनों में ढूँढ़ सकते हैं। उचित इसलिए है क्योंकि निरे तार्किक विश्लेषण और उसके आधार पर फ़ैसला ले लेने या सुना देने की प्रवृत्ति से सचेत होकर बचने की चिन्ता रघुवीर सहाय की रचनाओं में गहरे बैठी दिखाई देती है। विश्वास के साथ दुविधा और भय रघुवीर सहाय का प्रतिनिधि स्वभाव है। इसीलिए उन्हें आधुनिकता का प्रतिनिधि और समीक्षक, दोनों कहना सही है। सम्प्रभु राज्य और लोकतंत्र आधुनिकता की इन दो सबसे विराट संरचनाओं को रघुवीर सहाय ने प्रसार माध्यमों के ज़रिए ही सबसे ज़्यादा जाना। इन संरचनाओं के चरित्र और बल से आकार लेते हुए सामाजिक इतिहास में रघुवीर सहाय की अपनी हिस्सेदारी मुख्यत: पत्रकारिता के माध्यम से सम्पन्न हुई। ‘दिनमान’ साप्ताहिक को एक प्रसार–माध्यम से ज़्यादा संवाद–माध्यम बनाना निश्चय ही उनके पेशेवर जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष था। रघुवीर सहाय के काव्य का एक बड़ा और महत्त्वपूर्ण हिस्सा इस संघर्ष की पृष्ठभूमि में समझे जाने पर ही खुलता है।
Muktibodh Samagra : Vols. 1-8
- Author Name:
Gajanan Madhav Muktibodh
- Book Type:

-
Description:
मुक्तिबोध की कविताओं के बारे में यदि शमशेर बहादुर सिंह के शब्दों में कहें तो उनकी ‘कविता, अद्भुत संकेतों-भरी, जिज्ञासाओं से अस्थिर—कभी दूर से ही शोर मचाती, कभी कानों में चुपचाप राज़ की बातें कहती चलती है। हमारी बातें हमीं को सुनाती है और हम अपने को एकदम चकित होकर देखते हैं, और पहले से और भी अधिक पहचानने लगते हैं।’
और मुक्तिबोध समग्र के रूप में, ‘हमारी बातें हमीं को’ सुनानेवाली उनकी कविताओं का यह पहला खंड है। इसमें 1935 से लेकर 1956-57 तक की कविताएँ हैं जिनमें प्रारम्भिक काव्य-प्रयासों से लगाकर आधुनिक हिन्दी-कविता में अपना अलग, निजी मुहावरा हासिल कर लेने तक मुक्तिबोध के काव्य-व्यक्तित्व के विकास के सभी चरण एक साथ मौजूद हैं। साथ ही परवर्ती लेखन में अनुभव और सृजन सम्बन्धी जिन उलझनों, अन्तर्द्वन्द्वों और उनकी अभिव्यक्ति का सशक्त और अनोखा रूप सामने आया, उसकी शुरुआत भी प्रारम्भिक रचनाओं तथा तार सप्तककालीन कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। इस दृष्टि से यह खंड मुक्तिबोध-काव्य के प्रेमी पाठकों के लिए निस्सन्देह एक नया अनुभव होगा।
Ambedkar Ke Sapnon Ka Bharat "आंबेडकर के सपनों का भारत" | Vision and Biography of Ambedkar Book in Hindi
- Author Name:
Basant Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...